आओ समझें, रंग में भंग पड़ना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

रंग में भंग पड़ना मुहावरे का अर्थ है rang mein bhang padana muhavare ka arthबिघ्न या बाधा पड़ना

दोस्तो आज हर कोई अपने अपने जीवन मे खुश रहना चाहता है । और वह उस खुशी को पाने के लिए दिन रात एक कर देता है । अगर दोस्तो किसी कारण से ‌‌‌किसी पर खुशहाली आ जाती है । तो वह अपने जीवन की खुशी का आनन्द लेने ‌‌‌लग जाता है । अगर किसी कारण से उसकी खुशी मे बाधा आ जाती है तो इसे रंग मे भग पडना कहा जाता है । दोस्तो यहां पर बाधा किसी भी कारण से व किसी भी शुभ कार्य मे आ सकती है । ‌‌‌इस तरह से बाधा पडना इसका अर्थ हुआ ।

रंग मे भग पडना मुहावरे का वाक्य मे प्रयोग Use in sentence

  • तुम्हारी एक छोटी सी गलती के कारण आज रंग मे भग पड गया ।
  • हम लोग पार्टी मे बडी खुशी अनुभव कर रहे थे पर अचानक मकान मालिक आ गया और पार्टी के रंग में भग पड गया ।
  • विवाह बडी धुम धाम से चल रहा था की अचानक तेज हवा [आंधी] आई और रंग मे भग पड गया ।
  • ‌‌‌तुम्हारा काम ही रंग मे भग डालने का है इसी कारण से तो मैं तुम्हे यहां बुलाना नही चाहती थी ।
  • संक्रांत मे हम खुब मजे से ‌‌‌ पतंग उडा रहे थे की अचानक पडोस मे एक आदमी मर गया जिसके कारण रंग मे भग पड गया ।
  • अगर तुमने यहां आकर रंग मे भग डाला तो अच्छा नही होगा ।
  • बेचारी की कितने दिनो के बाद शादी हो रही है और ‌‌‌तुम यहां पर रंग मे भग डालने आए हो ।
  • अभी अभी तो इसके अच्छे दिन आए थे और ‌‌‌तुम्हारे कारण ‌‌‌इस पर भी रंग मे भग पड गया ।

‌‌‌रंग मे भग पडना मुहावरे पर कहानी Idiom story

एक समय की बात है किसी गाव मे अनेक लोग रहा करते थे ।  उस गाव मे एक सरपंच हुआ करता था जो वह कहता लोग वैसा ही करते थे । सरपंच बहुत ही अच्छा और नेक दिल आदमी था । वह कभी भी किसी का बुरा नही सोचता था । यहां तक की उससे होती ‌‌‌उतनी वह लोगो की मदद करता रहता था। इस कारण ‌‌‌से लोग उसे बहुत मानते थे ।

वह आदमी सरपंच था तब उसने गाव मे इतना अधिक विकाश किया की गाव के लोग उसके फेन हो गए और उसकी पूजा तक करने लगे थे । उस समय के बाद वह लगातार पांच बार चुनाव मे जीत कर सरपंच बनता गया था । सरपंच बन जाने के कारण उसने लोगो की मदद करनी भी नही छोडी थी और लोगो को यह विश्वास ‌‌‌दिला दिया की उन्होने मुझे वोट देकर कोई गलत काम नही किया है ।

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जब सरपंच पाचवी बार रहा था तो उस समय की बात है । उस समय सरपंच बिमार हो गया था जिसके कारण से उसे उसके घर वालो ने हॉस्पिटल मे भर्ती कर दिया था । वह अभी तक तो ठिक था पर जब सरपंच के चुनाव का मोका आया तो उसने इस बार सरपंच मे खडा होने का पर्चा नही डाला था इसका कारण सरपंच का बिमार होना ही था ।

क्योकी उसे लगने लगा था की वह अब ज्यादा महिनो तक नही जीवित रह सकता है । जब वह सरपंच के लिए खडा नही हो सकता तो उसके स्थान पर कोई और ‌‌‌जीत गया था । पर अब भी लोग पुराने सरपंच को ज्यादा मानते थे यानि उस आदमी को ज्यादा मानते ‌‌‌जो बिमार है और पहले सरपंच रह चुका है ।

इस कारण से गाव के लोग उससे मिलने के लिए भी चले जाया करते थे । धिरे धिरे समय बितता गया और अब सरपंच को बिमार रहते हुए दो महिने बित गए थे । और अगले ही महिने संक्रांत आने वाली है जिसकी खुशी मे गाव के छोटे बच्चो से लेकर बडे आदमी भी खुश थे ।

क्योकी उस ‌‌‌गाव मे ऐसा कोई भी नही था जो संक्रांत के दिन ‌‌‌ पतंग बाजी न करता हो । जब संक्रांत आ गई तो तिन दिन पहले ही सभी लोग अपना काम छोड कर ‌‌‌ पतंग बाजी करने लगे थे और खुशी का आनन्द लेने लगे थे ।

पर कुछ लोग अभी भी अपना काम करते थे वे केवल संक्रांत के दिन ही आनन्द लेते थे । इस कारण से जब तिन दिन बाद संक्रांत आई तो ‌‌‌वे लोग ‌‌‌ पतंग बाजी करने के लिए अपनी अपनी छतो पर चढ गए थे और ‌‌‌ पतंग उडाने का आनन्द लेने लगे थे ।

