2000+ हिंदी मुहावरे और अर्थ और वाक्य प्रयोग सहित, hindi muhavare with meanings and sentences

दोस्तो आप लोगो को यहां पर ‌‌‌हिंदी मुहावरे और अर्थ और वाक्य प्रयोग सहित और hindi muhavare with meanings and sentences with pictures के बारे मे जानकारी मिलेगी जहां पर 1000 से भी अधिक हिंदी मुहावरे है । अगर आप लोगो को इनके बारे मे जानकारी चाहिए तो आप इस लेख को देख सकते है ।

  • अखज करना –  चुनना । ‌‌‌वाक्य –  इनमे से कोई  भी रास्ता अखज कर लो ।
  • अखाडिया होना –  नामी होना । ‌‌‌ वाक्य –  वह  तो अखाडिया  है  उसका  मुकाबला  क्या  खाकर  करोगे ।
  • ‌‌‌अगर मगर करना  –  बेकार बकवाद  करना ।‌‌‌  वाक्य  –  विद्धानो  के  सामने  ऐसी  बातो  पर  अगर  मगर  करना  व्यर्थ  है ।
  • अगले जमाने  का  आदमी  –  सीधा  साधा । ‌‌‌वाक्य  – ‌‌‌तुम जैसे  अगले आदमी  कि  भगवान  मदद  करता  है ।
  • अच्छे  दिन  आना –  भाग्य  लौटना । ‌‌‌वाक्य  –  भगवान  चाहेगा  तो  उसके  थोडे  ही  दिनो  मे  अच्छे दिन  आने  वाले  है ।
  • अदन का रास्ता लेना – मर जाना । ‌‌‌वाक्य – अब क्या सिंगार पटार करूं, अब तो अदन का रास्ता लेने का वक्त आया है ।
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  • अदालत करना – मुकदमा डालना । ‌‌‌वाक्य –अदालत न करो, व्यर्थ मे रूपया बरबाद होगा ।
  • अधुरा कर देना – दुर्बल कर देना । ‌‌‌वाक्य – चार दिन के बुखार ने अधुरा कर दिया ।
  • अडचन डालना – रूकावट डालना । ‌‌‌वाक्य – तुम मेरे हर एक काम मे अडचल डाला करते हो आखिर आदमी हो या शैतान ।
  • अडे पर काम करना – दुख मे काम आना । ‌‌‌वाक्य – अपने हि आदमी अडे पर काम करते है ।
  • अढाई दिन कि हुकूमत – थोडे दिनो कि अधिकार ‌‌‌वाक्य – महाशय जी आपकी अढाई दिन कि ‌‌‌हुकूमत है जो मन चाहे कर ले मगर बाद के लिए होशियार रहिएगा ।
  • अतिसार होकर निकलना – दस्त के रास्ते निकलना । ‌‌‌वाक्य – हमारा जो कुछ आपने खाया है वह अतिसार होकर निकलेगा ।
  • अथ से इति तक – शरू से अन्त तक । ‌‌‌वाक्य –अथ से इति तक देखने के ‌‌‌बाद ही इस पुस्तक के बारे मे कुछ कहा जा सकता है ।
  • अनजान बनना – जानते हुवे भी न जानने वाला बनना । ‌‌‌वाक्य – आप कि वह आदत ठिक नही है कि दुसरे काम पर अनजान बन जाते है ।
  • अनसुनी करना – बात न सुनना । ‌‌‌‌‌‌वाक्य – ‌‌‌तुम तो हमेशा से ही हमारी बात अनसुनी कर रहे हो ।
  • अनोखा गुल खिलना – विचित्र बात होना । ‌‌‌वाक्य – उनका पत्र आने से एक अनोखा गुल खिल गया ।
  • अत्र का सत्र होना – अत्र मे ही शति होना । ‌‌‌वाक्य – फल दुध से ही ताकत नही आएगी कुछ रोटी भी खाओ जानते नही अत्र मे ही सत्र है ।
  • अपना उल्लू कही नही जाना – किसी का नुकसान हो या फायदा अपना मतलब निकल ही आता है । ‌‌‌वाक्य – उनके मरने से क्या हुआ जब तक उनकी स्त्री है तब तक अपना उल्लू कही नही गया ।‌‌‌
  • अपना ‌‌‌उल्लू साधा करना – अपना काम निकालना। ‌‌‌वाक्य – अपना उल्लू सीधा करने के लिए लोग गदडे को भी दादा कहते है ।
  • अनपा किया पाना – कर्म का ‌‌‌फल पाना । ‌‌‌वाक्य – दुनिया मे सभी अपने किया का पाते है यदि ऐसा न हो तो किई किसी का भला रहने न दे ।
  • अपना गीत गाना – अपनी बात कहना । ‌‌‌वाक्य – आप मे यह बडी बुरी आदत है कि आप हर समय अपना गीत गाते रहते ‌‌‌हो।अपना टका सीधा करना – किसी तरह रूपया ‌‌‌ कमाना। ‌‌‌वाक्य – ससार मे बहुत ऐसे लोग है जो बेईमानी व ईमानदारी को कुछ नही जानते उन्हे केवल अपना टका सीधा करना है ।
  • अपना ठिकाना करना – अपने रहने का प्रबंध करना ।‌‌‌‌‌‌ वाक्य – अपना ठिकाना कर लूं तो आप के लिए कुछ कर दूंगा ।
  • अपना दिल हाथ मे रखना –  ‌‌‌अपने को काबू करना । ‌‌‌वाक्य – जरा अपना दिल हाथ मे रक्खो नही तो किसी दिन जुते खाओगे ।
  • अपना सा मुह लेकर रह जाना – शरमिंदा हो जाना । ‌‌‌वाक्य – आप नसा मत किया करो क्यो बार बार ‌‌‌मुझे कहने से शमिंदा करते हो ।
  • अपनी अपनी गाना – अपनी अपनी सुनाना । ‌‌‌वाक्य – सभी अपनी अपनी गा रहे है सुने तो किसकी किसकी ।
  • अपनी खाल मे मस्त रहना – ‌‌‌अपनी हालत मे ‌‌‌प्रसन्न रहना । ‌‌‌वाक्य – जो अपनी खाल मे मस्त रहता है वही सुखी होता है ।

  • अपनी खीचडी अलग पकाना – अलग रहना । ‌‌‌वाक्य – यदि सभी आदमी अपनी खीचडी अलग पकाएगे तो ‌‌‌देश ही उनति हो चुकी ।
  • अपनी गुडिया सवार देना – अपनी ‌‌‌शक्ति के‌‌‌अनुसार ‌‌‌बेटी की शादि कर देना । ‌‌‌वाक्य – जहां तक बन पडता है सभी अपनी गुडिया सवार देते है ।
