बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद का अर्थ और वाक्य व कहानी

बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद मुहावरे का अर्थ bandar kya jaane adrak ka swad muhavare ka arth – अज्ञानी व्यक्ति गुणवान वस्तु की कदर नही जानता

दोस्तो ‌‌‌जब ‌‌‌किसी अज्ञानी व्यक्ति को एक बहुत ही गुणवान वस्तु दे दी जाती है । पर वह व्यक्ति उस वस्तु के गुण के बारे मे नही जानता है । इस कारण से वह उसे उपयोग मे न लेकर उसे ऐसे ही फेंक देता है । इसी तरह से जब बंदर को अदरक दी जाती है तो वह उसके गुण के बारे मे नही जानता और उसे ऐसे ही समझ कर फेंक देता है ‌‌‌।

इस तरह से जब कोई व्यक्ति किसी वस्तु के गुण के बारे मे नही जानता है । तब वह अज्ञानी कहा जाता है और इस तरह जब कोई व्यक्ति गुणवान वस्तु की कदर नही जानता हो तब उसके लिए बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद मुहावरे का प्रयोग किया जाता है ।

बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद का अर्थ और वाक्य व कहानी

‌‌‌बुंदर क्या जाने अदरक का स्वाद का वाक्य मे प्रयोग Use in sentence

  • अनपढ लोगो को ज्ञान की बात बताने से उन्हे कुछ समझ मे नही आएगा क्योकी बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद ।
  • तुम्हे कभी पेड़े खाए नही और उसके बारे मे बुरी बुरी बाते कर रहे हो अरे यह तो वही बात हो गई बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद ।
  • ‌‌‌जब सुशीला को पानी पूरी खाने को दी तो वह उसे खराब कह कर फेंकने लगी तब उसके पास खडी रिया समझ गई बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद ।
  • पालक की सब्जी बडी अच्छी होती है पर कृतिका को इस बारे मे क्या पता यह तो वही बात हो गई बदर क्या जाने अंदरख का स्वाद ।
  • कृतिका शिमला ‌‌‌की पहाड़ियों के बारे मे बुरा कह ‌‌‌रही थी तब मैंने कहा तुम तो कभी वहा गई नही और तुम उसके गुण के बारे मे बता रही हो यह तो वही बात हो गई बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद ।
  • दिल्ली से आई महेश्वरी ने जब चाय को गंदा पानी कहा तो ‌‌‌उसकी बहन समझ गई की इसने कभी चाय पी नही और यह इसे गंदा पानी कह रही है यह तो वही बात हो गई बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद ।

‌‌‌बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद पर कहानी bandar kya jaane adrak ka swad par kahani

प्राचिन समय की बात है किसी गाव मे एक माली रहा करता था । माली बहुत ही अच्छा था वह ‌‌‌जानवरों से बहुत ही प्रेम करता था । साथ ही जो भी कोई उसके पास आ जाता तो वह अपने खेत से फल फुट उसे दे दिया करता था । साथ ही जब भी कोई जानवर उसके खेत मे आता तो वह उसे ‌‌‌भी अनेक तरह के फल देता ताकी उसका पेट भर जाए ।

जब उस जानवर का पेट भर जाता तो वह आराम से वापस माली के खेत से ‌‌‌चले जाया करते थे । इस तरह से माली के खेत मे जो पोधे लगे थे वे नष्ट नही होते थे । इसी तरह से एक बार की बात है माली जिस गाव मे रहाता था उस गाव मे एक बंदर आ गया ।

बंदर बहुत ही ‌‌‌भूखा था इस कारण ‌‌‌से जब उसे माली के खेत मे तरह तरह के फल दिखे तो वह उन्हे खाने के लिए उसके खेत मे चला गया था । तब माली एक पेड़ के निचे आराम कर रहा था । वह बंदर भी उसी पेड़ के उपर जाकर बैठ गया । साथ ही वह कुछ फल तोडकर खा रहा था ।

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कुछ समय तक वह फल खाता रहा तभी अचानक एक फल का टुकडा माली के मुंह पर जाकर ‌‌‌गिर गया था । जिसके कारण से माली को पता चला की उसके खेत मे एक बंदर आ गया है । यह देख कर माली ने सोचा की इसे किसी तरह से यहा से भेजना होगा वरना यह मेरा सारा खेत नष्ट कर देगा ।

तब माली ने सोचा की क्यो न इसका पेट भर दु ताकी यह फिर आराम से अपने आप यहा से चला जाए । यह सोच कर माली ने एक फल से ‌‌‌भरी टोकरी पेड़ के उपर रख दी । जिसे देख कर वह बंदर आराम से उसे खाने लगा था ।

जब बंदर का पेट भर गया तो वह वहा से चला गया । इसी तरह से अगले दिन बंदर वापस माली के पास आया तो माली ने उसे फिर से फलो से भरी टोकरी दी जिसे खा कर बंदर वापस चला गया । इस तरह से बंदर को माली के पास आते हुए काफी समय ‌‌‌बित गया था ।

