कान काटना मुहावरे का अर्थ और वाक्य में प्रयोग

कान काटना मुहावरे का अर्थ kaan kaatana muhaavare ka arth – चालाकी में आगे होना, या चालाकी से मात देना ।

दोस्तो जब कोई अपनी चालाकी से किसी को मात देता है या फिर अपनी चालाकी के कारण उसे ‌‌‌भुला फुसलाकर उससे वह काम करा लेता है या फिर उसे किसी कार्य मे प्राजित कर देता है तो इसे कान काटना कहते है । अर्थात ‌‌‌जब किसी कार्य मे आसानी से सामने वाले को हरा दिया जाए तो ‌‌‌उसे कान काटना कह सकते है

वही पर आपको बता दे की यह मुहावरा चालाकी से आगे होने के बारे में भी बताता है । यानि कान काटना मुहावरे का अर्थ चालाकी से आगे होना भी होता है ।

कान काटना मुहावरे का अर्थ और वाक्य में प्रयोग

कान काटना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग || use of idioms in sentences in Hindi

‌‌‌जब भारत के लोगो ने अग्रेजो के कान काट तब जाकर भारत के लोगो को आजादी मिली ।

राम ने अपनी वाणी के जरिये अनेक लोगो के कान काट लिए ।

भाषण बाजी मे संजय को कोई भी नही हरा सकता है क्योकी वह दुसरो का काना काटना जानता है ।

राजेश से दुश्मनी मोल मत लेना वह कान काटना जानता है ।

कान काटना मुहावरे पर कहानी
||  story on idiom in Hindi

प्राचिन समय की बात है किसी नगर मे बला नाम का एक  लडका रहता था उसके घर मे उसी माँ के अलावा और कोई भी नही ‌‌‌रहता था । बाला जब छोटा था तब उसी माँ उसे खाना भी समय पर नही दे सकती थी फिर भी बाला ने बहुत मेहन की ताकी वह अपनी माँ की सेवा करने के लिए हर वह काम कर सके जो कोई और नही कर ‌‌‌सकता है । ऐसा सोचकर बाला दिन व रात ‌‌‌मेहंत करता रहता ।

कहा जाता है की जो भी आप काम करते हो वह एक न एक दिन आपके लिए फायदेमंद होता है । ऐसा ही सोचकर बाला उस काम मे लगा रहता था । जब बाला बडा हो गया तो वह खेतो मे काम कर कर बहुत पैसे कमाने लगा था । पर उस ‌‌‌समय बाला के गाव मे डाकू आते थे ‌‌‌और गाव मे जो भी फसल होती थी उसमे से आधी से भी ज्यादा डाकू लूटकर ले जाते थे ।

जिसके कारण गाव के लोग बहुत ही परेसान थे पर उस समय बाला उन डाकूवो के बारे मे नही सोचता था । वह सोचता की इनसे मेरा कोई मतलब नही है क्योकी ये लोग लूटेरे है । ‌‌‌बाला उस समय सोचता की यह केवल मेरा ‌‌‌अकेले‌‌‌ का अनाज थोडे लूटते है यह तो सभी ‌‌‌का लूटते है । डाकू इसी तरह से उस गाव मे आते थे और लोगो को लूटकर चले जाते थे

अगर उस समय उन्हे वहा पर कोई मिल जाता तो वे उनको बहुत मारते और वे अपनी भडास उस पर निकालने लग जाते थे । एक बार गाव मे डाकू आए थे और लोग अपने अपने घर मे बंद थे । डाकू को आते देखकर सभी लोग अपने अपने घरो मे से अनाज ‌‌‌लाकर उन लोगो को दे देते थे और जो लोग अनाज नही लाकर देते उनके घरो मे घुसकर उसे मारते और फिर घर से पुरा अनाज ले आते थे ।

उसी दिन भी ऐसा ही हुआ था उस दिन बाला उस गाव मे नही था । वह शहर अपनी माँ के लिए समान लाने गया था । जब सभी घरो से ‌‌‌अनाज आ गया तो डाकू के सदार ने पुछा की किसके घर से ‌‌‌अनाज नही ‌‌‌आया है । तब डाकू का साथी बोला की उस घर से कोई भी समान लेकर नही आया । जब डाकू के सरदान ने गाव के मुखिया से ‌‌‌पूछा की उस घर मे कोन रहता है और अब तक ‌‌‌अनाज क्यो नही आया है ।

तब मुखिया बोला सरदार जी उस घर मे बाला रहता है पर वह इस समय यहा पर नही है और उसकी माँ उसी घर मे है । उसकी इतनी हिम्मत नही है ‌‌‌की वह समान लाकर दे सके । डाकू को क्या लेना था की कोन कैसा है उसे तो अनाज से मतलब था तो उसने अपने ‌‌‌साथियों को भेजा और कहा की उसके हाथ पैर तोडकर घर का सारा समान लेकर आ जाओ ।

सरदार की आज्ञा मानकर उसके साथी बाला के घर गए और उसकी माँ को मार पिट कर सारा समान ले आए और समान लेकर डाकू वहा से चले गए । ‌‌‌कुछ समय के बाद वहा पर बाला आया और अपने गाव के लोगो से हस हस के बात कर रहा था पर कोई भी नही बोल रहा था तब बाला ने कहा क्या हुआ ।

तब एक आदमी बोला की बेटा डाकू आज आए थे और हम सब को लुटकर ले गए और तुम्हारे इतना कह कर वह चुप हो गया । तब बाला को समझ मे आ गया की जरुर उसके घर मे कुछ बुरा हुआ है । वह ‌‌‌जल्दी से अपने घर मे गया और अपनी माँ को पुकारे लगा तभी उसे दिखा की उसकी माँ खुन मे लतपत हुए जमीन पर पडी है ।