  • ‌‌‌अपनी  ढाई   चावल  की  खीचडी  अलग  पकाना  – अपनी  राय  सबसे  अलग  रखना ।  ‌‌‌वाक्य – सबको अपनी  ढाई    चावल  की  खीचडी  अलग  पकानी  है  तो साझे  का  काम  हो  चुका  ।
  • अपनी  नींद  सोना  अपनी  नींद  उठना  –  किसी  से मतबल  न  रख  कर  आजादी  और  आराम  से  दिन बिताना  ।  ‌‌‌वाक्य – आपका ‌‌‌क्या है आप तो अपनी नींद साते हो व अपनी नींद अठते हो ।
  • अपने  गिरह  का  कुछ  न  जाना  –  अपना  कुछ  भी र्खच  नही  होना  ।  ‌‌‌वाक्य –  अपने  गिरह  का  कुछ नही  जाये तो  चलने  मे  मुझे  कुछ  एतराज  नही  ।
  • अपने  गिरेवान  मे  मुह  डालना  – अपनी  हैसियत का  ध्यान  रखना । ‌‌‌वाक्य – हर  आदमी  ‌‌‌ को  अपने  गिरेवान  मे  मुह  डाल  कर  काम  करना  चाहिये ।
  • अपने  तई  खीचना  – अपना  लाभ  चाहाना । ‌‌‌‌‌‌वाक्य – सर्वदा अपने तई खीचना उचित नही कुछ परोपकार भी सीखो ।
  • अपने पांव मे आप कुल्हाडी मारना – जानकर अपनी बुराई करना । ‌‌‌वाक्य – आप इससे झगडा करके अपने पांव मे आप कुल्हाडी मार रहे है अब से भी चेत जाइए ।
  • अमचुर  हो  जाना –  दुबला  ‌‌‌पतला हो  जाना  ।  ‌‌‌वाक्य –  आप  तो  दो  दिन  के  उपवास  मे  ही  अमचुर  हो  गये ।
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  • अमृत का घडा –  ‌‌‌अमूल्य  चीज ।‌‌‌ वाक्य –अमृत का घडा नही लाए हो इतनी शेखो मत बघाडो ।
  • अम्मर की घरिया पीना – अमर होना । ‌‌‌वाक्य –अम्मर की घरिया पीकर आए नही हो जो कुछ करना हो जल्दी कर डालो ।
  • अरमान ‌‌‌ठंडे पडना – इच्छाओ का जहां का तहा दबा रह जाना । ‌‌‌वाक्य – पत्नी के मरते की अरमान ‌‌‌ठंडे पड ‌‌‌गई अब तो जीना भी भारी है ।
  • अरमान निकाल लेना – इच्छा पुरी करना । ‌‌‌वाक्य – अपने अरमान निकाल लो कोन जाने फिर वक्त मिले या नही ।
  • आकास ग्रहण करना – रिटायर होना । ‌‌‌वाक्य –उसी महीने वह आकास ग्रहण कर रहे है ।
  • ‌‌‌ अवसर मारा जाना – समय निकल जाना । ‌‌‌वाक्य –अवसर मारे जाने पर तो आप काम करने चले है ।
  • अहंकार का पुतला – बहुत ‌‌‌घमंड। ‌‌‌वाक्य – रावण अहंकार का पुतला था ।
  • ‌‌‌आंख चार होना – ‌‌‌आंखो से आंखे मिलना । ‌‌‌प्रेम होना । जब जब आंखे मिली है तब तब प्यार हुआ है।
  • आंख चीर के देखना – ध्यान से देखना । इस कागज पर क्या लिखा है, आंख चीर के देखो जरा ।
  • ‌‌‌आंख का अंधा गाठ का पुरा – धनवान किन्तु बेवकुफ ‌‌‌ । तुझे आंख के अंधे गाठ के पुरे को कोन समझाए ।
  • ‌‌‌आंखो कि पुतली समझाना – बहुत प्रेम करना । वाक्य – मै अपने छोटे भाई ‌‌‌को अपनी आंखो कि पुतला समझाता हू ।
  • ‌‌‌आंख खुलना – होशयार रहना। स्थिति को समझना । नींद टुटना । वाक्य – ‌‌‌हर समय अपनी आंखे खुली रखनी चाहिए क्योकी इस संसार मे कोन अपना है पता नही चलता ।
  • ‌‌‌आंख चुराना – धोका देना ,बात से टल जाना । वाक्य – पहले विश्वास देकर समय पर उसने आंख चुरा ली ।
  • आंख जमीन से लगना –  शर्मा जाना । वाक्य – ‌‌‌अरे भाई हर बात पर आंख जमीन से लगना सही नही है।
  • आंख टिमटिमाना – झपकी लेना । वाक्य – क्यो आंख टिमटिमा रहे हो जाकर सो जाओ ।
  • आंख डवडवाना – आंख मे आंसु आ जाना । वाक्य –  उसे ‌‌‌वेरहमी से सिपाही ‌‌‌की मार देखकर मेरी आंखे तो डवडवा आई ।
  • आंख दिखाना – क्रोध करना ,बिगडना । वाक्य – आप बात बात मे आंख क्यो दिखाते ‌‌‌हो नौकर बना लिया है क्या ।
  • आंख दौडना – हर तरफ देखना । वाक्य – मैने बहुत आंख दौडाई, पर चौर दिखाई नही पडा ।
  • आंख न उठना – शर्म से अंखो का गडजाना । वाक्य – ‌‌‌उसने ऐसा काम किया है कि उसकी आंख ही नही उठती है।
  • ‌‌‌आंख पर बिठाना – बहुत आवभगत करना । वाक्य – आंख जिस देश की उच्ची हुई, क्यो न आंख पर बिठाएं हम उसे ।
  • आंख पर पलको का बोझ न होना – अपनो पर व्यय करना न खलना । वाक्य – अरे तुम ‌‌‌निसंकोच ठहरो । आंखे पर पलको का कही बोझ होता है ।
  • ‌‌‌आंख अटकना – मोहोब्त होना । ‌‌‌वाक्य – आज कल अक्सर लडके लडकियो आंख अटक जाती है ।
  • ‌‌‌आंख चार होना – ‌‌‌आंखो से आंखे मिलना । ‌‌‌वाक्य – प्रेम होना । जब जब आंखे मिली है तब तब प्यार हुआ है।
  • ‌‌‌आंखे आई हुवी होना – आंख आना । वाक्य‌‌‌ – मेरी आंख आइ हुवी है ।
  • आंखे मूंद लेना – किसी कि बुराई को जान बूझ कर होने देना । वाक्य‌‌‌ – ऐसी बातो के लिये केसे आंखे मूंद लेते हो ।
  • आंखे लाल पीली करना – नाराज होना । वाक्य‌‌‌ – तुम नाराज क्यो होते हो, भगवान ‌‌‌तुम्हे ही परीक्षा मे पास करेगा ।
  • आंखे सफेद होना – ‌‌‌अंधा हो जाना । वाक्य‌‌‌ – इस उम्र मे मेरी दोनो आंख सफेद हो गई, भला अब कैसे मेरा काम चलेगा ।
