बहती गंगा में हाथ धोना मुहावरे का अर्थ व वाक्य

बहती गंगा में हाथ धोना मुहावरे का अर्थ bahti ganga mein haath dhona muhavare ka arth – समय का लाभ उठाना

दोस्तो आज का समय ऐसा है की जब भी किसी काम का लाभ मिले ‌‌‌तो उसे ले लेना चाहिए क्योकी बादमे पता नही वह मिले की नही । और ऐसा भी होता है की अगर किसी को कुछ लाभ मिल रहा है तो हर कोई उसे लेना ‌‌‌चाहता है । कहने का अर्थ की आज के समय मे जो भी समय का लाभ उठाना जानता हो तो उसके लिए इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है ।

बहती गंगा में हाथ धोना मुहावरे का अर्थ व वाक्य

बहती गंगा मे हाथ धोना मुहावरे का वाक्य मे प्रयोग Use in sentence

  • गाव मे अनाज बंट रहा था तो मैंने भी बहती गंगा मे हाथ धो लिए इसमे गलत क्या है ।
  • दिपावली पर सस्ता समान देखकर राजेश ने भी ‌‌‌कपडे खरीद ‌‌‌लिए इसे कहते है बहती गंगा मे हाथ धोना ।
  • बहती गंगा मे हाथ धोना कोई पाप नही है जो तुम लाभ नही उठाओगे ।
  • चुनाव के महोल मे शराबियों भी बहती गंगा मे हाथ धो लिए ।
  • शराब बट रही थी तो महेश ने भी बहती गंगा मे हाथ धो लिए ।
  • यह बहती गंगा है इसमे हाथ धो लेने चाहिए पता नही फिर ‌‌‌शिमला जाने का मोका मिले की नही ।
  • जब सोना सस्ता हुआ तो मैंने भी पत्नी के लिए गहने खरीद लिए आखिर बहती गंगा मे हाथ ‌‌‌कौन धोना नही चाहता है ।

‌‌‌बहती गंगा मे हाथ धोना मुहावरे पर कहानी Idiom story

‌‌‌प्राचिन समय की बात है किसी नगर मे एक बुड्डा आदमी रहता था । जिसका नाम रामलाला था । उसके घर मे उसके दो बैटे और दो बहुएं थे । रामलाल की पत्नी की मृत्यु तो पहले ही हो गई थी । पहले के जामाने मे जो भी लोग मर जाते थे उनका पिंढदान करने के लिए ‌‌‌उसके परिवार के सभी लोग एक साथ जाते थे ।

इस कारण से जब रामलाल की पत्नी ‌‌‌मर गई थी तो उनका पिंढ दान नही किया गया था । और अब रामलाल मर गया है इस कारण से दोनो पति पत्नी का पिंढ दान करना जरुरी हो गया था ।

पिंढदान करने के लिए गंगा नदी मे जाते थे । इस कारण से  रामलाल के दोनो बेटे और दोनो बहुएं गंगा नदी के लिए रवाना हो गए थे । जब वे जा रहे थे तब गाव के कुछ लोगो ने कहा ‌‌‌की हम भी आपके साथ गंगा नदी मे जाएगे और हमारे परिवार मे जो मर गए थे उनका पिढदान हम भी कर कर आ जाएगे ।

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यह सुनकर रामलाल के दोनो ‌‌‌बेटे बोले की आप भी बहुत गंगा मे हाथ धो लो यानि आप भी समय का फायदा उठा कर हमारे साथ चलो । इस तरह से सभी लोग एक साथ होकर गंगा नदी की और जाने लगे थे ।

पहले के जमाने मे वाहन ‌‌‌तो थे नही इस कारण से वे सभी गंगा नदी की ओर पैदल ही जाने लगे थे । धिरे धिरे दो दिन बित गए तब जाकर वे सभी गंगा के तट पर जा पहुंचे । उस गाव की एक रीत थी जो भी कोई गंगा नदी मे अस्ती विसर्जन करने के लिए जाते तो वे अपने साथ एक पण्डित ‌‌‌को ले जाते थे ‌‌‌ताकी वहां पर जो पण्डित होते है ‌‌‌वे लोगो को ‌‌‌ठग न सके ।

इस कारण से गाव के पांच दस लोग एक साथ अस्ती लेकर गए थे । इस कारण से उन लोगो को समय का फायदा मिल गया था । तब रामलाल के बेटो ने उन सभी लोगो से कहा की आज की जब भी किसी को समय का फायदा मिले तो उसे ले लेना चाहिए ।

तब उन लोगो को उसकी बात समझ मे नही आई थी । जब रामलाल के बेटो और बाकी लोगो ‌‌‌ने अस्थियां ‌‌‌विसर्जन कर दी तो वे सभी पंडित से पूछने लगे की महाराज अब हमे हमारे हाथ पेर धोने का स्थिान दिखा दिजिए ताकी हम वहां पर हाथ पैर धो कर अपने गाव के लिए रवाना हो जाए ।

ऐसा उन लोगो ने इस कारण से कहा था क्योकी वे कभी भी गंगा नदी पर नही आए थे इस कारण से उन्हे वहां के बारे मे पता नही ‌‌‌था । उन लोगो के पास एक पंडित और खडा था जो वही का था । जब उस पंडित ने उन लोगो की बात सुनी तो वह हंसने लगा ।

उसकी हंसी देखकर रामलाल के बेटे और गाव के लोग उसे हंसने का कारण पूछने लगे थे । तब उस पंडित ने कहा की आप लोग हाथ पैर धोने की बात कर रहे हो । आप लोगो के सामने इतनी बडी गंगा नदी का पानी चल रहा ‌‌‌है ।

