बाट जोहना मुहावरे का अर्थ व कहानी और वाक्य मे प्रयोग

बाट जोहना मुहावरे का अर्थ baat johna muhavare ka arth – प्रतीक्षा करना

दोस्तो आप लोगो को पता ही होगा की जब कोई अपना किसी के पास आता है या फिर जब कोई अपना कही चला जाता है तो उसके आने की प्रतीक्षा हर कोई करने लग जाता है । उसी तरह से जब कोई व्यक्ति किसी के आने की ‌‌‌प्रतीक्षा करने लग जाता है ‌‌‌तो इसे ही बाट जोहना कहा जाता है यानि इसका अर्थ प्रती़क्षा करना होता है ।

बाट जोहना मुहावरे का अर्थ व कहानी और वाक्य मे प्रयोग

बाट जोहना मुहावरे का वाक्य मे प्रयोग Use in sentence

  • ‌‌‌हिंदु बहुत लम्बे समय से राम मंदिर बनाने के लिए बाट जोहते रहे आखिर राम मंदिर बनने का काम शुरु हो ही गया ।
  • बेटा पढने के लिए शहर गया था और गाव मे मां उसके आने के लिए बाट जोहती है ।
  • लडाई मे गए राजा के आने के लिए रानियां बाट जोहती रहती थी ।
  • मै तुम्हारे आने का कब से बाट जोह रहा हूं ‌‌‌और तुम आज आए हो ।
  • मुझे पता नही क्या तुम मेरे आने के लिए कब से बाट जोह रही हो ।
  • माफ करना भाई मुझे पता है की तुम मेरे आने के लिए बाट जोह रहे थे पर आने के लिए समय नही मिला ।
  • महेश राजेश के आने के लिए बाट जोह रहा है ।
  • यह आज शुबह शुबह किसके लिए बाट जोह रहा है ।
  • ‌‌‌तुम मेरे आने के लिए बाट मत जोहना मै आज लेट आउगा तुम भोजन कर लेना ।

बाट जोहना मुहावरे पर कहानी Idiom story

एक समय की बात है किसी गाव मे सरला नाम की एक औरत रहा करती थी । उसके घर मे उसका पति और उसका एक बेटा था । सरला बहुत ही शांत स्वभाव की थी पर जब भी उसे पता चलता की आज कोई उसके घर मे आ रहा है तो वह उसके आने की प्रतीक्षा करने लग जाती थी ।

प्रतीक्षा करते हुए वह बार बार ‌‌‌अपने दरवाजे की तरफ देखने लग जाती थी । सरला का पति इतना गरीब तो था नही की उनके घर मे कुछ भी न मिले पर इतना अमीर भी नही था की उसके घर मे पैसो की बरसात होती रहे । कहने का अर्थ है वह आराम से अपना पेट भर लेते थे ।

बखिया उधेड़ना मुहावरे का मतलब, कहानी व वाक्य मे प्रयोग

फूट फूट कर रोना मुहावरे का मतलब, वाक्य व कहानी

बगुला भगत मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

मन मसोस कर रह जाना का अर्थ, वाक्य मे प्रयोग

शेखी बघारना मुहावरे का मतलब और वाक्य व कहानी

सरला का पति काम करने के लिए शहर जाया करता था और वहां पर काम कर कर पैसे कमा कर अपने ‌‌‌घर आता था । हालाकी उसके पास खेत भी था पर अपने खेत मे वह एक ही फसल उगाता था । बाकी समय वह मजदुरी करने के लिए शहर ही जाता था । क्योकी गाव मे काम नही मिलता था ।

इस तरह से कमाने के साथ साथ सरला के पति ने अपने बेटे को बहुत पढाया था । जिसके कारण वह इतना पढलिख लिया की गाव के लोग भी इतना नही पढे ‌‌‌थे । एक बार की बात है जो भी लोग पढे लिखे थे उन्हे नोकरी मिल रही थी । तब इस बारे मे सरला को पता चला तो उसने अपने बेटे को भी नोकरी करने को कह दिया था ।

