बाएं हाथ का खेल मुहावरे का मतलब व वाक्य मे प्रयोग

बाएं हाथ का खेल मुहावरे का अर्थ baen hath ka khel muhavare ka arth – बहुत सरल कार्य

दोस्तो आप लोगो को पता ही होगा की इस संसार मे ऐसा कुछ नही है जो असंभव हो यानि सभ कार्य संभव है पर उनमे कठिनाईया बहुत है । इसी तरह से जब कोई ‌‌‌कार्य कठिन न होकर इतना सरल होता है की उसे हर कोई कर देता ‌‌‌है तो ‌‌‌उस कार्य को बांए हाथ का खेल कहा जाता है । क्योकी बांए हाथ से वही खेल खला जाता है जो बहुत ही आसान हो । इस तरह से इस मुहावरे का अर्थ बहुत सरल कार्य होता है ।

बाएं हाथ का खेल मुहावरे का मतलब व वाक्य मे प्रयोग

‌‌‌बांए हाथ का खेल मुहावरे का वाक्य मे प्रयोग Use in sentence

  • ‌‌‌हनुमानजी को संजिवन बूंटी न मिलने के कारण उन्होने पर्वत उठा कर यह दिखा दिया की पर्वत उठाना उनके बांए हाथ का खेल है ।
  • जुर्म करकर बचना आजकल बांए हाथ का खेल बन गया है ।
  • धनुष तोड कर रामू ने यह सिद्ध कर दिया की वह कार्य उनके बांए हाथ का खेल था ।
  • इस पर्वत को उठाना तुम्हारे बांए हाथ का खेल नही है जो तुम कर लोगे ।
  • इस बैल ‌‌‌को पकडना तो मेरे बांए हाथ का खेल है ।
  • मेरे लिए यह कार्य तो बांए हाथ खेल है और तुम इसे नही कर पा रहे थे ‌‌‌हो ।
  • राजवीर के लिए शेर को मारना बांए हाथ का खेल है ।

‌‌‌बांए हाथ का खेल मुहावरे पर कहानी Idiom story

एक बार की बात है किसी गाव मे अनेक लोग रहा करते थे । वह गाव बहुत ही सुंदर था । इस कारण से जो भी उसे देख लेता तो उसका मन वही पर रहने को करने लग जाता था । जब गाव के अंदर जाया जाता है ‌‌‌तो वहां पर कोई भी चहल पहल नही होती है यानि लोग चुप चाप अपना काम ‌‌‌करते रहते ‌‌‌है ।

उस गाव मे रामू नाम का एक आदमी रहता था । वह नाम का ही रामू था उसकी भुजाओ मे इतना बल था की वह किसी भी काम  को अकेला कर लेता था । रामू के घर मे उसकी बूड्डी मां के अलावा और कोई भी नही था । उस गाव मे एक ‌‌‌रीत चली आ रही थी ‌‌‌की जो भी कोई जंगली बैल को पकड कर उसे शांत कर देता ‌‌‌तो लोग उसका कहना पूरे वर्ष मानते ‌‌‌थे ।

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इस कारण से अनेक लोग वहां पर उस बैल को शांत करते थे पर जिन लोगो से वह बैल शांत नही होता ‌‌‌उन्हे वहां पर कुछ भी हो सकता है । इस बारे मे गाव के लोगो को पहले ही बता दिया जाता ‌‌‌था।

हालाकी लोग उसे बचाने के लिए भी अंदर चले जाते ‌‌‌थे पर बचाने का दावा नही करते थे । इस तरह से का खेल जोखिम भरा होता है । जिसे देखने के लिए आस पास के गाव के लोग भी आ जाते थे । रामू की भुजाओ मे बल तो था पर उसने कभी भी उस बैल ‌‌‌को शांत करने के बारे मे सोचा नही था । इसकी वजह उसकी मां थी उसने उसे बैल से दूर रहने को कहा था ।

