दिन रात एक करना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

दिन रात एक करना मुहावरे का अर्थ din raat ek karna muhavare ka arth – बहुत कठिन परिश्रम करना

दोस्तो जब कोई व्यक्ति किसी काम को करने के लिए अपना पूरा समय उसमे ही लगा देता है ‌‌‌यहां तक की स्वयं के बारे मे भी नही सोचता है । यानि वह अपना खाना पानी भुल कर उसी काम को करने मे लगा रहता है ‌‌‌तो इस तरह से परिश्रम बहुत ही कठिन होता है और इस तरह से करने को ही दिन रात एक करना कहा जाता है ।

दिन रात एक करना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

दिन रात एक करना मुहावरे का वाक्य मे प्रयोग Use in sentence

  • रामलाल ने दिन रात एक कर दिए तब जाकर वह अपनी गवाई वहु इज्जत वापस पा सका था ।
  • दिन रात एक करने से ही आज उकसे घर मे रोनक छाई रहती है वरना आज वे भी ‌‌‌दाने दाने के लिए तरसते रहते थे ।
  • अगर बेटा दिन रात एक कर कर पढाई करोगे तो कोई भी तुम्हे नोकरी लगने से नही रोक सकेगा ।
  • महेश ने दिन रात एक कर दिए तब जाकर वह अपने पिता का इलाज करा सका ।
  • अगर इसी तरह से हर कोई दिन रात एक कर सकता था तो आज कोई भी बेरोजगार नही होता ।
  • महेश ने दिन रात एक कर दिए तब ‌‌‌जाकर वह IAS बन सका ।
  • जब तक किसी काम मे दिन रात एक नही करते तब तक उस काम मे सफलता नही मिलती है ।

दिन रात एक करना मुहावरे ‌‌‌पर कहानी Idiom story

प्राचिन समय की बात है किसी नगर मे प्रकाश नाम का एक आदमी रहता था । उसके घर मे उसका एक बेटा और उसकी पत्नी रहती थी । उसके माता पिता की मृत्यु हो गई थी पर जब उसके पिता जिवित थे और जब प्रकाश छोटा था तो उसके पिता ने उसे बहुत पढाया था ।

पर उसने जब सही तरह से पढाई नही की तो उसके पिता ने उसे ‌‌‌ने उसे पढने के लिए मना कर दिया था । और एक दिन प्रकाश के पिता ने एक बंजर भूमि सस्ते मे खरीद ली थी । उसके पिता ने सोचकर लिया था की मेरा बेटा इसमे कुछ न कुछ कर लेगा वरना समय आने पर इसे वापस बेच देगा ।

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इसी तरह से जब प्रकाश बढा हो गया तब उसके पास भोजन लाने के पैसे नही थे । वह मजदुरी कर कर अपना ‌‌‌पेट पालता था । यहां तक की उसकी पत्नी भी काम करने के लिए जाया करती थी । इस तरह से उन्हे काफी समय बित गया था ।

तब प्रकाश को याद आया की उसके पास एक भूमि तभी उसे यह भी याद आया की वह भूमि बंजर है । तब उसने सोचा की क्यो न इस भूमि को मै बेच देता हूं क्योकी इस पर फसल तो हो नही सकती है ।

जब इस बारे ‌‌‌मे उसने अपनी पत्नी से पूछा तो उसने भी यही कहा की इस भूमि को बेचने से हमे फायदा होगा । इस कारण से अगले ही दिन प्रकाश शहर गया और लोगो से कह कर आ गया की मै अपनी भूमि बेचना चाहता हूं ।

कुछ दिनो के बाद प्रकाश के पास एक लेटर आया जिसमे लिखा था की अगर तुम अपनी जमीन बेचना चाहते हो तो शहर आकर हमसे बात ‌‌‌करो । लेटर को देखते ही प्रकाश शहर चला गया और वहां पर जाकर उसने अपनी जमीन के बारे मे जानकारी दे दी थी ।

तब उन लोगो ने कहा की हम कल आपकी जमीन देखने के लिए आएगे और वही पर पैसो की बोली लगा देगे । अगले दिन जब वे लोग आए तो उन्होने जमीन देखी और बोली लगा दी थी । पैसो की बोली बहुत ही कमी थी और अंत मे भी ‌‌‌बहुत कमी थी । इस कारण से प्रकाश ने अपनी जमीन बेचने से मना कर दिया था ।

इसी तरह से वह कुछ दिनो के बाद शहर अपने मित्र के पास गया तो उसने उसे बताया की मेरे पास एक जमीन है जो बंजर है । तब उसके मित्र ने उसे समझाया की वह पहले के समय बंजर थी पर आज नही । अगर तुमने उसे दिन रात ‌‌‌सिंचा तो वह एक समय बाद बंजर ‌‌‌नही रहेगी ।