  • आंखो का अन्धा – बेवकुफ । वाक्य‌‌‌ – मुझे आप आंखो का अन्धा ना समझिये, आपकी यहा कुछ भी नही चलेगी ।
  • आंखो का काटा होना – दुशमन होना । वाक्य‌‌‌ – आप उसकी आंखो का कांटा क्यो हो रहे है, इसका नतिजा अच्छा न होगा ।
  • आंखों के आगे चिनगारी छुटना – चकाचैंक  होना । वाक्य‌‌‌ – तेज बिजली की रोशनी की तरफ देखने से आंखो के चिनगारी छूटने लगती है ।
  • आंखो के आगे तारे छूटना – कमजोरी  के कारण शिथिलता आना । वाक्य‌‌‌ – उन दिनो बडी जल्दी आंखों के आगे तारे ‌‌‌छूटने लगते है ।
  • आंखो के तले लहू उतरना – क्रोध मे लाल हो जाना ‌‌‌। वाक्य‌‌‌ – तुम जल्दी से यहा से चले जाओ नही तो झगडा हो जायगा । देखते नही, उसकी आंखो के तले लहू उतर गया है ।
  • आंखो पर बेठाना – बहुत ‌‌‌सत्कार करना । वाक्य‌‌‌ – जब भी मै उसके यहां जाता हुं, वह मुझे आंखो पर बैठा लेता है ।
  • आंखो पर हाथ रखना – जान बुझ कर अंधा बनना । वाक्य‌‌‌ – खबर‌‌‌दार, यहां ऐसी हरकत नही हो सकती मै अपनी आंखो पर हाथ नही रख सकता ।
  • आंखो मे चुभना – आंखो मे गडना । वाक्य‌‌‌ – उसा बैग मेरी आंखो मे चूभ गया है उसे मै अवश्य लूगा ।
  • आंखो मे डर न होना – ‌‌‌तनिक भी लाज या डर न होना । वाक्य‌‌‌ – उसकी आंखो मे डर नही, चाहे जो कहो ।
  • आंखो मे धूल झोकना – चालबाजी से हानी करना । वाक्य‌‌‌ – तुम मेरी आंखो मे धुल नही झोक सकते हो ।
  • आंखो मे नमक देना – आंखो मे धुल झोकना । वाक्य‌‌‌ – जो बुरा है उसकी आंखो मे नमक दो ।
  • ‌‌‌आंखो का नासूर  हो जाना – ‌‌‌आंखो से सर्वदा पानी गिरना । वाक्य‌‌‌ – ज्यादा ‌‌‌धुवे मे रहने से उसकी आंखो मे नासूर हो गया है ।
  • आंखो मे नूर होना – दिखालाई देना ।  वाक्य‌‌‌ – जब तक आंखे मे नूर है कोई देखने से नही रोक सकता है ।
  • आंखो से चीनगारी छुटना – क्रोध से आंखे लाल हो जाना । वाक्य‌‌‌ – इतनी सी बात पर आप की आंखो से चीनगारी छुटने लगी ।
  • आंते गले मे आना – बहुत परीशानी मे होना । वाक्य – आप की वजह से मेरी आंते गले मे आ गई ।
  • आंधी के आम – बहुत सस्ती चीज । वाक्य – इन ‌‌‌मिठाईयो को आंधी के ‌‌‌आंम न समझो सेर खरीदी गई है ।
  • आंसुओ का तार बंधना – बहुत रोना । वाक्य – स्त्री मर जाने ‌‌‌ से आंसूओ का तार बंध गया है ।
  • आंसू का घूंट पीकर रह जाना – हृदय का दुख प्रकट न कर पाना । वाक्य – उस दिन मै सबके होने से वहां आंसू पीकर रह ‌‌‌ गया नही तो बहुत‌‌‌ रोता ।
  • आइने मे मुह देखना – अपनी सूरत देखना । वाक्य – पहले आइने मे मुह ‌‌‌देखो तब इस नौकरी के फेर मे पडो ।
  • आक की बुडिया – बहुत वृद स्त्री । वाक्य – उस आक की बुडिया को कौन नौकरी देगा ।
  • आकवत मे दिया दिखाना – परलोक मे काम आना । वाक्य – अरे एक पाव सीवा तो दे देने दो यही तो आकवत मे दिया दिखाएगा ।
  • आकास के तारे तोड लाना – असम्भव कार्य कर डालना ‌‌‌। वाक्य –  तुम तो पास होकर आकास के तारे तोड लाए ।
  • आकास पाताल का अन्तर होना – बहुत बडा अन्तर होना । वाक्य – आपके और मेरे बीच मे आकास पाताल का अन्तर है ।
  • आकास से बाते करना – बहुत उचा होना । वाक्य – बहुत बढ चड कर बात करना ।
  • आग उगलना – गोले बसाना । वाक्य – आग न उगलो, मै खुद जा राहा हु ।
  • आग का पुतला – बहुत क्रोधी । ‌‌‌वाक्य – नादिरशाह आग का पुतला था ।
  • आग तलवे से लगानस –  बहुत क्रोधित होना । वाक्य – बात जानते ही उसके तलवे से आग लग गई ।
  • आग पर आग डालना – कष्ट पर कष्ट देना । वाक्य – मेरा सारा धन चोरी ‌‌‌मे चला गया, आज डाकुओ ने ‌‌‌बाकी को भी लूट लिया ।
  • आग पर घी डालना – किसी के क्रोध को और भडकाना । वाक्य – आप चुप रहिये, ओर बोल कर आग पर घी डालने की आवशयता नही ।
  • आग फूस का बैर होना – जन्म की या स्वभाविक ‌‌‌शत्रुता । वाक्य – बिल्ली और चूहे मे तो आग फूस का बैर है ।
  • आग बबुल होना – अत्यन्त क्रोधित होना । वाक्य – कमजोर आदमी बहुत जल्द आग बबूल हो जाता है ।
  • आग बरसाना – खूब लू चलाना । वाक्य – आग बरस रही है इस गर्मी मे कौन निकलेगा ।
  • आग बुझाना – बदला चुकाना । वाक्य – कही अकेले मे मिल गया तो अपनी आग बुझा लूं ।
  • ‌‌‌आग मे कुदना –  आफत  मे  पडना । वाक्य – उस  चोर  की  जमानत  करके आप  व्यर्य  मे  आग  मे  न  कुदे ।
  • ‌‌‌आग  मे  पानी  डालना –  झगडा  शांत  करना ।  वाक्य – दोनो  मे  घमासान युद  हो  जाता  पर  बुदे  बेचारा  ने  आग  मे  पानी  डाल  कर  बडा  उपकार किया ।
  • आग  मे  मूतना  –  उत्पात  करना । वाक्य – यह  तुम्हारा  आग  मे  मूतना तुम्हे  खाकर  रहेगा  रावण  और  कस  कि  काहानी  भूल  गया क्या ?
