दाल न गलना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

दाल न गलना मुहावरे का अर्थ daal na galana muhaavare ka arth – सफल न होना ।

दोस्तो अगर कोई किसी का बुरा चहाता है या फिर कोई अपना काम करना चहाता है वह चहाता है की यह काम बहुत अच्छा चले और मुझे लाभ प्राप्त हो । पर जब वह काम नही होता या जिसका वह बुरा चहाता है उसका बुरा नही होता है तो ‌‌‌कहा जाता है की उसकी दाल नही गली । इस तरह के लोग आपको बहुत मिल जाएगे ।

ऐसे लोग दुसरो के बारे मे बुरा सोचते है और लोगो को भी अलग करने वाले होते है । पर दाल न गलना ‌‌‌मुहावरा केवल अलग करने के बारे मे ही नही है । बल्की इसका सही अर्थ है किसी भी काम को करना चहाते है पर उस काम मे हम सफल नही हो सके ।

दाल न गलना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

दाल न गलना मुहावरे का वाक्य मे प्रयोग || daal na galna use of idioms in sentences in Hindi

‌‌‌भारत को बर्बाद करने के लिए अनेक आतंकवादियों ने वार किया पर उनकी दाल नही गल सकी ।

राम और रोहन को अलग करने मे उनके घर वालो ने पुरी ‌‌‌कोशिश कर ली पर दाल नही गली ।

नोकरी पाने के लिए राघव ने बहुत झुट बोले पर उसकी दाल न गल सकी ।

पुलिस को किसी तरह से झुठ बोलकर जाना चहाता था तो पुलिस ने कहा की तुम कुछ ‌‌‌भी बोल लो पर यहा तुम्हारी दाल नही गलेगी ।

दाल न गलना मुहावरे पर कहानी ||  daal na galna story on idiom in Hindi

एक गाव मे राघव नाम का एक आदमी रहता था उसके घर मे ‌‌‌उसके माता व पिता के अलवा और कोई भी नही ‌‌‌रहता था । उसका एक ही मित्र था जो बहुत अच्छा था ‌‌‌जिसका नाम रमेश था । जब भी राघव को किसी चिज की जरुरत होती तो रमेश ‌‌‌उसे लाकर दे देता था ।इस कारण कुछ लोगो को बुरा लगता था कि वे दोनो पक्के दोस्त ‌‌‌है और जब भी ‌‌‌किसी को किसी चिज की जरुरत होती तो वे एक दुसरे की मदद करते ‌‌‌है ।

इस कारण अन्य लडके उन दोनो को अलग करने मे लगे थे । वे चहाते थे की यह दोनो दोस्त अलग हो गए तो हम ‌‌‌रमेश के साथ हो जाएगे क्योकी ‌‌‌रमेश बहुत धनवान है । ‌‌‌रमेश के पास धन दोलत की कोई कमी नही थी ।

उसके पास अनेक ‌‌‌खेत थे । उसका पिता उस गाव मे सबसे धनवान थे । ‌‌‌रमेश के पिता के मर जाने मर सरा धन दोलत ‌‌‌रमेश के पास आ गए तो दुसरे लोग उससे धन को छिनने मे लगे थे । ‌‌‌रमेश बहुत ही समझदार था वह एक पल मे यह समझ जाता था की कोन क्या चहाता है ।

गाव के लोगो को जब भी किसी चिज की जरुरत होती तो वे ‌‌‌रमेश से मागने के लिए जाते थे । ‌‌‌रमेश गाव के लोगो को कभी भी मना नही करता था और कहता की जब भी आप लोगो को किसी चिज की जरुरत हो तो आप लोग मुझसे माग सकते हो । और जब आपके पास हो तब वापस दे देना ।

इस तरह से गाव के लोगो की मदद कर कर ‌‌‌रमेश गाव के लोगो मे सम्मान पाए हुआ था। ‌‌‌इस कारण उसके घर के लोग गाव के लोगो से दुर करना चहते थे और यह भी चहता थे की वह राघव का साथ छोड दे ताकी जो भी धन हो वह अपने ही घर मे बना रहे ।

इस कारण वे लोगो के बारे मे ‌‌‌रमेश से कहने लगते की बेटा अगर तुम्हारे पास कुछ भी नही होगा तो गाव के लोग तुम्हारे लिए कुछ भी नही करेगे । आज तुम ‌‌‌इन लोगो के लिए इतना कुछ कर रहे हो । अगर ये लोग तुम्हे पैसे वापस नही देगे तो हम क्या करेगे हम तो रास्ते पर आ जाएगे  ।

