इधर की उधर करना का अर्थ व निबंध व वाक्य मे प्रयोग

इधर की उधर करना मुहावरे का अर्थ idhar ki udhar karna muhavare ka arth – चुगली करना

दोस्तो जब किसी व्यक्ती के द्वारा कही गई बात को कोई बडा चडा कर किसी दुसरे व्यक्ति को बताता है । यानि उस बात मे अपनी कुछ बात और जोड देता है जिसके कारण से वह बात बड जाती है और फिर जब वह किसी ‌‌‌को बताई जाती है तो उस बात का सही अर्थ नही रहता और उस बात का कुछ और ही अर्थ निकल जाता है इस तरह से उस व्यक्ति के द्वारा कही गई बात को किसी अन्य व्यक्ति को बडा चडा कर कहने को चुगली करना कहा जाता है । और इस तरह से चुगली करने को ही इधर की उधर करना कहा जाता है ।

इधर की उधर करना का अर्थ व निबंध व वाक्य मे प्रयोग

इधर की उधर करना मुहावरे का ‌‌‌वाक्य मे प्रयोग Use in sentence

  • मैंने तो उसे जरा सा कहा था पर उसने मेरी बात को इधर का उधर कर दिया ।
  • लालसिंह की इधर की उधर करने की आदद है उसे कोई बात मत बता देना ।
  • महेश ने राजेश की बात को इधर का उधर कर दिया जिससे दोनो भाईयो मे झगडा हो गया ।
  • अनिता तो अपने घर की बात ही इधर से उधर करने के लिए आ जाती है ‌‌‌भला उस पर भरोसा कर कर कोई बात भी नही बता सकते है ।
  • प्रताब ने तुम पर भरोषा कर कर कहा था पर तुमने तो उसकी बात को इधर की उधर कर ‌‌‌दी ।
  • जरा धिरे कहो अगर महेश ने सुन लिया तो वह इधर की उधर करता देर नही लगाएगा ।

‌‌‌इधर की उधर करना मुहावरे पर कहानी muhavare par kahani

प्राचिन समय की बात है सुकाराम नाम का एक आदमी अपने गाव मे रहा करता था । उसके घर मे उसकी पत्नी और एक छोटा बेटा था । सुकाराम के तिन दोस्त थे जिनको वह बहुत ही खास मानता था ।

इस कारण से वह जब भी समय मिलता तो वह अपने दोस्तो के पास जाकर बाते करने के लिए बैठ जाया ‌‌‌करता था । सुकाराम की पत्नी उससे कहती की इस तरह से अपने दोस्तो के पास रहने से तो अच्छा है की कोई काम कर लिया करो ।

पर सुकाराम अपनी पत्नी की बात का बुरा नही मानता और वह अपने आप के अनुसार चलता था । उन तिनो दोस्तो मे से सुकाराम का एक दोस्त सबसे पक्का मित्र था । जिसके साथ वह अपने दुख सुख की ‌‌‌बात किया करता था।

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उसका दोस्त भी उसके साथ सुख दुख की बात करता था । इसत रह से दोनो दोस्तो की दोस्ती बहुत घहरी थी । उस दोस्त का नाम रवीप्रकाश था । अब सुकाराम के दो दोस्त थे वह उन्हे ऐसे ही जानता था अगर वे मिल जाते तो वह उनसे बात करने के लिए रूक जाता वरना सुकाराम कभी भी उनके घर नही जाया करता था ।

‌‌‌रविप्रकाश और सुकाराम ज्यादातर एक साथ ही काम करने के लिए जाया करते थे । इस कारण से एक दिन की बात है उस दिन दोनो दोस्त काम करने के लिए जा रहे थे । तब रास्ते मे जाते समय सुकाराम ने अपने दोस्त रविप्रकाश से कहा की दोस्त आज तुम उदास उदास लग रहे हो आखिर बात क्या है ।

तब रविप्रकाश ने सुकाराम ‌‌‌से कहा की दोस्त क्या बताउ आज कल एक तो काम इतना मुश्किल मिलता है और अगर मिल भी जाता है तो वहां पर पैसे कम मिलते है । जिसके कारण से जब भी घर जाता हूं तो भया भाभी दोनो बहुत सुनाते है ।

साथ ही रविप्रकाश ने कहा की मेरी पत्नी भी किसी से कम नही है । वह भी मुझे ऐसा वैसा कहने लग जाती है । यह सब ‌‌‌सुन कर सुकाराम ने कहा की हां दोस्त यह बात तो है ऐसा ही हाल मेरा है ।

जिस दिन काम नही मिलता उस दिन तो पत्नी कभी कुछ ‌‌‌कहती है तो कभी कुछ कहती है तब रविप्रकाश ने कहा की अब हम कर भी क्या सकते है । इतना कह कर दोनो दोस्त काम करने के लिए चले गए थे ।

इसी तरह से एक दिन सुकाराम रविप्रकाश के घर ‌‌‌गया हुआ था तब उसने देखा की रविप्रकाश की भाभी रविप्रकाश से और उसकी पत्नी से झगडा कर रही थी । यह सब कुछ देर तक तो सुकाराम ने देखा पर जब उसकी तरफ किसी ने ध्यान नही दिया तो वह अपने घर आ गया था ।

