नजर चुराना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

नजर चुराना मुहावरे का अर्थ nazar churana muhavare ka arth – आंखे चुराना

दोस्तो ‌‌‌जब ऐसा व्यक्ति जो हमेशा सही रास्ते पर चलने वाला हो पर किसी कारण से वह कुछ लगत कार्य कर देता है तो वह लोगो के सामने जाने से भी डरने लगता है । इस तरह से जब भी लोग उसके सामने आते है तो वह लोगो ‌‌‌से बच कर जाने की सोचता रहता है । यानि वह लोगो के सामने जाने से भी घबराता है । इस कारण से वह उन लोगो से आंखे चुराकर निकलने की कोशिश करता है ।

इस तरह से जब भी कोई व्यक्ति किसी भी कारण से आंखे चुराने लग जाता है या यह कह सकते है की वह लोगो के सामने जाने से बचता है । तब इस मुहावरे का प्रयोग करते ‌‌‌हुए नजर चुराना कहा जाता है ।

नजर चुराना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

नजर चुराना मुहावरे का वाक्य मे प्रयोग ‌‌‌Use in sentence

  • ‌‌‌जब राजेश को ‌‌‌उसके पिताजी ने शराब पीते हुए पकड लिया तब से राजेश पिताजी से नजर चुराने लगा है ।
  • किसी व्यक्ति को मुसीबत मे देख कर हर कोई नजर चुरा लेता है ।
  • कुंदन राम एक ऐसा लडका है जो कभी भी ‌‌‌किसी को मुसीबत मे ‌‌‌देख कर नजर नही चुराता है ।
  • जो मित्र को मुसीबत मे देख कर नजर चुरा लेता है वह सच्चा मित्र नही ‌‌‌बन सकता है ।
  • बुरे समय मे जब लोग नजर चुरा लेते है तब पता चलता है की कोन अपना है और कोन पराया ।
  • किसनलाल ने अपने भाई को मुसीबत मे देख कर नजर चुरा ली ।
  • दयालूराम बहुत ही सच्चा आदमी है जो हमेशा सचाई का साथ देता है पर एक बार उसने बुराई का साथ दे दिया तब से वह लोगो से नजर चुराने लगा है । ‌‌‌
  • जब लोगो को महेश के कुकर्मों के बारे मे पता चल तो महेश लोगो से नजर चुराकर घर मे बंद हो गया ।
  • जो लोग गलत नही होते वे किसी से नजर नही चुराया करते है ।
  • प्रताब ने ऐसा क्या कर दिया जो अपने प्रिय मित्र से भी नजर चुराने लगा है ।

नजर चुराना मुहावरे पर कहानी muhavare par kahani

किसी समय की बात है एक बहुत बडा गाव हुआ करता था । गाव के चारो और हरियाली छाई रहती थी । जीसकी खुशबू से हर कोई मोहित हो जाया करता था। साथ ही उस गाव मे हर किसी के पास झोपड पटियां थी यानि कच्चे मकान थे ।

उस गाव मे हर किसी के मुख से एक साहुकार का ही नाम ‌‌‌सुनने को मिलता था । सहुकार साहुकारी करने के लिए दूर दूर जाया करता था । साहुकार को इस तरह से काम करते हुए बहुत समय बित गया ।

जिसके कारण से उसके पास धन दोलत की कोई कमी नही थी । साहुकार के पास इतना धन होने के बाद भी उसके घर मे केवल झोपडी ही हुआ करती थी। यानि उसके पास भी पक्के मकान नही थे । ‌‌‌साहुकार के पास तिन चार झोपडी थी ।

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जिनमे साहुकार के माता पिता और उसका बेटा व बची एक झोपडी मे साहुकार और उसकी पत्नी रहा करते थे । इस तरह से साहुकार के घर मे कुल पांच सदस्य थे ।

साहुकार के पास धन की कोई कमी नही थी जिसके कारण से अगर कोई उसे मुसीबत मे दिख जाता तो वह उसकी मदत करने के लिए अपना ‌‌‌धन उसे दान कर दिया करता था । साहुकार हमेशा ही सच्चे लोगो की मदत करता था ।

वह कभी भी ऐसे लोगो की मदत नही करता था जो गलत कार्यो की वजह से मुसीबत मे फस गए हो । साहुकार के बेटे का नाम फुलाराम था । वह अपने पिता के बिल्कुल उल्टा यानि वह हमेशा ही अपने पिता से नफरत करता और गलत लोगो के साथ भी रहा ‌‌‌करता था ।

इस कारण से साहुकार ने उसे पहले ही बता दिया था की तुम ‌‌‌ऐसे लोगो का साथ छोड दो वरना मैं तुम्हारी मुसीबत मे मदत नही करूगा । तब फुलाराम को लगता की पिताजी ऐसे ही कह रहे है ।

भला अपने बेटे की मुसीबत मे मदत नही करेगे तो और किसकी करेगे । पर हुआ यही एक दिन साहुकार का बेटा यानि फुलाराम शहर गया ‌‌‌था । जिसके साथ गाव के बीस पच्चीस लोग और थे । उनमे से फुलारम के साथी भी उसके साथ थे । वे सभी एक वहान मे जा रहे थे की रास्ते मे उन्हे पुलिस वाले मिल गए ।

