आओ समझें, रंग चढ़ना का मतलब और वाक्य व कहानी

रंग चढ़ना मुहावरे का अर्थ rang chadhana muhavare ka arth – प्रभावित होना

दोस्तो आज के समय मे हर कोई कुछ ऐसा करना चाहता है जिसके कारण दुसरे उससे प्रभावित हो और उसके जैसा बनने की इच्छा करने लग ‌‌‌जाए । इसी तरह से जब कोई व्यक्ति किसी से इतना अधिक प्रभावित हो जाता है की वह ‌‌‌उसी के पास ‌‌‌रहना चाहता है या फिर उसी चिज को पाने की कोशिश करता है और एक बार पा लेने पर उसे छोडता नही है तो इसे उस चिज से प्रभावित होना कहा जाता है और इस तरह से किसी भी कारण से प्रभावित ‌‌‌होकर उसके जैसा करने को ही रंग चढ़ना कहा जाता है ।

रंग चढ़ना का मतलब और वाक्य व कहानी

‌‌‌रंग चढ़ना मुहावरे का वाक्य मे प्रयोग Use in sentence

  • श्री कृष्ण भग्ति ‌‌‌का मिरा पर ऐसा रंग चढा की वह महलो से गलियो मे फिरने लगी ।
  • राम नाम का रंग तो हनुमानजी पर चढा था जो हर समय राम राम जाप करते थे ।
  • जयपुर जाने के बाद से ही इसे चसमा का रंग चढ गया है ।
  • इस नालायक को विदेशी भाषा का ऐसा रंग चढा है की यह सारे दिन उनकी तरह ही बोलता है ।
  • पहले तो यह कहने पर भी नही पढता था और आज पढने का ऐसा रंग चढा है की मना करने पर भी पढना नही छोड रहा है ।
  • इतना गरिब है फिर भी इस पर अमीरो का रंग कैसे चढ गया ।
  • लगता है आपके बेटे पर अंग्रेजी बोलने का रंग चढ गया है ।

‌‌‌रंग चढ़ना मुहावरे पर कहानी Idiom story

किसी समय की बात है रामप्रसाद नाम का एक लडका अपने गाव मे रहा करता था । उसके घर मे उसके माता पिता के अलावा उसका मामा भी उनके साथ रहा करता था । रामप्रसाद जब छोटा था तभी उसे उसके मामा ने ही उसे पढाया और हर ‌‌‌उस चिज के बारे मे बताया जिसकी आने वाले समय मे उसे जरुरत पड जाए ।

रामप्रसाद जब कुछ बडा हुआ ‌‌‌तब उसे पढाई मे रूची नही थी इस कारण से वह अपने मामा के कहने पर भी पढाई नही करता था । फिर भी उसके मामा ने उसे पढाई कराई ताकी जब वह कमाने के लिए जाने लगे तब उसे यह तो अहसास न हो की पहले पढ लेता तो अच्छा रहता था ।

धिरे धिरे समय बितता गया और रामप्रसाद अब काफी बडा हो गया था । पर अब भी वह पढाई नही ‌‌‌करता था । तब उसके मामा ने उससे कहा की अगर तुम पढाई नही करना चाहते हो तो कोई काम कर लो । ऐसा कहने पर रामप्रसाद ने अपने मामा से कहा की ठिक है तो आप मुझे कोई काम दिला दो जिसे मे कर सकु ।

रंग उड़ना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

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माथा ठनकना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

मारा मारा फिरना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

मुँह चुराना का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग व कहानी

ऐसा सुनकर रामप्रसाद के मामा ने कहा की ठिक है कल तुम तैयार हो जाना काम की तलाश मे हम दोनो शहर जाएगे । अलग ही ‌‌‌रामप्रसाद और उसका मामा दोनो ही शहर काम की तलाश मे चले गए थे । वहां पर उन दोनो को ही कोई अच्छा काम नही मिला था तो रामप्रसाद को उसके मामा ने मजदुरी काम काम दिलवा दिया ।

जिसे ‌‌‌करने के लिए वह आधे दिन ही गया और फिर थक कर वापस आ गया था । जब वह काम से वापस आ गया तब उसके मामा ने पूछा की तुम किस कारण से वापस आ गए हो । तब रामप्रसाद ने कहा की वह काम तो बहुत ही कठिन है मेरे से नही होगा कोई और काम है तो दिला दो ।

इस तरह से कहने पर रामप्रसाद को उसके मामा ने एक बैंक का चोकीदार ‌‌‌की नोकरी दिलवा दी । पर उसमे भी मरने का खतरा होता है इस कारण से वह उसे भी छोड कर वापस आ गया था । इस तरह से बार बार वह नोकरी छोडता गया और उसका मामा उसे और काम दिलाता गया ।

एक बार की बात है जब उसके मामा ने उसे एक कंपनी मे नोकरी दिवलाई । उसी दिन वह दो दिन काम करने के लिए चला गया था । तब उसके मामा ‌‌‌को पता चल गया था की यह इस काम को कर लेगा । ऐसा सोचकर वह अगले ही दिन अपनी बहन के पास चला गया था । और बहन से जाकर कहा की आपका बेटा काम करने लगा है ।

रामप्रसाद अब शहर मे अकेला ही रहता और रोजाना काम करने  के लिए जाता था । उसे काम करते हुए एक वर्ष ‌‌‌ही बिता था की उसके बॉस को पता चला की यह पढा‌‌‌लिखा ‌‌‌है । इस कारण से उसके बॉस ने उसे पढाई के काम पर लगवा दिया था ।

