उल्लू बनाना का मतलब और वाक्य मेप्रयोग

उल्लू बनाना मुहावरे का अर्थ ullu banana muhavare ka arth – मुर्ख बनाना

दोस्तो आपको पता है की उल्लू एक ऐसा प्राणी या जीव है जो रात को जागता है और दिन मे दिखाई नही देता है । मनुष्य बिल्कुल उल्लू के विपरित कार्य करते है क्योकी उल्लू मनुष्य के बनाए गए समय मे नही सोचता है तो वह ‌‌‌एक मुर्ख प्राणी मान लिया जाता है ।

साथ ही जो अंधेरे मे रह कर अपना जीवन गुजारते है उन्हे मुर्ख ही कहा जाता है । इसी तरह से जब कोई व्यक्ति किसी को अंधेरे मे रख कर कोई काम करवा लेता है जिसके बारे मे उसे कुछ भी नही पता चलता है तो वह व्यक्ति बिल्कुल उल्लू की तहर ही हो जाता है ।

इस कारण से ‌‌‌उस व्यक्ति को मुर्ख कहा जाता है । इस तरह से किसी भी कार्य मे जब कोई किसी को मुर्ख बनाकर अपना काम निकाल लेता है तो उसे उल्लू बनाना कहा जाता है ।

उल्लू बनाना का मतलब और वाक्य मेप्रयोग

उल्लू बनाना मुहावरे का वाक्य मे प्रयोग Use in sentence

  • ‌‌‌यह तुम्हे उल्लू बना रहा है मैंने साफ साफ देखा था आपने इसे रूपय दिए थे ।
  • राजेश सेठ को उल्लू बनाते हुए पकडा गया जिसके कारण से सेठ ने उसे बहुत मारा ।
  • अपने माता पिता को ही तुमने उल्लू बाना दिया और उन्हे पता नही चला ।
  • तुम तो बढे चतुर हो तुम्हे ‌‌‌कोई उल्लू नही बना सकता है ।
  • अगर इसी तरह से हर बार उल्लू बनते रहोगे तो तुम्हारी दुकान एक दिन ठप हो जाएगी ।
  • उसने तुम्हे बहुत उल्लू बना लिया अब उसे सबक सिखाने का ‌‌‌समय आ गया है ।
  • महेश बहुत ही भोला है उस बिचारे को हर कोई उल्लू बनाकर चला जाता है  ।
  • इस दुनिया मे भोले लोगो को हर कोई उल्लू ‌‌‌बना देता है ।

‌‌‌उल्लू बनाना मुहावरे पर कहानी muhavare par kahani

प्राचिन समय की बात है किसी नगर मे एक धनवान सेठ रहा करता था । सेठ के घर मे उसकी पत्नी और तिन बेटे और एक बेटी रहा करती थी । सेठ ने अपने तिनो बेटो को पढा लिखा कर इस काबिल बना दिया था की वे सभी अपना काम कर ले ।

जिसके कारण से सेठ के तिनो बेटे जब पढ लिख लिए तो ‌‌‌वे नोकरी मागने के लिए शहर गए थे । पर शहर जाने के बाद उन्हे पता चला की आज के समय मे काम ‌‌‌मिलना तो बहुत ही ‌‌‌मुश्किल हो गया है । जैसे तैसे तिन महीनो तक फिरने के बाद सेठ के दोनो बडे बेटो को नोकरी मिल गई थी ।

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अब छोटे बेटे को ही नोकरी नही मिली थी इसक कारण से से सेठ ने उसे शहर मे एक किराने की दुकान ‌‌‌खोलकर दे दी ताकी वह भी अपना काम कर सके । उस छोटे बेटे का नाम रामलाल था ।

रामलाल बहुत ही अच्छा लडका था उसे किसी से कुछ मतलब नही था । अब रामलाल को भी काम मिल गया था । इस कारण से रामलाल काम करने के लिए रोजाना शहर जाने लगा था ।

धिरे धिरे समय बितता गया पर रामलाल की इतनी अधिक बिकरी नही होती ‌‌‌इस कारण से उसके पिता ने उसकी दुकान कही ओर खोल कर दे दी थी । अब जहां उसकी दुकान खुली थी वहां पर लोग बहुत आते जाते थे ।

इस कारण से रामलाल की दुकान मे इतनी अधिक बिक्री होने लगी थी की जब वह काम करता तो उसे आराम करने का समय नही मिलता था । इस तरह से एक महिने तक उसकी दुकान मे बहुत ही अच्छी कमाई ‌‌‌हुई थी ।

पर अगले महिने उसकी दुकान मे लोग तो उससे भी अधिक आते थे पर कमाई कम होती थी । इस तरह से दुकान मे लोगो की सख्या अधिक आने पर कामई नही हो रही थी तो इस बारे मे उसके पिता को पता चल गया था ।

