आओ समझें, राग अलापना मुहावरे का अर्थ और वाक्य व निबंध

राग अलापना मुहावरे का अर्थ raag alapna muhavare ka arth – अपनी कहते जाना, दूसरे की सुनना

दोस्तो जब कोई व्यक्ति किसी दुसरे व्यक्ति की एक भी बात नही सुनता हो या फिर दुसरे व्यक्ति को बोलने का मोका नही देता और स्वयं ही बोलता रहता है । उस व्यक्ति के लिए कहा जाता है ‌‌‌की यह तो अपनी राग अलाप रहा है । इस तरह से अपनी बाते ही कहने वाले या दुसरो को बोलने का मोका नही देने वाले लोगो की सख्या बहुत है । और ऐसे लोगो के लिए ही इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है ।

राग अलापना मुहावरे का अर्थ और वाक्य व निबंध

राग अलापना मुहावरे का वाक्य ‌‌‌मे प्रयोग Use in sentence

  • ‌‌‌रोहन जी के यहां मैं नही जाउगा वे तो अपनी ही रांग अलापते रहते है मुझे बोलने का मोका तक नही देगे ।
  • न्युज चेंल अपनी ही राग अलापते रहते है ।
  • चुनाव का समय आते ही सभी नेता अपनी अपनी राग अलापने लगे समझ मे नही आया की किसको वोट दे ।
  • अरे भाई इसे भी कुछ बोलने दो कब से देख रहा हुं अपनी ही राग अलाप ‌‌‌रहे हो ।
  • तुम्हे तो अपनी ही राग अलापना आता है कभी दुसरे का हाल चाल भी पूछ लिया करो ।
  • सुशीला तो अपनी राग अलाप रही है लगता है की यहां से मुझे ऐसे ही जाना होगा ।
  • अगर इसी तरह से अपनी राग अलापती रहोगी तो मैं कभी भी तुम्हारे पास नही आउगा ।

‌‌‌राग अलापना मुहावरे पर कहानी Idiom story

‌‌‌प्राचिन समय की बात है किसी नगर मे राजवीर नाम का एक लडका रहता था । उसके घर मे उसके अलावा उसके पिता और उसकी मोसी रहा करती थी । राजवीर की एक बहन भी थी जो उनके साथ ही रहा करती थी । राजवीर के पिता के गाव के 3 बार सरपंच रह चुके थे इस कारण से उनके पास धन की कोई कमी नही थी ।

सरपंच बन जाने के कारण ‌‌‌राजवीर के पिता ने ‌‌‌बहुत धन कमाया और अपना घर एक महल जैसा बना लिया था । साथ ही उन्होने गाव मे भी बहुत विकाश किया था जिसके कारण गाव के लोग उन्हे मानने लगे थे । कहने का अर्थ है की गाव के लोग उनकी इज्जत करते थे ।

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अब राजवीर उनका ही बेटा था इस कारण से लोग उसकी भी इज्जत करते थे । राजवीर जब छोटा था तभी उसे उसके पिता ‌‌‌ने शहर पढने के लिए भेज दिया था । और वह शहर मे ही पढ लिख कर बडा हुआ था । राजवीर नाम के अनुसार अपने घर मे राजा की तरह रहता था ।

उसे कभी भी किसी चिज की कमी महसूस नही होती थी । राजवीर को उसके पिता ने बहुत अधिक पढाया जितना तो आस पास के गाव मे भी कोई नही पढता था । जब राजवीर ने अपनी पढाई ‌‌‌पूरी कर ली तो वह अपने गाव मे आकर रहने लगा था ।

जब राजवीर ने इतनी अधिक पढाई पूरी कर कर गाव मे आया तो गाव के लोग उसका हाल चाल पूछने के लिए आ गए थे । और राजवीर की ‌‌‌उमर के लडके उससे पूछने लग जाते की वहां पर पढाई कैसे होती है और तुम्हे क्या क्या आता है ।

तब राजवीर उन लोगो से अपनी बडाई कर कर बात ‌‌‌करने लग जाता था । जिसके कारण धिरे धिरे राजवीर लोगो को सलाह मशविरा देने लगा था । जिसके कारण से जब भी उसे कोई पढता और पढाई का काम करते दिख जाता तो वह लोगो को कहने लग जाता की इसे इस तरह से नही किया जाता है इसे तो इस तरह से करते है ।

लोगो को लगता की राजवीर को बहुत ज्ञान है इस कारण से वे चुप चाप ‌‌‌उसकी बात सुनते रहते थे । इस तरह से उसे लोगो को समझते हुए एक वर्ष हो गया था । और अब जब भी राजवीर किसी जगह जाता तो वहां के लोगो के सामने अपनी ही राग ‌‌‌अलापने लग जाता था ।

अगर दुसरा उससे कुछ बोलना चाहता तो वह उसे बोलने का मोका भी नही देता था। इसी तरह से एक दिन की बात है वह शहर गया हुआ था । ‌‌‌उस दिन वह शहर से किताबे खरीदने के लिए गया था । तब दुकानदार ने उसे किताबे दिखाई तो राजवीर ने उन किताबो की किमत ‌‌‌पूछी तो दुकानदार ने उसे किमत बता दी थी ।

