एक अनार सौ बीमार मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

एक अनार सौ बीमार मुहावरे का अर्थ ek anaar sau beemaar muhaavare ka arth – वस्तु कम व मांग अधिक होना ।

दोस्तो अगर किसी ऐसी वस्तु की माग अधिक हो जो कम मिलती हो या उसी समय वह वस्तु कम हो या फिर ऐसे कह सकते है ‌‌‌की ऐसा कार्य जिसको केवल एक ही या फिर कुछ ही लोग पुरा कर देते है पर उस कार्य को करने के लिए अनेक लोग आ जाते है । ऐसी ही स्थिती मे इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है जिसका साधारण भाषा मे अर्थ है किसी वस्तु की माग अधिक होना पर वह वस्तु कम होना ।

एक अनार सौ बीमार मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

एक अनार सौ बीमार मुहावरे का वाक्य मे प्रयोग  || ek anar sau bimar use of idioms in sentences in Hindi

‌‌‌रमेश के पास एक आदमी को ही भोजन कराने का समान था पर उसके घर मे खाने वाले लोगो की सख्या दश थी यह तो वही बात हो गई एक अनार सौ बिमार होना ।

आजकल नोकरी थोडी होती है और उसको पाने वाले अनेक यह तो वही बात हो गई एक अनार सौ बिमार ।

‌‌‌अध्यापक ने विधालय मे बच्चो से एक प्रशन पुछा तो सभी बच्चे उसका उतर बताने के लिए तैयार थे सच कहा है एक अनार सौ बिमार ।

रमेश के गाव मे जब बाढ आई तो पुरा गाव भुखा मरने लगा तभी सराकर ने उनकी मदद करने के लिए एक किलो रोटी भेज दी पर ‌‌‌उससे क्या हो सकता था इसे तो एक बिमार सौ बिमार कहते है ।

एक अनार सौ बीमार मुहावरे पर कहानी || ek anar sau bimar story on idiom in Hindi

एक समय की बात है राजवीर नाम का एक लडका अपने गाव मे रहता था । उसके घर मे उसकी बहन , छोटा भाई व ‌‌‌बुढे मा बाप थे । राजवीर अकेला ही ऐसा था जो कमाकर अपने घर के लोगो का पेट भरता था ।  राजवीर अपने काम से काम रखता था । वह इतना गरीब था की वह समय पर अपने घर के लोगो के लिए ‌‌‌भोजन भी नही ला सकता था ।

राजवीर बहुत ही बलवान था पर उसे कोई काम नही मिलता था इस कारण ज्यादातर उसके घर के लोगो को भुखा ही रहना पडता था । उसके घर के सभी लोग जानते थे की हम किस हालत मे है इस कारण जब भी भोजन नही होता तो सभी चुप चाप सो जाते थे । राजवीर का पिता इतना ‌‌‌बुढा था की  वह अपने ‌‌‌आप चल भी नही सकता था ।

वह अपने घर मे ही पडा रहता और अपनी जिंदगी को कोसता रहता था पर हो भी क्या सकता था । जैसा होगा वैसा ही होता रहता था उसे कोई भी नही बदल सकता ऐसा सोचकर वह अपना जीवन गुजारता रहता था । एक बार की बात है राजवीर के गाव के लोगो के लिए सरकार ने ‌‌‌कुछ‌‌‌ भोजन भेजा ‌‌‌जिससे गाव के लोग कुछ दिनो तक आराम से भोजन कर सकते थे ।

जो भोजन सराकर ने भेजा था वह भी इतना नही था की पुरे गाव के लोगो को इतना तो मिल जाए की वे आराम से एक दिन तो भोजन कर सके । तब गाव के बडे लोगो ने फसला लिया की इस भोजन को गरीबो मे बाट दिया जाए तो अच्छा रहता है क्याकी वे तो कभी भोजन करते है कभी नही करते ।  कम से कम वे ‌‌‌आज तो भोजन आराम से कर सकते है ऐसा सोचकर गाव के लोग भोजन बाटने लगे ‌‌‌तब सभी लोग वहा पर आ गए ।

उन लोगो को देखकर जो भोजन बाट रहे थे उन को समझ मे नही आया की इन लोगो को भोजन किसी तरह से दे । क्योकी भोजन कम था और उसे लेने वाले ज्यादा थे । तब उस भोजन को सभी ‌‌‌के लिए बरारबर बराबर बाट दिया गया जिससे सबके पास ‌‌‌एक आदमी का भोजन आ सका ।

उस भोजन को लेकर सभी लोग अपने अपने घर चले गए ‌‌‌और राजवीर भी अपने घर की ‌‌‌ओर चला गया । उस दिन राजवीर को कोई काम नही मिला था इस कारण वह पुरे दिन घर पर था और कुछ भी कमाकर नही लाया । भोजन लेकर राजवीर घर गया तो उसे समझ मे नही आया की किस को भोजन दिया जाए और किस को नही दिया ‌‌‌जाए ।