तब घर आते ही उसने इस बात को अपनी पत्नी से कह दिया था । जिसके कारण से उसकी पत्नी ने उस बात को फिर ‌‌‌किसी और को कह दिया था । ‌‌‌इस तरह से रविप्रकाश के घर की बातो की चुगली होने लगी थी । इस तरह से बात फिरते हुए सुकाराम और रविप्रकाश के दोनो दोस्तो के पास जा पहुंची ।

इस कारण से उन दोनो ने रविप्रकाश और उसके भाई को इस बात को बताया तो इस बात का अर्थ पूरा ही बदल गया था । जहां पर झगडे की बात थी वहा पर गालियो की बात हो गई थी ।

इस बारे मे जान कर दोनो भाई ‌‌‌को लगा की इसने इस बात को घर से बाहर निकाला है इस कारण से दोनो वापस लडने लगे थे । कुछ देर तक लडने के बाद दोनो ने उन दोस्तो से पूछा की तुम्हे इस बात को किसने कहा था ।

तब उन दोने ने किसी दुसरे आदमी का नाम लिया । जब वे दोनो भाई उस आदमी के पास गए तो उसने अपनी पत्नी का नाम लिया और उसकी पत्नी ने ‌‌‌किसी औरत का नाम लिया था ।

अब इस तरह से आगे बढते जाने ‌‌‌के करण से उन दोनो को पता चला की बात क्या थी और हो क्या रही है । जब अंत मे सुकाराम के घर मे बात गई तो उसने कहा की मैंने तो ऐसा नही कहा था मेने तो इतना ही कहा था की आज वे दोनो न जाने किस बात के लिए लड रहे है । और यह बात भी मैंने अपनी पत्नी ‌‌‌को कही थी ।

तब सुकाराम को पता चल गया की मेरी पत्नी ने ही इस बाता को इधर की उधर कर दिया है । साथ ही रविप्रकाश ने कहा की दोस्त तुमने हमारे घर की बात को अपनी पत्नी से कह दिया जिसके कारण से उसने इस बात को इधर की उधर कर दी थी ।

‌‌‌इधर की उधर करना मुहावरे पर कहानी muhavare par kahani

जिसके कारण से यह बात इस तरह से वापस जब हमारे पास आई तो इस बात का अर्थ ही ‌‌‌बदल गया । और फिर हम दोनो लडने लगे थे । इस तरह से कहने के बाद रविप्रकाश ने सुकाराम से कहा की तुमने ऐसा कह कर अच्छा नही किया ।

इतना कह कर वे दोनो भाई उसके पास से चले गए थे । उस दिन के बाद से रविप्रकाश ने सुकाराम से दोस्ती तोड दि और फिर वह उसके साथ काम करने के लिए भी नही जाता था । इस तरह से ‌‌‌एक बात को इधर की उधर करने के कारण उनकी दोस्ती टूट गई ।

फिर दोनो अलग अलग काम करते और अपना जीवन चलाते थे । इस तरह से आप समझ गए होगे की इस मुहावरे का अर्थ क्या है ।

इधर की उधर करना मुहावरे पर निबंध || idhar ki udhar karna  essay on idioms in Hindi

दोस्तो महिलाओ के लिए इस मुहावरे का प्रयोग कुछ ज्यादा ही होता है । क्योकी अगर आप महिला है या फिर एक पुरुष है या फिर अभी बच्चे है तो आपको पता होना चाहिए की कुछ लोग ऐसे होते है जो की चुगली करने का काम करते है ।

मतलब आपकी बात दूसरे को बता देते है और दूसरे की बात आपको बता देते है और दोनो के बिच में झगड़ा करवा देते है तो इस तरह से जो लोग करते है वह असल में चुगली करते है ।

और इन लोगो में महिलाओ की संख्या कुछ ज्यादा ही होती है क्योकी वे अपनी साथी महिला की ही कुछ बाते दूसरे को बता कर आ जाती है । और इस तरह से वे बार बार करती है। तो इस तरह से बात इधर की उधर हो रही है ओर इसे ही चुगली करना कहा जाता है तो आप इससे ही समझ सकते है की इस मुहावरे का अर्थ क्या होता है ।

क्योकी आपने अभी तक जो कुछ पढा है वह आपको यह समझाने के लिए पर्याप्त होता है की इस मुहावरे का अर्थ क्या है ।

‌‌‌निचे कुछ मुहावरों की लिंक दी जा रही है जो बहुत ही महत्वपूर्ण है ।

पत्थर की लकीर मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

टांग अड़ाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

हाथ पाँव फूलना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

नाक का बाल होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

नमक मिर्च लगाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

दंग रह जाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

दाल में काला होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

पानी पानी होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

लोहा लेना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

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पीठ दिखाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

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बाल की खाल निकालना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

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रंग जमाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

‌‌‌लोहे के चने चबाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

सिर उठाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

लकीर का फकीर होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

हाथ मलना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

हवा से बातें करना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

हवाई किले बनाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

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चोर की दाढ़ी में तिनका मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

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गूलर का फूल होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

छक्के छुड़ाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

छठी का दूध याद आना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

कोल्हू का बैल मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

घोड़े बेचकर सोना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

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Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।