घर करना मुहावरे का अर्थ और वाक्य (idioms use in sentence in Hindi)

घर करना मुहावरे का अर्थ ghar karna muhavare ka arth – मन में बस जाना या रच बस जाना

दोस्तो पुरूष को रहने के लिए किसी घर की जरूरत नही होती है क्योकी वह खुले वातावरण में भी रह सकता है और वही पर भी अपने जीवन को शुरू कर सकता है । मगर एक स्त्री को घर की जरूरत होती है क्योकी वह पुरूष की तरह‌‌‌ खुले वातावरण में नही रह सकती है । और जब पुरूष का विवाह हो जाता है

घर पर मुहावरे ghar par muhavare

तब उसी पुरूष को एक रहने के लिए आश्रय बनाना पडता है जिसे घर कहा जाता है । इस तरह से पुरूष को घर करना पडता है यह कह सकते है। मगर जब कभी मनुष्य को कुछ अच्छा लगता है तो उसे अपने मन में जगह दे देता है और उसका भी घर मन में बना लेता ‌‌‌यानि सामने वाले ने उस मनुष्य के मन में घर कर लिया । इस तरह से घर करना को मन में बस जाना या रच बस जाना कहा जाता है ।

घर करना मुहावरे का अर्थ और वाक्य (idioms use in sentence in Hindi)

घर करना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग (ghar karna idioms use in sentence in Hindi)

  • ‌‌‌कोयल की मधुर वाणी को सुन कर उसने मेरे मन में घर कर लिया ।
  • लता का संगित सुन कर राहुल को इतना अधिक अच्छा लगा की मानो लता ने उसके मन में घर कर लिया हो ।
  • मीरा की भग्ति देख कर कृष्ण ने कहा की मीरा ने मेर मन में घर कर लिया ।
  • ‌‌‌कंचन की कलाकारी जो भी देखता है उसके मन में कंचन घर कर लेती है ।
  • ‌‌‌भारतिय संस्कृति ने आज ‌‌‌विदेशी लोगो के दिलो में भी घर कर रखा है।
  • ‌‌‌महेश की शायरी सुनने के बाद में उसने तो मानो मेरे मन में घर कर लिया हो ।
  • पंकज ‌‌‌जैसा होसियार लडका इस विद्यालय में नही है उसने तो हर किसी के मन में घर कर रखा है ।

घर करना मुहावरे पर कहानी

‌‌‌एक समय की बात है किसी नगर में बहुत से लोग रहा करते थे । उस नगर में तरह तरह के लोग रहा करते थे और दिन रात काम करने में ही लगे रहते थे । उन लोगो को यहां तक की फुरसत नही थी की वे आराम से बैठ कर आपस में बात किया करे । और अपने मन को खुश करने के लिए कुछ आनन्द भरे पलो का मजा ले सके ।

 मगर एक बार यह ‌‌‌दिन आ गया जिसके कारण से हर किसी के मन में एक ऐसा चरित्र बैठ गया जो की गायन का था । दरसल उस नगर में एक बार बहुत ही बडा प्रोग्राम हुआ था जिसमें तरह तरह के लोग आ रहे थे और सभी लोग केवल यह देखने के लिए आए  थे की जो यहां पर प्रोग्राम होने वाला है उसमें गायन कैसा होगा ।

दरसल उस प्रोग्राम में लता नामक ‌‌‌एक औरत आने वाली थी जो की काफी अधिक मशहूर थी । मरग उस नगर के लोगो को इस बारे में न तो पता था और न ही वे लोग लता के बारे में जानते थे । मगर जब लोगो ने अपने घरो में मधुर वाणी के रूप में संगित को सुना तो सभी के रोम रोम खिल उठे । जिसके कारण से धिरे धिरे लोग प्रोग्राम की और आगे बढने लगे थे ।

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दरसल ‌‌‌जिस व्यक्ति ने यह प्रोग्राम रखा था वह शहर का सबसे बडा अमीर आदमी था और उसने बहुत सारा स्थान भी रखा था क्योकी उसे मालूम था की लोगो की भीड बडने वाली है । और ऐसा ही हुआ क्योकी जेसे जैसे समय बितता जा रहा था लोग अपने घरो से निकल कर ‌‌‌बाहर की तरफ बढते जा रहे थे और इस प्रोग्राम में आने लगे थे । ‌‌‌

इस तरह से जो लोग प्रोग्राम में हिस्सा ले चुके थे उन सभी ने लता के गायन को सुना तो उन्हे बहुत ही पसंद आ गया और पूरे के पूरे शहर के लोगो के मन में लता ने घर बना लिया । इस प्रोग्राम के बाद में हर कोई लता के गायन का दिवाना हो गया था और हर कोई लता का संगित सुनने के लिए अपने घरो में रेडियो जैसे ‌‌‌उपकरणो को लाने लगे थे और शहर में लता का संगित सुनाने की माग बढने लगी थी

जिसके कारण से आकाशवाणी केंद्र ने लता का संगित जोरो सोरो से रेडियो पर चलाया जिसके कारण से लोगो ने बहुत ही अधिक मात्रा में अपना मन लगा कर संगित को सुनाथा । और कभी कभार तो ऐसा भी हो जाता की अगर आस पास लता आने वाली होती तो ‌‌‌लोगो की भीड बढते हुए देर नही लगती थी ।