जिसके कारण से पुलिस ने गाडी को रूकने को कहा था । उस समय गाडी फुलाराम चला रहा था जिसके कारण से ‌‌‌उसने गाडी नही रोकी साथ ही फुलाराम ‌‌‌ने दारू भी पी रखी थी ।

जब गाडी पुलिस के रूकाने पर नही रूकी तो पुलिस वालो ने यह सुचना शहर मे पहुंचा दी की आपकी तरहफ एक गाडी आ रही है जिसे हमने रूकाने की कोशिश की थी पर उसने नही रोकी । तब पुलिस वालो ने कहा की उसमे कुछ गेर कानूनी समान हो सकता है ।

यह सुचना पा कर पुलिस वाले भी शहर मे उस गाडी को ‌‌‌ढूढने लगे थे । तभी वह गाडी आई जिसकी स्पीड बहुत ही ज्यादा थी । जिसके कारण से जैसे ही उसे पुलिस दिखी तो फुलाराम डर गया जिसके कारण से उसका गाडी से ‌‌‌बैलेंस खु गया और दो लोगो का ऐक्सीडेंट कर दिया ।

जब दो लोग उस गाडी से भीड गए तो गाडी मे बैठे सभी लोगो ने फुलाराम को रूकाकर निचे उतार गए । तभी ‌‌‌पुलिस उनके पास आ गई । तब पुलिस ने देखा तो पता चला की उन दो लोगो की मोत हो गई है । यह जान कर पुलिस ने उन सभी को पकड कर जेल भेज दिया ।

नजर चुराना मुहावरे पर कहानी muhavare par kahani

इस बात को दो दिन बित गए पर जब फुलाराम और बाकी के गाव के लोग वापस गाव नही आए तो सभी बेचेन होने लगे थे । जिसके कारण से गाव के लोग शहर गए और वहा जाकर पुलिस ‌‌‌से इस बारे मे बात की तो उन्हे पता चल गया की फुलाराम के कारण गाव के लोगो को पुलिस ने पकड लिया है ।

जब इस बारे मे साहुकार को बताया तो साहुकार ने सोचा की उन्होने गलत किया है इस कारण से उन्हे सजा मिलेगी ही । इस कारण से साहुकार ने उन लोगो की कोई मदत नही की । जिसके कारण से जब भी साहुकार गाव मे ‌‌‌जाता तो लोग बात करते की इसका बेटा दो लोगो को मार कर जेल चला गया और अपने साथ लोगो को भी फंसा दिया ।

और एक यह है जो न तो अपने बेटे को बचा रहा है और न ही लोगो को मुसीबत से निकाल रहा है । जब इस तरह से बाते लोगो से साहुकार सुनने लगा तो वह बहुत ‌‌‌शर्मीदगी महसुस करने लगा था ।

तब उसकी हिम्मत नही होती ‌‌‌की वह लोगो के समाने जाए इस कारण से वह जब भी कही जाता तो लोगो से नजरे चुराने लगता था । पर लोगो का क्या था वह तो फिर भी उसे कहने लगे की बेटे ने जो कारनामे किए है जिसके कारण से तुम नजरे क्यो चुरा रहे हो तुमने भी तो अपने बेटे का साथ देकर गाव के लोगो को फंसा दिया है ।

इस तरह से फिर साहुकार का ‌‌‌घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया था । जिसके कारण से सहुकार जब भी लोगो के सामने जाता तो चारो और देखता रहता की कोई देख तो नही रहा है । अगर ‌‌‌कोई उसे देख लेता तो वह चुप चाप जल्दी जल्दी वहा से चला जाता था ।

इस तरह से फिर सहुकार का जीवन पुरी तरह से बर्बाद हो गया था । उसकी बनी बनाई इज्जत ‌‌‌मिट्टी मे मिल गई । इस तरह से आपको इस कहानी से पता चल गया होगा की इस मुहावरे का अर्थ आंखे चुराना या किसी से सामना करने से हिचकना होता है ।

नजर चुराना मुहावरे पर निबंध || nazar churana essay on idioms in Hindi

साथियों अगर किसी ने गलती की है तो वह हमेशा ही दूसरो से आंखे चुराता रहता है । साथ ही कुछ लोग ऐसे इस दुनिया में है जो की उधार धन ले लेते है और जिससे धन लेते है उसके आगे फिर कभी जाते ही नही है अगर वह रास्ते में मिलता है तो भी अपना रास्ता बदल लेते है । मतलब उनकी आंखो से आंखे मिलाते नही है और इस तरह से वे आंखे चुराते फिरते रहते है ओर वही पर इसका वाक्य में प्रयोग किया जाता है ।

दोस्तो नजर चुराना वही मुहावरा है जो की आंखे चुराने का अर्थ देता है जैसे की मान ले की आपसे आपके मित्र ने उधार धन ले लिया और आप वापस उससे धन मागते हो इस कारण से वह आपका मित्र आपके सामने तक नही आता है और जैसे की आप उसकी ओर जाते है वह आपको देख कर अपना रास्ता बदल लेता है असल में यही नजर चुराना है जिसका मतलब आंखे चुराना होता है ।

‌‌‌निचे ऐसे मुहावरों की लिंक दी गई है जो ज्यादातर काम मे लिए जाते है ।

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Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।