अवाक खड़ा रहना मुहावरे का वाक्य प्रयोग और मुहावरे का अर्थ

अवाक खड़ा रहना मुहावरे का अर्थ awak khada rehna muhavare ka arth अचंभित हो जाना ।

दोस्तो जब किसी व्यक्ति के सामने ऐसा हो जाता है जिसे देख कर वह हैरान रह जाता है या फिर चकित रह जाता है तो यह अवाक रहना होता है । क्योकी अवाक उस स्थिति को कहा जाता है जब कोई चकित रहता है ।

क्योकी आपको पता होगा की अचंभित हो जाना भी एक ऐसी अवस्थान होती है जिसमें मानव चकित हो जाता है और जिस अवस्था में होता है तो वैसा का वैसा ही कुछ समय के लिए हो जाता है। और इस तर हसे बहुत से लोग ऐसे है जो अचंभित होते रहते है ।

तो इस तरह से चकित रहना और अचंभित रहना दोनो एक ही बात हो जाती है और इस आधार पर यह कहा जा सकता है की अवाक खड़ा रहने का मतलब अचंभित हो जाना होता है। 

अवाक खड़ा रहना मुहावरे का वाक्य प्रयोग और मुहावरे का अर्थ

अवाक खड़ा रहना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग

1.        पुलिसकर्मी जब घर में आया तो उन्हे देख कर सभी अवाक खड़ा रह गए ।

2.        पुलिसकर्मी तो पासपोर्ट के लिए वेरिफिकेशन करने के लिए घर आया था मगर घर के लोगो को पता नही था तो उन्हे देख कर सभी अवाक खड़े रह गए ।

3.        फुलादेवी अपनी बहूं की बुराई कर रही थी मगर अपने पीछे ही बहूं को खड़ी देख कर अवाक खड़ी रह गई ।

4.        2000 रूपय का नोंटबंद के समय एक बाबू के पास से करोड़ो की सख्या में रूपय निकले तो यह सब देख कर लोग अवाक खड़े रह गए ।

5.        नोटबंदी के दौरान महिलाओ के पास लाखो की संख्या में रूपय देख कर पुरुष अवाक खड़े रह गए ।

6.        चपरासी के घर में जब इंकमटैक्स का छापा पड़ा तो 10 करोड रूपय निकले जिसे देख कर सभी अवाक खड़े रह गए ।

7.        एक मामूली कंपाउडर के पास से लाखो की सख्या में 2000 रूपय के नोट मिले तो यह सब देख कर लोग अवाक खड़े रह गए ।

अवाक खड़ा रह जाना मुहावरे पर कहानी

दोस्तो अभी हाल ही के दिनो की बात है एक गाव में फुलादेवी नाम की एक महिला रहा करती थी जो की घर का काम करती थी और उसका जो पति था वह शहर में जाकर किसी कंपनी में काम करता था । और इस तर हसे फुलादेवी और उसके पति का जो घर था वह बडे ही मजे से चल रहा था ।

दरसल फुलादेवी जो थी उसकी दो संतान थी एक बेटा और एक बेटी थी और दोनो ही अभी कॉलेज में पढ कर अपना समय बिता रहे थे । इस तरह से फुलादेवी का परिवार था ।

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आपको बता दे की आज के समय में जो लोग अमीर होते है उस तरह से फुलादेवी नही थी बल्की उसका तो घर एक गरीब परिवार के रूप में जाना जाता है । मतलब यह है की फुलादेवी का परिवार गरीब था । इस कारण से भोजन तो आराम से मिल जाता था मगर जीवन में ऐसो आराम का जीवन नही जी पाते थे ।

अब फुलादेवी जो थी वह गाव के अंदर रहती थी और जो यह महिलाओ के ओडना आते है अरे वही जिसे पहले पोत कहा जाता है और फिर उस पर बुंदी बांधी जाती है और फिर उसे रंग कर बनाया जाता है । वह पोत बांधने का काम करती थी । जिसके कारण से ज्यादा तो नही मगर दिन के 50 रूपय के करीब हासिल कर लेती थी । तो इस तरह से फुलादेवी काम करती थी  ।

