दो नावों पर पैर रखना का मतलब और वाक्य व कहानी

दो नावों पर पैर रखना मुहावरे का अर्थ  do naav par pair rakhna muhavare ka arth – किन्ही दो कार्यो को एक साथ करना

दोस्तो अगर कोई व्यक्ति अपने जीवन मे दो ऐसे कार्य कर रहा है जो एक दुसरे से अलग हो । जिस तरह से आज के समय मे मानव एक तरफ नोकरी ‌‌‌पाने के लिए तैयारी कर रहा है तो दुसरी और किसी कार्य मे पैसे कमा रहा है । इस तरह से दो कार्य एक साथ करने को दो  नावों पर पैर रखना कहा जाता है ।

दो नावों पर पैर रखना का मतलब और वाक्य व कहानी

दो नावों पर पैर रखना मुहावरे का वाक्य मे प्रयोग Use in sentence

  • इतनी अच्छी नोकरी होने के बाद भी श्यामलाल ने मिठाई बनाने की दुकान खोल रखी है अब उसे कोन समझाय की दो ‌‌‌नावों पर पैर रखना अच्छा नही होता है ।
  • महेश अगर तुम दो नावों पर पैर न रख‌‌‌ते तो आज ‌‌‌तुम नोकरी लग जाता ।
  • तुम एक तरफ कह रहे हो की मजदूरी करूगा और दुसरी और कह रहे हो कॉलेज की पढाई करूगा इस तरह से दो नावों पर पैर रखने से कुछ हासिल नही होगा ।
  • ‌‌‌भाई इतना अच्छा व्यपार चलने के बाद भी तुम किसी और काम मे हाथ दे रहे हो इस तरह से दो नावों पर पैर रखना नही चाहिए ।
  • आजकाल के लडके दो नावों पर पैर रख कर अपना भविष्य बनाने के सपने देखते है ।
  • जब से राम ने दों नावो पर पैर रखा है तब से न तो उसकी नोकरी लग रही है और न ही पैसे कमा रहा है ।
  • ‌‌‌मैंने तो इसे पहले ही कहा था की दो नावों पर पैर रखोगे तो असफलता ही मिलेगी ।
  • राजेश ने उस दिन जोस जोस मे दो नावों पर पैर रख लिए पर उसे क्या पता ऐसा करने पर असफलता मिलती है ।

‌‌‌दो नावों पर पैर रखना मुहावरे पर कहानी muhavare par kahani

प्राचिन समय की बात है सुरजमल नाम का एक आदमी अपने माता पिता के साथ रहा करता था । सुरजमल के पिता जिस शहर मे रहा करते थे उस शहर के अमीर लोगो मे से एक थे । साथ ही सुरजमल के पिता बिजनेस किया करते थे ।

जिनमे वे तरह तरह के समान खरीदने और बेचने का काम आसानी ‌‌‌से कर लेते और उसमे पैसे भी कमा लिया करते थे । जिसके कारण से सुरजमल के पिता को शहर का हर कोई ‌‌‌व्यक्ति जानता था । क्योकी लोगो को जिस वस्तु की जरूरत होती तो वे सभी सुरजमल के पिता से ही मगवाते थे ।

इस तरह से बिजनेस उनका बडी ही अच्छी तरह से चल रहा था । जिसके कारण से वे धनवान से और अधिक धनवान होते जा ‌‌‌रहे थे । सुरजमल ने अपने बेटे को भी अच्छा ज्ञान देने की सोची और इस कारण से उसे पढा लिखा कर बढा कर दिया था ।

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जब सुरजमल बडा हुआ हो उसके सभी साथी नोकरी की तैयारी करने मे जुट गए थे । इस कारण से उन्हे देख कर सुरजमल ने भी नोकरी करने की सोची और इस बारे मे उसने अपने पिताजी से बात की ।

तब सुरजमल के ‌‌‌पिता ने उसे समझाया की बेटा नोकरी मे कुछ नही मिलेगा अगर तुम कुछ बनना चाहते हो तो मेरा यह बिजनेस कर कर आसानी से बन सकते हो । इससे तुम्हारा दुनिया मे नाम होगा और लोग तुम्हे जानने लगेगे ।

जब सुरजमल को उसके पिता ने ऐसे समझाया तब उसे अपने पिता की बात अच्छी लगी । इस कारण से वह अपने पिता के साथ ‌‌‌काम करने के लिए जाने लगा था । इस तरह से सुरजमल को अपने पिता के साथ काम करते हुए एक महिना हुआ था की सुरजमल ने अपने पिता से कहा की पिताजी मैं और अधिक पढाई करना चाहता हूं ।

‌‌‌यह सुन कर सुरजमल के पिता को लगा की यह पढना चाहता है इस कारण से इसे पढाना अच्छा रहेगा ताकी इसकी बुद्धी और अधिक ‌‌‌विकसित हो जाए । ऐसा सोच कर सुरजमल के पिता ने उसे पढने के लिए कॉलेज मे भेज दिया था ।

अब सुरजमल को पढाई करते हुए दो महिने ही हुए थे की एक दिन उसने अपने दोस्ते से सुना की मैं साथ ‌‌‌साथ पढाई करता हूं और साथ साथ कमाई भी कर लेता हूं ।