रामप्रसाद को वह काम तो मिल गया था पर वह उस काम को करना नही चाहता था फिर भी वह उस काम को करता रहा । इस कारण यही था की उसे उस काम के पैसे भी ज्यादा मिलते थे । धिरे धिरे समय के साथ राम प्रसाद को वह काम इतना अच्छा लगने लगा था की ‌‌‌वह दिन और रात किताबे ही पढने लगा था।

तब उसके बॉस ने उसे और बच्छा काम देने को सोचा और उसे शहर से काफी दुर भेज दिया था । वहा पर उसे पढाई का ही काम करना था और वह भी आराम से बैठे बैठे । अब वह दिन और रात उसी पढाई के काम को करता था । जिसके कारण से वह पढाई के बिना नही रहता था और जहां पर भी उसे कोई ‌‌‌किताब दिख जाती तो वह उसे पढने लग जाता था ।

इसी तरह से एक दिन की बात है रामप्रसाद अपने गाव गया हुआ था । तब उसके मामा उसके काम के बारे मे जानने लगे थे । तब रामप्रसाद ने कहा की मामाजी मे तो हिसाब किताब के साथ साथ किताबे पढ कर मेरे बॉस को जानकारी देता हूं ।

यह जानकर उसके मामा ने कहा की ‌‌‌तुम और हिसाब किताब का काम करते हो जो पहले कहने पर भी नही पढते थे । ऐसा कहने पर रामप्रसाद को समझ मे आ गया की मेरे मामा को मेरी बात पर विश्वास नही हो रहा है । पर रामप्रसाद को इस बात से कुछ भी नही लेना देना था ।

जब उसके मामा ने रामप्रसाद का बेग खोलकर देखा तो वह किताबो से ही भरा था यह देखकर वे ‌‌‌हैरान हो गए । जब रामप्रसाद को उन्होने रात के दो बजे तक पढते देखा तब उन्हे रामप्रसाद की बात सच लगने लगी थी ।

रामप्रसाद को उनके पास रहते हुए एक महिना हो गया था । तब रामप्रसाद के माता पिता और उसके मामा ने एक भी दिन ऐसा नही देखा जिस दिन रामप्रसाद ने किताबे नही पढी हो । तब एक दिन रामप्रसाद ‌‌‌के मामा ने अपनी बहन से कहा की बहन तुम्हारे बेटे को क्या हुआ है ‌‌‌इसपर तो किताब पढने का रंग चढ गया है ।

‌‌‌रंग चढ़ना मुहावरे पर कहानी Idiom story

इसी तरह से एक दिन रामप्रसाद के घर उसके पुराने दोस्त आए तो उन्होने रामप्रसाद को पढाई करते देखा तो वे लोग उससे बोलने लगे की क्यो भाई बडे शहर मे जाकर तुम पर पढाई का रंग चढ गया है ‌‌‌क्या । तब रामप्रसाद ने उनसे कहा की हां भाई आज कल तो बहुत पढने लगा हूं ।

इस तरह से रामप्रसाद दिन मे काम करता और जब भी समय मिलता तो कुछ न कुछ पढने लग जाता था । इस तरह से आप लोगो को यह समझ मे आ गया होगा की रामप्रसाद पर पढाई का रंग चढ गया था और साथ ही यह भी समझ मे आ गया होगा की इस मुहावरे का अर्थ ‌‌‌क्या है ।

रंग चढ़ना मुहावरे पर निबंध || rang chadhana essay on idioms in Hindi

दोस्तो अगर हम किसी बात से प्रभावित हो जाते है तो हम उस काम को दिन रात करने लग जाते है । जैसे की यह युग पढने का है और सभी को रामप्रसाद की तरह ही पढते रहना चाहिए ।

अब आप कहोगे की यह रामप्रसाद कौन है ? तो आपको बता दे की आपने जो कहानी पढी थी उसमें ही रामप्रसाद होता है जिसे पढना इतना अच्छा लगने लगा था की वह दिन रात पढने लगा था । और यह सब देख कर सभी कहने गले की रामलाल पर पढने पर प्रभावित हो चुका है इसी कारण से दिन रात पढने लगा है ।

और कहानी के इसी समय कई बार यह रंग चढना शब्द का प्रयोग किया गया था जिसका मतलब है की प्रभावित होना और यही इस मुहावरे का मतलब है ओर यह आप कहानी के माध्यम से समझ सकते है ।

दोस्तो इसके अलावा अगर आपने लेख को सही तरह से पढा है तो आप यह पूरी तरह से याद कर चुके है और यह हम दावा करते है ।

नीचे जिन मुहावरों की लिंक दी जा रही है वे अकसर लोग जानना चाहते है और महत्वपर्ण भी है ।

कान पर जूं न रेंगना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

आँखें फेर लेना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

घाट घाट का पानी पीना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

बालू से तेल निकालना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

अंग अंग ढीला होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

अक्ल के घोड़े दौड़ाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

आवाज उठाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

मक्खी मारना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

चैन की बंशी बजाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

आग बबूला होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

भीगी बिल्ली बनना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

जान हथेली पर रखना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

लाल पीला होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

अंधे की लाठी मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

अंगूठा दिखाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

नौ दो ग्यारह होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

नाकों चने चबाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

नाक में दम करना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

दाल न गलना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

कमर कसना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

अपनी खिचड़ी अलग पकाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

हाथ साफ करना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

होश उड़ जाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

ऊंट के मुंह में जीरा मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

सिर चढ़ाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

लोहा मानना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

आँखें चुराना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

आंखों में खटकना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

आँखें चार होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।