दुम दबाकर भागना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

दुम दबाकर भागना मुहावरे का अर्थ dum dabakar bhagna muhavare ka arth – डर कर भाग जाना

दोस्तो इस संसार मे हर कोई किसी न किसी से बलवान होता ही है । और जो लोग बलवान है वे अपने से कम बल वाले लोगो को दबाने की कोशिश करते रहते है। इस कारण से जो लोग बलवान नही है अगर कोई उन लोगो को ‌‌‌ ‌‌‌डराता है या फिर जब किसी दो लोगो के बिच मे लडाई होती है तो उनमे से कमजोर अपनी हार मान कर अपने प्राण बचाने के लिए भागने लग जाता है । इस तरह से भागने को ही दुम दबाकर भागना कहा जाता है ।

दुम दबाकर भागना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

दुम दबाकर भागना मुहावरे का वाक्य मे प्रयोग Use in sentence

  • ‌‌‌महाराज विक्रमादित्य के समाने कोई भी ज्यादा देरे नही टिकता था सभी दुम दबाकर भागने लग जाते ‌‌‌थे ।
  • राहुल ने पहले तो बहुत जोस दिखाया और जब मै उसे मारने लगा तो वह दुम दबाकर भाग गया ।
  • तुम तो कहते थे की तुम किसी से नही डरते और इसके आते ही तुम दुम दबारक भाग जाते हो ।
  • जब खूनी को पता चला की पुलिस आ ‌‌‌रही है तो वह दुम दबाकर भाग गया ।
  • जब भी बिल्ली के सामने कुत्ता आता है ‌‌‌तब बिल्ली दुम दबारक भाग जाती है ।
  • भारती की सेना ‌‌‌को आते ‌‌‌देखकर आतंकवादी दुम दबा कर भाग गए ।
  • पिताजी के आते ही मेरा छोटा भाई दुम दबाकर भाग गया ।
  • बलवंत सिह के आते ही हर पहलवान दुम दबारक भाग जाता है ।

दुम दबाकर भागना मुहावरे ‌‌‌पर कहानी Idiom story

प्राचिन समय की बात है किसी नगर मे बलवन्त नाम का एक आदमी रहता था । उसमे नाम के अनुसार बहुत बल था । उसके घर मे उसके पिता के अलावा और कोई भी नही रहता था । उसकी मां की ‌‌‌उसके बचपन से ही मृत्यु हो गई थी । इस कारण से उसके पिता ने ही उसे पाल पोस कर इतना बढा किया था ।

साथ ही उन्हे यह भी लगता ‌‌‌की इसकी मां तो है नही इसे किसी चिज की कमी न हो जाए । ऐसा सोचकर उन्होने उसकी बचपन से ही देखभाल की थी । जिसके कारण से आज उनका बेटा बलवान पड गया था और लोग उसे बलवंत सिह के नाम से जानने लगे थे ।

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उस समय गाव मे कुस्ती का प्रोग्राम चलता था । इस कारण से उस प्रोग्राम से बलवंत भी भाग लेता और वही ‌‌‌प्रतिवर्ष जितता आ रहा था । इस तरह हमेशा जित हासिल करने के कारण लोगो मे उसका नाम बहुत था । उसका कोई भी दोस्त नही था । एक समय की बात है गाव मे एक जंगली बेल आ गया था ।

जिसे देखकर हर कोई दुम दबाकर भागने लगे थे । तभी बलवंत को पता चला की गाव के लोगो पर मुसीबत है । इस कारण से उसने लोगो को बचने की सोची ‌‌‌तब वह अपने साथ रस्सी लेकर उस जंगली बैल के सामने चला गया था ।

वहां पर जाकर उसने उस बैल को लाल कपडा दिखाया जिसके कारण वह बैल और घुस्से मे आ गया था । यह देखकर गाव के लोग बोलने लगे की बलवंत क्या पागल है । यह तो वैसे ही बहुत घुस्से मे है और इसे लाल कपडा दिखा कर और घुस्से मे ला रहा है । ‌‌‌

लोगो को यह पता नही था कि बलवंत क्या करना चाहता है । जैसे ही बैल उसके पास आया तो उसने उसके गले मे रस्सी डाल दी थी और स्वयं एक पेड के पास चला गया था । अब बैल उसे मारने के लिए उसके पिछे पिछे फिर रहा था ।

इस कारण से बलवंत की योजना के तहत वह बैल स्वयं ही उस पैड के चारो और फिरता रहा । जिससे ‌‌‌वह बैल उस पेड के इस तरह से बंद गया था की वह ‌‌‌हिल भी नही सकता था । तब बलवंत ने वापस लाल कपडा लिया और उसे दिखाने लगा था ।

अब वह बैल उस कपडे को देखकर और क्राधित हो गया था । और बलवंत को मारने की सोच कर उस पेड के जोर लगाने लगा था । पेड की जड बहुत गहरी होती है इस कारण से उस पेड को कुछ भी असर नही हुआ । ‌‌‌इस तरह से जोर लगाने के कारण वह थक गया था ।

