अंडे का शाहजादा मुहावरे का मतलब और वाक्य व कहानी

अंडे का शाहजादा मुहावरे का अर्थ ande ka sahjada muhavare ka  arth – अनुभवहिन व्यक्ति

दोस्तो आज के समय मे पैसो का ही बोलबाला है यानि जिसके पास पैसे है उसे नोकरी भी आसानी से मिल जाया करती है । चाहे फिर उसके पास अनुभव होया न हो । इस तरह के लोगो मे से ही  अगर कोई ऐसा व्यक्कि ‌‌‌हो जिसे किसी चिज का अनुभव न हो और वह उसी मे काम करता है । यानि वह पैसे देकर ऐसी नोकरी करने लग जाता है जिसके बारे मे उसे अनुभव न हो की इसे किस तरह से करते है । इस तरह से किसी भी कारण से जो व्यक्ति अनुभवहिन होते है उनके लिए कहा जाता है की यह तो अंडे का शाहजादा है ।

अंडे का शाहजादा मुहावरे का मतलब और वाक्य व कहानी

अंडे का शाहजादा ‌‌‌मुहावरे का वाक्य मे प्रयोग Use in sentence

  • मुझे पता है तुम किसी की सिफारिश से ही इस काम मे लग गए है वरना तुम तो अंडे का शाहजादा हो ।
  • तुम तो कभी घर से बाहर तक निकले नही और मुझे सिखाओेगे की दुनिया दारी मैं कैसे चलना है तुम जैसे लोगो को अंडे का शाहजादा कहा जाता है ।
  • ‌‌‌तुम्हे काम करते हुए इतना वर्ष बित गया और बात अंडे का शाहजादा होने की कर रहे हो ।
  • किसन को उसके पिता ने नोकरी दिलवा दी पर उसे काम करना आता नही इसे कहते है अंडे का शाहजादा होना  ।
  • मुखियागिरी करनी कैसे है यह पता नही और मुखिया बन गए इसे कहते है अंडे का शाहजादा होना ।
  • जब तक किसी मुकाम पर नही पहुंचा जाता तक तक किसी को ज्ञान बाटना अंडे का शाहजादा ‌‌‌समझा जाएगा ।

‌‌‌अंडे का शाहजादा मुहावरे पर कहानी muhavare par kahani

प्राचिन समय की बात है विकाश नाम का एक लडका अपने माता पिता के साथ रहा करता था । उसके पिताजी गाव के सेठ थे उनके पास इतना धन था की पूरा गाव उनकी बराबरी नही कर सकता था ।

विकाश के पिता सेठ होने के साथ साथ गाव के मुखिया भी हुआ करते थे । वे ही लोगो की हर ‌‌‌समस्या सुलझाया करते थे । वे प्रतिदिन तो लोगो की समस्या पर गोर नही करते थे बल्की जब भी रवीवार होता तक गाव के सभी लोग एक जगह पर इखट्ठा हो जाया करते और वहा पर ही सेठ आ जाया करता था ।

जिसके कारण से उस दिन पूरे गाव की समस्या पर गोर किया जाता और उनकी मदद भी की जाती थी । सेठ की दूर दूर तक ‌‌‌जानकारी थी इस कारण से वह सरकार से भी लाभ लेकर गाव के लोगो की मदद कर दिया करते थे ।

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सेठ ने अपने बेटे को पढाई करने के लिए स्कुल भी ‌‌‌भेज रखा था । इस कारण से वह स्कुल पढाई करने के लिए जाता था । सेठ की उस स्कुल के अध्यापक के साथ भी बहुत अच्छी जानकारी थी इस कारण से सेठ के बेटे को स्कुल वाले ‌‌‌रेंक दे दिया करते थे ।

जिसके कारण से गाव के लोगो को लगता की इसे बहुत ज्ञान है । जब सेठ का बेटा बोर्ड की कक्षा मे पहुंचा यानि दसवी कक्षा मे पहुचा तो वह पहली बार मे फेल आ गया और वापस दसवी कक्षा मे ही रह गया था । इस तरह से विकाश तिन बार फैल हो गया था । ‌‌‌तब उसके पिता ने उसे पढाई नही करवाई थी ।

तब से विकाश आराम से अपने घर पर सो जाया करता और इधर उधर गलियो मे भी फिरता रहा था । जब विकाश बडा हो गया तो सेठ ने उसका विवाह कर दिया और फिर उसे काम करने के लिए एक अच्छी ‌‌‌सी कंपनी मे भेज दिया था ।

‌‌‌तब सेठ ने उस कंपनी के मैनेजर से बात कर कर उसे आसानी से अच्छी नोकरी ‌‌‌पर लगा दिया । उस कंपनी मे जो काम होता था वह करना विकाश को आता नही था । फिर भी विकाश कुछ महिनो तक तो वहां पर माथा मारता था पर ‌‌‌आखिर मे विकाश उस काम से परेशान होकर उस काम को छोड दिया था ।

