कान खड़े होना मुहावरे का अर्थ और वाकय मे प्रयोग

कान खड़े होना मुहावरे का अर्थ kaan khade hona muhaavare ka arth – सचेत होना ।

दोस्तो जब कोई आदमी किसी को धमकी देकर चला जाता है तो वह सोच मे पड जाता है की जरुर वह कुछ न कुछ अवश्य करेगा और वह सचेत हो जाता है की वह जब भी मुझ पर वार करे तब मै सावधान ‌‌‌रहूं और उसके वार का जबाब दे ‌‌‌सकू । इस तरह ‌‌‌से सावधान होने को ही या सचेत होने को ही कान खडे होना कहते है ।

कान खड़े होना मुहावरे का अर्थ और वाकय मे प्रयोग

कान खड़े होना मुहावरे का वाकय मे प्रयोग  || kaan khade hona use of idioms in sentences in Hindi

‌‌‌रामबाबू की धमक्की सुनकर ‌‌‌मेरे तो कान खडे हो गए ।

सेठ की बात न मानने पर सेठ ने राजेश को धमक्की दी और राजेश के कान खडे हो गए ।

जब पता चला की अगले रास्ते पर पुलिस वाहन के कागजात चेक कर रही है तो जिनके पास कागजात नही थे उनके कान खडे  हो गए ।

‌‌‌सडक पर हादसा होते देखकर सभी के कान खडे हो गए ।

महावीर के घर चौरी नही ‌‌‌हो सकती क्योकी अगर वह ‌‌‌जरा सी आवाज सुन लेता है तो उसके कान खडे हो जाते है ।

कान खड़े होना मुहावरे पर कहानी
|| kaan khade hona story on idiom in Hindi

‌‌‌एक बार राजेश नाम का एक लडका अपने गाव मे रहता था । राजेश बहुत ही गरीब घर का लडका था पर उसकी बात पुरा गाव मानता था । राजेश के घर मे उसके माता पिता के अलावा और कोई भी नही रहता था । इस तरह से राजेश का परिवार खुशी खुशी अपना जीवन चलाते थे ।

राजेश अकेला ही कमाने वाला था और उसका पिता पहले सेठ के पास ‌‌‌काम करता था पर जब उससे काम नही होने लगा तो उसने वहा से काम छोड दिया था । उसका पिता सेठ का बहुत ही वफादार रहा । इस कारण सेठ उसका कहना मान लेता था पर उसके लिए ज्यादा कुछ नही करता था कोई छोटा मोटा काम कर ‌‌‌देता था ।

राजेश के पास अपना घर ही था यानि गाव मे होते हुए भी राजेश के पास खेत नही ‌‌‌था । राजेश लोगो के खेतो मे घरो मे व अन्य जगह जाकर मजदुरी का काम करता और अपना ‌‌‌पेट भरता था । एक दिन राजेश के पिता ने उससे कहा की तुम इस तरह से रिजते हो तुम सेठ के पास काम क्यो नही कर लेते अगर तुम करना चहाते हो तो मै सेठ से बात कर लूगा । ‌‌‌अपने पिता की बात सुनकर राजेश मान गया ।

राजेश को भी पता था की इस तरह से मजदुरी करने ‌‌‌से अच्छा है की सेठ के पास ही काम कर ले ताकी कम से कम रोजाना तो काम मिल ही जाएगा । राजेश बहुत ही हठा कटा था उसे देखने मे लगता की यह दो आदमी का काम अकेले ही कर देता है । सेठ के पास काम करने के लिए राजेश ने हां कह दी थी ।

तब राजेश का पिता सेठ के पास गया और सेठ से कहा की सेठ जी आपके पास मेने इतने ‌‌‌दिनो तक काम किया है और अब मै चहाता हूं की मेरा बेटा आपके पास काम करे । तब सेठ ने कहा की इसे क्या करना है यह सब बता देना बादमे मत कहना की इसे पता नही था । अगर मेरे काम मे इसने कोई गलती कर दि तो मै इसे क्षमा भी नही करुगा ।

सेठ की बात सुनकर राजेश को कुछ भी समझ मे नही आया पर उसके पिता को समझ मे ‌‌‌आ गया । इस कारण राजेश के पिता ने कहा की ठिक है सेठ जी यह कल आपके पास काम करने के लिए आ जाएगा । घर जाकर राजेश को ‌‌‌उसके पिता ने काह की सेठ जो भी करते है उससे तुम्हे कुछ भी लेना देना नही होना चाहिए ।

सेठ से कभी भी प्रशन नही करना है साथ ही सेठ की बात गाव मे भी नही करनी है । राजेश को लगा की सेठ ‌‌‌नही चहाता होगा की कोई उसके बारे मे जाने । अगले ही दिन राजेश सेठ के पास काम करने के लिए ‌‌‌चला लगा था । वहा पर जाने पर सेठ ने उसे काम दे दिया और कहा की इस काम को ही करते रहना मेरे पास नही आना है तुमको ।

एक वर्ष तक सेठ के पास इसी तरह से राजेश काम करता रहा । एक दिन राजेश को पता चला की सेठ ‌‌‌कुछ गलत ‌‌‌काम करता है जिसके बारे मे सेठ ने जानने के लिए मना किया था । पर राजेश सचेत होकर सेठ के बारे मे जानने लगा । राजेश को पता था की अगर ‌‌‌मुझे सेठ की बातो का पता चल गया तो सेठ मुझे मार सकता है फिर भी राजेश ‌‌‌उसके बारे मे जानने लगा ।