अपनी माता के कहने के कारण वह खुश होकर नोकरी करने के लिए अपना नाम लिखाने के लिए शहर चला गया था । उस समय जो भी सबसे ज्यादा पढा लिखा था उसे ‌‌‌सबसे अच्छी नोकरी मिलती थी । इस कारण से सरला के बेटे को भी अच्छी नोकरी मिल गई थी । गाव के अन्य लोग भी नोकरी करने के लिए नाम लिखवार आ गए थे ।

पर उनमे से सबसे उपर सरला का बेटा ही था । इस कारण से गाव के सभी लोग सरला के आस पास हो गए थे ताकी उनका बेटा किसी और को नोकरी लगाने मे मदद कर दे । कुछ ही ‌‌‌दिन बिते थे कि उन सभी लडको को नोकरी करने का नोटिस मिला । जिसमे लिखा था की आप सभी शहर आ जाओ आप लोगो को कुछ दिनो के लिए काम करने के बारे मे बताया जाएगा ।

नोटिस पा कर सरला के बेटे के साथ साथ अन्य लडके भी वहां पर पहुंच गए थे । वहां पर पहुंच जाने के कारण उन लोगो ने दो दिन तक सभी लडको को काम ‌‌‌कैसे किया जाता है इस बारे मे जानकारी दी । दो दिन बित जाने के बाद उन लोगो ने सभी लडको से कहा की आप तिन दिन के बाद नोकरी करने के लिए आ जाना आपमे से जो भी सबसे ज्यादा पढा लिखा है

उसे ज्यादा दूर काम करने के लिए जाना होगा साथ ही उसे पैसे भी बहुत मिलेगे । इतना कह कर उन लोगो ने ‌‌‌सभी लडको को घर ‌‌‌भेज दिया था । जब सराला का बेटा घर पहुंचा तो उसे पता चला की उसकी मां उसके आने के लिए बाट जोह रही थी । तब सरल के बेटे ने अपने माता पिता को सारी बाते बता दी थी ।

तब सरला ने अपने बेटे को नोकरी करने के लिए कह दिया था । तिन दिन रहने के बाद सरला ने अपने बेटे का तैयार कर कर नोकरी करने के लिए भेज ‌‌‌दिया था । जब वह शहर गया तो उसे पता चला की उसे अपने गाव से काफी दूर जाना होगा पर उसने सोचा की अगर वह नोकरी कर लेगा तो उसे बहुत पैसे मिलेगे ।

इस कारण से वह नोकरी करने के लिए शहर से काफी दूर चला गया था । कुछ दिन वहां पर काम करने के बाद सरला के बेटे ‌‌‌का काम करने मे मन लग गया था । धिरे धिरे समय बित गया और अब सरला के बेटे को काम करते हुए एक वर्ष होने को था ।

तभी दिपावली आ गई थी इस कारण से जो भी लोग काम करते थे उनकी कुछ दिनो की छुट्टी हो गई थी । तब सरला के बेटे ने कुछ और छुट्टी ली ‌‌‌और अपने घर की ‌‌‌ओर जाने लगा था । गाव मे सरला कब से अपने बेटे के ‌‌‌लिए बाट जोह रही थी । इस बारे मे सरला के बेटे को पता नही था ।

साथ ही अब दिपावली आ गई है इस कारण से मेरा बेटा घर आएगा ऐसा सोच कर सरला उसके आने के लिए बाट जोहने लगी थी । तब सरला के पति ने उससे कहा की वह आ जाएगा तुम कितने दिनो से उसकी प्रतीक्षा कर रही हो । अगर इतना ही लगाव था तो उसे जाने क्यो ‌‌‌दिया ।

तभी सरला के घर एक आदमी आया और उसने उन्हे लेटर दिया था । जिसमे लिखा था की मां बापूजी मै आज आपके पास आ जाउगा । लेटर पा कर सरला बहुत ही खुश हो गई थी और अपने दरवाजे पर ही बैठ गई थी । रात होने को थी पर सरला अभी भी उसके आने की प्रतीक्षा कर रही थी ।