  • ‌‌‌आग लगे पर कुआ खोदना – ऐन मौके पर विपति निवारण का पयत्न करना । वाक्य – सारी गर्मी ‌‌‌बीत परन्तु तुमने घर का कोई ‌‌‌प्रबन्ध नही किया । अब बरसात आ गई तो आग लगे पर कुंआ चले हो ।
  • आग लगे मेह मिलना – समय पडने पर किसी काम के योग्य वातावरण होना । वाक्य – परीझा कि तैयारी कर ही राहा था कि उसके भाई भी आ गऐ, इसी को आग लगे पर मेह मिलना कहते है ।
  • आग ‌‌‌से पानी होना – क्रोध शात होना । वाक्य –  बेचारा मेरा बहुत लेहाज करता है मेरे समझाते ही वह आग से पानी हो गया ।
  • ‌‌‌आगे पीछे होना – कुल मे और लोगो का होना । वाक्य – हमारे आगे पीछे तो बीस आदमी और है । अपनी जमीन आप के नाम क्यो लिखूं ।
  • आजित होना – असर्मथ होना । वाक्य – किसी सहायता बिना मै आजिज हुं नही तो ‌‌‌कुछ कर डालता ।
  • आजिजी करना – गिडगिडाना । वाक्य – क्या आजिजी करते हो वह अब किसी कि नही सुनता ।
  • आटाआटा करना – चुर्ण विचुर्ण कर देना । वाक्य – मारते मारते आटा आटा कर दूंगा ।
  • आटा ‌‌‌दाल का भाव मालुम न होना – सासारिक व्यवहार का ज्ञान न होना । वाक्य – तुम क्या प्रदेश करोग, आप को तो आटा दाल का भाव भी मालुम न है ।
  • आटा दाल कि फिक्र होना – जीविका कि चिंता होना । वाक्य – अब तो आप को आटा दाल कि चिंता होनी चाहिए ।
  • आटे के साथ घुन पिसना – अपराधी के साथ निरपराधी का भी दडित होना । वाक्य – आटे के साथ ‌‌‌घुन पिसता ही है ‌‌‌तो तुमने उसका साथ पकडा ही क्यो ।
  • आठा आठ आंसू रोना – बहुत रोना । वाक्य – अभी क्या देखते है । मुसीबत तो एसी आयगी कि आठ आठ आंसू रोना पडेगा ।
  • आडंबर फैलाना – दिखाने के लिये करना । वाक्य – दावत मे ‌‌‌इतना आडंबर फैलाने कि क्या आवश्यकता थी ।
  • आडे आथो लेना – ताना देकर शमिन्दा करना । वाक्य – उसे तो आज ऐसा आडे आथो लया कि परेशान हो गया ।
  • आत्मा मे पडना – भूख मिटाना । वाक्य – पहले आत्मा मे कुछ पडे तो बात करूं ।
  • आदाब बजाना – बडा मानना । वाक्य – क्या उसकी आदाब बजाते हो, वे तो तिल है जिनमे तेल नही होता ।
  • आधा तीतर आधा बटेर होना – न इधर न उधर होना । वाक्य – तुम तो आधे तीतर आधे बटेर हो, तुम्हारा किसको विश्वास ।
  • आन संभालना – इज्जत कायम रखना । वाक्य – सब कुछ खोकर आन संभालना ही ‌‌‌बुद्धिमता है ।
  • आप आप करना – खुशामद करना । वाक्य – मुझे आप आप करना नही आता, चाहे काम हो या न हो ।
  • आधा तीतर आधा बटेर होना – न इधर न उधर होना । वाक्य – तुम तो आधे तीतर आधे बटेर हो, तुम्हारा किसको विश्वास ।
  • आधी बात कहना – साफ न होना । वाक्य – क्या आधी बात कहते हो, कुछ मालूम नही होता ।
  • आधी बात न पूछना – बिलकुल ध्यान न देना । वाक्य – मेरा आदमी गया था, आधी बात तक न पूछी, क्या यही इंसानियत है ।
  • आनंद के ढोल बजाना – ‌‌‌प्रसन्नसा मनाना । वाक्य – पास हो जाने से वह आनंद के ढोल बजाता है ।
  • आपको आसमान पर खीचना – अपनी बहुत बडाई करना । आप को आसमा‌‌‌न पर खीचते शर्म नही आती ।
  • आन संभालना – इज्जत कायम रखना । वाक्य – सब कुछ खोकर आन संभालना ही ‌‌‌बुद्धिमता है ।
  • आप आप करना – खुशामंद करना । वाक्य – मुझे आप आप करना नही आता, चाहे काम हो या न हो ।
  • ‌‌‌आप आप की पडना – अपना अपना ख्याल होना । वाक्य – देश भर को आप आप की पडी है तो देश का भला हो चुका ।
  • आपा खोना – अपना गुण मिटा देना । वाक्य – घी शहद मिलकर अपना आपा खो देते है ।
  • ‌‌‌आपे  मे  आना  –  होश  मे आना । वाक्य – घन्टो  बाद  तो  होश  मे आया है ।
  • आपे मे न रहना – बहुत क्रोधित होना । वाक्य – वह तो कभी आपे मे रहता ही नही, तुरन्त उखड जाता है ।
  • ‌‌‌आफत का मारा – विपती से सताया हुआ । वाक्य – बेचारा आफत का मारा है  उसे शरण दे दो ।
  • आफत सिर पर लेना – झगडा मोल लेना । वाक्य – आपने उससे छेडकानी करके आफत सिर पर ले ली ।
  • ‌‌‌आबनुस का कुंदा – बहुत काला आदमी । वाक्य – उस आबनुस के कुदे से कौन विवाह करेगा ।
  • आबरू उतारना – बेइज्जत कर देना । वाक्य – तुम दुसरो की अबरू उतारोगे तो  तुम्हारी आबरू भगवान उतारेगा ।
  • आबरू खाक मे खोना – अपनी इज्जत ‌‌‌व्यर्थ के लिये गवाना । वाक्य – तुमने अपनी आबरू खाक मे खो दी ।
  • गुठलियो के दाम मिलना – दुगना लाभ होना । इस बार तुमने परिश्रम तो किया नही फिर भी आम के आम गुठलीयो के दाम मिले ।
  • ‌‌‌ आवां का आवां बिगडना – सब बिगड जाना । वाक्य – यहां तो आवां बिगड है । स्कुल मे  एक भी  ऐसा लडका नही है जो अच्छी तरह पास हो ।
  • आवाज उठाना – खिलाफ करना । वाक्य – हिंदुकांड बिल के लिये अनेक हिन्दुओ ने अवाज उठाई है ।
