रंगा सियार होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग idiom meaning in hindi

रंगा सियार होना मुहावरे का अर्थ ranga siyar hona muhavare ka arth – धोका देने वाला

दोस्तो जब कोई व्यक्ति ऐसा हो जो आसानी से किसी पर भी भरोसा कर लेता है । और कभी कभी कुछ व्यक्ति ऐसे लोगो को धोका भी दे सकते है । धोका किसी भी काम मे दिया जा सकता है । इस तरह से जब कोई ‌‌‌व्यक्ति धोका देने वाला होता है तो उसे रंगा सियार होना कहा जाता है । इस तरह से इस मुहावरे का अर्थ धोका देने वाला होता है ।

रंगा सियार होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

रंगा सियार होना मुहावरे का वाक्य मे प्रयोग Use in sentence idiom meaning in hindi

  • आजकल किसी पर भी भरोषा नही करना चाहिए क्योकी ज्यादातर लोग रंगा सियार ही होते है ।
  • इस दुनिया मे रंगा सियार लोगो की कमी ‌‌‌थी क्या जो यह ओर ऐसा बन गया ।
  • राजेश तो रंगा सियार निकला वह लोगो को लूट कर भाग गया ।
  • अगर तुमने मेरी बात नही मानी तो एक दिन यही रंगा सियार लोग तुम्हे लूट लेगे ।
  • प्रताब रंगा सियार थोडे है उस पर आप विश्वास कर सकते हो ।
  • पता नही तुम भी रंगा सियार निकलो मैं कैसे यकिन करू की तुम सही हो ।
  • ‌‌‌निलम पर भरोसा कर कर मैंने उसे एक लाख रूपय दिए थे पर वह तो रंगा सियार निकली अब मेरे पैसे वापस नही दे रही है ।
  • सेठ ने गाव के लोगो के घर बार सब हडप लिए तब जाकर गाव के लोगो को पता चला की यह तो रंगा सियार है और हम इससे मदद माग रहे थे ।
  • पैसे तो हमसे लेते हो और काम किसी और का करते हो ‌‌‌इस तरह से धोका देने वाले लोगो को रंगा सियार होना कहा जाता है ।

‌‌‌रंगा सियार होना मुहावरे पर कहानी Idiom story

प्राचिन समय की ‌‌‌बात है किसी नगर मे एक सेठ रहा करता था । उस सेठ के घर मे सेठ के अलावा उसकी पत्नी ही रहा करती थी । सेठ की कोई संतान नही थी । फिर भी सेठ अपने जीवन मे खुश था । सेठ के पास पैसो की कोई कमी नही थी । वह लोगो की मदद करता ही रहता था ।

जिसके कारण से लोगो को भी पता चला की सेठ बहुत ही अच्छा आदमी है । ‌‌‌सेठ लोगो की मदद करता था पर उन लोगो की मदद करता जिनको मदद की जरूरत होती थी । वरना आज के समय मे पैसे किसको नही चाहिए ।

सेठ को यह पता था की पैसे के लिए लोग मदद का बहाना भी बना लेते है इस कारण से सेठ उसके बारे मे जानता ‌‌‌जिसको वह पैसे देता था । तब जाकर सेठ उसकी मदद करता था । ताकी उसका पैसा किसी ‌‌‌को गलत राह पर न ले जाए ।

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सेठ के पिता के पिताजी दो भाई थे । या यह कह सकते है की सेठ के पिताजी का एक चाचा था । सेठ के पिताजी के चाचा के दो लडके थे और उन दोनो लडको के तिन तिन लडके थे । और सेठ के कोई लडका नही था इस कारण से सेठ उन छ लडको मे से एक लडके को अपने पास रखने लगा और उससे कहा की आगे जो भी ‌‌‌मेरा पैसा होगा वह तेरा होगा ।

सेठ ने जिसे अपने पास रखा था उसका नाम नटवर प्रसाद था । नटवर पैसो का बहुत लालची था । इस बारे मे सेठ को पता नही था ‌‌‌इसी कारण से उसने उसे ही अपने पास रखा था । इस तरह सेठ के पास रहते हुए नटवर को तिन महिने ही बिते थे की सेठ का सारा काम काज वही देखने लगा था ।

इस तरह से ‌‌‌सेठ का काम करते रहने के कारण से गाव के लोगो को भी पता चल गया की सेठ ने नटवर प्रसाद को गोद ले लिया है । और अब वह सेठ का ही बेटा है जिससे गाव के लोग भी नटवर को इज्जत देने लगे थे । यह सब देखकर नटवर को बहुत ही अच्छा लगता था ।

पर गाव के लोग जब सेठ के पास जाकर मदद मागते तो सेठ उन्हे पैसे दता यह ‌‌‌बात ‌‌‌नटवर को बहुत ही बुरी लगती थी । साथ ही नटवर को यह भी पता चला की सेठ के पैसे लेकर गाव के लोग उसे वापस भी नही देते है ।

इस कारण से नटवर को लगने लगा की सेठ के पास जितने भी पैसे है वह सब यह गाव के लोगो को दे देगा । एक दिन की बात है जब नटवर अपने भाईयो के साथ इस बारे मे बात कर रहा था । तो उसके भाईयो ‌‌‌ ‌‌‌ने उससे कहा की तुम सेठ को पैसे देने से मना कर दो ।

तब नटवर ने कहा की अगर मैंने ऐसा कहा तो सेठ मुझे अपने पास नही रखेगा । तब नटवर ने मन ही मन मे सोचा की वह सेठ का नाम लेकर गाव के लोगो को वापस लूटेगा ।