बाट जोहना मुहावरे पर कहानी Idiom story

तभी सरला का बेटा अपने घर आ गया था । ‌‌‌बेटा घर आ जाने के कारण सरला बहुत ही खुश हो गई थी । तभी सरला के पति ने अपने बेटे से कहा की बेटा कहा पर रह गए थे । तुम्हारी मां कब से तुम्हारे लिए बाट जोह रही थी । तब उसने कहा की पिताजी अब ही काम से छुट्टी मिली है ।

ऐसा कहने के बाद सरला के बेटे ने अपने माता पिता को मिठाईया दी‌‌‌, कपडेलते दिए‌‌‌, साथ ही ‌‌‌जो पैसे कमाए थे वे भी दिए । ‌‌‌इसके बाद वे सुख दूख की बाते करने लगे थे । इस तरह से आप तो समझ गए होगे की बाट जोहना मुहावरे का अर्थ प्रतीक्षा करना होता है ।

बाट जोहना मुहावरे पर निबंध || baat johna essay on idioms in Hindi

साथियों baat johna एक मुहावरा है जिसके बारे मे आपने अभी उपर काफी कुछ पढा है । शायद आपने उपर जो कहानी दी गई है उसे भी पढा होगा । तो आपको बता दे की आप इस कहानी के माध्यम से मुहावरे को समझ लिए होगे ।

जैसे की आपको पता है की baat johna पर जो कहानी थी उसमें बताया गया था की सरला का बेटा जब दिपावली के समय काम से घर आ रहा था तो पहले ही पत्र घर भेज देता है जिसके कारण से सरला जो थी अपने बेटे के आने की प्रतिक्षा करने लग जाती है ।

कहानी में यह साफ पढने को मिल रहा है साथ ही कहानी में जब सरला का बेटा घर आता है तो सरला का पति सरला के लिए कहता है की यह कब से baat joh रही थी ।

और क्योकी कहानी में समझ में आया की सरला तो बेटे के आने की प्रतिक्षा कर रही थी तो इसका मतलब हुआ की baat johna muhavare ka arth – प्रतीक्षा करना होता है ।

‌‌‌ नीचे जिन मुहावरों की लिंक दी जा रही है वे अकसर लोग जानना चाहते है और महत्वपर्ण भी है ।

नाकों चने चबाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

नाक में दम करना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

दाल न गलना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

कमर कसना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

अपनी खिचड़ी अलग पकाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

हाथ साफ करना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

होश उड़ जाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

ऊंट के मुंह में जीरा मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

सिर चढ़ाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

लोहा मानना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

आँखें चुराना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

आंखों में खटकना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

आँखें चार होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

आँख भर आना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

अंगारे बरसना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

अंगारों पर पैर रखना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

उड़ती चिड़िया पहचानना मुहावरे का अर्थ व वाक्य मे प्रयोग

उल्टी गंगा बहाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग

आसमान से बातें करना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

आँखें दिखाना मुहावरे का अर्थ व वाक्य मे प्रयोग

खाक में मिलना मुहावरे का अर्थ व वाक्य मे प्रयोग

‌‌आँखों का तारा मुहावरे का अर्थ व वाक्य मे प्रयोग

कान भरना मुहावरे का अर्थ व वाक्य मे प्रयोग

अपना उल्लू सीधा करना मुहावरे का अर्थ व वाक्य मे प्रयोग

चिराग तले अंधेरा होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग

अक्ल पर पत्थर पड़ना मुहावरे का अर्थ व वाक्य मेप्रयोग

हृदय भर आना मुहावरे का अर्थ व वाक्य मे प्रयोग

‌‌‌ अपने मुँह मियाँ मिट्ठू बनना मुहावरे का अर्थ व वाक्य मे प्रयोग

पानी में आग लगाना मुहावरे का अर्थ व वाक्य मे प्रयोग

Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।