दिमाग होना मुहावरे का अर्थ क्या है और कहानी

दिमाग होना मुहावरे का अर्थ dimag hona muhavare ka arth – बुद्धिमान होना ।

दोस्तो यह तो सभी को मालूम होता है की दिमाग को बुद्धिमान के रूप में जाना जात है । क्योकी जो व्यक्ति बुद्धिमान होता है उसी के पास दिमाग है यह कहने को मिल जाता है । साथ ही कभी कभार ऐसा भी सुनने को ‌‌‌भी मिलता है की जिसके पास दिमाग नही होता है उसे मुर्ख कहा जाता है । इन बातो से यह समझ में आता है की दिमाग होना मुहावरे का अर्थ बुद्धिमान होना होता है ।

दिमाग होना मुहावरे का अर्थ क्या है और कहानी

दिमाग होना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग

  • कंचन हर बार अपने विधालय में प्रथम आती है लगता है की उसके पास दिमाग है ।
  • रिया का विवाह हो जाने ‌‌‌बाद पता चला की उसके पास दिमाग तक नही है ।
  • कालूराम का लडका 7 वर्ष का है मगर बाते बडी समझदार करता है इसे ही दिमाग होना कहते है ।
  • जब गाव के मुखिया को पूलिस बेवजह पकड कर ले जाने लगी तो ‌‌‌महेश आ गया और कानूनी बाते कर कर मुखिया को छुटाकर साबित कर लिया की मेरे पास दिमाग है ।
  • पार्वती इतनी अधिक बुद्धिमान है की वह कठिन काम भी बडी आसानी से कर देती है यही कारण है की लोग कहते है की पार्वती के जैसा दिमाग किसी के पास नही है । 
  • ‌‌‌पन्नालाल मुर्ख जैसा देखने में ही लगता है मगर उसके पास दिमाग है ।
  • साधू का शिष्य पन्नालाल मुर्ख की तरह बरताव करता था मगर एक दिन साधू को पता चला की उसके सभी शिष्य मे से पन्नालाल के पास बढकर दिमाग है ।

‌‌‌दिमाग होना मुहावरे पर कहानी (मुर्ख राजा और ज्ञानी किसान)

दोस्तो प्राचीन समय की बात है किसी नगर में एक बहुत ही मसुर राजा रहा करता था जो अपने ज्ञान के कारण से दूनिया में पहचाना जाता था । लोग कहते थे की उसके जैसा ज्ञानी आदमी आस पास देखने को तक नही मिल सकता है । राजा को अपने ज्ञान के कारण से बहुत‌‌‌ ही अधिक घमंड आ जाता था ।

मगर कोई भी राजा का सामना करने की ‌‌‌सोचता तक नही था । यहां तक की अगर राजा को कुछ कार्य के लिए किसी प्रकार की साहयता चाहती तो लोग उसे करने से पिछे नही हठते थे । क्योकी एक तो राजा ज्ञानी था दूसरा की वह नगर का राजा था जिसके कारण से उसे मना कैसे किया जा सकता है ।

इसके ‌‌‌साथ ही राजा को अपने राजकार्यो के लिए लोगो की जमीन चाहिए थी क्योकी वे ऐसी जमीन की तलाश में हमेशा ही रहते थे जहां पर कुछ अनोखा कार्य किया जा सके । मगर राजा को अपने नगर में यह देखने को तक नही मिला था ।

मन न लगना मुहावरे का अर्थ और वाक्य

लार टपकना मुहावरे का अर्थ और वाक्य व एक कहानी

जी की कली खिलना का अर्थ और वाक्य

मुँह लटकाना का अर्थ और वाक्य में प्रयोग

धावा बोलना मुहावरे का अर्थ और वाक्य में प्रयोग

इसी तरह से एक बार की बात है राजा अपने नगर में जमीन की तलाश में भ्रमण कर रहे थे की उसने एक ‌‌‌किसान को देखा जो काफी अधिक मेहनत कर रहा था  मगर तभी राजा की नजर उस जमीन पर पडी तो राजा ने देखा की चारो और सुंदर सुंदर पेड पौधे है और किसान का खेत एकदम समतल है ।

राजा ने यह देख कर सोचा की अगर यहां पर मैं अपना विश्राम ‌‌‌घर बनाउगा तो बहुत ही अच्छा रहेगा । क्योकी सुंदर सुंदर पेड पौधो के कारण से ‌‌‌मेरा मन खिल उठेगा और मेरी थकावट पल भर में दूर हो जाएगी । साथ ही राजा ने सोचा की मोज मस्ती के लिए भी यहां पर अपने मित्रो साथ समय बिता सकता हूं ।