यह देखकर बाला की आंखो मे आसू आ गए और वह रोने लगा । तब उसकी माँ ने कहा की बेटा अब मेरे जाने का समय आ गया है और ऐसा कहते ही उसकी माँ की मृत्यु हो गई । कुछ समय तक तो वह रोता रहा तभी गाव के ‌‌‌लोगो की बाते सुनी की अगर ये डाकू नही होते तो हमारे साथ ऐसा ‌‌‌नही होता तभी बाला गाव के लोगो के पास गया और कहा की इन डाकू का कुछ करना होगा ।

तब गाव के लोगो ने कहा की पहले अपनी माँ का अंतिम संस्कार तो कर दो । बाला ने अपनी माँ का अंतिम संस्कार किया और फिर गाव के लोगो को एक जगह इखटा कर कर कहा की आप लोग ‌‌‌चहाते हो की वे डाकू यहा पर नही आए पर इसके लिए हम सबको एक होकर उनसे लडना होगा । गाव के लोगो को भी बात समझ मे आ गई ।

तब सभी लोगो ने कहा की पर हम करेगे कैसे । बाला ने कहा की आप लोग अभी से मेरे पास आ जाए और जो भी आपके पास लोहे का समान है उसे लेकर आ जाए । सभी लोग एक जगह इखट्ठा हो कर लडने के लिए हथियार बनाने लगे । इस तरह से उन्होने हथियार बना लिए और जब डाकू फिर आए तो कोई भी उस गाव मे नही दिख रहा था ।

डाकू के कहने पर भी कोई भी अपने घरो से बाहर नही निकला । तब डाकू के सरदार ने अपने साथियो से कहा की इन लोगो के घर मे घुसकर इन्हे मारो और जो भी इनके घर मे है वह सब उठा कर ले आओ । जब डाकू ‌‌‌घर मे गए तो घर से जोर जोर से आवाज आई तब सरदार को लगा की अपने ही लोग लोगा को मार रहे है । जब कोई भी बाहर नही ‌‌‌तो डाकूओ का सरदार हिलने लगा और चिलाने लगा । तब गाव के लोग बाहर आए और डाकू को ‌‌‌को मारने लगे जब सभी थक गए तब लोग रुक गए थे तब डाकू उन लोगो से माफी मागने लगा ।

कान काटना मुहावरे पर कहानी

तब बाला ने कहा की तुमने हम सबको दुख दिए है जिसकी भरपाई करने के लिए ‌‌‌तुम्हे इसी गाव मे कुतो के साथ ही रहना होगा और जो भी हम कहेगे वह कार्य करना होगा । अगर चालाकी करने की कोशिश की तो मारे जाओगे । इस तरह से बाला ने डाकू के सरदार के कान काट लिए और उस कार्य मे गाव के लोगो ने भी साहयता की । इस तरह से आप इस कहानी का अर्थ समझ गए होगे ।

‌‌‌कान काटना मुहावरे पर निबंध || kaan katna essay on idioms in Hindi

साथियो आज के जमाने मे हर कोई अपने आप को तोप समझता है पर जब वह किसी और के सामने जाता है तो वह उसे मात दे देता है और उसे निरास होने के लिए मजबुर कर देता है इसी को कान काटना कहते है । जिस तरह से एक आदमी घमण्डी पहलवान को धुल चटा देता है तो पहलवान को समझ मे आ जाता है की ‌‌‌इसका मै ‌‌‌कुछ भी नही बिगाड सकता हूं और वह चुप चाप अपनी हार मान लेता है ।

इसी तरह से कान काटना केवल लडने के लिए ही नही है ‌‌‌बल्कि उन सभी के लिए इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है जिनमे सामने वाला प्राजित हो जाता है या माता खा लेता है । मात देना भी इतना आसान काम नही है क्योकी इसके लिए ही बहुत ‌‌‌कुछ करना पडता है ।

जिस तरह से पढने वाले के लिए मात तभी दी जाती है जब अपने से ज्यादा बुद्धी वाले को किसी कार्य मे प्राजित किया जाए उसे भुला फुसलाकर या फिर जैसे भी हो उसे ‌‌‌हरा दिया जाए तो उसके कान काट लिए जाते है । इसी तरह से दोड़ करने वाले को अगर कोई हरा देता है तो उसके लिए कहा जाता है की ‌‌‌इसने तो दोड मे उसके कान काट लिए । इस तरह से आप इस मुहावरे का अर्थ समझ गए होगे।

कान काटना मुहावरे का तात्पर्य क्या होता है || What is the meaning of kaan katna in Hindi

दोस्तो कहा जाता है की आज के समय में जो चालाक होता है वह अपने जीवन में कुछ भी प्राप्त कर सकता है । क्योकी वह अपनी चालाकी के कारण से ही तो सब कुछ करता है वह अगर जीवन में सफल होता है तो इसके पीछे भी उसकी चालाकी होती है जो की उसे जीवन में कुछ अलग बनाती है और अन्यो से अलग रखने का काम करती है ।

आपको बता दे की अगर कोई ऐसा है जो की चालाकी से हमेशा आगे रहता हो चा फिर चालाकी से मात देने की ताक्त अपने पास रखता है तो असल में वह कान काटना जानता है । क्योकी कान काटना मुहावरे का तात्पर्य उस स्थिति से होता है जब मानव चालाकी से मात दे देता है या फिर चालाकी से अन्यो से आगे निकल जाता है ।

और आपको पता होगा की आज के समय में ऐसे लोग है जो की चालाकी से आगे निकलने की ताक्त रखते है तो वे असल में काम काट रहे है ।
अत इस मुहावरे के बारे में आपको समझ में आ चुका है ।

Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।