  • आवाज बुलन्द करना – विरोध करना । वाक्य – तुम्हारे आवाज बुलन्द करने से कुछ नही होगा, मै तो चाहुगा वही करूंगा ।
  • आस टूटना – निरास होना । वाक्य – उसने आकर कह दिया कि भाई साहब नही आएंगे बेचारा कि आस टूट गई ।
  • आसन डोलना – डर से कपित हो जाना । वाक्य – गांधीजी की तपस्या से अग्रेजी शासन का आसन डोल गया ।
  • आसन पाटी लेकर पडना – क्रोध के साथ चार पाई पर पडना । वाक्य – क्यो आसन पाटी लेकर पडे हो  उठो खा लो, अब ऐसी गलती न होगी ।
  • ‌‌‌आसमान टूट पडना – सहसा आफत आ जाना । वाक्य – आप का क्रोध देखकर तो मुझ पर आसमान टूट पडता है ।
  • आसमान पर थूकना – बेवकूफी करना । वाक्य – ईसा महीस को बुरा कहना आसमान पर थूकना है ।
  • आसमान पर चढना – अभिमान दिखाना । वाक्य – चार पैसे हो गए है और उसका दिमाग आसमान पर चढ गया है ।
  • आसमान मे थिगली लगाना – कठिन काम करना । वाक्य – अब तृतीय युद्ध से बचना आसमान मे थिगली लगाना ही जान पडता  है ।
  • आसमान  से  गिर  कर  खजुर  से  अटकना –  एक  कष्ट  से  छूट कर दुसरे कष्ट  मे  पडना । वाक्य – उसके  स्वास्थ्य  का  क्या  कहूं, ज्वर ‌‌‌ने छोडा तो फोडा हो गया बेचारा आसमान से गिर कर खजूर पर अटक गया ।
  • आह भर कर रह जाना – कुछ न कर सकने के कारण मन मे मसोस कर के रह जाना । वाक्य – अग्रेजी अत्याचार से हम सभी आह भर कर रह जाते थे ।
  • आस्तीस का सांप – ‌‌‌ऐसी आदमी जो उपर से मित्र और अन्दर से शत्रु हो । वाक्य – उसे आप मित्र  न समझे, वह तो आस्तीन का सांप है ।
  • ‌‌‌आस्तीन मे सांप पालना – दुसमन को अपने पास रख कर उसका पोषण करना । वाक्य – आप जानते नही है कि ये कैसे आदमी है, वास्तव मे आस्तीन के सांप पल रहे है ।
  • उंगली उठाना – इशारा होना । ‌‌‌वाक्य – वह जिधर जाता है उंगली उठने लगती है ।
  • उंगली उठाना – बुरा कहना। ‌‌‌वाक्य – उस पर उंगली उठाना मजाक नही है ।
  • उंगली दिखाना – निंदा करना । ‌‌‌वाक्य – आजकल लोग उनकी और उंगली दिखा रहे है ।
  • उठते बैठते – हर समय । ‌‌‌वाक्य – उठते बैठते आपकी याद मुझे सताया करती है ।
  • उठना बैठना – आना जाना । ‌‌‌वाक्य – मैंने अब उसके यहां उठना बैठना बंद कर दिया है ।
  • उठा बैठी – हैरानी, दोड धूप । ‌‌‌वाक्य – इतनी उठा बैठी बेकार हुई ।
  • ‌‌‌उडती चिडिया के पंख गिनना – बहुत चतुर होना । ‌‌‌वाक्य – उससे झगडा मोल मत लेना वह तो उडती चिडिया के भी पंख गिन लेता है ।
  • उडमी चिडिया पहचानना – ‌‌‌गडे रहस्य जान जाना या मन की बात जानना । ‌‌‌वाक्य – ‌‌‌मित्र, मै उडती चिडिया पहचानता हूं । मुझसे क्या छिपा रहे हो ।
  • उडान भरना – बहुत दुर तक जाना । ‌‌‌वाक्य – आज कल आप बहुत उडान भर रहे हो आखिर बात क्या है ।
  • उथल पुथल करना – उलट पुलट देना । ‌‌‌वाक्य – मेरे कमरे की सब चीजे किसने उथल पुथल कर दी है ।
  • उन्नीस बीस कर फर्क होना – बहुत कम अंतर होना । ‌‌‌वाक्य – उन्नीस बीस का फर्क कोई फर्क नहीहै ।
  • उलटी गगा बहना – अनहोनी बात करना । ‌‌‌वाक्य – आप क्या उलटी गंगा बहा रहे हो कही बंदर भी लिख सकता है ।
  • उलटी पट्टी पढाना – बहकाना । ‌‌‌वाक्य – आप की उलटी पट्टी पडाने मै समझ राह हूं मुझे बेवकूफ न समझिये ।
  • उल्लू बनाना – मूर्ख बनाना । ‌‌‌वाक्य – मुझे क्या उल्लू ‌‌‌बनाते हो? मैं तो बडो को भी चराता हूं ।
  • उल्लू सीध करना- काम बनाना । ‌‌‌वाक्य – उल्लू सीधा करना हो तो उसकी शिफारिश करो ।
  • अंधे को टोरच मिलना – मुर्ख व्यक्ति को ऐसा पात्र मिलना जिसका वह अयोग्य न हो । ‌‌‌‌‌‌वाक्य –  राजेश के लिए पैसे केवल कागज थे और उसे ‌‌‌ही पैसो का भरा बैग मिल गया इसे ही तो कहते है की अंधे को टोरच मिलना ।
  • अंधेरी कोठरी – न जानने योग्य या गुप्त जगह । ‌‌‌‌‌‌वाक्य – चीन विदेशियो के लिए अंधेरी कोठरी है ।
  • अंधेरे घर का उजाला या दीपक – इकलोता पुत्र । ‌‌‌‌‌‌वाक्य – बुरा या अच्छा यही तो इसका अधेरे का उजाला है । भला इसे वह कब कष्ट दे सकता है ।
  • ‌‌‌अकड जाना – हठ करना । ‌‌‌‌‌‌वाक्य – बात बात मे अकड जाना शिष्टाचार नही है ।
  • अकेले चने का भाड नही फोडना – अकेले कुछ न होना । ‌‌‌‌‌‌वाक्य – केवल तुमसे क्या समाज सुधरेगा अकेला चना भाड नही फोडता ।
  • अक्ल का अंधा होना – मूर्ख होना । ‌‌‌‌‌‌वाक्य – वह तो अक्ल आ अधा हो गया है ।
  • अक्ल का अजीर्ण होना – अक्ल का मारा जाना । ‌‌‌‌‌‌वाक्य – आजकल मटर ‌‌‌क्यो रहे हो अक्ल का अजीर्ण हो ‌‌‌गया क्या ।
  • अक्ल का चरने जाना – अक्ल काम न करना । ‌‌‌‌‌‌वाक्य – आजकल तो मेरी अक्ल घास चरने गई है ।
