सिर पर कफन बांधना का मतलब और वाक्य मे प्रयोग व कहानी

सिर पर कफन बांधना मुहावरे का अर्थ sir par kafan bandhna muhavare ka arth – मृत्यु के लिए तैयार रहना

दोस्तो जब कोई व्यक्ति अपने प्राणो की प्रवाह न कर कर किसी ऐसे कार्य को करता है । जिसके करने के कारण उसे पता है की मैं इस कार्य मे मर सकता हूं । इसके बावजूद भी वह व्यक्ति ‌‌‌इस कार्य को करने के लिए जाने लगता है । तब इस तरह से मृत्यु के लिए तैयार रहने को सिर पर कंफन बांधना कहा जाता है ।

सिर पर कफन बांधना का मतलब और वाक्य मे प्रयोग व कहानी

सिर पर कफन बांधना मुहावरे का वाक्य मे प्रयोग Use in sentence

  • प्रसात ने सिर पर कफन बांध रखा है उससे झगडा मत कर लेना ।
  • राहुल ने सिर पर कफन बांध कर गाव के लोगो को आग मे जलने से बचा लिया ।
  • ‌‌‌रानी लक्ष्मी बाई ने जब सिर पर कफन बांधा तो अंग्रेजो को पता चल गया की उनके खिलाफ अवाज उठने लगी है ।
  • बेटा जब से अचानक बिमार हो गया तो रामानन्द ने सिर पर कफन बाध लिया और रात को उसे जंगल से शहर ले गया ।
  • अपने ‌‌‌पिताजी की जान बचाने के लिए महेश ने सिर पर कफन बाध कर चिते से उनकी जान बचाई ।
  • डाकुओ को मार कर भगाने के लिए गाव के लोगो ने सिर पर कफन बाध लिया ।
  • अंग्रेजो का अत्याचार देख कर भारवतवासियो ने सिर पर कफन बाध लिया जिसके कारण अंग्रेजो को भारत से भागना पडा ।

‌‌‌सिर पर कफन बाधना मुहावरे पर कहानी muhavare par kahani

प्राचिन समय की बात है ‌‌‌किसी गाव मे अनेक तरह के लोग रहा करते थे । उसी गाव मे रामानन्द नाम का एक आदमी अपने माता पिता के साथ रहा करता था । रामानन्द बहुत ही अच्छा आदमी था ।

इस कारण से उसे बहुत ही आसानी से कन्या मिल गई । जिसके कारण से‌‌‌ लडकी के माता पिता ने रामानन्द के साथ उसका विवाह करवा दिया था । इस तरह से रामानन्द के घर मे अब एक और सदस्य बढ गया ।

रामानन्द के गाव के बाहर दुसरे गाव जाने के लिए एक ‌‌‌घना जंगल आता था और फिर जंगल के बाद एक बहुत ही लम्बी पहाडी आती थी । जहा रामानन्द रहता था वहा हमेशा बर्फ बारी होती रहती ‌‌‌थी ।

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साथ ही बर्फ का पहाड था इस कारण से कभी कभी वहा तुफान भी आ जाया करते थे । इसके अलावा जंगल मे अनेक तरह के खतरनाक जानवर ‌‌‌रहते थे । जिसके कारण से कोई भी रात को अपने घर से बाहर तक नही निकलता ।

साथ ही अगर किसी को अपने गाव से दूसरे गाव काम करने के लिए भी जाना होता तो वे सभी एक साथ होकर किसी ‌‌‌वाहन मे जाया करते थे । जो ‌‌‌वाहन उन्हे उस पहाडी तक ही पहुंचा पता था ।

इसके बाद वे लोग पैदल उस पहाडी को पार करते थे । इस तरह से रामानन्द भी काम करने के लिए जाता था । धिरे धिरे समय बितता गया अब रामानन्द की शादी हो ‌‌‌दो महिने से उपर हो गए थे । तब उसे एक दिन रामानन्द ‌‌‌को पता चला की उसकी पत्नी मां बनने वाली ‌‌‌है ।

यह खबर सुनते ही रामानन्द बहुत ही खुश हो गया था । इसके बाद रामानन्द अपनी पत्नी के पास ज्यादा रहता था और काम करने के लिए कम जाता था । धिरे धिरे समय बित गया और अब रामानन्द के विवाह को दस महिने होने को थे और उसके बेटे का जन्म भी इसी महिने होना था ।

इस कारण से एक दिन रामानन्द की ‌‌‌पत्नी के पेट मे जोर जोर से दर्द होने लगा था । तब रामानन्द ‌‌‌अपने गाव की एक महिला को बुलाकर लाया और अपनी पत्नी को उसे दिखाया ।

जिसके कारण से उस महिला ने कहा की यह मेरे बस की नही है और यह अभी बहुत ही गंभीर हालत मे है । इस कारण से तुम्हे इसे पास के गाव मे ले जाना चाहिए । उस समय रात ‌‌‌‌‌‌थी तब रामानन्द सोच मे पड गया की अगर इसे जंगल से और पहाड से ले जाउगा तो मुझे और मेरी पत्नी को कुछ हो जाएगा तो नही ।

जब इस बारे मे उसने अपने पिता से कहा तो रामानन्द के पिता ने कहा की तुम्हारी पत्नी बहुत ही गंभीर हालत मे है । इस कारण से अगर तुम इसे नही लेकर जाओगे तो इसे जरूर कुछ न कुछ हो जाएगा और ‌‌‌अगर इसे लेकर जाओगे तो सायद तुम दोनो सही सलामत घर वापस भी आ जाओ ।