इसी सोच के साथ एक बार नटवर गाव के लोगो के पास गया और गाव के लोगो से कहा की सेठ ने आप लोगो की मदद की ‌‌‌है और आज सेठ की मदद करने का समय आ गया है। आप लोगो के पास जितना भी पैसा है और अपने घर ‌‌‌के कागजात सेठ को दे दो ताकी वह इन्हे काम मे ले सके और फिर आपकी उससे मदद हो जाएगी ।

जब गाव के लोगो ने उसकी बात नही मानी तो एक दिन सेठ ने लोगो से कहा की यह जो कह रहा है उसकी बात मान लो । इतना सुनते ही गाव के‌‌‌ लोगो को लगा की सेठ ही हमसे मदद माग रहा है । पर वे अपने मुह से इस बारे मे बात नही कर सकते ।

क्योकी उन्होने हमारी इतने वर्षो तक मदद की थी । ‌‌‌ऐसा सोच कर गाव के लोगो ने अपने पास जो भी था वह सब नटवर को दे दिया था । ‌‌‌जिसमे गाव के लोगो की जमीन के कागजात थे । जमीन के कागजात लेकर अगले ही दिन नटवर शहर चला गया और वहां पर जाकर किसी को जमीन बेच दी ‌‌‌जिसके बदले उसे बहुत रूपय मिले ।

जितने तो उसे सेठ के पास रहने पर भी नही मिलते थे । जमीन बिक जाने के कारण से शहर के लोग गाव मे आए और लोगो को वहां से जाने के लिए कहा । तब लोगो ने कहा की यह जमीन हमारी है हम यहां से कही नही जाएगे ।

तभी वहा पर सेठ आ गया और सेठ ‌‌‌को देखकर गाव के लोग कहने लगे की सेठजी ‌‌‌आपने जो हमसे जमीन के कागजात लिए थे वह इन लोगो को दिखाओ ताकी इन्हे पता चल जाए की यह जमीन हमारी है ।

इतना सुन कर सेठ कहने लगा की मैंने कब लिए थे । यह सुन कर गाव के लोगो को लगा की सेठ तो रंगा सियार है पहले हमसे जमीन माग ली और अब कब दी थी ऐसा कह रहा है ।

तब गाव के लोगो ने उच्ची आवाज मे बात की ‌‌‌और उसे सारी बात बाताई तब सेठ ने कहा की नटवर कहा है । तब गाव के लोगो ने कहा की यह तो आपको ही पता होगा । जब नटवर प्रसाद पूरे गाव मे नही मिला तो सेठ को पता चल गया की नटवर ने ही मेरा नाम लेकर इन लोगो को लूटा है ।

तब सेठ ने गाव के लोगो से कहा की नटवर ही रंगा सियार निकला ‌‌‌जो आप लोगो की जमीन लूट कर ‌‌‌भाग गया । पर गाव के लोगो को अब सेठ की बातो पर विश्वास नही हो रहा था । इस कारण से सेठ ने अपने पास जो भी था वह उन शहर के लोगो को दिया और कुछ लोगो की जमीन छुटा ली थी ।

‌‌‌रंगा सियार होना मुहावरे पर कहानी Idiom story

साथ ही सेठ ने उन लोगो से कहा की आपको इस गाव की जमीन किसने बेची है ‌‌‌उसका नाम गाव के लोगो को बता दो । तब जाकर उन लोगो ने नटवर का नाम ‌‌‌लिया था । इस तरह से फिर गाव के लोगो को पता चला की नटवर ही रंगा सियार है जो हमारी जमीन लूट कर फरार हो गया है । पर अब क्या हो सकता था ।

इस कारण से गाव के लोग फिर अपने हाल पर जिने लगे थे और सेठ भी अब रास्ते पर आ गया था । इस तरह से आप लोगो को इस मुहावरे का अर्थ समझ मे ‌‌‌आ गया होगा ।

रंगा सियार होना मुहावरे पर निबंध || ranga siyar hona essay on idioms in Hindi

दोस्तो आज का एक ऐसा समय हो चुका है की हम किसी पर भी भरोषा नही कर सकते है । क्योकी सभी कहानी की तहर हो सकते है क्योकी हम किसी के मन के अंदर से तो निकलते नही है की हमे पता चल जाए की सामने वाला व्यक्ति कैसा है ।

इस कारण से हमें यह समझना चाहिए की हमे कोई भी धोका दे सकता है । इस कारण से किसी को भी ऐसा कुछ बताना तक नही चाहिए जिसके कारण से हमे नुकसान हो सकता है ।

हालाकी ऐसा सभी लोग तो नही करते है मगर कुछ करते है जिसके कारण से हमे ऐसा करना होगा ।

जैसे की बहुत बार देखा गया है की जिस मित्र को हम अपना अच्छा मित्र मानते है कई बार वही हमे धोका दे देता है और मित्र के द्वारा दिया गया धोका सबसे बड़ा घातक होता है ।

मगर चाहे कोई भी धोका दे या यह कहे की जो भी धोका देने वाला है उसे ही रंगा सियार कहते है और यह कहानी से आपने समझ लिया है ।

ranga siyar hona muhavare ka arth – धोका देने वाला ।

‌‌‌निचे बेस्ट हिंदी मुहावरे दिए गए है जो ज्यादातर प्रयोग मे आते है ।

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Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।