आग में कूदना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

आग में कूदना मुहावरे का अर्थ aag mein kudna muhavare ka arth – जानबूझकर मुसीबत मोल लेना ।

दोस्तो अगर किसी व्यक्ति को पता होता है की अगर वह यह कार्य करेगा तो उस पर बहूत बडी मुसीबत आ जाएगी । फिर भी वह व्यक्ति वही कार्य करता है । इस तरह से किसी भी कार्य को करने के कारण से जब ‌‌‌किसी व्यक्ति पर मुसीबत आती है जिसका उसे पहले से ही पता होता है । तो इसे जानबूझकर मुसीबत मोल लेना कहा जाता है।

इसी तरह से जब कोई व्यक्ति आग मे कूदता है तो उसे पता होता है की आग मे कूदने के कारण से उसे बहुत कष्टो का सामना करना पडेगा फिर भी वह आग मे कूदता है तो इसे जानबूझकर मुसीबत मोल ‌‌‌लेना कहा जाता है । इस तरह से इस मुहावरे का अर्थ जानबूझकर मुसीबत मोल लेना होता है ।

आग में कूदना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

आग मे कूदना मुहावरे का वाक्य मे प्रयोग Use in sentence

  • भारत के सेनिक भारत की हिफाजत करने के लिए हमेशा आग मे कूदने को तैयार रहते है ।
  • अगर तुम सच्चे देशभग्त होते तो देश को खतेरे मे देख कर आग मे कूदने से पिछे नही हटते ।
  • ‌‌‌मित्रो को मुसीबत मे देखकर जो आग मे कूद जाए वही सच्चा मित्र होता है ।
  • जब गाव मे आग लग गई तो रमेश ने ही आग मे कूद कर हम सबको बचाने की हिम्मत की ।
  • हम दोनो ‌‌‌को एक करने के लिए हमारे बेटे आग मे कूद पडे ।
  • अगर तुम आज इसे बचाने के लिए आग मे न कूदते तो इसका राम नाम सत था ।
  • ‌‌‌रणजीत हर किसी के लिए आग मे कूदने को तैयार रहता है ।

आग मे कूदना मुहावरे पर कहानी muhavare par kahani

प्राचिन समय की बात है किसी नगर मे धनसेठ नाम का एक आदमी रहा करता था । उसका एक मित्र था जिसका नाम लखन सिंह था । धनसेठ के नाम के अनुसार उसके पास बहुत धन था । जिसके कारण से हर समय लोगो की मदद करता रहता था ।  ‌‌

लखनसिंह और धनसेठ की दोस्ती इतनी घहरी थी की जब भी किसी पर मुसीबत आती तो एक दुसरे की मदद करने के लिए दोनो हर दम तैयार रहा करते थे । अगर उन्हे पता होता की वे अपने मित्र की मदद करेगे तो उन पर भी मुसीबत आएगी तो भी वे एक दुसरे की मदद करने से पीछे नही हटते थे ।

इसी तरह की एक बार की बात है धनसेठ ‌‌‌कही जा रहा था तो रास्ते मे उसे कुछ लूटेरो ने पकड लिया था । क्योकी धनसेठ को पकडा था इस कारण से लूटेरो ने उससे धन मागा । तब धनसेठ ने लूटेरो से कहा की आपने मुझे पकडा है इसी कारण से मैं आपको धन तो दे दूगा पर पहले आप मुझे यहा से जाने दो ।

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यह बात सुन कर लूटेरो को लगा की धनसेठ को छोडने के कारण से यह ‌‌‌यहां से भाग जाएगा । इसी कारण से लूटेरो ने धनसेठ की बात नही मानी । तब लूटेरो ने कहा की तुम अपने घर मे सुचना पहुंचाओ की तुम्हे धन की जरूरत है क्योकी तुम्हे लूटेरो ने पकडा है ।

लूटेरो की यह बात धनसेठ मान गया इसी कारण से लूटेरो ने उसके गाव के एक व्यक्ति को पकड लिया और उसे यह कह दिया की ‌‌‌धनसेठ को लूटेरो ने पकड लिया है । अगर उन्हे छुटाना है तो पैसो से भरा बैग लेकर शहर के नजदिक जंगल मे आ जाओ ।

जब यह बात धनसेठ के घरवालो ने सुनी तो उन्हे लगा की अगर वे पैसे लेकर वहां पर गए तो उन्हे लूटेरे नुकसान पहुंचा देगे । ऐसा सोच कर उसके घर से कोई भी नही गया । जब लूटेरो को पता चला की धनसेठ ‌‌‌के घर से पैसे लेकर अभी तक कोई नही आया है तो लूटेरो ने फिर सुचना पहुंचाई की अगर एक दिन मे पैसे लेकर नही आए तो उनका शव आपके गाव मे पहुंच जाएगा ।