एक बार की बात है फुलादेवी का जो पति था वह फुलादेवी से कुछ पैसे मागता है । मगर फुलादेवी कहती है की आपने तो पैसे दिए ही नही तो मेरे पास कहा से आएगे और इस तरह से कहने के बाद में फुलादेवी ने पैसे देने से मना कर दिए ।

हालाकी फुलादेवी के पति को भी लगा की यह बात तो सत्य है की आखिर इसके पास पैसे कहा से आएगे । मगर क्या होता है की 10 दिनो के बाद में एक न्यूज आती है की आरबीआई ने 2000 के जितने भी नोट है उन सभी को बंद कर सकती है इस कारण से जल्दी से जल्दी बैंक में जाकर इन्हे बदलवा ले ।

और यह सुन कर सभी हैरान हो गए थे । जिनके पास पैसे थे वे सभी लोग उ​थल पूथल होने लगे थे मतलब घबराने लगे थे । क्योकी वे टेक्स नही देते थे तो काला धन उनके पास थे । मगर फुलावती के पास किसी तरह के ऐसे पैसे नही थे और न ही इस बारे में उसे पता था ।

 मगर उसी दिन रात के समय में फुलादेवी का पति कहता है की भागवान सुनती हो आज से सरकार ने 2000 के रूपय बंद कर दिए है अगर कुछ नोट है तो बदलवा लेना । वरना वे केवल कागज बन कर रहे जाएगे । यह सुन कर फुलादेवी ने कहा की हमारे पास कहा से पैसे आएगे हमारे पास तो कोई पैसे नही है । और इस तरह से कहने पर फुलादेवी का पति उसे कुछ नही कहता है ।

अवाक खड़ा रहना मुहावरे का वाक्य प्रयोग और मुहावरे का अर्थ

मगर दो दिनो के बाद की बात है फुलादेवी अपने पति के पास आती है और 2000 रूपय के कुल 50000 रूपय लेकर आती है और कहती है की यह कुछ पैसे है जो की आपको बदलवा कर लेकर आने है ।

यह देख कर फुलादेवी का पति अवाक खड़ा रह गया । और कुछ समय के बाद मे बोला की आखिर इतने रूपय तुम्हारे पास कहा से आ गए तुम तो कह रही थी मेरे पास पैसे नही है । मगर फिर फुलादेवी कहती है की यह आज के 5 साल पहले के है । जो की मैंने इकट्ठा किए थे ।

यह सुन कर फुलादेवी का पति अवाक खड़ा रह गया और कहा की इतने रूप और इतने समय तक तुम्हारे पास थे मगर मुझे बताया नही । मगर फुलादेवी कुछ नही कहती है बल्की हंसने लग जाती है । तब फुलादेवी के पति ने कहा की ​कल बदलवा ले आएगे । और इस तरह से अगले दिन फिर बैंक मे जाकर फुलादेवी के उन 50000 रूपय को बदलवा कर घर आ गए ।

तो इस तरह से कहानी से यह समझ में आया है की फुलादेवी के पास 50000 रूपय देख कर उसका पति जो था वह अवाक खड़ा रह गया जिसका मतलब है की अचंभित हो गया यानि चकित हो गया । तो इससे इस मुहावरे का अर्थ समझ सकते है ।

इसके अलावा आपको बता दे की जब आरबीआई का यह 2000 रूपय बंद वाला नियम निकला था तो बहुत से लोगो के साथ ऐसा ही हुआ था । क्योकी भारत की महिला महान है जो की अपने पास इसी तरह से पैसे रखती है ।

अगर कुछ पूछना हो तो कमेंट कर देना ।

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Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।