तब ‌‌‌रमेश कहने लग जाता की इतने दिनो से ये लोग हमारे एक रुपय को भी अपने पास नही रखे जो भी लिया था वह वापस दे ‌‌‌दिया । इस तरह से उसके घर के लोगो की दाल नही गली । इसी तरह से ‌‌‌जब भी ‌‌‌रमेश गाव मे जाता तो गाव के लडके राघव के बारे मे उससे बुरा कहते की राघव तुम्हार पैसो के कारण ही तुम्हे इतना मानता है ।

अगर तुम उसे कुभी नही दोगे तो वह तुम्हे बुरा मानने लग जाऐगा । राघव तो तुम्हारे पैसो को पाने मे ही लगा रहता है । वह चहता है की तुम्हारे पास जो भी है वह सब उसका ‌‌‌हो जाए । उन लडको की भी वहा दाल नही गली और ‌‌‌रमेश ने कहा की अगर मेरा दोस्त ऐसा होता तो वह कभी भी मेरे ‌‌‌पैसे देने पर इनकार नही करता ।

दाल न गलना मुहावरे पर कहानी

जब भी मै उसे अपने पास रहने के लिए कहता हूं तो वह मुझे कभी भी मना नही करता । वह तो मेरे पैसो से ही दुर रहना चहाता है । वह तो कहता ‌‌‌जो भी मै खाता हूं अपनी मेहनत का खना चहता हूं ।

इस तरह से राघव को ‌‌‌रमेश ‌‌‌से गाव के लडके दुर कर रहे थे पर ‌‌‌रमेश तो अपने दोस्त को अच्छी तरह से जानता था वह किसी और की बात कैसे मान सकता था । इस तरह से आप समझगए होगे की इस कहानी का अर्थ क्या है ।

दाल न गलना मुहावरे पर निबंध || daal na galna essay on idioms in Hindi

साथियो अगर कोई किसी काम को कर रहा है चाहे फिर वह कोई भी काम क्यो न हो ‌‌‌जैसे अपनी नोकरी की छुट्टी लेना या फिर किसा का बुरा करना आदी । अगर वे लोग अपने काम मे सफलता नही ‌‌‌पाते तो कहा जाता है की उनकी दाल नही गली यानि जो सोचा था वह नी हो सका । इस तरह के लोग आपको बहुत मिल ‌‌‌जाएगे जो काम करने मे नाकाम हो चुके है ।

जिस तरह से एक नोकर अपने मालिक के पास जाकर कहता है की मालिक मुझे ‌‌‌कुछ दिन की छुट्टी चाहिए मरे घर मे मेरी मा बिमार है और भी न जान क्या कहता है । पर उसका मालिक उसे छुट्टी नही देता है तो वह नोकर सोचता है की मेने तो बहुत ‌‌‌कोशिश की पर मेरे मालिक के सामने ‌‌‌‌‌‌मेरी दाल नही गल सकी । यानि वह छुट्टी लेने मे सफल नही हो सका ।

‌‌‌दाल न गलने का सिधा सा अर्थ यही है की चाहे कोई भी काम हो जो हम कर रहे है जो हम करना चहाते है । जिसके लिए हमे किसी और को भी उस काम के लिए मनाना होता है और हम उसे मनाने के लिए बहुत ‌‌‌कोशिश करते है । पर जब हम उसे मनाने मे नाकाम रहते है तो इसे दाल नही गलना कहते है। यानि हमारा काम नही बन सका । ‌‌‌इस तरह से आप समझ गए होग की दाल नही गलना मुहावरे का अर्थ क्या है ।

दाल न गलना मुहावरे का तात्पर्य क्या होगा || What is the meaning of daal na galna in Hindi

वैसे दोस्तो इस दुनिया में दाल खाने वाले बहुत है और ऐसे भी बहुत है जो की जीवन में किसी कार्य में सफल होना चाहते है । वैसे सफलता दो तरह की होती है एक तो अच्छे कार्य में सफल होना और दूसरी जो सफलता है वह बुरे कार्य में होना होता है ।

मगर आपको पता है की एक ‌‌‌जो सफलता होती है उसमें आपके कई लोग साथ दे सकते है । मगर एक सफलता वह होती है जिसमें आपका साथ कोई नही देता है । और इस तरह की सफलता तो काम की भी नही होती है ।

मगर फिर भी बहुत से ऐसे लोग है जो की दूसरो का बुरा करने के लिए या फिर ठगने के लिए कुछ ऐसा करते है जो की पूरा हो जाता है तो वे मानते है ‌‌‌की वे सफल हो गए है । मगर जब ऐसा पूरा नही होता है तो इसका मतलब है की वे सफल नही हुए है । तो इस तरह से सफल न होने को दाल न गलना कहा जाता है ।

अत हम कह सकते है की दाल न गलना महावरे का अर्थ सफल न होना होता है ।

Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।