जी की कली खिलना का अर्थ और वाक्य

जी की कली खिलना मुहावरे का अर्थ ji ki kali khilna muhavare ka arth – बहुत खुश होना या खुश होना

दोस्तो मनुष्य का जो मन होता है उसे यहां पर जी कहा गया है और कली उसका ही एक हिस्सा है और खिलने का अर्थ खुशी से लिया गया है । इस तरह से मनुष्य का दिल जब खुश होता है तो मनुष्य ‌‌‌पुरा का पुरा खुश हो जाता है। मगर यह तभी होता है जब उसके साथ कोई खुशी की बात होती है । इस तरह से जब भी किसी भी कारण से खुश होने की जहां पर बात होती है वही पर जी की कली खिलना कहा जाता है ।

जी की कली खिलना का अर्थ और वाक्य

जी की कली खिलना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग

  1. जब बुडिया को पता चला की उसका बेटा ‌‌‌आर्मी से रिटायर होकर घर आ रहा है तो बुडिया के जी की कली खिल गई ।
  • जब महेश को पता चला की उसके घर में एक नन्हे श्याम ने जन्म लिया है तो उसके जी की कली खिलते देर नही लगी ।
  • राम और श्याम शहर जा रहे थे की रास्ते में उन्हे 2000 का नोट मिल गया जिसके कारण से दोनो के जी की कली खिल उठी ।
  • ‌‌‌जब माधव को मामाजी ने बहुत सारे खिलोने दिरा दिए तो माधव के जी की कली खिल गई ।
  • अपनी ‌‌‌प्रेमिका को अपने सामने देख कर पंकज के जी की कली खिल गई ।
  • आर्मी से घर लोटे अपने पति को जब कंचन ने देखा तो उसके जी की कली खिल गई ।
  • ‌‌‌जब पार्वती को पता चला की उसका विवाह एक डॉक्टर से हो रहा है तो उसकी जी की कली खिल उठी ।

जी की कली खिलना मुहावरे पर कहानी (देशभग्त फोजी और ‌‌‌बुढिया अम्मा)

दोस्तो आज के 50 वर्षों पहले की एक सच्ची कहानी है जिसमें किसी नगर में एक बुढिया रहा करती थी। उसका एक बेटा और उसकी पत्नी का समय से ‌‌‌पहले की किसी हमले में मोत हो गई थी । बताया जाता था की वह हमला लूटेरो का था जिसमें उसके बेटे और बहूं की मोत हो गई ।

उन दोनो का एक बेटा था जो उस समय उनके साथ नही था बल्की वह अपनी दादी यानि बुढिया के पास था । जिसके कारण से वह बच गया । मगर अभी वह छोटा था जिसके कारण से उसका ‌‌‌पालन पोषण उसकी दादी यानि बुढिया ने किया था ।

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बच्चे को यह समझ नही आ रहा था की उसके माता पिता कहा चले गए क्योकी वह अभी नादान था जिसके कारण से उसे समझ नही आया की अब उसके माता पिता इस दुनिया में नही है । वह अपनी दादी के साथ ही जीवन गुजारता और रोजाना पढाई करने के लिए विधालय जाता था ।

 इस तरह ‌‌‌से पढते हुए जब वह 5 वी कक्षा में हुआ तो उसे पता चला की उसके माता पिता को किसी ने मार दिया था मगर वह अभी भी यह नही समझ पाया की किसने उन्हे मारा था । जिसके कारण से वह अपनी दादी से इस बारे में बात करने लगा तो उसकी दादी ने बात को टाल दिया ।

मगर अब बच्चे ने जीद्द पकड ली जिसके कारण से बुढिया ‌‌‌को बताना ही पडा की आखिर तुम्हारे माता पिता की मौत कैसे हुई थी । यह जान कर वह बच्चा इस तरह के लूटेरो को सबक सिखाने के लिए पुलिस में जाने की सोचने लगा था । जिसके कारण से वह जोरो सोरो से पढाई करता और भाग ‌‌‌दोड भी खुब करता था ।

उस बात को 5 वर्ष बित गए तब जाकर वह पुलिस में भर्ति हो सके इतनी ‌‌‌उर्म हो गई थी साथ ही उसने अध्ययन करते हुए 10 वी कक्षा को पास कर लिया था । जिसके कारण से वह अब पुरा योग्य था की वह पुलिस में जा ‌‌‌सके । इसक कारण से वह अपने से बडे लडको के साथ मिल कर फोर्म भर दिया और डाक के साथ उसे भेज दिया था ।