  • अक्ल का दुश्मन बेवकूफ या मूर्ख । ‌‌‌‌‌‌वाक्य – हो तुम अक्ल के पूरे दुश्मन अरे कही मेरे जाने से बात बनेगी हां गिड जाए तो कोई अचरज नही ।
  • अक्ल का पुतला – मूर्ख । ‌‌‌‌‌‌वाक्य – वाह रे अक्ल के पुतले यह क्या कर डाला , खीर मे कही नमक ‌‌‌डाला जाता है ।
  • अक्ल की गठरी – मूर्ख । ‌‌‌‌‌‌वाक्य – तुम सचमुच अक्ल की गठरी हो कही चाय के बाद पानी पीते है ।
  • अक्ल की गांठ खुलना – समझ मे आना । ‌‌‌‌‌‌‌‌‌वाक्य – जब दो चपेट पडेगे तो अक्ल की गांठ खुल जाएगी ।
  • अक्ल के घोडे दोडाना – अन्दाज लगाना । ‌‌‌‌‌‌वाक्य – अक्ल के घोडे दौडाने मे बीरबल बडा तेज था ।
  • अक्ल के पीछे लाठी लिये फिरना – ‌‌‌‌‌‌वाक्य – बिना अक्ल के काम करना । तुम भी खूब अक्ल के पीछे लाठी लिए फिरते हो ।
  • अक्ल पर ईंट या पत्थर या परवा पडना – अक्ल खराब हो जाना । ‌‌‌‌‌‌वाक्य –  तुम्हारी अक्ल पर तो पत्थर पड गया है , कोई चीज तुम्हारी समझ मे आती ही नही ।
  • ‌‌‌अक्लमद की दुम बनना – अपने को बहुत होशियार समझना । ‌‌‌‌‌‌वाक्य – अक्लमद की दुम न बनो ।
  • अक्ल मारी जाना- घबरा जाना । ‌‌‌‌‌‌वाक्य – इस समय कोई काम मुझेसे सही नही हो सकता , सचमुच मेरी अक्ल मारी गई है ।
  • अक्ल सठियाना – बुद्धि बिगडना । ‌‌‌‌‌‌वाक्य – लोग कहते है की बुड्ढो की अक्ल सठिया जाती है ।
  • ऊट के मुह मे जीरा देना – अधिक आवश्यकता पर थोडी वस्तु देना । वाक्य – मेरे लिये एक पाव दूध‌‌‌ क्या ऊट के मुंह मे ‌‌‌जीरा दे रहे हो ।
  • ऊधम मचाना – उपद्रव करना । ‌‌‌वाक्य – क्यो ऊधम मचा रहे हो, एक थप्पड मे तो जमीन पकड लोगे ।
  • ‌‌‌ऋण उतारना – कर्ज अदा होना ।‌‌‌ वाक्य –  हमारा ऋण उतर गया है ।
  • ऋण चढना – कर्ज होना । ‌‌‌वाक्य – मेरे ‌‌‌उपर बहुत ऋण चढ गया है अब देने का उपाय करना चाहिए ।
  • एक और एक ग्यारह होना – मेल से बहुत मेल बढ जाना । ‌‌‌वाक्य – तुम दोनो मिल कर हमला करो फिर देखो कि क्या गुल खिलता है । जानते हो ना ‌‌‌एक और एक ग्यारह होते है ।
  • एक कान से सुनना दूसरे से निकाल देना – किसी बात पर ध्यान न ‌‌‌देना । ‌‌‌वाक्य – मै तुम्हे कितना भी समझा दू पर तुम तो एक कान से सुनते हो दूसरे से निकाल देते हो ।
  • एक की दो कह देना – दुगना बदला लेना । ‌‌‌वाक्य – यदि मेरे कहने पर नाराज हो, तो एक की दो कह लो ।
  • एक खलमा सवा लाख होना – हिम्मत बहुत बडी चीज होना । ‌‌‌वाक्य – जानते हो, एक खलसा सवा लाख होता है । हिम्मत करो तो क्या नही हो सकता ।
  • एक जान – बिलकुल हिले मिले । ‌‌‌वाक्य – वे दोनो एक जान है ।
  • एक पंथ दो काज करना – एक उपाय ‌‌‌से दो काम करना । घूमने तो चल ही रहे है लोटते हुए पुस्तक भी ले लेगे एक पंथ दो काज कर लेगे ।
  • एक से इक्कीस करना – बढाना ।‌‌‌ वाक्य – कुछ सच भी बोला करो इस एक से इक्कीस करने से क्या लाभ।
  • एक हाथ से ताली न बजाना – केवल एक आदमी से झगडा न होना । ‌‌‌वाक्य – रहने भी दो एक हाथ से ताली नही बजती तुम्हारे बेटे ने भी अवश्य गलती की होगी ।
  • एड़ी चोटी का जौर लगाना या ‌‌‌पसीना एक करना – बहुत परिश्रम या प्रयास करना । ‌‌‌वाक्य – इस काम के लिए एड़ी चोटी का पसीना एक करना होगा ।
  • एड़ी से चोटी तक आग लगना – जलना , बहुत क्रोधित हो जाना । ‌‌‌वाक्य – मुझे देखते ही उसे एड़ी से चोटी तक आग लग जाती है ।
  • एहसान फरामोश होना – एहसान या आभार को भुला देने वाला होना । ‌‌‌वाक्य – इस दुनियां मे एहसान फरामेश होना खीखो नही तो गुजर नही पाओगे ।
  • ऐसी तैसी करना – इज्जत नष्ट करना । ‌‌‌वाक्य – अगर ‌‌‌ज्यादा बकोगे तो यहीं ऐसी तैसी करके छोडूंगा ।
  • ऐसा वैसा होना – नाश होना । ‌‌‌वाक्य – बुढिया ‌‌‌ने रुष्ट होकर शाप दिया तुम्हारा ऐसा वैसा हो ।
  • ‌‌‌ओक लगाना – अंजुरी लगाना । ‌‌‌वाक्य – ओक लगा कर पानी पी लो ।
  • ओखली मे सिर देना – विपत्ति मे जान जान कर पडना । ‌‌‌वाक्य – तब भला वह मूसलो को क्या गिने जब किसी ने ओखली मे सिर दिया ।
  • ओठ कांपना – अधिक जाडे से ओठ कांपना । ‌‌‌वाक्य – आज रात भर मेरा ओठ कांपता रहा ।
  • ओठो से मुसकराना – ‌‌‌वाक्य – आप ओठो से मुसकरा कर रह जाते है, जरा खुल कर हंसिये ।
  • ओढ़ना बिछौना बनाना – हर समय काम मे लाना । ‌‌‌वाक्य – यह महंगी चीज है इसको ओढना ‌‌‌बिछौना न बनाओ ।
  • ओस का मोती – सुन्दर पर जल्दी नाश होने वाला । ‌‌‌वाक्य – भाई, यह संसार ही ओस का मोती है।
  • औंधे मुंह गिरना – बुरी तरह से धोखे मे आना । ‌‌‌वाक्य – मित्र क्या करु, ऐसे औंधे मुंह गिरा हूं कि ‌‌‌उठना भी कठिन है ।
