नीचा दिखाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

नीचा दिखाना मुहावरे का अर्थ nicha dikhana muhavare ka arth – लज्जित करना।

दोस्तो जब कभी किसी महान व्यक्ति से कुछ गलती हो जाती है तो उस गलती के कारण से उस व्यक्ति के आस पास के लोग उसे भला बुरा बताने लग जाते है । इस तरह से वह व्यक्ति अपने आप‌‌‌को लज्जित महसुस करने लग जाता है । ऐसा वे लोग उसे निचा दिखने के कारण से करते है । इस तरह से यह कह सकते है की जब कोई किसी व्यक्ति को किसी भी कारण से लज्जित करता है तब उसे नीचा दिखाना कहा जाता है ।

नीचा दिखाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

नीचा दिखाना मुहावरे का वाक्य मे प्रयोग Use in sentence

  • ‌‌‌जब राम से छोटी सी गलती हो गई तो उसके भाई ने गाव के लोगो के सामने राम को निचा दिखा दिया ।
  • ‌‌‌जब बेटा जुर्म करता हुआ पकडा गया तो लोगो ने उसके माता पिता को भला बुरा कह कर निचा दिखा दिया ।
  • रामवतार को अपने पैसो पर बहुत घमंड था पर एक दिन उसके ही साथी ने उसे निचा दिखा दिया ।
  • ‌‌‌सरिता मोका पाते ही अपनी पडोसन को निचा ‌‌‌दिखाने मे लग जाती है ।
  • सेठ ने लोगो की बहुत सेवा की पर छोटी सी गलती के कारण उसे न चाहने वाले लोगो ने निचा दिखा दिया।
  • हरीप्रसाद के कारण से ही आज हमे लोग निचा दिखा रहे है ।

‌‌‌निचा दिखाना मुहावरे पर कहानी muhavare par kahani

‌‌‌प्राचिन समय की बात है किसी गाव मे किसनलाल नाम का एक आदमी रहा करता था । किसनलाला उस गाव का सबसे अमीर आदमी था । और उसके दादा पडदाओ के जमाने से उसके पास धन की कोई कमी नही थी । किसनलाल अपने दादा पडदाओ की तरह ही लोगो की सेवा करता था । वह तो लोगो की सेवा करना ही अपना पहला कर्तव्य समझता था ।

जब ‌‌‌भी कोई उसके पास मदत मागने के लिए आता तो वह ‌‌‌उसकी मदत कर दिया करता था । जिसके कारण से गाव के लोगो मे उसका और उसके कुल का नाम चलता था । इस तरह से जब भी कोई गाव मे आता तो लोग सबसे पहले किसनलाल के बारे मे ही जानना चाहते थे ।

जिसके कारण से गाव के लोग उसे किसनलाल के बारे मे छोटी से लेकर बडी बात ‌‌‌को आसानी से बता दिया ‌‌‌करते थे । किसनलाल के घर मे उसकी पत्नी और उसके दो बेटे थे । इस तरह से किसनलाल के घर मे कुल 4 सदस्य थे ।

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किसनलाल का सबसे बडा बेटा था जिसका नाम राजू था । किसनलाल ने अपने बेटे को पढाई कराने के लिए शहर भेज रखा था । जिसके कारण से राजू कभी कभार ही अपने माता ‌‌‌के पास मिलने के लिए आया करता था ।

इस तरह से काफी समय तक राजू शहर मे ही रहा करता था । वह शहर मे कुछ इस तरह के लोगो के साथ रहता था । जिसके कारण से राजू बहुत ही बुरा बन गया था । वह अपने पिता की तरह किसी की भी मदत नही करना चाहता था ।

बल्की वह तो लोगो को ठगने के बारे मे ही सोचता था । इस तरह से ‌‌‌उसने शहर के अनेक लोगो को ठग भी लिया था । धिरे धिरे समय बितता गया तब एक दिन किसनलाल और उसकी पत्नी शहर राजू से मिलने के लिए जा रहे थे ।

जब किसनलाल और उसकी पत्नी जीस वाहन मे शहर जा रहे थे ‌‌‌उसका ड्राईवर वाहन नशे मे चला रहा था । जिसके कारण से उस वाहन का ऐक्सीडेंट हो गया था । उस ऐक्सीडेंट मे राजू की ‌‌‌मां की मृत्यु हो गई थी । और उसके पिता यानि किसनलाल बहुत बुरी तरह से घायल हो गया था ।

जिसके कारण से उसका कुछ समय तक तो हॉस्पिटल मे इलाज चलता रहा पर पांच महिनो के बाद उसकी भी मृत्यु हो गई थी । जिसके कारण से जो भी किसनलाल का था ‌‌‌उसका दोनो भाईयो मे बटवारा हो गया था ।