राजेश सेठ की चुप चुप कर बात सुन रहा था पर राजेश उस समय सावधान था की कोई मेरी तरफ आ ‌‌‌रहा है की नही । इसी तरह से अगले दिन सेठ के बारे मे जानने के लिए राजेश अपना काम छोडकर सेठ का पिछा करने लगा । तभी सेठ को पता चल गया की कोई मेरा पिछा कर रहा है तब सेठ उसे ढूँढना ‌‌‌शुरु कर दिया।

राजेश को भी पता चल गया की सेठ को पता चल गया है की कोई उसका पिछा कर रहा है । तब राजेश के कान खडे हो ‌‌‌गए  पर कुछ देर के बाद मे सेठ ने उसे पकड लिया । सेठ उसे देखकर कहा की तुमने यह बहुत बडी गलती कर दी है अगर तुमने मेरे बारे मे किसी को भी बताया तो ‌‌‌मारे जाओगे । यह कहते ही राजेश सेठ से छुटकर भाग गया था और अपने गाव मे पहूंच गया ।

गाव मे जाकर राजेश लोगो को बताने ही वाला था की सेठ आप लोगो के घर खेत को ‌‌‌हडपने की सोच रहा है और साथ आपके खेतो मे अनाज नही होने के लिए दवाईया आपको दे रहा है । तभी उसे याद आया की अगर सेठ को पता चल गया की मेने गाव के लोगो को इस बारे मे बताया है तो वह मुझे मार डालेगा । तभी राजेश के कान खडे हो गए और जब भी उसे रात को ‌‌‌जरा सी आवाज सुन जाती तो वह सचेत हो जाता था ।

कान खड़े होना मुहावरे पर कहानी

उस दिन ‌‌‌के बाद राजेश सेठ के पास काम करने के लिए नही ‌‌‌गया । एक दिन गाव के लोगो को राजेश ने सेठ के बारे मे बता दिया था और उसी दिन सेठ ने कुछ लोगो को राजेश को मारने के लिए भेज दिया । अब राजेश के कान खडे थे तो उसे उन लोगो के पाव की आवाज सुनाई दी और वह जाग गया और जोर जोर से चिलाने लगा । ‌‌‌

राजेश की आवाज सुन कर गाव के लोग वहा पर आ गए । तब सेठ को पता चल गया की उसके कान खडे है और उसका हम कुछ भी नही बिगाड सकते । इस तरह से आप इस कहानी का अर्थ समझ गए होगे ।

‌‌‌कान खडे हाना मुहावरे पर निबंध || kaan khade hona essay on idioms in Hindi

साथियो अगर ‌‌‌हमारे साथ कोई दर्घटना हो जाए या फिर हमे धमकी ‌‌‌दी जाए अनके कारणो से हमारे होस उड है और ‌‌‌हमे निंद भी सही तरह से नही आती । अगर इस ‌‌‌बिच हमे पता चलता है की हमे कोई मारने वाला है तो हम सचेत हो जाते है और जब वह आता है तो हमे उसके आने का पता भी चल जाता है । इस ‌‌‌इसी तरह से अगर हमे पता चलता है की आगे पुलिस खडी है और वह वाहन के कागजात चेक कर रही है और हम भी वाहन पर जा रहे है ।

पर हमारे पास कागजात नही है तो हम सचेत हो जाते है और उससे बचकर निकलने की कोशिश करते है । इसी तरह के अनेक कारणो के कारण हम सचेत या सावधान हो जाते है और आने वाले समय पर सही तरह ‌‌‌से चलते है । इसी को कान खडे ‌‌‌होना कहते है जिसका अर्थ तो सचेत होना ‌‌‌ही है चाहे वह किसी भी कारण से हो ।

जिस तरह से सचेत होने हो जाने पर हमे आस पास की हर ‌‌‌हलचल का पता चलने लग ‌‌‌जाता है उसी तरह से कान खडे पर हमे निंद मे भी आस पास की हलचल का पता चल ‌‌‌जाता है और ‌‌‌इसी को ही कान खडे होना कहते है । इस ‌‌‌तरह से आप इस मुहावरे का अर्थ समझ गए होगे ।

कान खड़े होना मुहावरे का तात्पर्य क्या होता है || What is the meaning of kaan khade hona in Hindi

दोस्ता आज जीवन में अगर आपका और किसी अन्य का कोई दुश्मन होता है तो उसे सावधान रहना चाहिए । क्योकी जो दुश्मन होते है वे कभी भी नुकसान पहुंचा सकते है । ऐसे में दुश्मनो से सावधान होना आवश्यक है ।

मगर आपको बता दे की आज कल जब भी चोर आते है तो ऐसे मे जो लोग सावधान होते है उन्हे इस बारे में पता चल जाता है और चोर को उसी समय पकड़ लिया जाता है । और यही कारण है की हर समय मानव को सावधान या सचैत रहने को कहा जाता है । मगर आपको बता दे की जो व्यक्ति सचैत रहता है या सावधान रहता है उसके लिए कान खडे होना कहा जाता है ।

आपको बता दे की इस तरह के लोगो के लिए ही इस मुहावरे का प्रयोग होता है । दरसल कान खड़े होना मुहावरे अर्थ होता ही सचैत होना है तो जो कोई भी सचैत होता है उसके लिए इस मुहावरे का प्रयोग कर सकते है । वैसे आप कमेंट में बताना की आप किसके लिए इसका प्रयोग करने वाले हो ।

Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।