आँख उठाकर न देखना का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग व निबंध

आँख उठाकर देखना मुहावरे का अर्थ aankh uthakar na dekhna muhavare ka arth – ध्यान देना

दोस्तो जब कोई व्यक्ति ‌‌‌किसी के घर मे जाता है और जिसके घर मे वह व्यक्ति जाता है उस घर का मालिक या उस घर के लोग ‌‌‌किसी कारण से बहुत ही बिजी ‌‌‌होते है । तो वे उस काम मे इतने बिज होते है की वे यह तक नही देखते की हमारे घर मे कोई आया है की नही या यह कह सकते है की उनको यह पता तक नही चता की उनके घर मे कोई आया है ।

आँख उठाकर न देखना का अर्थ

जब काफी समय बित जाता है तो वह व्यक्ति वहां से वापस चला जाता है । इस तरह से वे लोग उस व्यक्ति ‌‌‌की तरफ ध्यान नही देते है । इस कारण से वह व्यक्ति सोचता रहता है की ‌‌‌उन्होने तो मेरी तरफ आंख उठाकर भी नही देखा । इस तरह से ध्यान न देने को आंख उठाकर न देखना कहा जाता है ।

आंख उठाकर न देखना मुहावरे का वाक्य मे प्रयोग Use in sentence

  • श्यामलाल को मैंने बहुत आवाज दी पर उसने आंख उठाकर न देखा ।
  • तुम तो बडे जिद्दी ‌‌‌ हो हम दोनो की एक बार लडाई क्या हो गई तुम तो मेरी तरफ आख उठाकर भी न देख रहे हो ।
  • किसन की लोटरी क्या लग गई वह तो गरीबो की तरफ आंख उठाकर न देखता है ।
  • जब गरीब के पास बहुत अधिक धन आ जाता है तो वह किसी और की तरफ आंख उठाकर भी नही देखता और तुमने भी ऐसा ही किया ।
  • ‌‌‌राहुल की मैंने मुश्किल मे बहुत सेवा की थी पर आज जब मैं मुश्किल मे हूं तो वह मेरी तरफ आंख उठाकर न देखता है ।
  • इस तरह की बुरी चिजो की तरफ तो मेरा बेटा आंख उठाकर न देखता है ।
  • शराब की तरफ महेश आंख उठाकर न देखता है ।
  • वह तो राम जैसा है वह तुम्हारे जैसे लोगो की तरफ आंख उठाकर न देखेगा ।

‌‌‌आंख उठाकर देखना मुहावरे पर कहानी muhavare par kahani

प्राचिन समय की बात रामलाल नाम का एक आदमी अपने माता पिता के साथ रहा करता था । उसके पिता ने उसे पढा लिखा कर इस काबिल बना दिया था की वह अपना काम कर कर अपना और अपने माता पिता का पेट आराम से भर सकता है ।

इस कारण से वह हर दिन सुबह होते ही काम करने के लिए चला ‌‌‌जाया करता था और शहर जाकर अपना काम करता था । वह एक कंपनी मे हिसाब किताब का काम किया करता था जिसके कारण से उसे अच्छी ‌‌‌पगार मिल जाया करती थी। जिसके कारण से उसका घर बडी ही आसानी से चल जाया करता था ।

रामलाल के तिन दोस्त थे उनमे से एक दोस्त बहुत ही गरीब था वह गाव के लोगो के पास ही काम करता ‌‌‌था और जब रात्री होती तो उसे दो समय का खाना मिल जाया ‌‌‌करता था । अब बाकी बचे दो दोस्त अमीर घर से थे ।

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इस कारण से ‌‌‌वे कुछ भी काम नही करते और अपने पिताजी के पैसो से ही ऐस किया करते थे । रामलाल जब भी अपने तिनो दोस्तो से मिलता तो वह कहता की मैं गलत चिजो से नफरत करता हूं ।

‌‌‌इस कारण से रामलाल ने उन सभी से कह दिया था की अगर वे दारू पीने जैसे गलत कार्य भी करेगे तो मैं तुम्हारी तरफ आंख उठाकर न देखूगा । तभी रामलाल का जो गरीब दोस्त था वह बोल पडा की भाई मेरे पास तो खाने के लिए पैसे नही आते है तो दारू पिने जैसे कार्य कभी नही होगा ।

साथ ही ‌‌‌रामलाल के दोनो दोस्तो ने ‌‌‌कुछ भी नही कहा । एक दिन की बात है रामलाल के दोनो अमीर दोस्त शहर घुमने के लिए गए थे । तभी रामलाल की शादी उसके माता पिता ने तय कर दी इस कारण से रामलाल ने अपने तिनो दोस्तो को शादी मे बुलाया ।

जिस दिन शादी थी उसी दिन दोनो अमीर दोस्त उसके पास आ गए थे और जो गरीब था वह तो पहले ही उसके पास आ ‌‌‌गया था । जब दोनो अमीर दोस्त उसके घर आ गए तब रामलाल इधर उधर फिर कर काम कर रहा था इस कारण से उसका ध्यान अपने दोस्तो पर नही पडा ।