आप लोग इस पानी मे सात बार डुबकी लगाओ जिसके कारण से आपके पाप धुल जाएगे साथ ही आप हाथ पैर की बजाए स्नान भी कर लोगे । यह सुन कर वे लोग सोच मे पड गए थे ।

तब उन लोगो के साथ जो पंडित आया था ‌‌‌उसने भी ‌‌‌उन लोगो को कहा की आप लोगो के पास आज इस गंगा नदी मे स्नान कर कर अपने पाप धोने का अवशर है तो आप इस समय का ‌‌‌लाभ उठा लो । अपने पंडित की बात सुन कर उन्होने उस गंगा नदी मे पहले अपने हाथ धोए और फिर स्नान किया था ।

जब स्नान हो गया तो वे सभी अपने गाव के लिए रवाना हो गए थे । तब से यह माना जाना लगा है की गंगा नदी पर जो भी जाता है उसे स्नान करना चाहिए जिससे उसके पाप धुल जाते है ।

साथ ही तब से ‌‌‌ही यह मुहावरा बन गया था यानि बहती गंगा मे हाथ धोना इस तरह से आपको इस मुहावरे की कहानी के बारे मे पता चल गया है साथ ही यह भी पता चल गया की इस मुहावरे का प्रयोग कैसे हाने लगा है ।

बहती गंगा मे हाथ धोना मुहावरे पर निबंध Essay on idiom

साथियो आप लोगो को पता ही होगा की गंगा नदी का पानी बहुत ही परिवत्र माना माना जाता है ‌‌‌। साथ ही यह भी माना जाता है की जो भी कोई वहां पर जाता है उसे गंगा नदी मे स्नान करना चाहिए जिसके कारण से उसके पाप धुल जाते है ।

आज का समय ऐसा है की जब तक हम हमारे हाथ न धोते है तब तक हम कुछ भी भोजन घ्रहण नही कर सकते है । साथ ही अनेक कार्य करने के कारण से हाथ भी गंदे हाते रहते है ।

जिसके कारण ‌‌‌से हमे हाथ धोना पडता है अगर कभी कोई गंगा नदी के तट पर गया हुआ हो वह गंगा नदी मे अपने हाथ धो सकता है साथ ही स्नान कर सकता है । तब यह पता चलता है की इस समय गंगा नदी का पानी चल रहा है और हम उसमे स्नान या हाथ धो कर हमारे हाथो की गंदगी दूर कर सकते है ।

पर यह कार्य तब ही होता है जब कोई समय का फायदा ‌‌‌उठाता ‌‌‌है । इसी तरह से जब कोई समय का फायदा उठाकर कोई कार्य करने लग जाता है या फिर यह कह सकते है की जब भी कुछ लाभ हो तो कोई उस समय का फायदा या लाभ उठा लेता है

‌‌‌तब इस तरह से समय का फायदा उठाने को ‌‌‌बहती गंगा मे हाथ धोना कहा जाता है । इस तरह से इस मुहावरे का अर्थ समय का लाभ उठाना होता है । इस तरह से आप बहुत ‌‌‌ही अच्छी तरह से समझ गए होगे ।

बहती गंगा में हाथ धोना मुहावरे का तात्पर्य क्या होता है || What is the meaning of bahti ganga mein haath dhona in Hindi

दोस्तो आज के समय में अगर कोई व्यक्ति bahti ganga mein haath dho लेता है तो वह अच्छा माना जाता है । दरसल यह समझने के लिए आपको पहले मुहावरे को समझना चाहिए जैसे की माने की आपके हाथ गंदे है और आपको इन्हे धोने की आवश्यक्ता है मगर आस पास केवल गंगा नदी ही है इसके अलावा और पानी का कोई चारा नही है । तो आप अपने गंदे हाथो को धोने के लिए इस गंगा नदी का उपयोग कर लेते है।

क्योकी माना जाता है की गंगा नदी में स्नान करने से सारे पाप मिट जाते है और आप हाथ का मेल उतारने के लिए हाथ को धोते है तो इसके साथ साथ हाथों से जो बुरे पाप हुए है वे भी धुल जाते है । तो इस तरह से आपने समय का लाभ उठा लिया और हाथ को धो लिया ।

और इसी तरह से सभी को समय का लाभ उठा कर काम करना चाहिए और इस बात से समझा जा सकता है की bahti ganga mein haath dhona muhavare ka arth – समय का लाभ उठाना होता है ।

नीचे जिन मुहावरों की लिंक दी जा रही है वे अकसर लोग जानना चाहते है और महत्वपर्ण भी है ।

जान हथेली पर रखना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

लाल पीला होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

अंधे की लाठी मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

अंगूठा दिखाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

नौ दो ग्यारह होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

नाकों चने चबाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

नाक में दम करना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

दाल न गलना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

कमर कसना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

अपनी खिचड़ी अलग पकाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

हाथ साफ करना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

होश उड़ जाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

ऊंट के मुंह में जीरा मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

सिर चढ़ाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

लोहा मानना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

आँखें चुराना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

आंखों में खटकना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

आँखें चार होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

आँख भर आना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

अंगारे बरसना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

अंगारों पर पैर रखना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

उड़ती चिड़िया पहचानना मुहावरे का अर्थ व वाक्य मे प्रयोग

उल्टी गंगा बहाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग

आसमान से बातें करना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

आँखें दिखाना मुहावरे का अर्थ व वाक्य मे प्रयोग

खाक में मिलना मुहावरे का अर्थ व वाक्य मे प्रयोग

‌‌आँखों का तारा मुहावरे का अर्थ व वाक्य मे प्रयोग

कान भरना मुहावरे का अर्थ व वाक्य मे प्रयोग

अपना उल्लू सीधा करना मुहावरे का अर्थ व वाक्य मे प्रयोग

Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।