तब उसके पिता को समझ मे नही आ रहा था की आखिर हो क्या रहा है । तब एक दिन की बात है रामलाल को पिता ‌‌‌उसकी दुकान को सम्भालने के लिए चला गया था वहां जाने के बाद उन्हे पता चला की ज्यादातर लोग इस दुकान मे आते है वे रमालाल को उल्लू बनाकर पैसे कम देकर चले जाते है ।

रामलाल के पिता भी गाव मे दुकान चलाया करते थे और उन्हे यह काम करते हुए काफी समय हो गया था । इस कारण से वे हिसाब किताब मे बहुत ही ‌‌‌तकडे थे । अब जो लोग रामलाल को मुर्ख बनाकर उसकी दुकान से समाल लेकर जाते तो वे सोच रहे थे की इसके पिता से भी हम ऐसे ही समान ले लेगे ।

परन्तु वे सभी पकडे जाने लगे थे जिसके कारण से रामलाल के पिता उन लोगो की खुब बेईज्जती करते थे । साथ ही कहते की मैं तुम लोगो से उल्लू बनने वाला नही हूं आज मुझे ‌‌‌यह काम करते हुए उम्र हो गई है ।

तब रामलाल के पिता को पता चल गया था की इससे यहां पर दुकान नही चलेगी। इस कारण से रामलाल को उसके पिता ने गाव वाली दुकान सम्भालने को कह दिया था और वह स्वयं ही शहर वाली दुकान पर काम करने लगा था ।

‌‌‌उल्लू बनाना मुहावरे पर कहानी muhavare par kahani

इस तरह से समय बितता गया और अब रामलाल से दुकान अच्छी चलने लगी ‌‌‌थी क्योकी गाव के लोग सभी अच्छे थे वे एक रूपया भी उसे मुर्ख बनाकर नही लेते थे । इस तरह से बादमे रामलाल आराम से अपना काम करने लगा था और अपना जीवन गुजारने लगा था । इस तरह से इस कहानी से मुहावरे का अर्थ है मुर्ख बनाना ।

उल्लू बनाना मुहावरे पर निबंध muhavare par nibandh

साथियो जब कोई ‌‌‌व्यक्ति किसी को इधर उधर की बात कर कर मुर्ख बना देता है और वह सोचने लग जाता है की हां यह जो कह रा है वही सही है । इस तरह से वह उस व्यक्ति की बातो मे आ जाता है ।

जब उसे पता चलता है की वह व्यक्ति जो कह रहा था वह सच नही है तो वह अपने आप से कहता है की उसने मुझे मुर्ख बना दिया । इस तरह से जब ‌‌‌भी कोई किसी को मुर्ख बना देता है तो चाहे वह कैसे भी मुर्ख बना दो तब इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है ।

इस तरह से मुर्ख बनाने वाले लोगो की कोई कमी नही है । इस तरह के लोगो को ढूंढने की जरूरत नही है क्योकी ऐसे लोग हमारे आस पास बहुत ही आसानी से मिल जाते है । ‌‌‌इस तरह से ‌‌‌उल्लू बनाना मुहावरे का सही अर्थ मुर्ख बनाना हो जाता है ।

उल्लू बनाना मुहावरे का तात्पर्य क्या होता है || What is the meaning of ullu banana in Hindi

दोस्तो उल्लू बनाना एक ऐसा मुहावरा है जिसे समझने के लिए आपने काफी सारी उदहारण उपर समझे है । अगर आप इसे ऐसे नही समझ पा रहे है तो आपको यह तो पता ही है की उल्लू कितना चालाक पक्षी होता है । मतलब उल्लू जो होता है वह सबसे बुद्धिमान पक्षी माना जाता है मगर फिर भी इस संसार में उल्लू को बुद्धिमान न मान कर मुर्ख मानते है । हालाकी ऐसा क्यों होता है इस बारे में तो पता नही मगर ऐसा माना जाता है ।

अगर आपको पता है की उल्लू को मुर्ख माना जाता है तो आप केवल इसी बात से समझ सकते है की इस मुहावरे का अर्थ क्या है । क्योकी अगर किसी को उल्लू बनाया जाता है तो इसका मतलब है की वह भी मुर्ख बन जाता है तोइस तरह से आप समझ सकते है की ullu banana muhavare ka arth – मुर्ख बनाना होता है।

वैसे दोस्तो हमे तो यह लगता है की आपने इसे पहले ही समझ लिया है मगर अब यह आपके मन में पूरी तरह से बिस्तर लगा कर बैठ चुका है जिसके कारण से मुहावरे को कभी भूल तक न पाओगे ।

‌‌‌निचे कुछ मुहावरों की लिंक दी जा रही है जो बहुत ही महत्वपूर्ण है ।

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हाथ मलना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

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हवाई किले बनाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

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Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।