जानिए, मुँह फुलाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य व कहानी

मुँह फुलाना मुहावरे का अर्थ muh fulana muhavare ka arth – रूठ कर बैठ जाना या अप्रसन्नता होना

दोस्तो अगर कोई किसी कारण से किसी बात से संतुष्ट न हो यानि वह असंतुष्ट हो तो वह अपना क्रोध दिखाने के लिए एक स्थान पर रूठ होकर बैठ जाता है और जब उसे किसी बात के लिए पूछा जाता ‌‌‌है तो वह अपना घुस्सा उसे दिखाने लग जाता है या फिर यह भी हो सकता है की वह उससे बात भी न करे तो इस तरह से करने को ही मुंह फुलाना कहा जाता है । इस तरह से इसका अर्थ रूठ कर बैठ जाना होता है ।

मुंह फुलाना मुहावरे का वाक्य मे प्रयोग Use in sentence

  • मैं कब से देख रही हूं तुमने किस बात के लिए मुंह फुला रखा है ।
  • ‌‌‌शर्मा जी ने अपने बेटे को डाट क्या दिया वह मुंह फुलाकर बैठ गया है ।
  • घर मे छोटी मोटी बात तो होती ही रहती है इस तरह से हर बात पर मुंह फुलाओगे की जब ससुराल जाओगी तब क्या ‌‌‌होगा ।
  • क्यो एक साडी के लिए मुंह फुलाए बैठी हो कल ले आना ।
  • बेटे ने कमाए हुए सारे पैसे मां को दे दिए तो पत्नी ने मुह फुला लिया ।
  • तुम तो हर बात पर मुंह फुलाती हो और फिर स्वयं ही बोलने लग जाती हो ।
  • श्याम को रुपय न मिलने के कारण वह मुंह फुलाए बैठा है ।
  • इस गरीब खाने मे समय पर भोजन न मिलने ‌‌‌ ‌‌‌पर महेश मुंह फुला रखा है ।

मुंह फुलाना मुहावरे ‌‌‌पर कहानी Idiom story

एक समय की बात है किसी गाव मे शर्मा का परिवार रहा करता था । जिसके घर मे उसकी पत्नी और उसके तिन बेटे रहते थे । तिनो बेटो मे से एक बटा बडा होशियार था वह अपने पिता की हर बात मान लेता था और काम करने के लिए जाता था ।

जिसके कारण से उसके पिता उसे अच्छा भोजन करने को कहते थे क्योकी ‌‌‌काम करने वाले को अच्छा भोजन नही मिलता है तो वह कमजुर हो जाता है और बाद मे उससे काम नही होता है । शर्माजी के बाकी दो बेटे बडे नालायक थे वे हर समय इधर उधर गलियो मे फिरते रहते थे ।

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इस कारण से उसका पिता उन्हे भी काम करने के लिए कहा करते थे पर वे तो अपने पिताजी की एक भी बात नही सुनते थे । ‌‌‌शर्मा के पास एक बडा घर और एक 20 बिघा का खेत था । शर्मा वहा पर काम करता और अपना घर चलात था ।

साथ ही उसका बडा बेटा भी काम करा दिया करता था और जब खेत मे काम नही होता तो वह कही और काम करने के लिए चला जाता था । शर्मा के पास ‌‌‌पैसो की कमी ‌‌‌थी और तिन बेटे होने के कारण उसने किसी को भी नही पढाया था ।

शर्मा ‌‌‌के जो दो बेटे थे वे खेत का काम भी नही करते थे बल्की आराम से इधर उधर पडे रहते थे । तब शर्मा ने सोचा की अब इन लडको की शादी करने का समय आ गया है । तब उसने पहले अपने बडे बेटे के लिए रिशता देखा और बादमे छोटे बेटो के लिए भी रिशता देखा था ।

इस तरह से उन ‌‌‌तिनों की शादी करवा दी । शादी हो जाने के ‌‌‌कारण भी शर्मा के ‌‌‌दोनों बेटे काम पर नही जाते थे वे तो अब भी ऐसे ही घर मे पडे रहते थे । पर अब घर मे तिन सदस्य और बढ गए थे इस कारण से जो काम करते थे उन को ज्यादा काम करना पडने लगा था ।

धिरे धिरे एक वर्ष बित गया पर इस एक वर्ष मे शर्मा की पत्नी बिमार हो गई थी । अब शर्मा के बेटे अपनी मां का भी ध्यान नही ‌‌‌रखते थे यह देखकर उनकी पत्नी भी काम नही करती थी । तब शर्मा की बडी बहु अपनी मां की देख भाल मे लग गई थी । तब शर्मा ने सोचा की इन नालायको को अलग करना होगा तब जाकर ये काम करेगे ।