  • औने पौने निकालना या बेचना – हानि से बेचना । ‌‌‌वाक्य – मुझे ‌‌‌वहां जाना है, इसलिये अपनी सारी चीजें औने पौने बेच रहा हूं ।
  • और ही रंग खिलना – कुछ विचित्र होना । ‌‌‌वाक्य – तुम जैसे जहां दो लडके इकट्ठे होंगे ‌‌‌तो और ही रंग ‌‌‌खिलेगा ।
  • कंठ का हार होना – बहुत प्रिय होना । ‌‌‌वाक्य – आप मेरे कंठ के हार है भला आपको मैं कैसे भूल सकता हूं ।
  • कंठ बैठना – आवाज भारी होना । गले का बैठ जाना । ‌‌‌वाक्य – आज मेरा कठं बैठ गया  ‌‌‌है मै गा नही सकता ।
  • कंठ सूखना – गला सूखना । ‌‌‌वाक्य – प्यास के मारे कंठ सूख रहा है ।
  • कंधा  देना – मदद करना । ‌‌‌वाक्य – अगर आप इस काम  मे कंधा दे दिये होते तो अवश्य मै इसे पूरा कर लेता ।
  • कंधा लगाना – ‌‌‌बोझ उठाना । ‌‌‌वाक्य – जरा तुम भी अपना कंधा लगा दो ।
  • कंधे उचकाना – अनजान बनना । ‌‌‌वाक्य – मेरा परिचय सुनकर उसने कंधे उचका दिये ।
  • कंधे लगाना -बच्चे को उठाना । ‌‌‌वाक्य – राजू को कंधे लगा लो चुप हो जायगा ।
  • कंधे से कधा ‌‌‌कंधा छिलना -बहुत भीड होना । ‌‌‌वाक्य – आज मेले मे कंधे से कंधा छिल रहा था ।
  • कंधे से कंधा मिलाकर चलना – एक राय होकर करना । ‌‌‌वाक्य – जाति की और देश की सेवा लोग कंधे से कंधा मिलाकर करें ।
  • कंधो पर उठाना – जिम्मेदारी लेना । ‌‌‌वाक्य – पिता की उमर हो जाने के बाद बेटा उनकी जम्मेदारी अपने कंधो पर ले लेता है ।
  • कबल ओढाकर लूटना – मर्ख बना कर रुपया निकालना ‌‌‌वाक्य – आप कबल ओढा कर मुझे लूट नही सकते इस तरह जितना मांगिये मैं देने को तैयार हूं ।
  • ककडी के चौर को कटारी से मारना – छोटे कसूर पर ‌‌‌कठिन दंढ देना । ‌‌‌वाक्य – प्राचीन काल मे ककडी के चोर को कटारी से मारा जाता था, इसी से ‌‌‌अपराध कम होते थे । ककडी के चोर को कटारी से मारना कहां का अन्याय है ।
  • कचकच करना – झगडा करना । ‌‌‌वाक्य – तुम्हारा हर समय का कचकच करना ठीक नही है ।दिन रात का कच कच करना अच्छा नही लगता ।
  • कचूमर निकालना – खूब मारना । ‌‌‌‌‌‌वाक्य – उसने छोटे से अपराध के लिए लडके का कचूमर निकाल दिया ।
  • कच्चा करना – झूठा ठहरना । ‌‌‌वाक्य – उसने सारी बातें कच्ची कर दी ।
  • ‌‌‌कच्चा खा जाना – बहुत क्रोध होकर मारने कि धमकी देना । ‌‌‌वाक्य –  ज्यादा शरारत मत करो नही तो कच्चा ही खा जाउंगा तुम मेरा गुस्सा नही जानते ।
  • कच्चा ‌‌‌चिट्ठा खोलना – गुप्त बोतो का खोलना । ‌‌‌वाक्य –  ‌‌‌उसका ‌‌‌कच्चा चिटठा खोल कर आपको क्या मिला ।
  • कच्चा चिटठा सुनाना – कच्चा चिठा सुनाना । ‌‌‌वाक्य –  वह अपना कच्चा चिठा सुनाने लगा इसी मे देर हो गई ।
  • कच्चा बैठना – आंख का फूट जाना । ‌‌‌वाक्य –  कच्चा बैठा है क्या कि सामने की चीज दिखाई नही देती ।
  • कच्ची गोटी खेलना – ‌‌‌अनाडी होना । आप तो हमेशा कच्ची गोटी खेलते हो ।
  • ‌‌‌कच्ची बात सुनना – डॉट फटकार सुनना । ‌‌‌वाक्य –  क्यो भला बात हम सुने कच्ची है न बच्चे काम के कच्चे ।
  • कटहल फोडना – अत्यावश्यक कार्य करना । ‌‌‌वाक्य –  वहां कौन सा कटहल फोड रहे थे कि नही आए ।
  • कटे पर ‌‌‌नमक छिडकना – दुखी को और दुखी बनाना । ‌‌‌वाक्य –  वह तो क्रोधित है ही तुम कटे पर नमक मत छिडको ।
  • कटपुतली कि तरह नाचना – दूसरो के वश मे होना । ‌‌‌वाक्य –  मै उनके वश मे नही हूं ‌‌‌जो कि ‌‌‌उनके इशारो पर कटपुतली कि तरह नाचूं ।
  • कडाई चदाना – खाने के लिये पकवान तैयार करना । ‌‌‌वाक्य –  आज उनके ‌‌‌पति का ‌‌‌जन्म दिन है इस लिये आज उनके घर पर कडाई चदी है ।
  • कडाई मे हाथ डालना – कही परीक्षा करना । ‌‌‌वाक्य –  कडाई मे हाथ डाल कर देख सकते हो कि मै कैसा आदमी हूं ।
  • कडी धरती – भूत के रहने कि जगह । ‌‌‌वाक्य –  रात को जहा कडी धरती हो वहां जाना नही चाहिये ।
  • कडवा करैला – बुरे दिल का । ‌‌‌वाक्य –  सेठ को कम न समझना वह कडवा करैला है।
  • ‌‌‌कढी का सा उबाल होना – क्षणिक जोश होना । ‌‌‌वाक्य –  आज के नवयुको मे कढी का सा उबाल ‌‌‌है ।
  • ‌‌‌कतरनी सी जबान चलना – बहुत जल्दी जल्दी बोलना । ‌‌‌वाक्य –  उसकी तो कतरनी सी जबान चलती है तुम से कौन बहस कर सकता है ।
  • कदम चुमना – खुशामद करना । ‌‌‌वाक्य –  पता नही लोग क्यो कदम चुमना पसन्द करते  है।
  • कदमो से लगे रहना – हमेशा साथ रहना । ‌‌‌वाक्य –  तुम बदमाशो के कदमो से लगे रहते हो ‌‌‌। यह ठीक नही है ।
  • कत्रा निकालना – अपमान करना । ‌‌‌वाक्य –   समय आने दो तुम्हारा कत्रा निकाल कर छोडूगा ।