यह सुन कर अगले दिन सुरजमल अपने पिता के पास काम करने के लिए जाने लगा था । और जब कॉलेज का समय हो जाता तो वह कॉलेज जाता था । इस तरह से सुरजमल को करते हुए दो तिन दिन हो गए तब एक दिन उसके पिता ने उसे कहा की बेटा अगर तुम इसी तरह से दो नावों पर पैर ‌‌‌रखोगे तो तुम्हे कभी भी किसी काम मे सफलता नही मिलेगी ।

उस समय सुरजमल को अपने पिता की बात समझ मे नही आई थी। इस बात को थोडे ही दिन बिते थे की किसी कारण से सुरजमल के पिता बिमार हो गए थे । जिसके कारण से उनका सारा काम सुरजमल ही देखने लगा था और साथ साथ वह पहले की तरह कॉलेज भी करता था ।

जब वह इसी ‌‌‌तरह से काम करता रहा तो एक दिन उससे एक आदमी मिला जो सुरजमल के पिता का बहुत ही अच्छा दोस्त था । उस आदमी ने सुरजमल से कहा की बेटा ‌‌‌तुम्हारे पास क्या नही है फिर भी तुम पढाई कर कर क्या बनना चाहते हो ।

अगर तुम किसी एक काम को करोगे तो तुम उसमे जरूर सफल हो जाओगे वरना इस तरह से दो नावों पर पैर ‌‌‌रखने से तुम्हे असफलता ही मिलेगी और साथ ही जो तुम्हारा इतना बडा बिजनेस है वह भी ठप हो जाएगा ।

तब सुरजमल ने उसकी एक भी बात नही सुनी क्योकी वह बहुत गरीब था । इस कारण से सुरजमल को लगा की यह मुझे क्या सिखाएगा । पर हुआ यही दो वर्षो के अंदर सुरजमल इस तरह की हालत मे आ गया की उसका बिजनेस ठप पडने लगा ‌‌‌था । साथ ही जो वह पढाई कर रहा था वह पूरी हो जाने के बाद मे वह नोकरी की तैयारी करने लगा था ।

इस कारण से सुरजमल का नोकरी मे भी नम्बर नही आ रहा था । तभी सुरजमल को अपने पिता और उस आदमी की बात याद आ गई जिसके कारण से वह सम्भल गया और सारा काम छोड कर अपने बिजनेस पर ध्यान देने लगा था ।

‌‌‌दो नावों पर पैर रखना मुहावरे पर कहानी muhavare par kahani

जिसके कारण ‌‌‌से फिर से सुरजमल का बिजनेस आसमान छुने लगा था । तब सुरजमल को एक बात समझ मे आ गई की कभी भी दो कार्य एक साथ नही किए जा सकते वरना दोनो कार्यो मे असफलता मिल जाएगी।

इस तरह से फिर वह अपना यही काम करता और अपना जीवन गुजारने लगा । इस तरह से आपको समझ मे आ गया होगा की इस कहानी से मुहावरे का अर्थ ‌‌‌क्या है ।

दो नावों पर पैर रखना मुहावरे पर निबंध || do naav par pair rakhna essay on idioms in Hindi

दोस्तो अगर आप किसी ऐसे स्थान पर रहते है जहां पर नाव का उपयोग कर कर नदी को पार किया जाता है तो आप इस मुहावरे को अलग ही तरह से समझ सकते है ।

मगर दोस्तो आपको बता दे की दो नावो को चलाने के लिए किन्ही दो लोगो की जरूरत होती है और यह आपको पता है ।

तो अगर मान ले की एक ही व्यक्ति दो नावों को एक साथ चलाने की कोशिश कर रहा है तो इसका मतलब यही हुआ की वह व्यक्ति किन्ही दो कार्यों को एक साथ कर रहा है ओर असल में यही इस मुहावरे का अर्थ है जो की आपने उपर समझ लिया है ।

मगर हमे पता है की अगर ​इस तरह से दो नावो को एक साथ चलाया गया तो दोनो में से एक भी नाव आगे की और नही बढेगी । इसी कारण से कहा जाता हेकी दो नावों पर पैर रखना मुर्खता की निशानी है । और यह आप समझ सकते है ।

‌‌‌निचे कुछ मुहावरों की लिंक दी जा रही है जो बहुत ही महत्वपूर्ण है ।

एक और एक ग्यारह होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

थाली का बैंगन होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

एड़ी चोटी का जोर लगाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

आड़े हाथों लेना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

नाक रगड़ना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

गुड़ गोबर करना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

पौ बारह होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

‌‌‌पेट में दाढ़ी होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

सिर खुजलाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

मैदान मारना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

सिर पर सवार होना ‌‌‌मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

दाने दाने को तरसना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

हां में हां मिलाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

दाँतों तले उँगली दबाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

पत्थर की लकीर मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

टांग अड़ाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

हाथ पाँव फूलना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

नाक का बाल होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

नमक मिर्च लगाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

दंग रह जाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

दाल में काला होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

पानी पानी होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

लोहा लेना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

टेढ़ी खीर मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

पीठ दिखाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

फूला न समाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य का प्रयोग

बाल की खाल निकालना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

मुँह की खाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

रंग जमाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

‌‌‌लोहे के चने चबाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

सिर उठाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।