क्योकी महारानी तो यहा पर आ नही पाएगी और वह मुझे मना भी नही कर पाएगी । ऐसा सोच कर राजा ने उस किसान को अपने पास बुलाने को कुछ सेनिको को भेज दिया । ‌‌‌तब कुछ सेनिक किसान के पास गए और उससे कहा की अरे किसान तुम्हे हमारे राजा बुला रहे है । तब किसान ने कहा की महाराज मुझे क्यो बुला रहे है ।

यह सुन कर किसान ने कहा की प्रशन मत कर और हमारे साथ चल । क्योकी किसान से सेनिक अच्छी तरह से बात नही करे रहे थे तो किसान को समझ में आ गया की कुछ न कुछ ‌‌‌गलत होने वाला है । यह सोच कर किसान सेनिको के साथ राजा के पास ‌‌‌चला गया । जैसे ही किसान राजा के पास पहुंचा तो बोला की महाराज आपने मुझे क्यो बुलाया है ।

तब राजा ने कहा की हे किसान मुझे तुम्हारी जमीन बहुत ही अच्छी लगी है और मैं यहां पर विश्राम घर बनाने जा रहा हूं तो तुम कही और जमीन ले ले । तब ‌‌‌यह सुन कर किसान ने सोचा की अभी तो वर्षा का समय है अगर फसल नही उगई तो इस बार ‌‌‌मेरे पास अन्न न होगा । साथ ही किसान ने एक नजर खेत की तरफ देखा और कहा की महाराज नही हो सकता ।

जब राजा ने किसान के मुंह से यह सुना तो राजा को क्रोध आ गया और उसने किसान से कहा की अगर सीधी तरह से मानते हो तो मान जाओ वरना ‌‌‌जमीन छिन ली जाएगी । तब किसान ने अपना दिमाग का उपयोग किया और कहा की महाराज इसके बदले में मुझे भी कुछ चाहिए ।

तब राजा ने सोचा की पैसे माग लेगा तो राजा ने कहा की जो मागोगे वह मिलेगा । तब किसान ने कहा की माहाराज मेरी जमीन के बराबर मुझ कही ओर जमीन मिल जाए तो अच्छा रहेगा क्योकी मेरा एक मात्र ‌‌‌काम खेती का है जो की करना भी बहुत जरूरी होता है क्योकी खेती होने पर ही हम अन्न खा कर पेट भर सकते है और उसका कुछ भाग आप जैसे महान लोगो को दे देते है तो हमे लगता है की हम अपने भगवान को कुछ दे रहे है ।

इस तरह से राजा ने किसान के मुंह से अपने आप को भगवान कहते हुए सुना तो राजा मन ही मन खुश हो गया । ‌‌‌अब किसान और कह रहा था की अगर भगवान कुछ हमसे मागता है तो हमे दे देना चाहिए क्योकी यह सब उनका ही तो है अगर वे ही हमारे भगवान नही रहेगे तो हम किसकी पूजा करेगे । ऐसा ही महाराज आप हमारे भगवान हो ।

‌‌‌दिमाग होना मुहावरे पर कहानी (मुर्ख राजा और ज्ञानी किसान)

यह सुन कर राजा बडा ही खुश हो गया और किसान से कहा की तुम जहां चाहते हो वहां जमीन मिल जाएगी । ‌‌‌तब किसान सोचने लगा की अगर राजा बादमे अपनी बात से पलट गया तो क्या होगा । इस कारण से किसान ने राजा से कहा की महाराज आप कुछ कागजातो पर मेरे साईन अभी ले लो ।

क्योकी जो काम होना है वह समय पर हो जाए तो अच्छा रहता है जिस तरह से भगवान की पूजा समय पर होती है । ‌‌‌किसान की यह बात सुन कर राजा और अधिक खुश हो रहा था क्योकी उसे लग रहा था की किसान उसे भगवान कह रहा है जिसके कारण से राजा ने अपने सेनिको से दो पेपर मगवाए एक अपने लिए दूसरा किसान के लिए और किसान से उसके साई‌‌‌न करवाते हुए लिखवा लिया की यह खेत राजा साहब का है ।

