एक हाथ से ताली नहीं बजती मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

एक हाथ से ताली नहीं बजती मुहावरे का अर्थ ek hath se tali nahi bajti muhavare ka arth – ‌‌‌किसी के सहयोग के बिना काम का न होना ।

दोस्तो जिस तरह ताली एक हाथ से नही बजती है उसी तरह से जब तक कोई एक आदमी ‌‌‌कोई काम करता है तो वह पूरा नही होता उसे भी किसी सहयोग की जरुरत पडती है । इस तरह ‌‌‌के कार्यो के लिए जो किसी एक से नही हो सकते है तो उन लिए इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है । मान लो की अगर कोई लडाई कर रहा है तो इसमे दो व्यक्तियो की जरुरत पडती है। क्योकी झगडा एक आदमी तो कर नही सकता है । इसी तरह के अन्य कार्यो के लिए ही इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है ।‌‌‌

एक हाथ से ताली नहीं बजती मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

एक हाथ से ताली नहीं बजती मुहावरे का वाक्य मे प्रयोग Use in sentence

  • ‌‌‌एक हाथ से ताली नही बजती जरुर तुमने भी कुछ किया होगा ।
  • अगर एक हाथ से ताली बजती तो मै मान लेता की यह लडाई मैंने की थी ।
  • इतनी पीढी तक एक साथ रहने के बाद जब तुम दोनो अलग होने की सोच रहे हो तो तुम दोनो की ही गलती होगी ‌‌‌क्योकी एक हाथ से ताली नही बजती है ।
  • जब पकडे गए तो तुम अपने भाई को दोषी बता रहे ‌‌‌हो जरुर इसमे तुम्हारा भी कोई दोष होगा क्योकी एक हाथ से ताली नही बजती है ।
  • तुम दोनो अपना जुर्म ‌‌‌कबूल कर लो किसी एक दुसरे पर दोष डालने से कुछ नही होगा क्योकी एक हाथ से ताली नही बजती है ।
  • तुम दोनो ने मिलकर उसके घर पर डाका डाला होगा क्योकी एक हाथ से ताली नही बजती है ।
  • जरुर इसने भी कुछ किया होगा ‌‌‌वरना यह इतना बवाल नही करता सुना नही ‌‌‌क्या की एक हाथ से तानी नही बजती है ।

एक हाथ से ताली नही बजती मुहावरे पर कहानी Idiom story

प्राचिन समय की बात है किसी नगर मे ‌‌‌दो धनवान भाई रहते थे । उन दोनो भाईयों का नाम धर्मवीर और क्रमवीर था । उनके दादा दादी पडदादा न जाने कितनी पीढी तक वे साथ रहते आए थे । इस कारण उनके परीवार का नाम पूरे गाव के लोगो मे था ।

क्योकी जब भी कोई अलग होना चाहता तो लोग उससे कहते की उन दानो भाईयों को देखो न जाने कितनी पीढी उनकी एक साथ रही ‌‌‌थी । साथ ही वे आज भी एक साथ ही रहते आ रहे है । और तुम लोग आज भी एक साथ नही रहना चाहते हो । इस तरह गाव के लोग उनका नाम लेकर लोगो को लडाई झगडो जैसी बातो से बचाते रहते थे ।

गाव मे एक मुखिया था जो लोगो की हर समस्या को ‌‌‌सुलझाता था । धर्मवीर बहुत ही शांत स्वभाव का था पर क्रमवीर बहुत ही घुस्सेलू था ‌‌‌इस बात के बारे मे गाव के लोगो को भी पता था । क्रमवीर घुस्सेलू तो था। पर वह कभी भी अपने भाई के साथ झगडा नही करत था । बल्कि वह उसक कहता था वह वैसा ही करता रहता था ।

इस कारण से दोनो भाईयों मे बहुत ‌‌‌प्रेम चल रहा था । उस समय उनकी शादी हो गई थी और वे चारो एक साथ ही रहते थे । धिरे धिरे समय बित गया और ‌‌‌दोनो भाईयो के एक एक लडका हो गया था । इसी तरह से एक दिन की बात है उन दोनो भाईयों मे झगडा हो गया था ।

जिसके कारण पूरे गाव के लोग उनके घर के बाहर आ गए थे । जब इस बात की खबर गाव के मुखिया के पास पहुंची तो वह वहां पर आया और दोनो भाईयों को किसी तरह से लडने से रोका ।

फिर मुखिया और उसके गाव के लोग ‌‌‌अपने अपने घर जोने लगे थे । जाते समय लोग आपस मे बात करने लगे की जरुर क्रमवीर ने ही कुछ कहा होगा । तभी दुसरा आदमी बोलता की नही क्रमवीर अकेला झगडा नही कर सकता इसके लिए भी सामने कोई चाहिए होता है । क्योकी एक हाथ से ताली नही बजती ।

