आँखें दिखाना मुहावरे का अर्थ व वाक्य मे प्रयोग

आँखें दिखाना मुहावरे का अर्थ aankhen dikhaana muhaavare ka arth  –  बहुत क्रोध करना होता है ।

दोस्तो अगर हम किसी को कुछ सच बाते कह देते है जो उसे अच्छी नही लगती है तो वह हमे आँखें दिखाने लग जाता है । वह घुस्से मे आ जाता है । तो उसके लिए ही कहा जाता है की आँखें दिखाना ।‌‌‌आज के समय मे किसी को भी सच्चाई हजम नही होती है । अगर ऐसे लोगो को हम ‌‌‌रुपय भी दे देगे तो वे वापस नही आएगे ।

जब हम उनसे ‌‌‌रुपय मागने के लिए जाएगे तो वह हमे आँखें दिखाने लग जाता है ।‌‌‌ क्योकी जब उन्हे जरुरत थी तो वे हमासे ‌‌‌रुपय ले गए थे पर जब हम मागने जाते है तो उन्हे वे ‌‌‌रुपय देने मे जोर आता है जिससे वे घुस्सा हो जाते है । और हमे आँखें दिखाने लग जाते है ।

‌‌‌मुहावरा (idiom in Hindi)‌‌‌अर्थ (Meaning in Hindi)
आँखें दिखानाबहुत क्रोध करना

आँखें दिखाना मुहावरे का वाक्य मे प्रयोग || aankh dikhana use of idioms in sentences in Hindi

  • ‌‌‌जब मेने राधा से कहा की तुम तो किसी काम की नही हो तो वह मुझे आँखें दिखाने लगी ।
  • रमेश को जब जरुरत थी तो वह मुझसे ‌‌‌रुपय ले गया पर जब मै वापस मागने के लिए गया तो वह मुझे आँखें दिखाने लगा ।
  • ‌‌‌महेंद्र ने पहले तो अपने घर को बेच दिया और जब वापस खरीदने के लिए गया तो उसे आँखें ही दिखी ।
  • राम ने पहले ही श्याम से कहा था की किसी को ‌‌‌रुपय देने से पहले सोच लेना की कही वह बादमे आँखें तो नही दिखाएगा ।

आँखें दिखाना मुहावरे ‌‌‌कहानी || story on idiom aankh dikhana in Hindi

एक गाव मे एक धनवान सेठ रहा करता था वह बहुत ही कंजुस व लालची था। साथ ही कोई उसे कुछ कह देता तो वह उसे ‌‌‌बहुत गालिया देता था । उस सेठ से सभी गाव के लोग बहुत ही परेसान थे पर वे कर भी क्या सकते थे । क्योकी उस सेठ की वजह से तो उनका पेट भर पाता है । उस सेठ से सभी गाँव के लोग उधार रुपये लेते थे ।

‌‌‌जब भी गाव के लोग उससे ‌‌‌रुपय लेते तो वह उससे कहता की तिन ‌‌‌रुपय सेकडे के हिसाब से ब्याज लगेगा । अगर आपको चाहे तो ले लो वरना कोई बात नही। अगर कोई राजी होकर ‌‌‌रुपय ले लेता तो वह एक कागज पर उस आदमी का अंगुठा लगा लेता । जिसमे लिखा था की पांच ‌‌‌रुपय सेकडे के हिसाब से ‌‌‌रुपय दिए है ।

‌‌‌और जब कोई उसे रुपय चुकाने के लिए आता तो उससे पांच रुपय के हिसाब से रुपय लेता था । जब वह आदमी कहता की देते समय तो आपने तिन रुपय बताए थे और अब पांच रुपय ले रहे हो आप तो बहुत बडे लालची हो । ऐसा सुनकर सेठ आँखें दिखाने लग जाता ।

उस सेठ से सच्चाई सुनी नही जाती थी और कहता की ‌‌‌रुपय लेते समय ध्यान से सुनकर और कागज पर पडकर अंगुठा करना चाहिए था न । ‌‌‌इस तरह से वह सेठ पुरे गाव के लोगो को ठगने मे लगा था । गाव के लोगो को रुपयो की जरुरत होने के कारण सभी लोग उससे रुपये लेते थे । उन्हे मालूम था की वह ‌‌‌बेईमानीकरेगा पर वे कर भी क्या सकते थे ।

पढना उन्हे आता नही था । जब कोई रुपये नही चुका सकता तो वह गाव के लोगो की जमीन अपने कब्जे मे ले लेता । इस ‌‌‌तरह से गाव के आधे से ज्यादा खेत उसके हो चुके थे । और आधे से ज्यादा लोग उसका गुलाम बन चुके थे । जब भी गाव के लोग उसे कहते की हमारे ही खेत मे हम ही रिजते है और तुम हमे खाना भी समय पर नही देते हो तो वह सेठ उन लोगो को आँखें दिखाने लग जाता था ।

‌‌‌जो लोग उस सेठ के कर्ज मे नही दबे थे वे लोग गाव के लोगो को समझाते थे की उस सेठ से रुपय लेने की बजाए तो आप लोग मर ही जाओ । पर उस सेठ से किसी भी हाल मे रुपये नही लेने है । उस सेठ की बुराई करते थे उसके बारे मे सच्ची बाते बताते थे । वे लोग गाव के लोगो से कहते की वह सेठ बहुत ही बेईमान है ।

