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कन्नी काटना मुहावरे का अर्थ और वाक्य

कन्नी काटना मुहावरे का अर्थ kanni katna muhavare ka arth – आंख बचा कर निकल जाना ।

दोस्तो माना जाए की कोई व्यक्ति है जिसने आपसे उधार रूपय ले लिए है । और वह समय पर आपको रूपय वापस नही देता है । तो अब जब भी आपको वह दिखाई देता है तो आप उससे पैसे मागेगे । मगर जब वह आपको देख लेता है तो वह ‌‌‌आपसे आंख बचा कर निकलने की कोशिश करता है ।

वह आपको दिखाई दिए बिना ही वहां से चला जाता है । तो इस तरह से जाने को आंख बचा कर निकलना या आंख बचा कर भागना कहा जाता है। और यह जो होता है उसे ही हिंदी मुहावरो की दुनिया में कन्नी काटना कहा जाता है ।

‌‌‌कन्नी काटना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग || kanni katna sentence in hindi

  • किसन ने राम से काफी उधार ले रखा है तब ही राम किसन को नजर आता है तो किसन उससे कन्नी काट कर निकल जाता है ।
  • राहुल के घर में चोर चोरी करकर जा ही रहा था की रास्ते में उसे पुलिस नजर आ गई तो चोर ने पुलिस से कन्नी काट ली  ।
  • ‌‌‌सरपंच साहब ने पहले तो बहुत बहुत वादे किए थे और जब चुनाव में ‌‌‌जीत गए तो हमसे कन्नी काटने लगे है ।
  • आजकल किसन को पता नही क्या हो गया है मुझसे कन्नी काटने लगा है ।
  • प्रवीण को उसके रिश्तेदारो ने शराब पीते हुए देख लिया तब से वह रिश्तेदारो से कन्नी काटने की कोशिश कर रहा है ।

कन्नी काटना ‌‌‌मुहावरे पर ‌‌‌कहानी || kanni katna story on idioms in Hindi

दोस्तो एक बार की बात है किसन नाम का एक युवक हुआ करता था । जो की एक ठिक ठाक घर से था । वह अपने गाव में काफी अच्छा काम भी करता था । जिसके कारण से भी उसका आदर करते थे । सभी का मानना था की किसन अच्छा युवक है । मगर उसके बारे में तो जब पता चला जब वह चुनाव के लिए खड़ा हुआ था ।

‌‌‌दरसल एक बार की बात है किसन के दोस्तो ने उसे मजाक मजाक में कह दिया की यार तुम तो नेता की तरह लग रहे हो और उनकी तरह ही बात कर रहे हो  ।यह बात किसन को काफी अच्छी लगी थी । जिसके कारण से किसन जो था वह इसी बात के लिए नेता बनने की सोचने लगा था ।

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अभी छ महिने ही बचे थे की गाव में सरपंच का चुनाव ‌‌‌आने को था । तो उसने सबसे पहले तो अपने पिता से कहा की इस बार चुनाव में मैं खड़ा होना चाहता हूं  । अब किसन जो था वह एक तो पढा लिखा युवक था साथ ही वह जब कॉलेज में अध्ययन करता था । तो उस समय कोलेज में भी उसने चुनाव जीता था ।

जिसके कारण से उसके पिता मान गए । और अब किसन अपने मित्रो को इस बारे ‌‌‌बता देता है और अपने मित्रो को सहायता करने के लिए कहता था । तो उसके मित्रो ने उसे समझाया की देखो लोगो का विश्वास जीतना है तो लोगो को उनकी जरूरत पूरी करने के वादे करने होगे ।

तभी तुम इस चुनाव में जित हासिल कर सकते हो । यह बात किसन को भी अच्छी लगी । जिसके कारण से किसन ने लोगो के वादे पूरे ‌‌‌करने की सोच बना ली । अब कुछ ही दिनो में इस बात के बारे में सभी को पता चला की किसन जो है वह इस बार सरपंच के चुनाव में खड़ा होगा ।

अब आपको भी पता है की गाव में कई तरह के लोग रहते है । तो किसन के गाव में भी बहुत से ऐसे लोग थे जो की कुछ न लेते थे और फिर भी किसन को वोट देने के लिए तैयार थे । अगर ‌‌‌किसन उनसे वोट नही भी मांगता है तो भी वे लोग किसन को ही वोट देते है । और यह बता कोई छोटी बात नही है । मगर किसन ने किसी को नही छोड़ा बल्की घर घर कुल पांच महिनो तक चक्कर लगाए और सभी से उनके कार्य के बारे में पूछा ।

साथ ही अपने एक मित्र को अपने साथ रखता था जो की उन कार्यों को लिखता रहता ‌‌‌था । और किसन सभी से कहता की अगर मुझे वोट देकर विजेता बना दोगे तो आपकी सारी समस्या दूर हो जाएगी । हालाकी यह सब कुछ जीत के बाद में होना था । मगर लोगो ने किसन के वादे पर भरोषा किया और सभी ने किसन को वोट देते हुए विजय बना दिया ।

किसन का विजेता बनने के पीछे एक कारण यह भी था की गाव में और ‌‌‌कोई सरपंच के पद के लिए खड़ा नही हुआ था । जिसके कारण से सभी ने किसन को ही वोट दिया था । अब दोस्तो जो लोग विजेता बन जाते है वे कुछ समय के लिए खुशी भी मानाते है । और किसन ने भी पूरे गाव के लोगो को भर पेट खाना खिलाया । मगर लोग इससे खुश थोड़े होने वाले थे ।

