सब धान बाईस पसेरी का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

सब धान बाईस पसेरी मुहावरे का अर्थ ‌‌‌sab dhan baees paseri muhavare ka arth – सब को एक समान  समझना

‌‌‌दोस्तो आज के समय  मे ‌‌‌गरीबी अमीरी का भेदभाव हो रहा है साथ ही जाती का भेदभाव हो रहा है ।अरग कोई ये सब भेदभाव न कर कर सभी को एक समाना समझता है और उन सभी लोगो के साथ एक जैसा व्यवाहर करता है तो ऐसे लोगो को के लिए इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है इस तरह से इस मुहावरे का अर्थ सब को एकसमान समझना होता है।

सब धान बाईस पसेरी का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

सब धान बाईस पसेरी मुहावरे का वाक्य मे प्रयोग Use in sentence

  • तुम तो सभी को सब धान बाईस पसेरी समझते हो तुम्हारे जैसा आदमी मिलाना बहुत कठिन है ।
  • अगर तुम अच्छे अधिकारी होते तो हम सब को सब धान बाईस पसेरी समझते इस तरह से भेदभाव नही करते ।
  • लोहे और सोने को सब धान बाईस पसेरी नही समझा जा सकता है ।
  • प्रताबसिंह ने ‌‌‌गाव के लोगो को सब धान बाईस पसेरी समझ कर मदद की ।
  • सरकार ने आप सभी को सब धान बाईस पसेरी समझ कर अनाज बांटा है ।
  • मैं तो तुम दोनो को सब धान बाईस पसेरी समझता हूं तुम दोनो मे भेदभाव नही कर सकता ।
  • मां अपने बेटो को सब धान बाईस पसेरी समझ कर पालन पोषण करती है ।
  • ‌‌‌धर्मराजा सभी को सब धान बाईस पसेरी समझ कर मदद करते है।
  • कर्ण ने सभी को सब धान बाईस पसेरी समझा था जो भी उनसे कुछ माग लेता वह उन्हे दान दे देता था चाहे फिर वह कितना ही धनवान क्यो न हो ।

‌‌‌सब धन बाईस पसेरी मुहावरे पर कहानी Idiom story

प्राचिन समय की बात है किसी नगर मे एक राजा रहा करता था । राजा के पास धन की कोई कमी नही थी और उसे धन का लालच भी नही था इस कारण से जो भी उनसे मदद मागने के लिए आ जाता तो वह उनकी मदद कर दिया करता था । 

राजा की तिन रानी थी उनमे से एक रानी को धन का बहुत लालच था । इस ‌‌‌कारण से जब राजा लोगो की मदद करने के लिए धन देते तो वह उन्हे धन बाटने के लिए मना किया करती थी । पर राजा लोगो की मदद करने का प्रण ले चुके थे और इसी कारण से वे लोगो की मदद करते रहते थे ।

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एक बार की बात है राजा के पास धन की कमी आने लगी थी तब वह एक साधू के पास गया और साधू से कहा की महाराजा आप मुझे ऐसा ‌‌‌वरदान दे की मैं हमेशा धनवान बना रहूं । यह सुनकर साधू को लगा की राजा को धन का लालच है ।

इस कारण से साधू ने कहा की हे मुर्ख मे तुम्हे ऐसा वरदान किस कारण से दे सकता हूं । तब राजा ने कहा की महाराजा मैं उस धन को लोगो मे समान ‌‌‌बाटूगा जिसके कारण से लोगो की मदद होती रहेगी ।

जिससे उनका दुख दूर हो ‌‌‌सकते है । यह सुन कर साधू को लगा की राजा की बात मे दम है । इस कारण से साधू ने उस राजा को वरदान दिया की जब तक तुम लोगो की मदद करते रहोगे तब तक तुम्हारे पास धन की कोई कमी नही होगी और जब भी तुम लोगो की मदद नही करोगे तक तुम्हारे पास फुटी कोडी भी नही रहेगी ।

ऐसा वरदान पा कर राजा ने साधू को धनवाद ‌‌‌कहा था । जब  साधू अपने घर गया तो उसने अपने राज्य मे ‌‌‌एलान कर दिया की कल से राजा रोजना सुबह धन दान करेगा पर उसके लिए सब ‌‌‌को अपनी अपनी समस्या बतानी होगी ।

अगले दिन जब उसके नगर के लोग राजा के पास धन मागने के लिए आए तो राजा ने सभी को एक समाना समझा और सभी को ‌‌‌बराबर धन दान दे दिया।

इस तरह से दान होते ‌‌‌देखकर राजा की रानी ने उन्हे दान नही करने के लिए भी कहा था पर राजा को पता था की अगर वह लोगो को धन दान नही करेगा तो उसके पास भी धन नही रहेगा । इस कारण से राजा लोगो की मदद करता रहता था ।

