अक्ल चकराना मुहावरे का अर्थ और वाक्य व कहानी

अक्ल चकराना मुहावरे का अर्थ akal chakrana muhavare ka arth –  कुछ समझ में न आना ।

दोस्तो अक्ल जो होती है वह काफी बुद्धिमान होती है जो की अपनी बुद्धि के कारण से किसी भी तरह की समस्या को हल कर सकती है । अगर एक विद्यार्थी अच्छा पढता है तो उसकी यह बुद्धि हमेशा तेज बनी रहती है मतलब अक्ल ताक्तवर बनी होती है जो की किसी भी प्रशन का तुरन्त उत्तर दे सकती है।

मगर कभी कभार ऐसा होता है की कोई प्रशन आ जाता है जिसके उत्तर के बारे में लाख कोशिश करने के बाद भी समझ में नही आता है जैसे की गणित का कोई प्रशन है जिसका उत्तर विद्यार्थी को समझ में नही आता है। ठीक उसी तरह से अगर कोई समस्या है जिससे कैसे निकलने के बारे में समझ में न आ रहा है तो इसे ही अक्ल चकराना कहते है ।

क्योकी जब कुछ समझ में नही आता है तो अक्ल परेशान हो जाती है और ऐसी स्थिति में अक्ल अलग तरह का बरताव करती है मतलब चकराती है । तोइस तरह अक्ल चकराना मुहावरे का अर्थ कुछ समझ में न आना होता है ।

अक्ल चकराना मुहावरे का अर्थ और वाक्य व कहानी

अक्ल चकराना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग ||   use of idioms in sentences in Hindi

1.        अध्यापक के पूछे गए प्रशन को सून कर सभी बच्चो की अक्ल चकराने लगी ।

2.        गणित के प्रशन को हल करते समय महेश की अक्ल चकराने लगी ।

3.        कंचन पटवारी का एग्जाम देने गई थी, मगर एग्जाम पेपर में लिखे प्रशन को देख कर कंचन की अक्ल चकराने लगी ।

4.        एग्जाम पेपर को देख कर महेश की अक्ल चकरा गई और उसने बहुत से उत्तर गलत कर दिए ।

5.        सुरेंद्र घर के अंदर था और चारो और आग लगी हुई थी यह सब देख कर सुरेंद्र की अक्ल चकरा गई और वह चिलाने लगा, तभी किसी ने उसे बचाने के लिए कदम बढाया ।

6.        अनिता ने 10 वी कक्षा का एग्जाम दिया और घर आकार अपनी बहन को कहने लगी की आज तो प्रशनो को देख कर मेरी तो अक्ल ही चकराने लगी थी।

7.        गणित के कठिन से कठिन प्रशनो को देख कर मेरी अक्ल चकरा गई ।

8.        चुनाराम की पहेलियो के उत्तर के बारे में सोच सोच सभी की अक्ल चकरा जाती है ।

अक्ल चकराना मुहावरे पर कहानी ||  story on idiom in Hindi

दोस्तो एक बार की बात है कंचन नाम की एक लड़की हुआ करती थी जो की ज्यादा बड़ी नही थी बल्की वह तो अभी अभी 9 वी कक्षा को पास कर चुकी थी और 10 वी कक्षा में प्रवेश लिया ही था ।

मगर कंचन जो थी वह हमेशा से पढने में होशियार थी और उसकी इसी होशियारी के कारण से उसे 9 वी कक्षा में प्रथम आने का इनाम भी मिला था । अब क्योकी 10 वी कक्षा में कंचन थी तो यह कक्षा काफी कठिन होती है हालाकी कुछ बच्चे ही होते है जिनके लिए कठिन होती है सभी के लिए नही होती है ।

क्योकी जो होशियार होते है वे आसानी से भी इस कखा को भी पास कर लेते है। मगर कंचन जो थी वह भी इस कक्षा में अध्ययन कर रही थी और अपने आप को काफी होशियार मानती जा रही थी ।