ऐसा सोचकर शर्मा ने अपने जिते जी घर का बटवारा कर दिया था । क्योकी उनका पिता अभी जीवित था इस कारण से वे जो हिस्सा ‌‌‌जिसको देना चाहते है वह उन्हे देते है । इस कारण से शर्मा ने अपने दोनो बेटो को एक ओर कर दिया और बडे बेटे को एक और कर दिया था ।

अब बडा बेटा अपने पिता को अपने पास रखने लगा था जिसके कारण से उसकी मां भी उसके पास रहने लगी थी । ताकी उसकी मां की देखभाल अच्छी तरह से हो जाए ।

घर खेत का बटवारा हो जाने ‌‌‌के कारण शर्मा के ‌‌‌दोनों बेटे बडे खुश हो गए थे क्योकी उन्हे दिख रहा था की हमारे बडे भाई को कम धन मिला है । पर जब उन दोनो को पता चला की हमे भी बराबर मिला है । हमारे दोनो भाईयो का घर खेत मिलाने से बडा दिख रहा है तो वे निरास हो गए थे । और जब भी शर्माजी उन्हे दिखता तो वे मुह फला लेते थे ।

अब वे दोनो ‌‌‌भाई अपने बडे भाई से भी बात नही करते थे और ‌‌‌रूठ ‌‌‌कर बैठ जाते थे । यह देखर उनका भाई उन्हे कहता की आप लोग काम नही करते हो इस कारण से पिताजी ने बटवारा किया है । फिर भी वे उसकी बात का जबबा नही देते बल्की वहां से चले जाते थे ।

तब उसे पता चल गया की ये दोनो रूट गए है । अब उन दोनो के घर मे खाने को ‌‌‌कुछ था नही इस कारण से धिरे धिरे वे दोनो भाई काम करने लगे थे । यह देखकर उसका पिता बहुत ही खुश होता की मैंने जो सोच कर इन दोनो को अलग किया है वह बडा अच्छा काम किया है ।

मुंह फुलाना मुहावरे ‌‌‌पर कहानी Idiom story

पर अब भी वे दोनो अपने माता पिता और भाई से रूठे हुए थे और जब भी वे उनकी तरफ आते या उनसे बात करते तो वे मुंह फुला लेते थे । ‌‌‌इस तरह से जब तक शर्मा और उकसी पत्नी मर नही गए वे दोनो भाई इसी तरह से करते थे । इस तरह से आप इस कहानी से समझ गए होगे की इस मुहावरे का अर्थ क्या है ।

‌‌‌मुंह फुलाना मुहावरे पर निबंध Essay on idiom

साथियो आप लोगो को पता होगा की जब कोई रूठ जाता है तो वह किसी से भी बात नही करता है चाहे उसके फायदे की भी बात क्यो न हो वह उसे भी नही करता है । पर कभी कभी वह घुस्सा दिखाने लग जाता है तो इस तरह से करने को ही मुंह फुलाना कहा जाता है इस तरह से इस मुहावरे का प्रयोग ‌‌‌वही पर होता है जहां कोई रुठ जाता है ।

मुँह फुलाना मुहावरे का तात्पर्य क्या होता है || What is the meaning of muh fulana in Hindi

दोस्तो खास रूप से बच्चे जो होते है वे कुछ ज्यादा ही रूठते है और यह आपको पता है । इसके अलावा महिलाए भी ज्यादा रूठती है और यह सब देखा गया है ।

क्योकी कई बार ऐसा होता है की जब हमे कुछ मिल नही पाता है ​जो की हमने चाहिए होता है तो बचपन की उस अवस्था में रूठना अच्छा लगता है क्योकी ऐसा होता था की जब रूठ जाते थे तो वह मिल जाता था ।

मगर आज के समय में जब लोग बड़ी उम्र के होने लगे है तब भी बहुत से ऐसे लोग है जो की रूठते रहते है । और इस तरह से रूठ कर एक स्थान पर बैठ जाते है ।

मगर आपने अपनी माता के मुंह से या फिर अपने किसी आस पड़ोस में सुना होगा की जब कोई रूठ कर बैठ जाता है तो उसके लिए कहते है की क्यो मुंह फुला रखा है ।

तो इसका मतलब यह होता है की muh fulana muhavare ka arth – रूठ कर बैठ जाना या अप्रसन्नता होना होता है और यह आप इस बात से काफी सही तरह से समझ सकते है ।

नीचे जिन मुहावरों की लिंक दी जा रही है वे अकसर लोग जानना चाहते है और महत्वपर्ण भी है ।

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उड़ती चिड़िया पहचानना मुहावरे का अर्थ व वाक्य मे प्रयोग

उल्टी गंगा बहाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग

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आँखें दिखाना मुहावरे का अर्थ व वाक्य मे प्रयोग

खाक में मिलना मुहावरे का अर्थ व वाक्य मे प्रयोग

Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।