उस समय देखने पर ऐसा लगता की मानो पुरा गाव ही छत पर खडा हो गया हो । इस तरह से गाव के लोग पूरी तरह से खुशी मना रहे थे । औरते घर मे पकवान ‌‌‌बना कर आनन्द ले रही थी । जब दोपहर हो गई तो लोगो को अचानक पता चला की ‌‌‌पुर्व सरपंच यानि जो सरपंच बिमार था वह मर गया है ।

यह खबर सुनते ही लोग हक्का बक्का रह गए और जल्दी से अपनी छत से निचे चले गए थे । देखते ही देखते गाव के छोटे से लेकर बडो तक कोई भी छत पर नजर नही आ रहा था । उसी गाव के कुछ लोग सोच रहे थे की हम तो कितना अच्छा आनन्द ले रहे थे और सरपंच की मृत्यु ‌‌‌हो जाने के कारण से रंग मे भग पड गया है ।

जब सरपंच कि चिता को अग्नि देने के लिए उनके घर के लोग ले जा रहे थे तो गाव के पूरे लोग उनके साथ हो गए थे । उस दिन किसी ने भी खुशी नही मनाई और उदास होकर अपने अपने घरो मे बैठ गए थे । अब जो भी उस गाव मे से जाता तो वह सोचने लग जाता की इस गाव मे तो काई ‌‌‌संक्रांत आने की खुशी नही मना रहा है ।

‌‌‌यह सोचकर कई लोग गाव के कुछ लोगो से पूछ लेते की भाई इस गाव मे संक्रांत नही मनाई जाती है क्या । तब उस गाव के लोग कहते की नही संक्रांत तो मनाई जाती है । पर गाव के लोगो का चहेता पूर्व सरपंच की आज मृत्यु हो गई है इस कारण से ही सभी लोग इस त्योहार की खुशी नही मना रहे है ।

‌‌‌रंग मे भग पडना मुहावरे पर कहानी Idiom story

पूरी बात जानकर वे लोग ‌‌‌सोचने लग जाते की आज लोग इस त्योहार की खुशी मना रहे थे और अचानक सरपंच के मर जाने पर इन लोगो के रंग मे भंग पड गया । इसी तरह से कुछ लोग तो कह भी दिया करते थे की सरपंच क्या मर गया आपके गाव मे तो रंग मे भंग पड गया है ।

यह सुनकर गाव के लोग भी कहने लग जाते की हां भाई बात तो सही है । सभी लोग खुशी से इस ‌‌‌त्योहार का आनन्द ले रहे थे पर उनके मर जाने पर सब लोगो पर बाधा आ गई । इस तरह से आप लोगो को यह समझ मे आ गया होगा की रंग मे भंग पडना मुहावरे का अर्थ क्या होता है ।

रंग में भंग पड़ना मुहावरे पर निबंध || rang mein bhang padana  essay on idioms in Hindi

साथियों आज के समय में सकंरात का ​त्यौहार किसको पसंद नही है । अगर आप एक लड़का या पुरुष है या फिर आप बच्चे है तो आपको भी जरूर सकंरात का त्योहार पसंद है ।

और आप भी इस दिन अच्छी तरह से पतंग उड़ाते है और अपने जीवन को आनंद मय बनाते है । मगर कभी कभी ऐसा होता है जब इस खुशी में बाधा पड़ जाती है ।

जैसे की हमने कहानी मे पढा की गाव में सरपंच की मृत्यु हो जाने के कारण से पूरा का पूरा गाव ही संकरात के त्योहार को नही मनाता है और इस अच्छे से त्योहार मे बाधा पड़ जाती है ।

और इसी समय लोगो के द्वारा कहा जाता है की सरपंच की मत्यु होने पर गाव में रंग में भंग पड़ गया । तो इस बात से आप समझ सकतेहै की इस मुहावरे का सही अर्थ बिघ्न या बाधा पड़ना होता है ।

वैसे अगर आपने इस लेख को पूरा का पूरा पढा है तो शायद आपको यह अभी तक याद हो गया होगा । इस कारण से दोस्तो अब कमेंट में बताना की क्या आपको यह मुहावरा समझ में आया की नही ।

नीचे जिन मुहावरों की लिंक दी जा रही है वे अकसर लोग जानना चाहते है और महत्वपर्ण भी है ।

घाट घाट का पानी पीना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

बालू से तेल निकालना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

अंग अंग ढीला होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

अक्ल के घोड़े दौड़ाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

आवाज उठाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

मक्खी मारना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

चैन की बंशी बजाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

आग बबूला होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

भीगी बिल्ली बनना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

जान हथेली पर रखना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

लाल पीला होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

अंधे की लाठी मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

अंगूठा दिखाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

नौ दो ग्यारह होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

नाकों चने चबाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

नाक में दम करना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

दाल न गलना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

कमर कसना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

अपनी खिचड़ी अलग पकाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

हाथ साफ करना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

होश उड़ जाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

ऊंट के मुंह में जीरा मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

सिर चढ़ाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

लोहा मानना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

आँखें चुराना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

आंखों में खटकना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

आँखें चार होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

आँख भर आना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

अंगारे बरसना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।