तूती बोलना मुहावरे का मतलब और वाक्य व कहानी

तूती बोलना मुहावरे का अर्थ tuti bolna muhavare ka arth – प्रभाव जमाना ।

दोस्तो जब कोई व्यक्ति किसी ऐसे कार्य को कर देता है जो बहुत ही अच्छा माना जाता है । या कुछ ऐसा कर देने के कारण से किसी व्यक्ति की एक अलग ही पहचान बन जाती है । जिसके कारण से लोग भी उस व्यक्ति के ‌‌‌गुणगान करने लग जाते है ‌‌‌कहने का अर्थ है की उसका प्रभाव जम जाता है । इस तरह से जब कोई व्यक्ति किसी भी कारण से अपना प्रभाव जमा लेता है तब तूती बोलना कहा जाता है ।

तूती बोलना मुहावरे का मतलब और वाक्य व कहानी

तूती बोलना मुहावरे का वाक्य मे प्रयोग Use in sentence

  • आग मे फंसे बच्चे को बचाने के कारण राजेश की बाहदुरी की लोग तूती बोलने लगे ।
  • जैसे ही महेश ने जिले मे टॉप ‌‌‌किया तो लोग भी उसकी तूती बोलने लगे ।
  • नरेन्द्र मोदी के कारनामे देख कर भारत के लोगो मे उनकी तूती बालने लगी है ।
  • तुम इनसे इस तरह से बात नही कर सकते इनकी पूरे शहर मे तूती बोलती है ।
  • जब से सुरज लोगो की मदद करने लगा है तब से उसकी ही तूती बोल ‌‌‌रही  है ।
  • ‌‌‌तुमने ऐसा क्या कर दिया जिसके कारण तुम्हारी तूती बोलने लगी है ।
  • जब से महेश ने उस गुडे को पिटा है तब से उसकी की तूती बोलती है ।
  • पार्वती जब से पटवारी बनी है तब से उसकी गाव मे तूती बोलने लगी है ।

‌‌‌तूती बोलना मुहावरे पर कहानी muhavare par kahani

एक समय की बात है किसी गाव मे एक सेठ रहा करता था । सेठ बहुत ही दोलतमंद था । सेठ के घर मे उसका बेटा और बेटी के अलावा सेठ की पत्नी रहा करती थी । सेठ के बेटे का नाम बलवंत था ।

सेठ के पास पैसे होने के कारण से उसने अपने बेटे को पढने के लिए ऐसे विधालय मे भेजा जहां पर ‌‌‌धर्म की शिक्षा दी जाती थी । साथ ही उस विधालय मे बताया जाता था की चाहे जो भी कार्य हो उसे करना ही चाहिए और जब उस कार्य से किसी का बुरा होता है तब उसे नही करना चाहिए ।

साथ ही बलवंत को उस विधालय मे शिक्षा दी जाती की अगर कोई मुसीबत मे हो तो उसकी मदद जरूर करनी चाहिए फिर वह धनवान हो या गरीब । ‌‌‌इस तरह का ज्ञान हासिल करते रहने के कारण से सेठ ‌‌‌का बेटा इसी तरह से बन गया था ।

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वह हर समय लोगो की मदद करने के बारे मे सोचता रहता था । साथ ही अगर वह किसी को मुसीबत मे देख लेता तो वह उसे अपनी जान पर खेल की उसकी जान बचा लिया करता था । पर ‌‌‌उसे आग से बहुत डर लगता था।

इस कारण से वह कभी भी आग के नजदीक ‌‌‌जाया करता था । सेठ यह देख कर बहुत ही अच्छा महसुस करता की उसका बेटा बहुत ही नेक है । सेठ भी इसी तरह का था इस कारण से जो भी लोग उसके पास मदद मागने के लिए ‌‌‌आते तो सेठ उनकी मदद कर दिया करता था ।

एक दिन की बात है उस दिन बलवंत शहर गया हुआ था । तब वह रास्ते मे जा रहा था तो उसे दिखा की एक स्कुल मे ‌‌‌आग लगी है । जिसमे अनेक बच्चे फस गए है । साथ उसने देखा की स्कुल के बाहर बहुत लोग खडे होकर तमासा देख रहे है और बोल रहे है कोई तो बच्चो को बचाओ ……।

जब यह सब बलवंत ने देखा तो उसकी आंखो से आंसू आने लगे पर उसे भी आग से डर लगता था । इस कारण से उसकी भी हिम्मत नही हुई की वह उन बच्चो को बचाए ।

कुछ समय तक ‌‌‌बलवंत इसी तरह से बाहर खडा देखता रहा फिर उसे याद आया की उसे बताया गया है की अगर कोई मुसीबत मे हो तो उसकी मदद करने के लिए ‌‌‌अपनी जान की परवाह नही करनी चाहिए ।

तब बलवंत ने तुरन्त आग मे जाने का फैसला ले लिया और फिर भाग कर आग मे चला गया । स्कुल मे जाने के बाद उसे पता चला की बच्चे एक कमरे मे फसे है ‌‌‌जिसका दरवाजा बंद है । तब दरवाजा तोडने के लिए वह अपने आस पास देखने लगा ।