प्रकाश का मित्र पढा लिखा था इस कारण से प्रकाश ने उसकी बात पर गौर किया और फिर घर जाकर वह अपनी जमीन को सिंचने लगा था । इस तरह से सिंचने हुए उसे एक ‌‌‌माह बित गया था पर अब तक उसमे कुछ भी नही हुआ था ।

तब गाव के लोगो ने उसे कहा की भाई तुम कर क्या रहे हो भला इस पर फसल हो सकती है । ‌‌‌प्रकाश ने गाव के लोगो की बात पर गोर नही किया और उसने उस जमिन को सिंचने के लिए दिन रात एक कर दिए । वह समय पर खाना भी नही खाता था ।

यह देखकर उसकी पत्नी ने भी उससे कहा की इस पर फसल नही हो सकती थी । क्योकी उसके मित्र ने कहा था तो वह किसी और की बात मान भी नही रहा था और उसी काम को करने मे लगा ‌‌‌रहा ।

धिरे धिरे दो वर्ष बित गए तब जाकर उसके खेत मे फसल होनी शुरु हो गई थी और ऐसी फसल हुई की सभी लोग दंग रह गए । तब गाव के लोग सोचने लगे की इस बंजर भूमि पर इतनी अच्छी फसल हो सकती है क्या इस बारे मे हमने तो कभी सोचा तक नही ।

फसल इतनी अच्छी होने के कारण उस भूमि की किमत बढ गई थी । ‌‌‌फिर एक दिन कुछ लोग प्रकाश के पास आकर बोलने लगे की हम आपकी जमीन खरीदना चाहते है । तब प्रकाश ने कहा की अब मै उस जमीन को नही बेचुगा ।

जब उन लोगो ने कहा क्यो नही बेचना चाहते हो वह तो बंजर है उससे तुम्हे क्या फायदा हो सकता है । तब प्रकाश ने कहा की अब वह बंजर नही है उसमे पूरे गाव के खेतो से अच्छी ‌‌‌फसल होती है । ऐसा सुनकर उन लोगो को यकिन नही हुआ तो वे लोग उसके खेत को देखने के लिए चले गए । वहां जाकर उन्हे देखा की उस खेत मे तो अच्छी फसल है ।

तब वे लोग गाव के लोगो से पूछने लगे की इस खेत मे इतनी अच्छी फसल कैसे होने लगी है । तब लोगो ने कहा की प्रकाश ने दिन रात एक कर दिए तब जाकर इस खेत मे ‌‌‌फसल होने लगी है । तब उन लोगो ने फिर से पूछा की किसी काम के लिए दिन व रात एक कर दिए ।

तब गाव के लोगो ने उन्हे पूरी बात बताई और कहा की दो वर्षो तक उसने इस जमीन की सीचाई की थी । इस कारण से ही आज इतनी अच्छी फसल हो रही है । यह सब जाकर वे लोग चोक गए और वहां से वापस अपने शहर चले गए थे । धिरे ‌‌‌धिरे समय के साथ प्रकाश बहुत ही अमीर हो गया था ।

तब गाव के लोग बात करने लगे की इसने दिन रात एक कर दिए तब जाकर यह अमीर बना है । इस तरह से आप इस कहानी से समझ गए होगे की इस मुहावरे का अर्थ क्या है ।

दिन रात एक करना मुहावरे का तात्पर्य क्या होता है || What is the meaning of din raat ek karna in Hindi

दोस्तो आपको हम मुहावरो के अनुसार ही इसके अर्थ को समझाने का प्रयास करते रहते है । जैसे की उपर हमने बताया की दिन रात को एक करेगे तो काफी परिश्रम करना होगा ।

मगर यह जो परिश्रम होता है वह कोई आसान नही होता है । क्योकी दिन रात सूर्य के कारण से होता है तो इसका मतलब हुआ की आपको दिन रात को एक करने के लिए सूर्य को ही नष्ट करना होगा जिसके बाद ही दिन और रात मिल जाएगे और दोनो एक हो जाएगे । मगर सूर्य को नष्ट करने के लिए आपको बहुत ही अधिक कठिन परिश्रम करना होगा और उसके बाद ऐसा हो सकता है ।

इस कारण से दोस्तो आप दिन रात एक करेगे तो आपके लिए यह आसान नही होगा और इस बात से समझा जा सकता है की din raat ek karna muhavare ka arth – बहुत कठिन परिश्रम करना होता है ।

‌‌‌निचे कुछ मुहावरों की लिंक दी जा रही है जो बहुत ही महत्वपूर्ण है ।

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Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।