उस दिन के बाद लोग उनके बारे मे ज्यादा बाते नही करते थे और जैसा वे रहते ‌‌‌थे उसके बारे मे भी नही सुनना चाहते थे । इसी तरह से एक दिन फिर वे दोनो लड कर मुखिया के पास पहुंच गए । तब मुखिया ‌‌‌ने उन दोनो से लडने का कारण पूछा तो दोनो आपस मे एक दुसरे को गलत ठहराने लगे ।

तब कुछ लोगो को लगा की क्रमवीर ने लडाई की है तो कुछ लोगो को लगा की धर्मवीर ने लडाई की है । इस कारण गाव के लोग ‌‌‌उन दोनो का सहयोग करने लगे थे । तब मुखिया को समझ मे आ गया था की गलती दोनो की ही होगी । क्योकी एक हाथ से ताली नही बजाई जाती है ।

इस बारे मे समझाने के लिए मुखिया ने दो लोगो को बुलाया और कहा की आप दानो मे से जो छोटा है वह कुछ नही बोलेगा और बडा उससे लडाई करेगा । मुखिया के कहने पर बडा लडाई करने लगा ‌‌‌और छोटा चुप रहा । जिसके कारण से बडा लडाई कर कर कुछ ही समय बाद रुक गया था ।

तब गाव के लोग सेठ से पूछने लगे की आप यह क्या कर रहे हो । तब सेठ ने उन्हे समझाने के लिए कहा की आप लोगो को पता ही होगा की अगर दो लोग इसी तरह से लडते जिनमे से एक गलत हो तो वह थोडे ही समय बाद चुप हो जाता है । पर ये दोनो ‌‌‌बहुत ज्यादा लडने लगे थे ।

एक हाथ से ताली नही बजती मुहावरे पर कहानी Idiom story

जरुर इनके सामने वाले ने यानि ये दोनो आपस मे लड रहे थे । मुखिया के इस तरह से समझाने के कारण गाव के लोगो को पूरी तरह से समझ मे आ गया की एक हाथ से ताली नही बजती है । ‌‌‌तब दोनो भाईयों ने अपनी गलती मानी और वापस साथ साथ रहने लगे थे । इस तरह से आप लोगो को भी समझ मे आ गया होगा की इस कहानी का अर्थ क्या है ।

‌‌‌एक हाथ से ताली नही बजती मुहावरे पर निबंध Essay on idiom

साथियो जिस तरह से मनुष्य के दोनो हाथो मे से अगर एक हाथ से ताली बजाई जाए तो वह नही बजती है । उसी तरह से अगर कोई लडाई कर रहा है या फिर कोई बात कर रहा है तो ऐसे कार्य किसी दुसरे के बिना नही हो सकत है ।

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इसके लिए किसी और की भी आवश्यकता पडती है । इस ‌‌‌कारण से जब कोई लडाई करता है तो उन दोनो की ही कुछ न कुछ गलती होती ही है । क्योकी एक आदमी किस से लडेगा । उसी तरह से अगर कोई दो लोग आपस मे बाते कर रहे है तो उन दोनो ने आप से बात की होगी वरना एक आदमी ऐसे ही बड बडा सकता है ।

वह किसी से बात नही कर सकता है । इसी तरह से जब किसी कार्य मे गलत होता है या ‌‌‌फिर अच्छा होता है तो उस कार्य को एक आदमी ने नही किया होगा कुछ कुछ सब ने किया होगा । इसी तरह से आप समझ गए होगे की एक हाथ से ताली नही बजती मुहावरे का अर्थ क्या होता है ।

एक हाथ से ताली नहीं बजती मुहावरे का तात्पर्य क्या होता है  || What is the meaning of ek hath se tali nahi bajti in Hindi

दोस्तो ek hath se tali nahi bajti मुहावरे को समझना काफी आसान होता है । क्योकी आपको पता है की ताली कैसे बजाई जाती है । अगर नही पता है तो आपको बता दे की जब दोनो हाथो को आपस में हथेलियों को जोर से मिलाया जाता है तो एक ध्वनी उत्पन होता है उसे ताली बजाना कहा जाता है ।

अब आपको पता है की ताली केवल एक हाथ से नही बजेगी बल्की यह दोनो हाथो से ही बजेगी । इसका मतलब हुआ की ek hath se tali nahi bajti जो मुहावरा है वह किसी के सहयोग के बिना काम का न होने के समान ही होता है और यही बात है ​जो आपको समझाती है की ek hath se tali nahi bajti muhavare ka arth – ‌‌‌किसी के सहयोग के बिना काम का न होना होता है ।

Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।