यह सब देख कर हर कोई कहने लगा था की लता तो जहां भी जाती है वही लोगो के मन में घर कर लेती है । ‌‌‌ ‌‌‌इसी तरह से एक वर्ष के बाद में उसी व्यक्ति ने तला के संगित का कार्यक्रम रखा था । मगर इस बार नगर के सभी लोगो को इस बारे में पता था ।

जिसके कारण से लोगो की भीड बढते देर नही लगी और इसका नतिजा यह हुआ की उस प्रोग्राम में बहुत ही अधिक पैसे प्राप्त हुए थे । जिसके कारण से लोगो को संगित सुनने को मिला और उस व्यक्ति को अपनी जेब से पैसे भी नही देने पडे थे ।

उस समय भीड इतनी अधिक थी की एक बार लता की भी इस और नजर चली गई थी । जब लता ने इस बात की और गोर किया तो वह भी इस बात को महत्व देने लगी थी और शहर के हर कोनो में एक बार जाकर अपना गायन गाना चाहती थी जिसके कारण से वह कम पैसो में भी लोगो के पास पहुंचने लगी थी और लोगो को अपना संगित सुनाने लगी थी ।

घर करना मुहावरे पर कहानी

धिरे धिरे लता के संगित की माग बढ रही थी और हर कोई लता को संगित के ‌‌‌लिए आने का न्यौता देने लगे थे । मगर अब समय ऐसा हो गया था की लता को जाने के लिए समय दो दिन पहले ही निश्चित करना पडता था । यानि बहुत ही अधिक मात्रा में लता के पास संगित के लिए माग बढने लगी थी ।

इस तरह से उस नगर के लोगो में भी लता के संगित की माग बढ रही थी और हर कोई लता को बुलाना ‌‌‌चाहता था । जिसके कारण से जब भी कोई प्रोग्राम होता तो उस शहर में लता को बुलाया जाता था और लता उस शहर में हर बार आती थी क्योकी उसे मालूम है की यहा के लोग उसके संगित को बहुत ही अधिक सुनना पंसद कर रहे है ।

यही कारण था की लता के संगित का हर कोई दिवाना बन गया था । अब समय ऐसा आ गया था की हर कोई अपने ‌‌‌घरो में लता के द्वारा गाए गए संगितो को सुनने लगा था और हर बच्चा एक संगितकार बनने के लिए दिन रात गायन करने लगा था ।

लोग लता से इतना अधिक प्रभावित हो गए की उस शहर में से हर वर्ष कोई न कोई संगित कार बन ही जाता था और इस तरह से उस नगर में हर कोई संगित करने लगा था मगर सभी लता को ही संगित ‌‌‌के रूप में जानते थे क्योकी लता ने लोगो के मनो में घर कर रखा था । और उस शहर में ऐसा कोई नही हुआ जो लता से भी आगे बढ सका । और हर कोई लता के द्वारा गाए गए संगित को अच्छी तरह से जान चुका था । मगर सभी एक ही बात कहते थे की लता की वाणी बडी प्यारी है यही कारण है की आज ‌‌‌लता ने हर किसी के मन में घर कर रखा है ।

इस तरह से संगित के कारण से लोगो के मन में भी जगह प्राप्त हो सकती है ।

घर करना मुहावरे पर निबंध

साथियो आज हर किसी को रहने के लिए एक आश्रय की जरूरत है जिसे घर कहा जाता है और इसी घर में हर कोई अपने परिवार के साथ रहता है। ‌‌‌और हर कोई अपने परिवार के लोगो से बहुत ही प्रेम करता है और उनके लिए कुछ भी कर सकता है ।

 यानि यह कह सकते है की परिवार के सदस्य एक दुसरे के मन में जगह बनाए हुए है । और इस तरह से जहां पर सभी ने जगह बना रखी है उसे भी घर कह सकते है । यानि मन में जगह होने को मन में घर होना कह सकते है ।

इसी तरह से ‌‌‌आज बहुत से ऐसे लोग भी है जो की अनेक कलाकारी करते है और इन्ही कलाकारी के कारण से वे बहुत से लोगो के दिलो में छा चुके है यानि लोगो के मनो में जगह बना चुके है । इस तरह से जगह बनाने का मतलब होता है की उनके मन में बस चुके है । और जहां मन में बस जाते है या रच बस जाते है वहां पर घर ‌‌‌करना कहा जाता है ‌‌‌।

इस तरह से मन में बंस जाने का मतलब होता है की लोगो के मन में उन व्यक्तियो ने एक विशेष स्थान बना लिया है जिसके कारण से वे लोगो को बहुत ही पसंद है । इसी को घर करना कहा जाता है ।

घर करना मुहावरे पर निबंध

यानि जिस तरह से उपर कहानी में बताया गया की लता के संगित के कारण से संगित की दुनिया में लता छा गई और हर कोई ‌‌‌उसे जानने लगा था और पहचानने लगा था । संगित के कारण से हर कोई लता का ही संगित पसंद करने लगा था और जब देखो तक लंता के संगित की धुन सुनाई देती रहती थी ।

जिसके कारण से यह समझ में आता है की लता ने लोगो के मन में घर बना लिया था और इस तरह से घर ‌‌‌करने का मतलब होता है की लता लोगो के मन में रच बस गई थी ‌‌‌। इस तरह से जहां पर रच बस जाने की बात हुई वहां पर इस मुहावरे का प्रयोग हुआ था और हो रहा है तो इस मुहावरे का अर्थ आप समझ गए होगे ।

क्या आपने अपने जीवन में इस मुहावरे का प्रयोग किया है बताना न भूले ।

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Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।