साथ ही राजा ने किसान से पूछा की ‌‌‌अब तुम जमीन कहा लेना चाहते हो तब किसान ने कहा की महाराज अगर नदी किनारे मिल जाए तो मैं समझूगा की आपने मुझे 100 गुना अधिक दिया है । तब राजा को लगा की बात तो सही है क्योकी मैं इतना अधिक धनवान हुं । अगर एक छोटे से किसान से कुछ लेता हुं तो उसे अधिक देना चाहिए ।

तब राजा ने कहा की ठिक है और ‌‌‌ऐसा कहते हुए अपने सेनिको से कहा की वहां पर किसकी जमीन है । तब सेनिको ने बताया की वहां पर मंत्री साहब की जमीन है । यह सुन कर राजा ने बडी आसानी से पेपर पर लिख दिया की आज से वह जमीन तुम्हारी यानि किसान की है और निचे अपने साईन कर दिए । इस तरह से फिर किसान ने राजा के पेरो मे गिर कर उनका ‌‌‌धन्यवाद किया ।

इस तरह से फिर किसान वहां से अपने घर चला गया और राजा महल की तरफ । मगर जैसे ही किसान अपने घर पहुंचा तो आस पास के लोगो को बताया कि राजा साहब ने उसे नदी किनारे जमीन दी है । साथ ही इसका प्रूफ लोगो को राजा साहब का पत्र लिखा हुआ दिखा दिया ।

जिसके कारण से लोगो में यह बात हवा की तरह ‌‌‌फैल गई । इसी तरह से जब राजा महल पहुंचा तो उसने मंत्री से कहा की मैं तुम्हारी जमीन किसी और को देकर आया हू और तुम उसके बदले धन ले लेना ।

राजा की बात का मंत्री कभी भी विरोधन नही कर सकता था । जिसके कारण से मंत्री ने कहा की महाराज आप जो करते हो वह अच्छा ही करते हो मगर आपने इस बार बदले में तो कुछ ‌‌‌लिया होगा । तब राजा ने कहा की मैंने एक जमीन ली है और इस तरह से फिर उस जमीन व किसान के बारे में मंत्री से कहा ।

जिसे सुन कर मंत्री कुछ डर गया और राजा से फटाक से पूछा की आपने मेरी कोनसी जमीन दी है उस किसान को । तब राजा ने कहा की नदी किनारे की । यह सुन कर मंत्री चौक गया और राजा से कहा की महाराज ‌‌‌आपने लगता है की सही नही किया है ।

यह सुन कर राजा ने कहा कैसे नही वह किसान मुझे भगवान मानता है तो उसकी भी इच्छा पूरी करना मेरा भी कर्तव्य ‌‌‌हुआ की नही । तब मंत्री ने कहा की महाराज उस किसान के पास दिमाग है । यह सुन कर राजा ने कहा की उसके पास मेरे से अधिक दिमाग थोडे है ।

तब मंत्री ने राजा से ‌‌‌कहा की आप मेरे साथ चलिए । इस तरह से राजा और मंत्री किसान की जमीन पर गए तो उन्होने देखा की जमीन बहुत ही खराब थी और वहां पर पानी की बहुत ही कमी रहती थी । जिसके कारण से फसल अधिक नही हो सकती है । जब इस बारे में राजा को बताया तो राजा को समझ नही आया ।

तब मंत्री राजा को अपनी जमीन पर लेकर गया और ‌‌‌कहा की यहां पर जमीन बहुत ही अच्छी है और पानी की कोई कमी नही है जिसके कारण से अच्छी से अच्छी फसल बडी आराम से हो सकती है । यह देख कर राजा को समझ में आया की किसान ने उसे चालाकी दिखाई और यह जमीन माग ली ।

तब राजा ने अपने कुछ सेनिको को बुलाया और किसान को बुलाने के लिए भेज दिया । जब सेनिक ने ‌‌‌किसान को पकड कर राजा के पास लेकर आए तो किसान ने राजा से कहा की महाराज यह क्या आप इस तरह से मुझे क्यो पकड कर लेकर आ रहे हो ।

तब राजा ने कहा की किसान तुमने मुझे चालाकी दिखा कर यह जमीन हडपी है इस कारण से तुम्हे अब कुछ नही मिलेगा । यह सुन कर किसान जोरो सोरो से हंसने लगा और कहा की महाराज आपने ‌‌‌यह जमीन लिख कर मुझे दी है अब कुछ नही हो सकता । तब राजा ने कहा की वह सब गलत है । तो फिर किसान ने कहा की मैंने आपको चालाकी दिखा कर यह साईन करवाए है यह सभी को पता चलेगा तो क्या होगा ।