तभी उसे एक हथोडा दिखाई दिया । तब बलवंत ने तुरन्त उसे लेकर कमरे का दरवाजा तोड दिया । जिसके कारण से बच्चे बाहर निकल आए । इस कारण से बाहर खडे लोग बहुत खुश थे फिर लोगो ने कहा की एक लडका कम है जरूर वह आग मे फसा है ।

यह ‌‌‌‌‌‌सुन कर बलवंत फिर से स्कुल मे गया और आवाज लगाने लगा । तब उसे किसी की आवाज वापस नही सुनाई दी । फिर वह एक एक कर कर कमरो को देखने लगा था । जिसके कारण से उस पर एक लकडी पड गई ‌‌‌जिससे उसका हाथ जखमी हो गया ।

फिर भी उसने हार नही मानी और कमरो को चेक करता रहा था । फिर एक कमरे मे उसे वह बालक ‌‌‌मिल ‌‌‌गया जो बेहोस था । यह देख कर बलवंत ने उसे अपने कंधो पर उठा लिया और आग से बाहर निकल कर बाहर खडे लोगो के सामने उस बच्चे को ले गया ।

जिसके कारण से उसे देख कर उसके माता पिता सामने आकर अपने बेटे को गोद मे ले लिए । इस तरह से जब बलवंत ने बच्चो को बचाया तो लोग उसकी बाहदूरी की तूती बोलने लगे । ‌‌‌इस तरह से फिर बलवंत का नाम उस शहर मे छा गया था ।

जिसके कारण से हर आदमी उसकी ‌‌‌ही बात करता था । जब यह बात उसके पिता को पता चली तो उन्हे बहुत खुशी हुई की आज उनके बेटे के कारण कितने बच्चो की जान बच गई है ।

‌‌‌तूती बोलना मुहावरे पर कहानी muhavare par kahani

इस तरह फिर जब भी कोई उस शहर मे बलवंत को देखता तो वह उससे मिलने के लिए चला जाता और उससे बात ‌‌‌करने लग जाता था । इस तरह से फिर बलवंत को पता चला की उसके कारनामो के कारण आज इस शहर मे उसकी तूती बोलती है ।

फिर बलवंत इसी तरह से अपना जीवन गुजारता और लोगो की मदद कर दिया करता था । इस तरह से आपको समझ मे आ गया होगा की इस कहानी से मुहावरे का अर्थ क्या है ।

‌‌‌तूती बोलना मुहावरे पर निबंध muhavare par nibandh

तूती का अर्थ सहनाई और एक छोटी चिडिया है । सहनाई के तोर पर जब तूती बजाई जाती है तो उसकी आवाज मधूर होती है और सुनने वाले को आनन्दित करती है । उसी तरह से चिडिया जो शहतूत के वृक्ष पर मिलती है ।

अगर वह भी बोलती है तो उसकी आवजा बहुत ही मधुर है और सुनने वाले को ‌‌‌आनन्दि कर देती है । जिसके कारण से इन दोनो को लोग बहुत ही पंसद करते है और इनके बारे मे बात की जाती रहती है ।

उसी तहर से जब किसी व्यक्ति के बारे मे बाते की जाने लग जाती है । या फिर किसी कारण से कोई व्यक्ति प्रशिद्ध हो जाता है जिसके कारण से लोग उसे भी पसन्द करने लग जाते है तो इस तरह से ‌‌‌उस व्यक्ति का प्रभाव लोगो मे जम जाता है । इस तरह से प्रभाव जमने को ही तूती बोलना कहा जाता है ।

तूती बोलना मुहावरे का तात्पर्य क्या होता है || What is the meaning of tuti bolna in Hindi

दोस्तो हमारे देश में वोटिंग के कारण से ही सरकार को चुना जा रहा है और आपको पता है की समय समय पर वोटिंग होती रहती है ।

तो जब दो व्यक्ति एक ही स्थान पर खड़े होते है और दोनो एक दूसरे के आमने सामने होते है तो दोनो जंता को कहते है की हमे वोट दे । मगर इसके लिए वे उन उन लोगो के पास जाते है जिनकी लोगो के बिच मे अच्छा प्रभाव होता है ।

मतलब प्रत्येक गाव, शहर में कुछ ऐसे लोग होते है जिनकी हर कोई बात मान लेता है ओर वे जैसा कहते हे वैसे ही कर लेते है । तो ऐसे में नेता लोग उनके पास ही जाते है और उनसे कहते है की हमे वोट दे और विजय बनाए । इस तरह से वे लोग जिस​ किसी नेता के साथ होते है वे जीत जाते है क्योकी उन लोगो का प्रभाव लोगो के बिच में होता है और वे जैसे वोट देने को कहते है लोग भी उसे ही वोट दे देते है । तो इस तरह से आप यह समझ सकते है की tuti bolna muhavare ka arth – प्रभाव जमाना होता है ।

‌‌‌बेस्ट मुहावरो की लिंक निचे दी गई है ।

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सिर पर सवार होना ‌‌‌मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

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Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।