एक बार की बात है रामू की मां ‌‌‌कुछ ज्यादा ही बिमार हो गई थी । इस कारण से रामू उसकी देख भाल कर रहा था । आखिर कोई उमर हो जाने के बाद कितने दिनो तक जीवित रह सकता है । इस कारण से रामू की मां की भी मृत्यु हो गई थी । मृत्यु हो जाने के कारण रामू अब अकेला ही अपने घर मे रह गया था ।

यानि उसका देखभाल करने वाला कोई भी नही था । ‌‌‌अब रामू अपना पेट भरने के लिए अपने खेत मे फसल बोता और काम करता था । फसल बोने के लिए उसने एक बैल को भी रख रखा था ‌‌‌, जो बहुत ही घुस्से वाला था ।

फिर भी रामू उस बैल को अपने पास रखता था क्योकी उसमे भी बहुत बल था । जिससे जब भी रामू खेत जोतता तो उसे जोर नही आता था । जब बैल को कभी घुस्सा आ जाता तो वह ‌‌‌रामू से छूटाकर भागने की कोशिश करता था ।

पर रामू यह देखकर उसे पकडने लग जाता था और कुछ ही समय मे उसे पकडता और उसके सिर पर हाथ फैरता था । जिसके कारण बैल शांत हो जाता था । इस तरह से रामू को यह पता था की बैल को कैसे पकडना है और कैसे उसे शांत करना है ।

एक बार की बात है कुछ लोगो ने रामू से कहा की वह ‌‌‌अपने खेत के बैल को पकड कर ही अपने आप को बलवान समझता है । अगर तुम गाव के बैल को पकडोगे तो हम तुम्हे मानेगे । क्योकी रामू की मां ने उसे बैल से दूर रहने को कहा था । इस कारण से वह उन लोगो की बात पर गोर नही करता था ।

पर एक दिन की बात है फिर गाव के लोगो के सामने उन लोगो ने रामू की बेइज्जती कर ‌‌‌दी । जिसके कारण रामू को लगा की इन लोगो को सबक सिखाने के लिए उस बैल को शांत करना ही होगा ।

आखिर रामू ने उन लोगो से कह ही दिया की आप गाव के बैल को देखकर मुझे ऐसा कह रहे हो उसे तो शांत करना मेरे बांए हाथ का खेल है । तब उन लोगो ने उससे कहा की जब मैदान मे उतरोगे तब तुम्हारा पता चलेगा ।

इतना ‌‌‌सुन कर वह मैदान मे उतरने को तैयार हो गया था और जब कुछ दिनो के बाद वह खेल आया तो वह उस मैदान मे उतरने गला था । जिसे देखकर गाव के लोगो ने उसे बैल के साथ लडने को मना कर दिया था । तब रामू ने कहा की आप लोग मेरी परवाह न करो यह बैल मेरा कुछ नही कर सकता है । ऐसा कहते हुए वह मैदान मे उतर गया था ।

उस समय ‌‌‌सभी लोग एक साथ मैदान मे उतरे थे । तभी उस बैल को खोल दिया गया था । बैल बहुत ही भयानक था जिसे देखकर हर कोई डर जाता था । जब उस बैल को खोला गया तो वह बैल सभी को एक एक कर कर मैदान से बाहर फैक दिया था । जिसके कारण किसी का हाथ टुटा तो किसी का सर फुट गया था और कोई तो मर भी गया था ।

‌‌‌बांए हाथ का खेल मुहावरे पर कहानी Idiom story

‌‌‌अब रामू अकेला ‌‌‌ही मैदान मे रह गया था । जिसे सभी लोग बहुत ही ध्यान से देख रहे थे । जब वह बैल उस पर वार करने लगा तब रामू उसके पैरो के बिच से निकल गया था । इस तरह से रामू उससे बचने लगा था ।