‌‌‌दिमाग होना मुहावरे पर कहानी (मुर्ख राजा और ज्ञानी किसान)

यह बात मंत्री को समझ में आ गई । जिसके कारण से उसने राजा से कहा की महाराज अगर ऐसा हुआ तो लोग कहेगे की ‌‌‌किसान के पास आपसे अधिक दिमाग है जिसके कारण से ही किसान ने यह जमीन आपस ले ली । यह सुन कर राजा को सब खेल समझ में आ गया और वह किसान को वहां से जाने को कहा । ‌‌‌और फिर मंत्री से कहने लगा की किसान बडा चालाक निकला ।

उसने मुझे ही हरा दिया है । साथ ही कहा की इस तरह के लोगो की हमारे महल में जगह होनी ‌‌‌यह सुन कर मंत्री ने कहा की यह क्या महाराज उसने आपको चुना लगाया और आप उसे ही महल मे बुलाकर काम देना चाहते है । तब राजा ने कहा की यह बात नही है बात यह है की जब भी कठिन समस्या आएगी तो वह किसान इसे भी आसानी से सुलझा सकता है ।

मंत्री को भी बात सही लगी । जिसके कारण से मंत्री और राजा ने उसे परख कर ‌‌‌महल मे नोकरी दे दी । इस तरह से किसान को अच्छी जमीन भी मिल गई और एक अच्छी नोकरी भी मिल गई और यह सब उसके पास दिमाग होने से हुआ था । इस तरह से आप कहानी समझ गए होगे ।

‌‌‌इस तरह से हमने इस लेख में दिमाग होना मुहावरे के अर्थ के बारे में जान लिया है की इसका अर्थ क्या होता है अगर नही जान पाए तो कहानी को पढना जरूरी होगा ।

very very most important hindi muhavare

उल्टी पट्टी पढ़ाना का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

नीचा दिखाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद का अर्थ और वाक्य व कहानी

ठिकाने लगाना का मतलब और वाक्य मे प्रयोग

नाच न जाने आंगन टेडा का मतलब और वाक्य मे प्रयोग व कहानी

राई का पहाड़ बनाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद का अर्थ और वाक्य व कहानी

‌‌‌नाक काटना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग व कहानी

मिट्टी में मिलाना मुहावरे का मतलब और वाक्य व कहानी

नजर चुराना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

चुल्लू भर पानी में डूब मरना का मतलब और वाक्य मे प्रयोग

बाल बाँका न होना का मतलब और वाक्य मे प्रयोग

घमंड में चूर होना का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

डींग हाँकना (मारना) मुहावरे का मतलब और वाक्य में प्रयोग

छाती पर साँप लोटना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

धाक जमाना मुहावरे का मतलब और वाक्य मे प्रयोग

जली कटी सुनाना मुहावरे का मतलब और वाक्य मे प्रयोग व कहानी

सिर पर कफन बांधना का मतलब और वाक्य मे प्रयोग व कहानी

धूप में बाल सफेद करना का मतलब और वाक्य मे प्रयोग

घाव पर नमक छिड़कना का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

जिसकी लाठी उसकी भैंस का अर्थ और वाक्य व कहानी

चींटी के पर निकलना का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

नुक्ताचीनी करना मुहावरे का अर्थ और वाक्य व निबंध

नाच नचाना का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

पीठ ठोंकना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

नानी याद आना का मतलब और वाक्य मे प्रयोग व कहानी

धूल में मिलना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

धज्जियाँ उड़ाना का मतलब और वाक्य व निबंध

दूर के ढोल सुहावने का मतलब और वाक्य व कहानी

मजा किरकिरा होना का मतलब और वाक्य मे प्रयोग

दिन फिरना मुहावरे का मतलब और वाक्य मे प्रयोग

दाँत पीसना का मतलब और वाक्य मे प्रयोग व निबंध

तूती बोलना मुहावरे का मतलब और वाक्य व कहानी

मुंह ताकना का मतलब और वाक्य मे प्रयोग व कहानी

मुँह मोड़ना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

मेंढकी को जुकाम होना मुहावरे का मतलब और वाक्य मे प्रयोग

दो नावों पर पैर रखना का मतलब और वाक्य व कहानी

तारे गिनना मुहावरे का मतलब और वाक्य मे प्रयोग व कहानी

Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।