काम छोड देने के बाद मे विकाश अपने पिता के पास ही रहने लगा और उनके पैसो पर ही अपना जीवन जीने लगा । धिरे धिरे समय बितता गया और जब विकाश अपने पिता की उम्र का हो गया तो उसके पिता भी बुड्डे हो गए थे और एक दिन उसके पिता बिमार ‌‌‌पड गए।

जब इस बारे मे गाव के लोगो को पता चला तो गाव के लोग सेठ के पास जाकर उन्हे देखने लगे थे । यानि उनसे बात चित करने लगे थे । इस तरह से सेठ को बिमार हुए काफी समय बित गया तो एक दिन सेठ ‌‌‌की हालत बहुत ही खराब हो गई थी ।

‌‌‌तब सेठ ने गाव के कुछ लोगो को ‌‌‌बुलाकर कहा की मेरे मरने के बाद मे आपकी जो भी ‌‌‌समस्या होगी वह मेरा बेटा हल करेगा । यही पहले से चला आ रहा था यानि सेठ का खानदान ही लोगो की सेवा करता रहता था ।

जब सेठ की मृत्यु हो गई तो गाव का मुखिया विकाश बन गया और गाव के लोगो की समस्या का निवारण करने के लिए तैयार हो गया था । जब पहली बार उसने गाव के लोगो की समस्या को हल किया तो गाव के ‌‌‌लोगो को पता चल गया की इसे लोगो की समस्या कैसे हल करते है इस बारे मे कुछ भी अनुभव नही है ।

क्योकी उसके पास पैसे थे इस कारण से कोई भी उसके सामने ‌‌‌बोलना नही चाहते थे । इस तरह से विकाश को लोगो की समस्या हल करते हुए एक महिना ही बिता था ‌‌‌।

तब लोग उसके पास अपनी समस्या लेकर नही आते थे और जो भी लोग उसके ‌‌‌पास अपनी समस्या लेकर जाता तो वह वापस आते हुए यही कहता की विकाश ने लोगो की समस्या दुर करने का निर्णय तो ले लिया पर अभी वह इस काम मे अंडे का शाहजादा है ।

‌‌‌अंडे का शाहजादा मुहावरे पर कहानी muhavare par kahani

इसी तरह से एक दिन की बात है दो लोग लड कर विकाश के पास अपनी लडाई का निवारण कराने के लिए गए थे । तब उन दोनो को ही विकाश ने सजा दे दी । ‌‌‌

इस कारण से जब वे लोग वापस अपने घर जाने लगे तो वे आपस मे ही बात करने लगे की हम दोनो अपनी लडाई का निर्णय कराने के लिए गए थे पर सेठ ने समस्या का हल तो किया नही बल्की हमे ही सजा दे दी ।

तब दुसरा आदमी बोला की इसे क्या पता की समस्या का हल कैसे किया जाता है यह तो अभी अंडे का शाहजादा ही है । इस ‌‌‌से लोग धिरे धिरे लोग विकाश के पास नही जाते थे और एक समय के बाद लोग विकाश के पास जाना ही नही चाहते थे ।

इस तरह से फिर विकाश का जीवन अपने घर मे ही बितता रहता और वह अपना ही काम करता रहता था । इस तरह से आप लोगो को इस कहानी से समझ मे आ गया होगा की इस मुहावरे का अर्थ क्या है ।

अंडे का शाहजादा मुहावरे पर निबंध || ande ka sahjada essay on idioms in Hindi

दोस्तो अगर आप जैसे ही ande ka sahjada मुहावरे को सुनते है तो आपको लगता है की यह मुहावरा किसी मुर्गी के बच्चे की बात कर रहा है जो की अभी अभी अंडे से निकला है । मरग ऐसा नही होता है क्योकी आपने यह उपर पढा है तो आप समझ सकते हैं

मगर आपको पता है की जो अंडे से अभी अभी निकला होता है उसे किसी तरह का अनुभव नही होता है उसे यह पता नही होता है की माता पिता कोन है और हमे यहां पर क्या करना है । तो इसका मतलब हुआ की वह अनुभवहिन होता है ।

और इस संसार में जो लोग अनुभवहिन होते है असल में उनके लिए इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है और कहा जाता है की यह तो अंडे का सहजादा है। वैसे दोस्तो आप इस मुहावरे के बारे में काफी कुछ समझ चुके है तो हमे कमेंट में एक बात बताए की आप इस मुहावरे को किस लिए याद कर रहे है ।

‌‌‌निचे कुछ मुहावरों की लिंक दी जा रही है जो बहुत ही महत्वपूर्ण है ।

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सिर उठाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

लकीर का फकीर होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

हाथ मलना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

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हवाई किले बनाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

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Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।