तब फिर बलवंत ने उसे लाल कपडा दिखाया । पर इस बार वह कुछ भी करने की हालत मे नही था । फिर बलवंत ने उसे खोल दिया और उसे अपने साथ अपने घर मे लेकर चला गया था । वहां पर उसने उसकी सेवा की और अपने पिता को दे दिया था । अब वह जंगली बैल बलवंत के खेतो मे हल‌‌‌ जोतने  ‌‌‌लगा था ।

तब गाव के लोग आपस मे बात करने लगे की यह काम बलवंत ने किया है यह तो हम सब मिलकर कर सकते थे । तभी एक आदमी बोल पडा की अगर हम सब यह काम कर लेते तो दुम दबारक भागते नही बल्की वही रहकर उसका समाना करते । और रही बात बलवंत की तो वह कुस्ती लडता है ।

इस कारण से उसे पता है की कब क्या करना चाहिए। ‌‌‌इसी तरह से एक बार की बात है कुस्ती मे हारे एक पहलवान ने अपने साथ कुछ पहलवानो को लेकर बलवंत को मरने के लिए आया था । तब बलवंत ने उसे समझाया की वह कुस्ती थी और तुम उस बात को और बढा रहे हो । ऐसा कहने पर उन लोगो का लगा की बलवंत डर गया है । इस कारण से उन्होन उस पर वार किए ।

पहले तो बलवंत उन वारो से ‌‌‌बचने लगा पर जब वे लोग नही माने तो उसने उन लोगो को उठा उठा कर पटका । तब किसी के हाथ टूटे तो किसी का पेर टूट गया था । यह सब देख कर जिस पहलवान ने उन सभी पहलवानो को अपने साथ लाया था ।

दुम दबाकर भागना मुहावरे ‌‌‌पर कहानी Idiom story

वह दुम दबारक भाग गया था । इस बात को कुछ ही समय बिता था की यह आस पास के सभी गावो मे ‌‌‌फेल गई थी । तब से लोग मानने ‌‌‌लगे की बलवंत बहुत ही बलवान है उसने एक साथ इतने पहलवानो को घायल कर दिया है । इस तरह से आप इस कहानी से इस मुहावरे का अर्थ समझ गए होगे ।

दुम दबारक भागना मुहावरे पर निबंध Essay on idiom

साथियो इस दुनिया मे वैसे ही डरपोक लोगो की कोई कमी नही है फिर भी वे अपने आप को बलवान बनाने की कोशिश मे लगे रहते है । कुछ समय ‌‌‌मेहन्त करने पर उन लोगो को लगने लगता है की हम ही बलवान है । और हर किसी से उलडने लग जाते है ।

अगर इसी तरह से उलझते रहे तो जो लोग सांत स्वभाव के है वे अपना पैर पिछे हटा लेते है । जिसके कारण उन लोगो को लगने लगता है की हम बहुत बलवान है हमसे तो कितने लोग डरते है । इसी सोच के साथ वे लोग ‌‌‌कुछ ऐसे ‌‌‌लोगो से झगडा कर बैठते है जो बलवान हो ।

पर इस बारे मे उन्हे पता नही होता है उन्हे तो यही लगता है की हम ही बलवान है । बल्की उन्हे इस बारे मे पता नही होता की बलवान लोग अपना बल नही दिखाते बल्की उसका समय आने पर उपयोग करते है । जब वे लो ऐसे बलवान लोगो से लड नही ‌‌‌पाते तो आखिर मे वे वहां से डर कर भाग ‌‌‌जाते है ।

यहां पर डर कर भाग जाने को ही दुम दबारक भाग जाना कहा जाता है । इस तरह से आप समझ गए होगे की इस मुहावरे का अर्थ क्या है ।

दुम दबाकर भागना मुहावरे का तात्पर्य क्या होता है || What is the meaning of dum dabakar bhagna in Hindi

दोस्तो वैसे अगर आपको पता नही है तो आपको बता दे की दुम का अर्थ होता है पूँछ या फिर वस्तु का पिछला लंबा एवं लचीला भाग ।

वैसे अधिकतर दूम का उपयोग कुत्ते की पूंछ के लिए होता है और जब कुत्ते को किसी कारण से डर लगता है और वह डर के मारे भागने लग जाता है तो वह अपनी इसी पूंछ यानि दूम को दबा लेता है यानि शरीर के पूरी तरह से चिपाकर भागने लग जाता है।

अगर आपने कुत्ते की इस स्थिति को देखा है तो आप इस बात को सही तरह से समझ सकते है अगर आपने ऐसा नही देखा है तो इसका मतलब है की आपको इसे समझने के लिए कुत्ते के सामने एक ऐसी स्थिति उत्पन्न करनी होगी जिसमें कुत्ता डर कर भागने लग जाए और आपको देखने को मिलेगा की कुत्ता जब डर कर भागता है तो वह अपनी दूम यानि पूंछ को दबा कर भागता है। और इस बात से आप समझ सकते है की dum dabakar bhagna muhavare ka arth – डर कर भाग जाना होता है ।

‌‌‌निचे कुछ मुहावरों की लिंक दी जा रही है जो बहुत ही महत्वपूर्ण है ।

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Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।