उनको तो वे सभी वादे पूरे करवाने थे ‌‌‌जो की किसन ने लोगो से किए थे । और एक महिना ही बिता था की सभी किसन से कहने लगे की आपने मेरा काम नही करवाया । अब मिलता वही कहता की सरपंच साहब आप तो हमे भूल गए हो । जीत हासिल करने के बाद में आपने तो काम करवाने की सोची ही नही । मगर किसी इस बात को एक कान से सुनता और दूसरे से निकाल देता था ।

‌‌‌क्योकी अब सभी लोग अपने अपने काम के बारे में बात कर रहे थे । जो की कैसे हो सकता है और यह तो सभी को मालूम है । बल्की अगर कोई गाव के विकाश की बात करता है तो उसे करना सरपंच का काम होता है । और मेरे अनुसार जरूर करवाना चाहिए ।

मगर गाव में कई तरह के लोग होते है । और उनमे से बहुत से लोग ऐसे थे जो की ‌‌‌किसन की सरपंच बनने में काफी मदद कर चुके थे और उन लोगो का काम करवाना भी काफी  जरूरी होता है । और अगर किसन उन लोगो का काम नही करवाता है तो वे कैसे किसन को जाने दे सकते है । और ऐसा ही हो रहा था ।

जब किसन को सरपंच बने हुए एक वर्ष बित गया तो कुछ लोग उससे काम करवाने के लिए कहने लगे । और किसन उन ‌‌‌लोगो का काम करने से मना भी नही कर सकता था । तो किसन कहता की आपके ही काम में लगा हुआ हूं । अब इस तरह से छ महिने बित गए और वे लोग किसन को बार बार फोन कर कर कहने लगे थे । जिसके कारण से किसन काफी परेशान हो गया । और किसन ने अपनी सीम भी बदल ली थी  ।

इतना ही नही बल्की जब भी लोग किसन को अपनी और ‌‌‌आते दिखते तो किसन कन्नी काट कर वहां से चला जाता था । और इसी तरह से किसन करता रहा था । मगर एक गाव के लोगो से बचना आसान नही होता है ।

कुछ समय के बाद में गाव के विद्यालय में एक बड़ा प्रोग्राम होता है । जिसमें सरपंच साहब यानि किसन भी आने वाला था और गाव के तमाम लोग भी वही पर थे । ‌‌‌कुछ समय बितने के बाद में किसन आया तो लोग सभी उसकी और देखने लगे थे । किसन विद्यालय के मच पर जाकर बेठा । कुछ समय बितने के बाद में किसन को भाषण देना था । तब किसन ने कुछ वादे करने शुरू कर दिए ।

मगर तभी लोगो ने कहा की अभी तो तुम वादे कर रहे हो मगर जब इनको पूरा करने की बारी आएगी तो कन्नी काटने ‌‌‌लग जाओगे । इतना सुन कर किसन समझ गया की यहां पर उसकी एक भी बात नही सुनेगी । तब किसन ने हालात को देख कर भाषण बंद कर दिया और वहां से किसी तरह से निकल गया । तब पीछे से सभी बात करने लगे की देखो यह तो आज भी कन्नी काट रहा है ।

‌‌‌तो इस तरह से अगली बार किसन को किसी ने वोट नही दिया और क्योकी सभी को पता चल गया था की किसन केवल झुंठे वादे करता है । अब सभी के वादे कैसे पूरे किए जा सकते है और यह बात आप अच्छी तरह से जानते है ।

‌‌‌कन्नी काटना मुहावरे पर निंबध || essay on the kanni katna in Hindi

साथियो आज के समय में आपको ऐसे लोग जरूर दिख जाते है जो की हमेशा आंख बचा कर भागने की कोशिश करते है । हालाकी इसके पीछे भी कोई न कोई विशेष कारण होता है और इस बारे में आपको पता होगा ।

जिस तरह से किसन लोगो से आंख बचा कर भागता रहता था या निकल जाता था तो वहां पर ‌‌‌लोगो के द्वारा कन्नी काटना मुहावरे का प्रयोग होता था । तो इस बात का मतलब यह होता है की कन्नी काटना मुहावरे का अर्थ आंख बचा कर भाग जाना या निकल जाना होता है ।

‌‌‌वैसे दुनिया में जो भी लोग आंख बचा कर भागते है तो उनमे सबसे पहले वे लोग आते है जो की उधार रूपय लेते रहते है । क्योकी पहले तो वे अपनी जरूरतो को पूरा करने के लिए धन उधार ले लेते है । मगर जब धन को चुकाने की बात आती है तो वे ऐसा नही करते है । जिसके कारण से जो लोग ऐसे लोगो को धन देता है वह वापस अपना ‌‌‌धन मागता है । तो जो उधार लेता है वह फिर उससे बचने की कोशिश करता है ।

जैसे की माने की राजेश नाम का युवक रमेश को धन उधार देता है । यह केवल मानने के लिए कह रहे है अगर आपका नाम इन दोनो में से है तो बुरा न माने । क्योकी अब राजेश धन उधार दे रहा है । तो जब धन उधार देते है तो निश्चित समय के लिए ‌‌‌ही दिया जाता है ।

अगर उतने समय में रमेश धन नही चुका पाता है तो राजेश अपना धन वापस मागता है । और जब भी रमेश राजेश को दिखाई देता है तो वह अपना धन मागता है । तो रामेश की सोच यह होती है की अगर राजेश नजर आ गया तो वह अपना धन मागेगा ।

और जब कभी रमेश किसी रास्ते से जाता है और उसे समाने राजेश नजर आ जा ‌‌‌है तो रमेश राजेश से आंख बचा कर निकल जाता है । तो ऐसे ही जब भी किसी भी कारण से आंख बचा कर निकलना या भाग जाने की बात होती है वही पर इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है ।

आशा है की आप इस मुहावरे को समझ गए होगे ।

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