अपने पिता की बात सुन कर रामानन्द पास के गाव मे जाने के लिए तैयार हो गया था । इस कारण से उसने अपने साथ एक वाहन ले लिया जो गाव का था ।

वाहन मे उसने एक ऐसा साधन रख लिया जिसके कारण से किसी भी जानवर से आसानी से सुरक्षा की जा सके ‌‌‌इसके अलावा उसने एक ऐसा साधन और ले लिया ताकी वह अपनी पत्नी को लेकर अकेला ही पहाडी पार कर सके ।

इस तरह से फिर रामानन्द अपनी पत्नी को लेकर पास के गाव मे जाने को तैयार हो गया था । इस तरह से फिर रामानन्द अपनी पत्नी को लेकर जंगल मे पहुंच चुका था । क्योकी उसके पास वहान था इस कारण से वह जंगल को जल्दी जल्दी पार करने ‌‌‌लगा ।

इतने मे उसके सामने एक शेर आ गया फिर भी उसने अपने वाहन को नही रोका जिसके कारण से उस शेर का ऐक्सीडेट हो गया । इस तरह से फिर रामानन्द के पिछे कुछ शेर भी भाग रहे थे पर उसने हिम्मत नही हारी और जल्दी जल्दी से उस जंगल को पर करने लगा ।

जब जंगल पार हो गया तब रामानन्द ने चेन की सांस ली । इसके बाद मे रामानन्द अपनी पत्नी को लेकर पहाड पार करने लगा था । इसी तरह से फिर उसने आराम से पहाड पार कर लिया और वह उस गाव मे पहुंच चुका था ।

उस गाव मे एक औरत रहा करती थी जो एक डॉक्टर थी । इस कारण से रामानन्द की पत्नी की डिल्वारी उसने करवा दी और फिर उन्हे रात ‌‌‌भर वही ‌‌‌रहने को कहा ।

‌‌‌सिर पर कफन बाधना मुहावरे पर कहानी muhavare par kahani

इसके बाद मे रामानन्द और उसकी पत्नी दोनो रात भर वही रहे और जब सुबह हुई तो गाव के लोग उन दोनो के पास आ गए । तब गाव के लोगो ने रामानन्द से कहा की तुमने तो आज कमला ही कर दिया । अपनी पत्नी को पिडा मे देख कर सिर पर कफन बाध कर रात को ही इस गाव मे आ गए ।

तभी उसी गाव का एक आदमी बोलने ‌‌‌लगा की पत्नी पिडा मे जो थी । इसी तरह से कुछ समय बितने के बाद रामानन्द के गाव के लोग भी उसके पास आ गए और फिर उन्होने रामानन्द और उसकी पत्नी को अपने गाव वापस ले गए ।

इस तरह से फिर रामानन्द अपनी पत्नी के साथ ‌‌‌अपना जीवन बिताने लगा था । इस तरह से आपको इस कहानी से मुहावरे का अर्थ समझ मे आ गया ‌‌‌होगा ।

सिर पर कफन बांधना मुहावरे पर निबंध || sir par kafan bandhna essay on idioms in Hindi

साथियों यह एक ऐसा मुहावरा है जिसे समझने के लिए आप केवल कफन शब्द का प्रयोग कर सकते है । क्योकी आपको पता होगा की कफन का उपयोग मृत्यु के समय होता है तो जाहिर होगा की मुहावरा किसी न किसी तरह से मृत्यु से जुड़ा है और आपने उपर पढा है और समझा है की सिर पर कफन बांधना का अर्थ मृत्यु के लिए तैयार रहना होता है ।

अब अगर कोई व्यक्ति है जो की हमेशा अपनी मृत्यु के लिए तैयार रहता है मगर किसी भी काम से पीछे नही हटता है तो उसके लिए इसका प्रयोग हो सकता है । जैसे की आप स्वयं को ले लो, अगर आप लोगो को मुसीबत में देखते हो और उन्हे बचाने के लिए अपने प्राण भी संकट में डाल देते हो तो इसका मतलब हुआ की आप भी मृत्यु के लिए तैयार है और इस समय आपके लिए इस मुहावरे का प्रयोग किया जा सकता है ।

तो इस तरह से आप इस मुहावरे के बारे में समझ चुके है ।

‌‌‌निचे ऐसे मुहावरों की लिंक दी गई है जो ज्यादातर काम मे लिए जाते है ।

कच्चा चिट्ठा खोलना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

घड़ों पानी पड़ना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

कुत्ते की मौत मारना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

चाँद पर थूकना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

चूना लगाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

डूबते को तिनके का सहारा मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

ठगा सा रह जाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

तलवे चाटना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

तीन तेरह करना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

बिजली गिरना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

दाँत खट्टे करना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

मक्खन लगाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

ओखली में सिर देना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

हाथ पीले करना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

चिकना घड़ा होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

आँख लगना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

बीड़ा उठाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

थूक कर चाटना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

एक और एक ग्यारह होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

थाली का बैंगन होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

एड़ी चोटी का जोर लगाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

नाक रगड़ना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

गुड़ गोबर करना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

पौ बारह होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

‌‌‌पेट में दाढ़ी होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

सिर खुजलाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

मैदान मारना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

सिर पर सवार होना ‌‌‌मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

दाने दाने को तरसना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

हां में हां मिलाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।