ऐसा समाचार जब लखनसिंह ने सुना तो ‌‌‌वह पैसे लेकर जाने को तैयार हो ‌‌‌गया था । पर धनसेठ के घर के लोगो ने लखनसिंह पर भरोषा नही किया और पैसे नही दिए । तब ‌‌‌लखनसिंह ने वहां पर जाने की ठान ली क्योकी लखनसिंह गरीब था इस कारण से उसके पास पैस नही थे ।

फिर भी वह एक बैंग लेकर शहर के पास वाले जंगल मे चला गया । ‌‌‌जिस बैंग मे उसने किताबे डाल ली । वहां पर जाकर उसने उस बैंग को वहां पर रख दिया और फिर वहां से चुप चाप लखनसिंह जाने का नाटक करने लगा । और जब उसे पता चला की अब उसे कोई नही देख रहा ‌‌‌है तो वह वही पर छुप गया था ।

कुछ समय बाद उसने देखा की एक आदमी वहां पर आया है जिसने उस बैग को ले लिया और वह वहां से जाने लगा है । तब लखनसिंह भी उसका पिछा करने लगा था । पिछा करते हुए वह अपने मित्र के पास चला गया जहां पर उन लूटेरो ने उसे रख रखा था ।

अपने मित्र को देख कर लखनसिंह खूश हो गया और ‌‌‌फिर सावधानी के साथ उसने अपने चारो और देखा की कितने आदमी यहां पर है । यह जान कर वह अपने मित्र को बचाने के लिए आग मे कूद पडा था ।

सावधानी के साथ लखनसिंह हर लूटेरे को बेहोस करता गया और जब दो लूटेरे बच गए तब उससे गलती हो गई । जिसके कारण से लूटेरो को पता चल गया की कोई है जो यहां पर आया है । ‌‌‌तब उन लूटेरो ने पिछे मुड कर देखा तो उन्हे एक आदमी दिखाई दिया जो उनके साथियो को बेहोस कर रहा था ।

वह आदमी लखनसिंह था । यह देख कर लूटेरे लखनसिंह पर प्रहार करने लगे । जिसके कारण से लखनसिंह को एक चाकू लग गया था । फिर भी उसने हिम्मत नही ‌‌‌हारी और किसी तरह से उन दोनो लूटेरो को और बेहोस कर दिया ।

आग मे कूदना मुहावरे पर कहानी muhavare par kahani

जब सभी लूटेरे बेहोस हो गए तो लखनसिंह ने अपने मित्र धनसेठ को उनके चगुल से आजाद कर कर अपने गाव ले गया । तब धनसेठ ने लखनसिंह से कहा की तुम मुझे बचाने के लिए आग मे कूद पडे अगर तुम्हे कुछ हो जाता तो ।

तब लखनसिंह ने कहा की दोस्त‌‌‌ तुम मुसीबत मे हो तो मैं तुम्हारी मदद नही करूगा ऐसा कभी हुआ है जो आज होगा । लखनसिंह की बात सुन कर धनसेठ बहुत प्रसन्न हुआ और उस दिन के बाद मे धनसेठ ने अपना सब कुछ लखनसिंह को ही मानने लगा था ।

साथ ही उसे किसी भी चिज की कमी तक नही होने देता था । इस तरह से उन दोनो मित्रो का जीवन बडी सानदार ‌‌‌से चलने लगा था । इस तरह से आप समझ गए होगे की इस मुहावरे का अर्थ जान बूझकर मुसीबत मे पडना है ।

आग में कूदना मुहावरे पर निबंध || aag mein kudna essay on idioms in Hindi

साथियों वर्तमान में जो बच्चे जन्म लेते है जिनकी उम्र 3 वर्ष से लेकर 5 वर्ष के बिच में होती है उन्हे भी यह पता होगा की अगर आग में कुदा जाएगा तो फिर जल जाएगा और इससे उन्हे काफी पीड़ा होगी । और इस बात से यह साबित होता है की जो बड़े लोग है उनको इस बारे में पहले से ही पता है ।

तो इससे साबित हुआ की सभी को यह पता है की आग में कुदने से उन पर ही मुसीबत आ जाएगा मगर फिर भी अगर कोई ऐसा करता है तो यह जान बूझकर मुसीबत मोल लेना हुआ और यही आग में कूदना है ।

दरसल दोस्तो आपने उपर यह पढा की आग मे कुदना का अर्थ क्या है ओर इसे समझा भी है । साथ ही कहानी के माध्यम से मुहावरे को समझा है तो इससे यह कह सकते हैकी आपको मुहावरा पूरी तरह से समझ में आ गया है ।

दोस्तो आग वह होती है जो की मानव को जला कर पल भर में नष्ट कर सकती है जिसके कारण सेजैसा मुहावरा कह रहा है वैसा कभी किया नही जाता है बल्की इसका अलग अ​र्थ है जो की आपने अभी पढा है ।

‌‌‌निचे कुछ मुहावरों की लिंक दी जा रही है जो बहुत ही महत्वपूर्ण है ।

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Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।