आओ समझे, रंग उड़ना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

रंग उड़ना मुहावरे का अर्थ rang udana muhavare ka arth – रौनक समाप्त हो जाना या निरास होना

दोस्तो जब कोई व्यक्ति गलत काम कर रहा होता है तो वह अपने आप को अच्छे लोगो से बचाने की कोशिश करता है की कही मे उनके सामने न आ जाउ । फिर किसी कारण से वह व्यक्ति गलत काम ‌‌‌करते हुए किसी के रंगे हाथो पकडा जाता है । तो उसके लिए कहा जाता है की यह गलत काम करते हुए पकडा गया इस कारण से इसके चेहरे का रंग उड गया ।

साथ ही ऐसा भी हो सकता है की कोई व्यक्ति जब कोई गलती कर देता है और वह पकडा जाता है तो वह अपने आप निरास या उदास सा हो जाता है इस तरह से उदास होने को रौनक समाप्त ‌‌‌होना कहा जाता है और इसे ही रंग उडना कहा जाता है ।

रंग उड़ना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

रंग उडना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग Use in sentence

  • नकल करते हुए पकडे जाने पर राजेश का रंग उड गया और वह मास्टर जी से माफी मागने लगा ।
  • चोरी करते हुए पकडे जाने पर महेश का रंग उड गया ।
  • सेठ की दुकान मे चोरी करते हुए राजवीर रंगे हाथो पकडा गया जिसके कारण राजवीर के ‌‌‌चेहरे का रंग उड गया ।
  • तुम तो अपने आप को तोप समझते थे और आज ‌‌‌तुम्हारा रंग उडा नजर आ रहा है आखिर बात क्या है ।
  • भाई किसी बात के कारण तुम्हारे चेहरे का रंग उडा है जरा हमे भी बताओ ।
  • राहुल को शराब ‌‌‌पिते उसके पिता ने देख लिया जिसके कारण राहुल का रंग उड गया ।
  • लगता है की तुमने कुछ गलत काम किया है इसी कारण से तो तुम्हारे चेहरे का रंग उडा है ।
  • ‌‌‌मारपिट करते हुए इसके पिता ने इसे देख लिया इसी कारण से इसका रंग उडा है ।

‌‌‌रंग उड़ना मुहावरे पर कहानी Idiom story

प्राचिन समय की बात है किसी नगर मे प्रताब नाम का एक लड़का रहा करता था । उसके घर मे उसके अलावा उसके माता पिता ही थे । प्रताब के पिता की गाव मे खुब इज्जत थी और लोग उसके पिता के कहने पर ही चला करते थे ।

साथ ही यह भी था की जब भी उसका पिता लोगो से मदद माग लेता तो लोग ‌‌‌उसकी मदद करने से पिछे नही हटते थे । इसका कारण यही था की प्रताब के पिता के पास बहुत धन था और वे उस धन के कारण ही लोगो की मदद करते थे ।

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पर धन से सब कुछ होता तो था नही क्योकी किसी काम को धन के बिना भी करना पडता है जिसके लिए लोगो की जरूरत पडती है । ऐसे कामो मे ही प्रताब के पिता लोगो से मदद मागते ‌‌‌थे ।

प्रताब के पिता खेती कर कर ही इतने धनवान बने थे । एक बार की बात है प्रताब के पिता बिमार हो गए । जिसके कारण से प्रताब की जमीन पर खेती करने वाला नही बचा था और वे एक वर्ष तक बिमार रहे जिसके कारण से प्रताब के पिता के पास जो भी धन था वह सब नष्ट हो गया था ।

यानि वह सब खत्म हो गया था । अब ‌‌‌प्रताब के पास खेत के अलाव कुछ भी नही था । पर प्रताब खेती नही करना चाहता था वह तो चाहता था की वह कोई जोब कर ले । जब इस बारे मे उसने अपने पिता से पूछा तो उसके पिता ने यह सोचकर हां कह दी की क्या पता यह काम तो कर ले क्योकी खेती का काम तो इससे नही होगा ।

पिताजी के हां कहने पर भी प्रताब को नोकरी ‌‌‌नही मिल रही थी । इस कारण से प्रताब ने अपना आधा खेत बेच दिया और फिर नोकरी लग गया था । क्योकी प्रताब के पिता बिमार थे इस कारण से आधा खेत उन्हे ठिक करने मे बिक गया था ।

इस तरह से प्रताब के पास अब कुछ भी नही था । अब तो वह नोकरी करने के लिए जाता और नोकरी कर कर वापस आ जाता था । धिरे धिरे ‌‌‌प्रताब को लगने लगा की इस तरह से तो मैं अपना घर तक नही चला पाउगा और मोज मस्ती की बात रही कहा ।

तब उसने किसी तरह से अपने ‌‌‌बॉस को मनाया और हिसाब किताब करने का काम सम्भालने लगा था । उसे वह काम करते हुए एक वर्ष बित गया था । इस कारण से उसके बॉस को लगने लगा की यह तो काम बहुत ही अच्छी तरह से ‌‌‌कर रहा है ।