किमत जान कर राजवीर को लगा की यह तो बहुत ज्यादा माग रहा है । इस कारण से वह अपनी पढाई के समय की बात उससे कहने लगा की यह किताबे ‌‌‌ इतने की नही आती है ‌‌‌आप ज्यादा रुपय ले रहे हो । इस तरह से वह न जाने क्या क्या बोल रहा था ।

उसने दुकानदार को बोलने का भी मोका नही दिया था । और फिर दुकानदार को पता चल गया की यह तो अपनी ही राग ‌‌‌अलाप रहा है । इस कारण से वह दुकानदार चुप हो गया और उसकी बातो को सुनने लगा । जब वह थक गया तब दुकानदार ने ‌‌‌उसे किताबे दे कर वहां से भेज दिया था ।

जाते समय रास्ते में उसे एक पुलिस वाला मिल गया था । तब राजवीर ने देखा की दो गाडियो का एक्सीडेंट हो गया है और पुलिस वाला उन लोगो को कानून सीखा रहा था । तब राजवीर भी उनके पास गया और लोगो से पूछा की भाई क्या हुआ ।

 तब उस पुलिस वाले ने कहा की तु कोन ‌‌‌जो यहां पर बेफिजुल आया है और मेरे काम मे टाग अडाने के लिए आए हो । तब राजवीर ने पुलिस वाले के साथ इतनी बहस की ‌‌‌कि पुलिस वाले को बोलने का मोका भी नही मिला और अंत मे पुलिस वाला थक गया और राजवीर को चुप कराने के लिए उसे एक डंडा मारा तब जाकर राजवीर चुप हुआ ।

तब पुलिस वाले ने उसे पकड कर ‌‌‌जेल मे बंद ‌‌‌कर दिया और उस पर ‌‌‌केश बना दिया की यह मेरे साथ बहस बाजी कर रहा था और मुझे काम करने से रोक रहा था । जब उसके पिता को इस बारे मे पता चला तो वे शहर आए और पुलिस वाले से बात की कि किस कारण से इसे जेल मे डाला है ।

‌‌‌राग अलापना मुहावरे पर कहानी Idiom story

तब पुलिस वाले ने कहा की मैं अपना काम कर रहा था और यह मेरे पास आकर अपनी राग ‌‌‌अलापने लगा था । ‌‌‌और मैं इसकी बात सुन सुन कर थक गया था फिर भी यह चुप नही हो रहा था । तब मुझे इसे जेल मे डालना ही पडा । तब राजवीर के पिता ने उसकी गलती की माफी मागी और उसे वहां से छुटा कर अपने घर ले गया था ।

उस दिन के बाद राजवीर को पता चल गया था की किसी के सामने इतना अधिक नही बोलना चाहिए की वह थक जाए उसे भी ‌‌‌बोलने का मोका देना चाहिए । और फिर उसने ऐसा  ही किया वह कभी भी किसी के सामने इतना अधिक नही बोलता था और दुसरे को भी बोलने का मोका देता था । इस तरह से आप इस कहानी से समझ गए होगे की राग ‌‌‌अलापना मुहावरे का अर्थ क्या होता है ।

राग अलापना मुहावरे पर निबंध || essay on idioms in Hindi

दोस्तो आपने यह कई बार देखा होगा की कुछ लोग ऐसे होते है जो की हमेशा अपनी बाते ही कहते रहते है । जैसे की मेरा ही एक दोस्त है और जब भी मैं उससे बात करता हूं तो वह अधिकतर अपनी ही बाते कहने लग जाता है और वह मेरी एक नही सुनता है ।

तो इस समय क्या होता है की मुझे बात करने का मन नही करता है और मैं फिर बात नही करता हूं । ठिक ऐसे ही बहुत से ऐसे लोग है जो की अपनी बाते कहते है और सामने वाले की नही सुनते है ।

जिस तरह से छोटे बच्चे होते है ​जो की हमेशा एक ही चिज का रट लगा लेते है ठिक यह वैसे ही है । और जब कोई अपनी ही बाते कहते रहता है तो इसे ही राग अलापना कहा जाता है । मतलब एक ही एक वाणी की राग आ रही है । इसका मतलब होगा की एक ही व्यक्ति बार बार बोल रहा है ओर इससे आप समझ सकते है की इसे ही अपनी कहते जाना, दूसरे की न सुनना है ।

‌‌‌निचे बेस्ट हिंदी मुहावरे दिए गए है जो ज्यादातर प्रयोग मे आते है ।

गागर में सागर भरना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

कान पर जूं न रेंगना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

आँखें फेर लेना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

घाट घाट का पानी पीना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

बालू से तेल निकालना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

अंग अंग ढीला होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

अक्ल के घोड़े दौड़ाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

आवाज उठाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

मक्खी मारना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

चैन की बंशी बजाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

आग बबूला होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

भीगी बिल्ली बनना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

जान हथेली पर रखना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

लाल पीला होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

अंधे की लाठी मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

अंगूठा दिखाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

नौ दो ग्यारह होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

नाकों चने चबाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

नाक में दम करना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

दाल न गलना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

कमर कसना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

अपनी खिचड़ी अलग पकाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

हाथ साफ करना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

होश उड़ जाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

ऊंट के मुंह में जीरा मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

सिर चढ़ाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

लोहा मानना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

आँखें चुराना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

आंखों में खटकना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।