चार चाँद लगाना का मतलब व वाक्य मे प्रयोग

चार चाँद लगाना मुहावरे का अर्थ char chand lagana muhavare ka arth – बहुत अधिक शोभा बढाना ।

दोस्तो आप लेगो ने देखा होगा की जब भी कोई प्रोग्राम होता है तो उस प्रोग्राम को और अच्छा बनाने के लिए उसके आस पास के वातावरण को बहुत ही अच्छी तरह से सजा दिया जाता है । फिर वहां पर ऐसे व्यक्तियों ‌‌‌को बुलाया जाता है जो प्रसीद्ध हो या यह कह सकते है की ‌‌‌जिनकी इज्जत हो ।

और उनके आने पर कहा जाता है की आपके आने पर इस प्रोग्राम मे चार चाँद लग गए । इस तरह से वे लोग कहते है की आपके आने के कारण इस प्रोग्राम की और अधिक शोभा बढ गई । इस तरह से इस मुहावरे का अर्थ बहुत अधिक शोभा बढाना होता है ।

चार चाँद लगाना का मतलब व वाक्य मे प्रयोग

चार चाँद लगाना मुहावरे का वाक्य मे प्रयोग

  • ‌‌‌ ‌‌‌अगर आप भी मेरी पंसद का गहना पहन लेगे तो आपकी सुंद्रता मे चार चाँद लग जाएगे ।
  • कंचन ने सुसीला को इस तरह से तैयार की उसकी सुंद्रता मे चार चाँद लग गए ।
  • विवाहित औरते अगर अपनी मांग मे सिंदूर डाल लेती है तो उनकी सुंद्रता मे चार चाँद लग जाते है ।
  • इस छोटे से प्रोग्राम मे आप आए तो चार चाँद लग गए ।
  • स्कुल के इस छोटे से प्रोग्राम मे गाव के लोगो ने आकर चार चाँद लगा दिए ।
  • इस उजडे भवन को आप लोगो ने सजा कर चार चाँद लगा दिए ।
  • शुभ कार्य मे अपना योगदान देकर ठाकुर साहब ने तो चार चाँद लगा दिए ।
  • बाबाजी ने यहां पर आकर ज्ञान की ‌‌‌बाते बताई तो इस छोटी सी सत्संग मे चार चाँद लगा दिए ।

‌‌‌चार चाँद लगना मुहावरे पर कहानी

प्राचिन समय की बात है बाबूलाल नाम का एक आदमी अपने माता पिता के साथ अपने गाव मे रहा करता था । बाबूलाल का पिता गाव के गरिबो मे से एक था इस कारण से उसे बहुत कठिनाईयो का सामना करना पडता था फिर भी उसके पिता ने अपने जीवन से हार नही मानी और काम कर कर अपने बेटे को ‌‌‌इस काबिल बनाने की सोच ली की वह स्वयं अपना पेट भर सके साथ ही वह गाव मे मेरा नाम कर सके ।

उसके पिता को पता था की यह सब तभी होगा जब हमारे पास पैसे होगे । तब उसके पिता ने सोच लिया की इसे किसी तरह से पढाकर नोकरी लगा दुगा तो मेरा सपना पूरा हो सकता है । इस तरह की सोच रखते हुए बाबूलाल के पिता ने उसे ‌‌‌पढाने के लिए स्कुल भेजने लगा था ।

बाबूलाल के पिता ने उसे शिक्षा दी की लोगो की मदद करने का काम पुण्य का काम होता है । इस कारण से जब भी मोका मिले तो मदद कर देनी चाहिए ।

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उस समय उनके पास पैसे नही थे इस कारण से उसके पिता ने कहा की पैसे देकर किसी की मदद करना ही जरूरी नही है बल्की किसी का ‌‌‌छोटा मोटा काम कर देने के कारण भी मदद हो जाती है ।

अपने पिता की बाते याद रख कर बाबूलाल को जब भी समय मिलता तो वह लोगो की मदद कर देता था । और इसी तरह से वह लोगो की मदद करता रहता और अपनी पढाई पर पूरा ध्यान रखकर उसने पढाई पूरी कर ली थी । और फिर वह नोकरी की तैयारी करने के लिए अपनी भुआ के पास चला ‌‌‌गया । वहां पर उसे नोकरी की तैयारी करते हुए दो वर्ष हो गए तब जाकर उसकी नोकरी ‌‌‌लगी ।

एक बार नोकरी लग जाने के कारण गाव के लोग भी उसे और उसके पिता को अपने प्रोग्राम मे बुलाने लगे थे । ‌‌‌साथ ही जब बाबूलाल की नोकरी की पहली तनख्वाह आई तो उसने उन रूपयो को अपने पिता को न देकर गाव के विकाश मे देना अच्छा समझा और पैसे दान कर अपना योगदान किया ।

‌‌‌तब फिर बाबूलान ने उपर की नोकरी पाने की सोची और तैयारी करनी ‌‌‌शुरू कर दी थी । बाबूलाल ने इस तरह से तैयारी की की ‌‌‌उसे बिस वर्षो मे पांच ‌‌‌प्रमोशन मिलए गए ।