क्योकी उसके घर मे भी वही हालत थी जो गाव मे थी यानि भोजन एक आदमी का था और उसे ग्रहण करने वाले पाच थे । तब राजवीर सोचने लगा यह तो वही बात हो गई की एक अनार सो बिमार । राजवीर ने बहुत सोचा फिर उसने अपनी बहन को खाना दे दिया पर बहन ने नही खाया उसने अपने भाई को दे दिया और भाई ने अपने मा बाप ‌‌‌को भोजन कराया था ।

इसी तरह से राजवीर के घर मे होता रहता था। इसी तरह से एक बार राजवीर काम करने के लिए किसी के पास गया और वहा जाकर उसने देखा की इस काम को करने वाले तो अनेक लोग यहा पर बेठे है । पर ‌‌‌उस काम तो दो लोग ही कर सकते है ।

एक अनार सौ बीमार मुहावरे पर कहानी

तब जो आदमी काम करा रहा था उसे समझ मे नही आया की किस को काम ‌‌‌दू और किस को नही दू । काम दो लोगो को ही देना था और उसे पाने के लिए अनेक लोग वहा पर आए थे । तब उस आदमी ने राजवीर के साथ साथ एक आदमी को काम दिया था । राजवीर बलवान था इस कारण उसे वहा पर काम मिल गया ।

तब राजवीर सोचने लगा की आज के समय मे किसी के पास काम नही है और कही काम मागने के लिए चले जाते ‌‌‌है तो उस काम को करने के लिए पहले ही अनेक लोग वहा पर होते है यह तो वही बात हो गई एक अनार सौ बिमार । इस तरह से आप इस कहानी का अर्थ समझ गए होगे ।

‌‌‌एक अनार सौ बिमार मुहावरे पर निबंध || ek anar sau bimar essay on idioms in Hindi

साथियो आज के समय मे बेरोजगारी इतनी बड गई है की हर ‌‌‌जगह अनेक लोग काम की तलाश मे भटकते रहते है और अगर किसी एक काम को पाने के लिए भी अनेक लोग आते है तो समझने मे बहुत मुश्किल हो जाती है की काम किस को दिया जाए । क्योकी एक ही काम किस किस को दे सकते है किसी ‌‌‌एक को ही दिया जा सकता है ।

अनेक लोग इसी तरह से भटकते रहते है। जैसे मान लो ‌‌‌बाजार मे हम मिठाई लोने के लिए जाते और एक ही दुकान ‌‌‌है और उसमे भी थोडी मिठाई है और उसे लेने के लिए अनेक लोग खडे है । तब दुकान दार को समझ मे नही आता की किस को मिठाई दि जाए क्योकी एक अनार सौ बिमार इसी को कहते है।

‌‌‌इस तरह के लोग बहुत है जो अनेक कारण से किसी चिज को पाने के लिए भागते रहते है और इस दुनिया मे कितने लोग है उन लोगो मे से आधे भी किसी चिज के पिछे भागे तो कितने लोग हो जाते है । पर वे सभी एक ही वस्तु के पिछे भागते है । इसी को एक आनार सौ बिमार कह सकते है जिसका अर्थ है एक आनार को पाने ‌‌‌पाने के लिए अनके लोग है अर्थात वस्तु कम होना और उसकी माग अधिक होना ।

एक अनार सौ बीमार मुहावरे का तात्पर्य क्या होता है || What is the meaning of ek anar sau bimar in Hindi

दोसतो अनार वह होता है जो की बीमारी को दूर कर सकता है और यही कारण है की इसे बीमारी से जोड़ा जाता है । मगर इस मुहावरे के तात्पर्य की बात की जाए तो यह उस स्थिति को देर्शाता है जब वस्तु कम व मांग अधिक होने की बात होती है ।

जैसे की कुल 10 मजदुर होते है और आपके पास खाना एक ही मजदूर का होता है तो इससे वह अकेला मजदूर ही पेट भर सकता है बाकी के जो 9 मजदूर होते है वे पेट नही भर सकते है । अगर सभी मिल बाट कर खाए तो सभी के लिए भोजन कम रह जाता है । तो इस स्थिती में इस मुहावरे का प्रयोग कर सकते है ।

मतलब यह है की यहां पर वस्तु कम है और इसकी मांग अधिक हो रही है और यही कारण है की आप ओर हम इस मुहावरे का यहां पर प्रयोग कर सकते है । अत आप इस मुहावरे के अर्थ को समझ सकते है ।

आपको बता दे की अगर आप इस मुहावरे का प्रयोग करना चाहते है तो इसका प्रयोग वही पर होगा जहां पर वस्तु कम और मांग अधिक होने की बात होती है और इस तरह से आप इस मुहावरे का प्रयोग कर सकते है ।

Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।