वह किसी को ‌‌‌भी नही बक्सता है । वह तो अपने घर के लोगो का नही हो सका तो आप कोन हो । हिसाब से उस सेठ को आप लोगो को अब तक आजाद कर देना चाहिए था पर वह नही करता है । उन लोगो की बाते सुनकर लोग पूछने लगे की अब हमे क्या करना चाहिए । तब वे लोग कहने लगे की उसका एक भी काम मत करो वह कर भी क्या सकता है ।

आप ‌‌‌बस एक हो ‌‌‌जाओ जिस तरह से ‌‌‌चिंटी के झुड मे हम अपना पैर नही रख सकते वेसे ही वह आप लोगो का कुछ भी नही बिगाड सकता है वह तो केवल आँखें ही दिखा सकता है । उन लोगो की बात सुनकर गाव के लोग उस सेठ का एक भी काम नही करने लगे । जिससे सेठ उनके पास आता और आँखें दिखाकर चला जाता था ।

इस तरह से उस सेठ के आतंक से गाव के लोग ‌‌‌दुर हुए थे । ‌‌‌इस तरह से सेठ आँखें दिखाता रहता था । इस तरह से आप समझ गए होगे की ‌‌‌इस मुहावरे का अर्थ क्या है ।

आँखें दिखाना मुहावरे ‌‌‌पर निबंध || essay on idioms aankh dikhana in Hindi

साथियो आज के समय मे आँखें दिखाने वाले लोगो की सख्या बहुत है । ऐसे लोगो को अपनी ‌‌‌गलतियां नही दिखती है । ऐसे लोगो को सब सही लगता है । अगर कोई उन्हे कह देता है की तुम तो ऐसे हो वेसे हो तो वह आँखें दिखाने लगता है । इस तरह के लोगो की कोई कमी नही है ।

वे जब जरुरत होती है तो हमारे पास बहुत ही ‌‌‌अच्छे आदमी बनकर आते है और जब जरुरत पूरी हो जाती है तो वे अपना रग दिखाने लग जाते है । इस तरह के लोगो का कोई ‌‌‌भरोसा नही की वे क्या कर दे । अगर कोई उन्हे बुरा बताने लग जाते है तो ऐसे लोग उन्हे मार तक देते है । उन्हे यह परवा नही की हम क्या कर रहे है । उन्हे तो सभी अच्छा ही लगता है ।

‌‌‌जिस तरह से राम ने राजेश को कुछ रुपय ‌‌‌उधार दे दिए और जब राम अपने ‌‌‌रुपय वाप लाने के लिए गया तो राजेश उसे रुपये वापस नही दिए । तब राम उसे बुरा बताने लगा तो राम पर राजेश ने हमला बोल दिया । इस तरह के लोगो से अपनी बुराई सुनी नही जाती ।

‌‌‌ऐसे लोगो से जितना दुर रहा जाए उतना ही अच्छा रहता है वरना वे हमे कब रास्ते पर लेकर आ जाएगे हमे पता भी नही चलेगा । ऐसे लोगो को अपनी इज्जद की कोई परवा नही होती और हमारी भी इज्जद उछाले मे उन्हे कोई दिकत नही होती है । इस तरह से आप समझ गए होगे की आँखें दिखाना मुहावरे का अर्थ क्या होताहै ।

आँखें दिखाना का तात्पर्य क्या होता है समझाए || what does it mean to aankh dikhana in Hindi


आंख दिखाने का मतलब यह नही है की आपकी आंख खराब हो चुकी है और आप डॉक्टर के पास जाकर अपनी आंखे चैक करवाने लगे हो । नही ऐसा नही होता है । बल्की आंखे दिखाने का मतलब होता है की आपको क्रोध आ रहा है । जैसे की आपने सुना होगा की वह तो मुझे आंख दिखा रहा था ऐसा ‌‌‌कहा जाता है । तो इस बात का मतलब यह होता है की उसे मुझ पर क्रोध आ रहा था ।


जैसे की मान लो की किसन नाम का एक व्यक्ति है और उसका एक मित्र है जिसका नाम किशोर है । मगर एक दिन किशोर जो होता है वह किसन को भरा बुरा कहने लग जाता है और यहां तकी उसे मार भी देता है । तो ऐसे में किसन को या तो शांत ‌‌‌रहना होगा या फिर क्रोधित होना होना होगा । तो जब किसन क्रोधित हो जाता है तो इसे आंखे दिखाना कहा जाता है । क्योकी मानव जब भी क्रोधित होता है तो वह आंखे दिखाने लग जाता है । दोस्तो आंखे दिखने का मतलब है की सामने वाले को क्रोध आ रहा है ।

‌‌‌वैसे तो इस संसार में लगभग सभी को क्रोध आता है । मगर जब क्रोध को समझना होता है । जैसे की आपको क्रोध आ रहा है और आपके क्रोध को बिना कुछ कहे ही मैं समझ जाता हूं तो आपकी आंखो की तरफ देखना होगा । आपकी आंखे जो होती है वह ऐसी लग रही होगी जैसे की मानो की आप आंखे दिखा रहे हो । तो इसी तरह से क्रोधित होने ‌‌‌का पता चलता है तो जब क्रोधित होने की बात होती है तो इसे आंखे दिखाना कहा जाता है । और इस तरह से आंखे दिखाने का मतलब आप समझ चुके है ।

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