वह एक पुलिस कांस्टेबल के रूप मे नोकरी लगा था और अब वह अपने शहर का कमिश्नर बन गया था । जिसके कारण अब लोग भी उसे अपने प्रोग्राम मे बुलाने लगे और नेता लोग भी उसे समान देते हुए बुलाते और जब वह जाता तो वे लोग कहते की आप हमारे शुभ कार्य मे उपस्थि हो गए तो हमारे कार्य में चार ‌‌‌चाँद लगा दिए ।

इसी तरह से एक दिन की बात है शहर से एक आदमी उनके पास निमत्रण लेकर गया । तब उस आदमी ने कहा की मेरे घर मे मेरे बेटे की शादी है अगर इस शुभ कार्य मे आप आओगे तो हमारे कार्य की शोभा और अधिक बढ जाएगी ।

वह आदमी उस शहर का नामचीन आदमी था जिसके कारण बाबूलाल को भी लगा की इसके ‌‌‌प्रोग्राम मे जाना ही चाहिए । ऐसा सोच कर बाबूलाल ने उससे कह दिया की आप चिंता मत किजिए मैं आपके प्राग्राम मे आ जाउगा ।

जब उस प्रोग्राम का समय आया तो ‌‌‌बाबूलाल किसी काम मे बिजी था पर तभी उसे याद आया की आज वहां जाना है इस कारण से वह अपना काम छोड कर उस आदमी के बेटे की शादी मे जा पहुंचा । जैसे ही बाबूलाल ‌‌‌वहा पहुचा तो वह आदमी उसकी राह देख रहा था ।

‌‌‌चार चाँद लगना मुहावरे पर कहानी

इस कारण से उस आदमी ने कहा की मैं आपका कब से इतजार कर रहा था । पर आप ‌‌‌ने हमारे प्रोग्राम ‌‌‌ने आकर हमारे प्रोग्राम मे चार चाँद लगा दिया । इसी तरह से बाबूलाल को जाने माने लोग भी बुलाने लगे थे और उनके आने की इज्जत किया करते थे ।

फिर इसी तरह से उसका जीवन गुजरने लगा था । इस तरह से आप लोगो को समझ मे आ गया होगा की इस कहानी का अर्थ क्या है ।

चार चाँद लगाना मुहावरे पर निबंध

साथियो ‌‌‌भ्रमाण्ड मे अनके तारे दिखाई देते है । पर उनमे से चाँद की रोश्नी बहुत तेज होती है और जब पूर्णिमा आती है तो उसकी रोशनी इतनी अधिक हो जाती है की हमे बिना लाईट के भी सब दिखाई देने लग जाता है ।

और जब उसी चाँद के कुछ साथी चाँद और लगा दिए जाते है यानि उस चाँद के नजदिक तिन चाँद और हो तो फिर हम पढ भी सकते है ।

इस तरह से जब चार चाँद आसमान मे लग जाते है तो आसमान की शोभा बढ जाती है । और उसी तरह से जब किसी के घर मे किसी के आने के कारण या किसी भी कारण से बहुत अधिक शोभा बढ जाती है तब इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है और कहा जाता ‌‌‌है की ‌‌‌आपने यहां आकर चार चाँद लगा दिए । यानी ‌‌‌आपके आने के कारण बहुत अधिक शोभा बड गई । इस तरह से आम समझ गए होगे ।

चार चाँद लगाना मुहावरे का तात्पर्य क्या होता है || What is the meaning of char chand lagana in Hindi

दोस्तो कहते है की धरती पर अगर सुर्य न हो तो धरती पूरी की पूरी बेकार होती है । क्योकी आपको पता है की सूर्य के कारण से ही धरती पर अंधेरा दूर होता है और सूर्य न होगा तो अंधेरा ही अंधेरा होगा । मगर फिर भी सूर्य की तुलना में चांद को काफी महत्वपूर्ण माना जाता है ।

दरसल​ दिन के समय में तो दिन ही होता है और चारो और रोशनी होती है इस कारण से सूर्य की शौभा कम बढती है । वही पर जब रात के समय में चारो और अंधेरा होता है और इस समय चांद अगर थोड़ी सी रोशनी करता है तो चांद की महत्वता बढ जाती है।

अगर इसी अवस्था में माने की चार चांद हो तो पूरी धरती पर रात के समय में भी सब कुछ दिख सकता है क्योकी चांद के कारण से रोशनी होगी जिसके कारण से अंधेरे में भी काफी उजाला हो जाएगा । और इससे बहुत अधिक शौभ बढ जाती है । और इस बात से आप समझ सकते है की char chand lagana muhavare ka arth – बहुत अधिक शोभा बढाना होता है ।

‌‌‌निचे कुछ मुहावरों की लिंक दी जा रही है जो बहुत ही महत्वपूर्ण है ।

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Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।