इस कारण से माली बंदर से बहुत ही प्रेम करने लगा था । और जब भी वह आता तो उसकी बहुत ही अच्छी तरह से साहयता करता और उसका पेट भरता था । एक दिन की बात है माली के खेत मे गाव के कुछ लोग आए थे ।

तब माली उनके लिए चाय बनाने के लिए अपने खेत से एक अदरक से भरी टोकरी लाया ताकी चाय बना ले और ‌‌‌बाकी की गाव के लोगो को दे दे । तभी माली के खेत मे वह बंदर आ गया । यह देख कर माली ने सबसे पहले उसे फल दिए और फिर चाय बनाने लगा था ।

तब बंदर कुछ समय तक तो फल खाता रहा पर तभी उसकी नजर टोकरी मे रखी अदरक पर पडी । इस कारण से वह बंदर जल्दी से पेड़ से निचे उतर कर कुछ अदरक लेकर पेड़ पर वापस चला गया ‌‌‌था । यह सब गाव के लोग देख रहे थे तभी माली भी गाव के लोगो के लिए चाय लेकर आ गया था ।

तब गाव के लोगो ने माली को कहा की बंदर अदरक लेकर चला गया । तब माली ने कहा की कोई बात नही । इस तरह से फिर माली और गाव के लोग चाय पी रहे थे और बंदर को देख रहे थे ।

तब बंदर ने अदरक को अपने मुंह मे लिए और उसे खाने की ‌‌‌कोशिश करने लगा था । तभी बंदर को वह अदरक बहुत ही कडवी लगी । इस कारण से बंदर ने उस अदरक को माली की तरफ फेंक दिया ।

कुछ समय ‌‌‌बित जाने के बाद बंदर फिर से अदरक खाने लगा तब उसे फिर से कडवी लगी तो बंदर ने फिर उस अदरक को माली की तरफ फेंक दिया । इस बार माली के सिर पर जाकर वह अदरक पडी । यह सब गाव के ‌‌‌लोग देख रहे थे ।

इस कारण से गाव के लोगो ने कहा की बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद । यह सुन कर माली ने कहा की ‌‌‌सच कह रहे हो ‌‌‌मुर्ख या अज्ञानी को गुणवान वस्तु की कदर नही पता ।

‌‌‌बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद पर कहानी bandar kya jaane adrak ka swad par kahani

इस तरह से फिर गाव के लोग माली के पास से जाकर गाव मे जब भी कोई व्यक्ति किसी गुणवान वस्तु की कदर नही करता तो उसे बंदर क्या जाने ‌‌‌अदरक का स्वाद कहते । यह सुन कर वे लोग कहते की इसका क्या अर्थ है तब उन लोगो ने कहा की जो लोग किसी गुणवान वस्तु की कदर नही जाता वह बंदर के अदरक के स्वाद के बारे मे न जानने के बराबर है ।

इस तरह से कहते हुए वे लोग बंदर की पूरी बात बताने लग जाते थे । इस तरह से फिर इस मुहावरे का प्रयोग किया जाने ‌‌‌लगा । इस तरह से इस मुहावरे का अर्थ अज्ञानी व्यक्ति गुणवान वस्तु की कदर नही जानता हो गया । ‌‌‌इस तरह से आप समझ गए होगे ।

बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद मुहावरे पर निबंध || bandar kya jaane adrak ka swad essay on idioms in Hindi

दोस्तो इस मुहावरे के बारे मे आपने काफी कुछ पढा है और यह समझ लिया है की यहां पर बंदर को अज्ञानी माना जाता है जो की पूरी तरह से सही है क्योकी बंदर जो होता है वह असल में जीस तरह की हरकत करता है या फिर जिस तरह से रहता है उससे यही कहा जाता है की बंदर अज्ञानी है क्योकी उसे हमारी तरह ज्ञान भी नही है । हम जो कुछ जानते है वह बंदर नही जानता है और अज्ञानी वही है जिसके पास ज्ञान न हो या शिक्षा न हो ।

वही पर अदरक एक काफी मुल्यवान जड़ है जो की कई रोगो को दूर कर सकती है और इसी कारण से अदरक के स्वाद यानि रस को मुल्यवान माना जाता है अगर बंदर इसके स्वाद को नही जानता है तो सका मतलब हुआ की अज्ञानी व्यक्ति गुणवान वस्तु की कदर नही जानता है और यही इसका अर्थ और वही पर इसका वाक्य मे प्रयोग होता है जहां पर अज्ञानी व्यक्ति गुणवान वस्तु की कदर नही जानता है की बात होती है ।

‌‌‌निचे ऐसे मुहावरों की लिंक दी गई है जो ज्यादातर काम मे लिए जाते है ।

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Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।