एक बार की बात है राजा के राज्य मे वर्षा इतनी तेज हो गई की सभी लोगो के घर पानी के साथ बह गए थे । तब राजा ने ‌‌‌अमीर गरीब का भेदभाव न करते हुए लोगो को धन दान किया और सभी के घर मे एक एक मकान बना दिया था ।

राजा के इस तरह से सभी को एक समान समझ कर मदद करने के कारण गाव के लोग को पता चला की राजा सभी लोगो को सब धान बाईस पसेरी समझता है और फिर किसी की मदद करता है । इसी तरह से जब कोई जुर्म कर देता था तब भी राजा ‌‌‌उसे सजा देता चाहे फिर वह उसका अपना ही क्यो न हो ।

क्योकी राजा के तिन बेटे व एक बेटी थी । राजा के एक बेटे से एक बार किसी का वध हो गया था । तब राजा ने उसे सभी लोगो के समान समझा और सजा सुनाई थी ।

धिरे धिरे समय बितता गया और अब राजा की उमर हो गई थी और इस कारण से उन्होने अपने ‌‌‌स्थान पर अपने ‌‌‌बडे बेटे को बैठा दिया और फिर उससे कहा की जब तक तुम लोगो मे धन बाटते रहोगे तो तुम्हारे पास कभी भी धन की कमी नही होगी और जब तुम धन नही बाटोगे तो तुम इन लोगो के जैसे ही हो जाओगे ।

तब तो राजा के बेटे ने उनसे कह दिया था की मैं हमेशा ही लोगो को धन बाटता रहुगा  । पर जब राजा की मृत्यु हो गई ‌‌‌तो वह लोगो मे भेदभाव करने लगा की यह अमीर है इस कारण से इसकी ही मदद करनी चाहिए और वह अपने लोगो को कभी सजा भी नही देता था । और धिरे धिरे समय के साथ उसने लोगो मे धन भी बाटना बंद कर दिया था ।

‌‌‌सब धन बाईस पसेरी मुहावरे पर कहानी Idiom story

जिसके कारण से वह दो महिनो मे कगाल हो गया और उसका राज्य उससे छिन गया और वह भी उन लोगो के बिच मे रहने ‌‌‌लगा था । तब उस राज्य के लोगो ने उससे कहा की तुमने हम लोगो मे भेदभाव किया था । कुछ लोगो ने कहा की तुम्हारे पिताजी हमे धन दान करते थे । इस कारण से ही उन्हे कभी भी धन की कमी नही हुई थी ।

इस तरह से लोग उससे कहने लगे की तुम्हारे पिता तो जब भी लोगो की मदद करते और किसी को सजा देता तो वह सभी को सब ‌‌‌धान बाईस पसेरी समझा करते थे । इस तरह से जब वह कंगाल हो गया तो वह लोगो को कुछ भी नही कह सकता था ।

इस कारण से वह और उसका परीवार लोगो की बाते सुनता रहता था । इस तरह से इस मुहावरे का सही अर्थ सब को समान समझना ही ‌‌‌होता है ।

सब धान बाईस पसेरी मुहावरे पर निबंध || sab dhan baees paseri essay on idioms in Hindi

साथियों आज के समय में हर कोई गरीब और अमीर का भेदभाव करता है । और इसके बारे में पहले जितना नही पता था उससे ज्यादा तो आज के समय में लोगो को पता चलने लगा है ।

अब अगर कोई ऐसे में गरीबी और अमीरी का भेदभाव करता है तो उसे मेरे अनुसार अच्छा नही मानना चाहिए । मगर मेरे मानने से क्या होगा, क्योकी बहुत से लोग है जो की गरीबी और अमीरी, इसके साथ ही अन्य तरह का भेदभाव रख कर लोगो का साथ देते है और उनकी मदद करते है । मगर ऐसे में मान ले की कोई व्यक्ति होता है जो की इनमें से किसी भी तरह का भेदभाव नही करता है ।

आपको बता दे की इस संसार में ऐसे भी लोग है जो की किसी भी तरह का भेदभाव नही करते है ओर ऐसा व्यक्ति आपको अपने आस पास तक मिल जाएगा क्योकी ऐसे लोग भी बहुत है ।

तो अगर ऐसे लोग किसी प्रकार का भेदभाव नही करते है ओर दूसरो का साथ देते है तो इनके लिए कहा जाता है की इसके लिए तो सभी sab dhan baees paseri की तरह है । और आपको बता दे की sab dhan baees paseri muhavare ka arth – सब को एक समान  समझना ही होता है और यह आपको पहले से पता चल गया होगा क्योकी आपने लेख में पढ लिया है ।

‌‌‌निचे बेस्ट हिंदी मुहावरे दिए गए है जो ज्यादातर प्रयोग मे आते है ।

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Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।

This Post Has One Comment

  1. D. R. Purohit

    What is the English equivalent of सब धान बाइस पसेरी”

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