अब किसनलाल के दोनो ‌‌‌अलग अलग रहने लगे थे । तब राजू तो पहले की तरह ही शहर मे रहता था । इस कारण से जब राजू काफी बडा हो गया तो एक दिन वह अपने गाव मे आया और अपने पास जो भी था वह शहर के एक आदमी को बेच दिया था ।

तब उसने गाव के लोगो को भुला फुसलाकर कहा की मैं हमारे गाव मे विकाश के लिए ‌‌‌अपनी सारी संपत्ति बेच रहा हूं ताकी हमारे ‌‌‌गाव के हर किसी के खेतो मे लाईट आ जाए और हर किसी के खेत मे एक कुवा हो ताकी सभी अपने खेतो मे फसले उगा कर अच्छी कमाई कर सके ।

इस तरह से कह कर राजू ने कहा की अगर आप सभी मेरी इस काम मे मदत करोगो तो आपका ही फायदा है वरना यह काम गाव के सभी लोगो के लिए नही हो सकेगा । क्योकी किसनलाल को लोग बहुत ही ‌‌‌महान मानते थे ।

इस कारण से उन्होने उसके बेटे राजू पर भरोषा कर कर अपने अपने घर गाव के सेठ के पास गिरवी रख कर राजू को पैसे दे दिए । वह पैसे लेकर राजू तो अगले ही दिन शहर चला गया था । और फिर वह कभी भी अपने गाव की तरफ नही आया ।

इस तरह से फिर राजू को अपने गाव मे आए हुए दो वर्ष बित गए तब गाव के ‌‌‌लोगो ने सोचा की जरूर राजू ने हमे लूट लिया है । इस तरह से सोच कर गाव के कुछ लोग राजू से मिलने के लिए शहर चले गए ।

वहा जाने के बाद उन्हे पता चला की शहर मे राजू को हर कोई जानता है पर अच्छे कामो के लिए नही बल्की लूटेरे के नाम से जानते है । क्योकी उसने शहर के बहुत से लोगो को लूट लिया है । तब ‌‌‌उन्हे यह भी पता चला की लोग उसके माता पिता को गालिया भी दे रहे है ।

यह सब जान कर गाव के लोग सोचने लगे की ‌‌‌राजू ने अपने पिता के मरने के बाद उन्हे निचा दिखा दिया अच्छा हुआ की वे मर गए वरना आज उन्हे सभी गालिया देते मिलते । इस तरह से दो तिन दिन राजू को ढूंढने के बाद एक दिन उन्हे राजू मिल गया । तब गाव के लोगो ने राजू को इस तरह से बेज्जित किया की उसे ‌‌‌वहा से भागना पडा ।

‌‌‌निचा दिखाना मुहावरे पर कहानी muhavare par kahani

इस तरह से फिर गाव के लोगो को यह तो पता चल गया की राजू ने ऐसे कार्य कर कर अपने ही माता पिता के नाम को निचा दिखा दिया । इस तरह से फिर जब वे लोग जब अपने गाव पहुंचे तो वहा जाकर राजू ‌‌‌के भाई को वे लोग भला ‌‌‌बुरा कहने लगे थे ।

जिसके कारण से उसने कहा की आपको राजू ने लूटा है तो आप ‌‌‌आप उसे जाकर इस तरह से लज्जित करो मुझे क्यो निचा दिखा रहे हो । इस तरह से राजू के भाई ने गाव के लोगो को रोका ।

इस तरह से फिर गाव के लोग राजू के कारण उसके भाई पर भी भरोषा नही करते थे । इस तरह से आपको इस कहानी से पता चल गया होगा की निचा दिखाना मुहावरे का अर्थ लज्जित करना होता है ।  

नीचा दिखाना मुहावरे पर निबंध || nicha dikhana essay on idioms in Hindi

दोस्तो ​नीचा दिखाना एक मुहावरा है ओर इस मुहावरे का अर्थ होता है लज्जित करना और आपने इसके बारे में उपर पढा है तो आप इस बात को समझ सकते है । साथ ही आपको यह भी पता होगा की बहुत से लोग है जो की हमे लज्जित करना चाहते है और  उन्हे जैसे ही समय मिलेगा तो वे लज्जित कर भी देते है ।

तो अगर कोई व्यक्ति किसी को लज्जित करता है तो वहां पर इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है और उसके लिए कहा जाता है की इसने तो मुझे नीचा दिखा दिया ।

जैसे की मान ले की आपको मित्र है जो की आपको लज्जित कर देता है तो वहां आप अपने मित्र को कह सकते है की तुम्हे मुझे लज्जित नही करना चाहिए था । कहने का मतलब है की इस तरह से वाक्य में प्रयोग हो सकते है और इस बात को समझना चाहिए क्योकी यह काफी जरूरी है ।

‌‌‌निचे ऐसे मुहावरों की लिंक दी गई है जो ज्यादातर काम मे लिए जाते है ।

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Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।