इस कारण से ‌‌‌उन्होने प्रताब के काम को देखना बंद कर दिया था । जिससे प्रताब ने एक दिन हिसाब किताब मे उपर निचे कर दिया और वहां से चोरी कर ली । फिर भी उसके बॉस को भनक तक नही पडी । इस कारण से प्रताब ने बार बार वह काम करता रहा ।

इस तरह से चोरी करते हुए प्रताब को 9 महिने बित गए थे । तब ‌‌‌एक दिन प्रताब के बॉस को लगा की मेरा काम तो घाटे मे चल रहा है जरुर हिसाब सही तरह से नही होता है । ऐसा सोचकर प्रताब के बॉस ने उसका हिसाब देखा तो ‌‌‌उन्हे यह लगने लगा की यह मेरे हिसाब को उपर निचे करता है।

इस बारे मे पुरी बात का पता लगाने के लिए एक दिन प्रताब के बॉस ने पहले ही हिसबा कर लिया था और ‌‌‌फिर वहां से चला गया और जाते समय प्रताब से कहा की बेटा जरा हिसाब देख लेना ।

प्रताब की तो आदद थी की वह चोरी करे इस कारण से उसने हिसाब को उपर निचे किया और आधे रूपयो को अपनी जेब मे डाल कर वहां से जाने लगा था । यह सब उसके बॉस ने छुप कर देख लिया और उसके सामने आकर कहा की आज तो तुम्हारी जेब भरी ‌‌‌हुई दिख रही है आखिर बात क्या है।

इतना सुनते ही प्रताब के चेहरे का रंग उड गया और वह हकला कर बोलने लगा की कुछ नही इसमे तो मेरा समान है । तब उसके बॉस ने उसकी जेब चेक की तो उसे पता चला की यह चोरी कर कर पैसे ले जाता था इस कारण से ही दुकान घाटे मे चल रही है ।

सचाई सामने आ जाने के कारण से प्रताब को ‌‌‌उसके बॉस ने धक्के मार कर काम से निकाला । जिसके कारण आस पास के लोगो को पता चल गया था की इसने अपने बॉस के पैसे चुराए थे इस कारण से ही यह निकाला गया । कुछ ही समय मे प्रताब को जानने वाले लोगो को भी इस बारे मे पता चल गया था ।

‌‌‌रंग उड़ना मुहावरे पर कहानी Idiom story

जब प्रताब घर गया तो उसके पिता ने पूछा की तुमने चोरी क्यो की थी । ऐसा ‌‌‌सुनते ही प्रताब का रंग उड़ गया और वह घबरा कर बोला की मैंने नही की । प्रताब के पिता ने फिर पूछा की तुम झुठ बोल रहे हो इस तरह से बार बार पूछने पर उसने अपनी गलती मान ली थी ।

उस दिन के बाद प्रताब को कोई भी नोकरी नही देता था और वह आवारा की तरह इधर उधर फिरता रहता था । अब उसके पास कमाने को भी कुछ ‌‌‌नही था। तब वह लोगो के घरो मे नोकर का काम करने लगा था । इस तरह से आप इस कहानी से यह समझ गए होगे की रंग उड़ना मुहावरे का अर्थ क्या होता है ।

रंग उड़ना मुहावरे पर निबंध || essay on idioms in Hindi

दोस्तो अगर आप अपने जीवन में खुश है और अभी भी खुश है मगर कुछ ऐसा हो जाए जिसके कारण से यह खुशी आपकी दूर हो जाए और आपके चेहरे पर अलग ही भाव दिखाई देने लग जाए तो इसे ही rang udana कहा जाता है ।

जैसे की कहानी में हमे प्रताब के बारे में जानने को मिला था । अगर आपने कहानी को पढा है तो आपको पता है की प्रताब ने चोरी की थी जिसके कारण से पहले तो वह काफी खुश था । मगर पिता ने जैसे ही उससे पूछा की तुमने चोरी क्यों की थी तो यह सुनते ही प्रताब के चैहरे की रोनक समाप्त हो गई ।

अब प्रताब जहां पर खुश था वही पर उसके चेहरे का भाव बदल गया और इससे पता चलता है की प्रताब केचेहरे का रंग उड़ गया था । और इसका प्रयोग भी कहानी मे होता है ।

तो आप इस कहानी से समझ गए होगे की इस मुहावरे का अर्थ  है रौनक समाप्त हो जाना या निरास होना ।

नीचे जिन मुहावरों की लिंक दी जा रही है वे अकसर लोग जानना चाहते है और महत्वपर्ण भी है ।

आँखें फेर लेना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

घाट घाट का पानी पीना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

बालू से तेल निकालना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

अंग अंग ढीला होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

अक्ल के घोड़े दौड़ाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

आवाज उठाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

मक्खी मारना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

चैन की बंशी बजाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

आग बबूला होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

भीगी बिल्ली बनना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

जान हथेली पर रखना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

लाल पीला होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

अंधे की लाठी मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

अंगूठा दिखाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

नौ दो ग्यारह होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

नाकों चने चबाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

नाक में दम करना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

दाल न गलना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

कमर कसना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

अपनी खिचड़ी अलग पकाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

हाथ साफ करना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

होश उड़ जाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

ऊंट के मुंह में जीरा मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

सिर चढ़ाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

लोहा मानना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

आँखें चुराना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

आंखों में खटकना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

आँखें चार होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

आँख भर आना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।