तब उसने अपने से बडे लडको के मुह से सुना की पुलिस तो कुछ नही है ‌‌‌वह तो देश कें अंदर की गंदगी को साफ करता है और आर्मी एक ऐसी नोकरी है जिसमें पैसे भी मिलते है और अपने पूरे देश की सेवा कर सकते है । यानि देश की हिफाजत अच्छी तरह से कर सकते है । इस बात को एक ही महिना हुआ था की उसे पता चला की आज आर्मी के फॉर्म निकले है तो उसने अपने से बडे लडको के साथ वह भी ‌‌‌फोर्म भरा दिया ।

जी की कली खिलना का अर्थ और वाक्य

 दो महिनो के बाद में पहले आर्मी की ‌‌‌दोड शुरू हुई उस समय आर्मी में बहुत ही कम लोग जाया करते थे । जिसके कारण से जैसे ही बुढिया के पोते ने ‌‌‌दोड की तो वह आसानी से दोड को पास कर चुका । यह देख कर अधिकारियो ने उसे नोकरी देना चाहा मगर अभी उसका वजन काफी नही था यानि वजन कम था जिसके ‌‌‌कारण से उसे अधिकारियो ने कहा की हम तुम्हे दो महिनो का समय देते है अगर तुमने इतने समय में अपना वजन बढा लिया तो हम तुम्हे नोकरी दे देगे ।

साथ ही बुढिया के पौते को समझाया की आर्मी क्या होती है । जिसके कारण से उसने ठान लिया की वह दो महिनो में वजन बढा लेगा । इस तरह से जब बुढिया का पौता ‌‌‌आ कर अपनी दादी को इस बारे में बताया तो उसने अपने बेटे का वजन बढाने के लिए कुछ खाने को लाकर दे दिया और वह बच्चा आराम से घर पर खाता और सोता रहता था ।

इस तरह से दो महिनो तक करने के कारण से उसका वजन काफी अधिक हो गया था । जिसके कारण से वह फोजी बन गया और आर्मी में नोकरी पा सका था । अब उस लडके ‌‌‌को ट्रेनिंग मिल रही थी जिसमें वह सबसे आगे जा रहा था उसकी यह हिम्मत देख कर हर अधिकारी को लगा की लडका बडा जोसिला है जिसके कारण से अगर यह आर्मी में बॉर्डर पर चला गया तो दुश्मनो को पल भर में हरा देगा ।

जब ट्रेनिंग पूरी हुई तो हर किसी को पोस्टीग मिल रही थी और उस लडके को सिधा ही बॉर्डर पर भेज दिया ‌‌‌। जब इस बारे में उसकी दादी यानि बुढिया को पता चला को वह डर गई क्योकी वहां पर हर दिन ‌‌‌लडाई होती रहती है जिसके कारण से उसे अपने पौते के प्राणो की चिंता होती रहती थी । मरग पौता अब इतना अधिक ज्ञानि बन गया की वह अपने देश के लिए मरने को तैयार था ।

जिसके कारण से वह अपनी दादी के बारे में न सोचता ‌‌‌बल्की पूरे देश के लोगो के बारे में सोचता था । इस तरह से उसे काम करते हुए 6 महिने हो गए तो उसने अधिकारीयो से बात करी की वह घर जाना चाहता है । क्योकी वह हर काम को बडी ही अच्छी तरह से कर रहा था जिसके कारण से अधिकारी उसकी बात को मान गए और वह अपने घर के लिए रवाना हो गया ।

एक दिन के बाद में जब ‌‌‌वह लडका अपने घर गया तो उसने देखा की उसकी दादी बाहर आगन में बैठी फल खा रही है यह देख कर वह बहुत ही खुश हुआ और अपनी दादी को आवाज लगई । आवाज सुन कर दादी ने देखा तो उसने अपने पौते को देखा जिसके कारण से दादी यानि बुढिया के जी की कली खिल उठी

और वह अपने बेटे को पास बुला कर उससे बाते करने लगी थी । ‌‌‌इस तरह से वह हर छ महिनो में अपनी दादी से मिलने के लिए आता रहता था । जिसके कारण से दादी भी खुश हो जाती थी । मगर जैसे ही पौता वापस आर्मी में जाता तो दादी निराश हो जाती और अपने पौते से कहती की बेटा जरा अपना ख्याल रखना ।