जब बैल थक गया तो रामू उसकी पिठ पर बैठ गया और बैल के कान मे कहते हुए उसके सर पर हाथ फैरने लगा था । तभी बैल अचानक शांत हो गया ‌‌‌और उसे रामू से इधर उधर घुमाने लगा था । यह सब देखकर गाव के लोग हैरान हो गए थे ।

जब रामू उस बैल को पकड कर बाहर निकला तो लोग दूर भागने लगे थे । तब रामू ने उस बैल को किसी पेड से बाध दिया था । तब लोगो ने रामू से पूछा की तुमने इसके कान मे क्या कहा था । तब रामू ने कहा की मैने तो इसे कहा की तुम्हे मै ‌‌‌आज पूरा गाव दिखाउगा और अपने खेतो मे भी लेजाउगा ।

यह सुन कर ही लोग उसकी तरफ देखने लगे थे । तभी रामू बैल पर बैठा और गाव को दिखाने के लिए चला ‌‌‌गया था । उसके जाने पर गाव के लोग आपस मे बात करने लगे की बैल को शांत करना तो रामू के बांए हाथ का खेल है वह सच कह रहा था ।

जिन लोगो ने रामू को मैदान मे उतारा ‌‌‌वे भी हेरान हो गए थे । इस तरह से आप यह समझ गए होगे की इस कहानी से बांए हाथ का खेल मुहावरे का अर्थ क्या होता है ।

बाएं हाथ का खेल मुहावरे पर निबंध || baen hath ka khel essay on idioms in Hindi

साथियों baen hath ka khel एक ऐसा मुहावरा है जिसे समझने के लिए आपने उपर कहानी, को भी पढा है और इस कहानी में मुहावरे को काफी अच्छी तरह से समझाया गया है । अगर आप baen hath ka khel को समझ नही पाए है तो आपको बता दे की कहानी में आपने पढा की एक व्यक्ति होता है जिसका नाम रामू है और वह बेल से लड़ता है ।

और अंत में रामू की हार नही होती है ओर वह बेल को हरा देता है जिसके कारण से लोग भी चौंक उठते है मगर यह सब होने के कारण से लोगो को यह पता चला की रामू के लिए बेल को हराना काफी सरल कार्य है ।

क्योकी मानव ज्यादातर कार्य अपने दाए हाथ से ही करता है, मगर जो कार्य सरल होता है उसे बाए हाथ से भी किया जा सकता है हालाकी कठिन कार्य को कभी भी बाए हाथ से इतने सरल रूप में नही किया जा सकता है ।

इस कारण से आप समझ सकते है की बाए हाथ से वही कार्य होता है जो बहुत सरल है और यही कहानी बता रही है की  baen hath ka khel muhavare ka arth – बहुत सरल कार्य होता है ।

नीचे जिन मुहावरों की लिंक दी जा रही है वे अकसर लोग जानना चाहते है और महत्वपर्ण भी है ।

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नौ दो ग्यारह होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

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नाक में दम करना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

दाल न गलना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

कमर कसना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

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लोहा मानना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

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आँखें चार होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

आँख भर आना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

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अंगारों पर पैर रखना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

उड़ती चिड़िया पहचानना मुहावरे का अर्थ व वाक्य मे प्रयोग

उल्टी गंगा बहाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग

आसमान से बातें करना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

आँखें दिखाना मुहावरे का अर्थ व वाक्य मे प्रयोग

खाक में मिलना मुहावरे का अर्थ व वाक्य मे प्रयोग

‌‌आँखों का तारा मुहावरे का अर्थ व वाक्य मे प्रयोग

कान भरना मुहावरे का अर्थ व वाक्य मे प्रयोग

अपना उल्लू सीधा करना मुहावरे का अर्थ व वाक्य मे प्रयोग

चिराग तले अंधेरा होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग

अक्ल पर पत्थर पड़ना मुहावरे का अर्थ व वाक्य मेप्रयोग

हृदय भर आना मुहावरे का अर्थ व वाक्य मे प्रयोग

Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।