काफी समय बित गया पर उसके दोनो अमीर दोस्त खेडे ही थे तभी वे दोनो वापस जाने लगे । तब जाकर रामलाल की नजर उन दोनो पर पडी । तब रामलाल ने कहा की तुम दोनो कब आए थे । यह सुन कर ‌‌‌दोनो अमीर दोस्तो ने कहा की हम तो कब से यहा पर खडे ‌‌‌थे पर तुम हो की शादी मे इतने बिजी हो गए हो की हमारी तरफ आंख उठाकर न देखा ।

तब रामलाल ने कहा की ऐसी बात नही है मैं काम कर रहा था ‌‌‌इसी कारण से तुम्हारी तरफ नजर नही पडी । इस तरह से कह कर रामलाल ने उन दोनो को मनाया और फिर बैठाकर उन दोनो को नास्ता ‌‌‌पानी करवाया ।

अब रात होने को थी इस कारण से रामलाल भी तैयार हो गया और बारता भी जाने को थी । जब बरात कन्या के गाव मे पहुंच गई तो रामलाल को घोडी पर बैठा दिया और संगित शुरू कर दिया ।

इस कारण से रामलाल के दोस्त और बाकी सभी नाचने लगे थे । तब रामलाल ने देखा की दोनो अमीर दोस्तो ने शराब पी रखी है । तब ‌‌‌रामलाल को क्रोध तो बहुत आया पर किसी तरह से ‌‌‌उसने अपने आप को रोक लिया था ।

विवाह हो जाने के बाद मे रामलाल ने अपने उन दोनो दोस्तो से रिस्ता तोड लिया । उस दिन के बाद मे जब भी वे दोनो दोस्त रामलाल के समाने आते तो वह उनकी तरफ आख उठाकर न देखता था । इस तरह से फिर रामलाल का एक ही मित्र ‌‌‌रह गया था ।

‌‌‌आंख उठाकर न देखना मुहावरे पर कहानी muhavare par kahani

इस तरह से फिर रामलाल अपने उसी मित्र का साथ रखता और उसे भी कही पर अच्छा काम दिला दिया था । जिसके कारण से उन दोनो का जीवन फिर बहुत ही शानदार तरह से चलता रहा था । इस तरह से इस मुहावरे का अर्थ आप इस कहानी से समझ गए होगे ।

‌‌‌आंख उठाकर देखना मुहावरे पर निबंध muhavare par nibandh

साथियो जिस तरह से किसी भी वस्तु को देखने के लिए हमे उसकी तरफ आंख को फेरना पडता है । या वस्तु उच्ची हो तो आंख को उपर करनी पडती है । तब जाकर वह वस्तु हमे सही तरह से दिखाई देती है ।

इसी तरह से किसी भी इंसान की तरफ देखने के लिए भी उसकी तरफ आंख ‌‌‌उठानी पडती है या आंख को खेरना पडता है । तब जाकर वह इंसान दिखाई देता है । अगर उस समय हम किसी की तरफ नही देखते है तो हमारा ध्यान उसकी तरफ नही जाता है ।

 इस कारण से वह इंसान सोचने लग जाता है की इसने तो मेरी तरफ आंख उठाकर न देखा यानि इसने मेरी तरफ ध्यान नही दिया । ‌‌‌इस तरह से इस मुहावरे का अर्थ ध्यान न देना होता है ।

आँख उठाकर न देखना मुहावरे का तात्पर्य क्या होता है || What is the meaning of in Hindi

दोस्तो मुहावरा काफी सरल है और इसे केवल एक शब्द से समझा जा सकता है जैसे की आंख उठाकर न देखने की बात की जा रही है मतलब देखा तक नही जा रहा है तो इकसका मतलब हुआ की ध्यान नही दिया जा रहा है और यही इसका अर्थ है ।

यानि दोस्तो विस्तार रूप में समझे की आप अपने मित्र केपास जाते है मगर मित्र अध्ययन करने में इतना मगन है की वह आपको देखता तक नही है मतलब आप उसे दो तीन बार बुलाते है मगर फिर भी वह आपको देखता तकनही है तो इसका मतलब है की उसने आपकी और ध्यान नही दिया है।

और जैसे ही आप उसके पास जाकर बात करते हो तो वह कहेगा की मैंने तुम पर ध्यान नही दिया था और आप केवल इसी बात के कारण से समझ ले की ध्यान न देना ही इसका अर्थ होता है ।

‌‌‌निचे कुछ मुहावरों की लिंक दी जा रही है जो बहुत ही महत्वपूर्ण है ।

सिर पर सवार होना ‌‌‌मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

दाने दाने को तरसना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

हां में हां मिलाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

दाँतों तले उँगली दबाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

पत्थर की लकीर मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

टांग अड़ाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

हाथ पाँव फूलना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

नाक का बाल होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

नमक मिर्च लगाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

दंग रह जाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

दाल में काला होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

पानी पानी होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

लोहा लेना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

टेढ़ी खीर मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

पीठ दिखाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

फूला न समाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य का प्रयोग

बाल की खाल निकालना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

मुँह की खाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

रंग जमाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

‌‌‌लोहे के चने चबाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

सिर उठाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

लकीर का फकीर होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

हाथ मलना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

हवा से बातें करना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

हवाई किले बनाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

कागज काला करना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

चोर की दाढ़ी में तिनका मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

गाल बजाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

गूलर का फूल होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

छक्के छुड़ाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।