दरसल कंचन जब भी स्कूल जाती थी तो वह पढने में हमेशा मन लगाती थी और स्कूल में समय समय पर टेस्ट होते थे जिनके अंदर कंचन हमेशा भाग लेती थी और प्रथम आती थी । इस कारण से अध्यापको  को लगने लगा था की इस बार हमारी स्कूल में 10 वी कक्षा में कंचन ही प्रथम आने वाली है ।

मगर अध्यापको ने उसकी कमजोरी की और ध्यान नही दियाथा । दरसल वह हमेशा से गणित विषय में कमजोर रही थी इस कारण से वह गणित विषय में सबसे कम नम्बर बना पाती थी मगर वह इससे काफी खुश थी ।

घर में उसकी बड़ी बहन थी जो की पढी लिखी थी और वह इस बारे में जानती थी की कंचन के लिए इस बार 10 वी कक्षा में पास होना आसान है मगर गणित विषय में कम नम्बर बनेगे इस कारण से पहले से ही कंचन क बहन ने उसे पढना शुरू कर दिया था और कंचन भी होशियार थी बहन के पढाने के कारण से वह आराम से पढा करती और ज्ञान हासिल किया करती थी ।

जिसके कारण से धिरे धिरे वह गणित विषय में भी होशियार बनती जा रही थी । अब स्कूल में पूरी कक्षा के अंदर कंचन ही एक ऐसी थी जो की होशियार थी और सबसे ज्यादा नम्बर बनाती थी ।

मगर इससे कुछ फर्क नही पड़ता है जब तक की 10 वी कक्षा के एग्जाम को पास न किया जाए और सबसे ज्यादा अंक हासिल न किया जाए । अब कुछ ही दिनो के बाद में अध्यापको ने सभी को कहा की अगले महिने आप सभी के 10 वी कक्षा के एग्जाम शुरू हो रहे है तो जम कर तैयारी शुरू कर दो ।

मगर बच्चो का क्या था वह तो पहले की तरह ही पढा करते थे और कंचन की बहन ने इस बात को शिरियस लिया और अपनी बहन को गणित विषय अच्छी तरह से पढाने लगी थी ।

मगर समय बितता गया और अब एग्जाम शुरू हो गए थे। अब सभी एक एक कर कर अपने एग्जाम देते जा रहे थे और जिस दिन गणित विषय का एग्जाम था तो कंचन अच्छी तरह से अध्ययन कर कर गई थी । ताकी वह अच्दे अंक हासिल कर सके ।

मगर परिक्षा हॉल में जाकर जब कंचन ने एग्जाम पेपर को देखा तो उसकी अक्ल चकरा गई और उसे समझ में नही आया की किस प्रशन का उत्तर कैसे निकालना है । मगर फिर भी कंचन ने हार नही मानी और इसी तरह से पूरे एग्जाम को दे दिया ।

अक्ल चकराना मुहावरे का अर्थ

अब सभी बच्चे एक साथ अपने घर आ गए और कंचन भी अपने घर आ गई । जैसे ही कंचन घर में पहुंची तो उसकी बहन ने पूछा की पेपर कैसा हुआ । तब कंचन ने कहा की आज का एग्जाम तो काफी ठिन था प्रशनो को देखते ही मेरी अक्ल चकरा गई ।

और यह सुन कर कंचन की बहन को लगा की वह पास तक न हो सकेगी मगर ऐसा नही हुआ जब रिजेल्ट आया तो पूरी स्कूल में कंचन के ही गणित विषय में और बाकी विषय में ज्यादा अंक मिले थे मतलब वह प्रथम आई थी ।

तो इस तरह से कंचन 10 वी कक्षा में प्रथम आ गई थी।

दोस्तो कहानी से आप अक्ल चकराना मुहावरे के अर्थ के बारे में समझ सकते है की इसका अर्थ होता है कुछ समझ में न आना ।

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Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।