 इस तरह से चलता रहा और एक समय ऐसा आ गया की वह पौता अपनी पूरी नोकरी कर चुका ‌‌‌था । जिसके कारण से उसके अधिकारियो ने ‌‌‌उसे बडी ही धुम धाम से घर के लिए रवाना किया । इसके साथ ही कुछ सेनिक उसे घर छोडने के लिए भी गए थे । इसके साथ ही उसका एक अधिकार भी उसके साथ था ।

इस तरह से ‌‌‌ जब बुढिया का पौता और उसका अधिकारी एक साथ बुढिया के घर तक गए तो यह सब ‌‌‌देख कर आस पास के लोगो के जी कली भी खील उठी थी क्योकी आज कोई उनकी हिफाजत करते हुए घर लोट रहा है । जब बुढिया को आवाज लगाई गई तो वह समझ नही पाई की आखिर उसे ‌‌‌किसने आवाज लगाई है क्योकी वह अब उम्र ले चुकी थी जिसके ‌‌‌कारण से वह यह नही देख सकी थी ।

मगर घर मे अब और भी लोग थे क्योकी बुढिया के पौते का बिच में विवाह भी हुआ था । इस तरह से सब लोगो के जी की कली खिल उठी । मगर जब इस बारे में बुढिया को पता चला तो वह बहुत ही अधिक खुश हुई इसके साथ ही जब उसे यह पता चला की अब वह हमेशा ही उसके पास रहेगा तो बुढिया के जी ‌‌‌की कली खिलते देर नही लगी ।

जी की कली खिलना का अर्थ और वाक्य

इस तरह से यह सब अन्य फोजी ने भी देखा तो वे भी काफी खुश थे । इस तरह से फिर सभी फोजी वापस अपने काम पर चले गए थे और बुढिया और उसका पौता रोजाना एक साथ बैठे बाते करते थे । इस तरह से बुढिया ने फिर अपना जीवन खुशी खुशी बिता दिया।

‌‌‌जी की कली खिलना मुहावरे पर निबंध

दोस्तो आप लोगो ने फुल वाले पेड पौधो ‌‌‌को देखा होगा की जब भी किसी पौधे में फुल खिलता है तो उससे पहले वहां पर छोटी टहनी होती है जिसक कली कहा जाता है । और यही पर फुल का जन्म होता है । जिसे कली खिल जाता कहा जाता है । और जब मनुष्य का मन कली के रूप में खिलता है ‌‌‌तो आनन्द प्राप्त होता है और जहां आनन्द होता है वही खुशी होने की बात होती है ।

इस तरह से जी की कली खिलना का अर्थ खुशी होना होता है । और यही उपर कहानी में बताया गया है क्योकी जब भी हमारा फोजी भाई अपनी दादी के सामने जाता तो उसकी दादी खुश हो जाती की उसका पौता आ गया है । और वहां पर जी की कली ‌‌‌खिलना मुहावरे का प्रयोग किया गया है ।

इस तरह से जी की कली खिलना मुहावरे को समझाया गया है की आखिर इसका अर्थ क्या हो सकता है । अंत में कहा जा सकता है की मनुष्य के जीवन में जब भी खुश होने की बात होती है उस समय इस मुहावरे का प्रयोग हो सकता है ।

अब आप इस मुहावरे को अच्छी तरह से समझ गए होगे ।

जी की कली खिलना मुहावरे का तात्पर्य क्या होता है || What is the meaning of ji ki kali khilna in Hindi

दोस्तो अगर आप हमेशा से पौधो को पसंद करते आए है तो आपका उनमें से सबसे पसंदिदा पौधा केवल फुल वाला ही होता होगा । और आपने देखा होगा की जब कोई फुल खिलता है तो हम काफी खुश हो जाते है।

इसी तरह से जो पौधे का प्रेमी होता है वह जब भी पौधे पर कोई कली निकली हुई देखता है तो वह खुश होता है और शायद इस बात को आप समझ सकते है ।

तो इसका मतलब हुआ की कली दिखाई देना खुश होने को दर्शाता है और इसी बात से आप यह समझ सकते है की जी की कली खिलना मुहावरे का सही अर्थ बहुत खुश होना होना होता है ।

वैसे आप जब भी जिस भी कारण से अपने जीवन में खुश होते है तो वहां पर इस मुहावरे का प्रयोग किया जा सकता है और कहा जा सकता है की आपकी जी की कली खील गई ।

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Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।