  • कत्री काट जाना – बचकर निकल जाना ।  ‌‌‌वाक्य –  कत्री काट गए नही तो बुरी ‌‌‌तरह फंसते ।
  • कत्रे ढीले होना – थक जाना । ‌‌‌वाक्य –  दूर से चलते मेरे तो कत्रे ढीले हो गए ।
  • कन्या रासी होना – निकम्मा होना । ‌‌‌‌‌‌वाक्य –  तुम तो बढे कन्या रासी हो हमारा तुम्हारा रोजगार नही चल सकता ।
  • कपडे उतारना – कुछा भी न छोडना सब कुछ ले लेना । ‌‌‌वाक्य –  कल तक रूपय नही दिये तो कपडे उतरवा लूगा ।
  • आँख पर मुहावरे और अर्थ

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  • कपडे बिक जाना – दिवाला ‌‌‌निकलना। ‌‌‌वाक्य –  यदि यह नया टैक्स लग गया तो अपने कपडे ‌‌‌बिक जायेगे ।
  • कनखियां लगाना – सीधे न देखकर आंख के कोने से देखना । ‌‌‌वाक्य –  मैने कनकियां लगा कर उनके सारे कार नामे देख लिये ।
  • कनखी मारना – आंखो से इशारा करना । ‌‌‌वाक्य –  ‌‌‌तुम तो यार इतने पटु हो कि कनखी मार कर ही काम चला लेते हो ।
  • ‌‌‌ कब्र का मुंह झांकना – मरते मरते बचना । ‌‌‌वाक्य –  मेरे जिवन मे ऐसी कई कठनाएं आई कि मुझे कब्र का मुंह झांकना पडा ।
  • कब्र के मुर्दे उखाडना – बीती बातो को सामने लाना । ‌‌‌वाक्य –  हिंदुस्तान पाकिस्तान मे अब हादिक मित्रता कब्र के मुर्दे उखाडने से नही हो सकती ।
  • कब्र खोदना – किसी के मरने का उपक्रम करना । ‌‌‌वाक्य –  जो जिसके लिये गड्ढा खोदेगा उसके लिये खुदा कब्र खोदेगा ।
  • ‌‌‌लटकाए पांव बैठना – मरणासत्र होना । ‌‌‌वाक्य –  बूडे दादा अब कब्र मे पांव लटकाए बैठे है ।
  • कमर कस कर ‌‌बांधना – दृढ निश्चय करना । ‌‌‌वाक्य –  मैने तो कमर कंस कर बांध ली कि इस साल परीक्षा मे अवश्य बैटूंगा ।
  • कमर तोड देना – सहारा छीन लेना । ‌‌‌वाक्य –  जमीदार ने बैल लेकर हमारी कमर ही तोड दी ।
  • कमर पकड ‌‌‌कर उठना – बहुत निर्बल होना । ‌‌‌वाक्य –  झुटे ‌‌‌नाराज होते है वह कैसे आवे बेचारा कमर पकडकर तो उठता है ।
  • कमर पकड कर बैठना – अति दुखी होना । ‌‌‌वाक्य –  उसी माह के अन्दर दसके यहां चोरी हो गई व जवान बैटा मर गया बैचारा क्या करे कमर पकड कर बैठता है ।
  • कलक होना – क्लेश होना । ‌‌‌वाक्य –  कलक तो उसे है वही जानता है उस बात से उसे बडा कलक हुआ ।
  • ख़जाना मारना – बहुत धन लूटना । ‌‌‌वाक्य – आपका मैंने ख़जाना नही मारा है कि इतने रुष्ट हो रहे हो ।
  • खटाई मे पडना – कुछ ठीक न होना । ‌‌‌वाक्य – जब तक आप न आयेंगे, मेरी नोकरी का मामला खटाई मे पडा ही रहेगा ।
  • खटाई मे ढालना – ‌‌‌दुविधा मे छोड देना । ‌‌‌वाक्य – केवल आपकी वजह से मेरा मामला खटाई मे डाल दिया गया ।
  • खटिया तोडना – निश्यित होकर आराम करना । ‌‌‌वाक्य – क्या दिन भर खटिया तोडते हो ‌‌‌कुछ न मिलता हो तो मेरे आफिस मे एक एवजी है, उसी को कर लो ।
  • खटिया निकालना – मर जाना । ‌‌‌वाक्य – उसके घर से 1 माह के अन्द 4 खटिया निकली ।
  • ‌‌खट्टा जी होना – दिन टूट जाना । ‌‌‌वाक्य – तुमसे ‌‌‌हमारा ‌‌खट्टा जी हो गया है, बात न करो ।
  • खट्टा मीठा जी होना – मन मे लालच होना । ‌‌‌वाक्य – उच्छी अच्छी मिठाईयां देखकर उसका खट्टा मीठा जी होने लगा ।
  • ‌‌खट्टा होना – अप्रसन्न होना । ‌‌‌वाक्य – ‌‌‌मुझझे‌‌‌ क्या खट्टे होते हो मैंने कुछ नही किया ।
  • खड़ा जवाब देना – तुरन्त ‌‌‌इन्कार कर देना । ‌‌‌वाक्य – मैने 10 रुपय मांगे पर उसने खड़ा जवाब दे दिया ।
  • खड़ा होना – चुनाव के लिये उठना । ‌‌‌वाक्य – हमारे इलाके से रामलाल सरपंच के लिए खडा होगा ।
  • खड़े घाट कपडे धुलवाना – जल्दी कपेडे धुलवाना । ‌‌‌वाक्य – तुम तो खड़े घाट पर कपडे धुलवा रहे हो इस तरह से मै कपडे नही धो सकता ।
  • खड़े पीर का रोजा रखना – बराबर खडा होना । बैठने का नाम तक न लेना । ‌‌‌वाक्य – क्या ‌‌‌तुमने खड़े पीर का रोजा रखा है जो नही बैठते ।
  • ख़त  किताब करना – पत्र व्यवहार करना । ‌‌‌वाक्य – उनसे खत किताब करो तो कुछ पता चले ।
  • खत लिफाफा देख कर पहचानना – उपर से देखकर ही भीतर की हालत जान लेना । ‌‌‌वाक्य – वह उपर से चाहे जैसा हो भीतर से बहुत शरारती है । मैं तो खत लिफाफा देखकर ही पहचान जाता हूं ।
  • खत से खत मिलाना – जाली दस्तख बनाना । ‌‌‌वाक्य – वह खत से खत बहुत बढिया मिलाता है ।
  • खबर उडाना – खबर फैलाना या अफवाह फैलाना । ‌‌‌वाक्य – उसके मरने की खबर उड गई है मै ‌‌‌नही कह सकता, यह कहां तक सत्य है ।
hindi muhavare with meanings and sentences
  • खबर लेना – लालन पालन करना । ‌‌‌वाक्य – बिना भगवान के कौन हमारी खबर ले ।
  • खब्त सवार हो जाना – सनक चढना या पागलपन रहना । ‌‌‌वाक्य – आखिर तुम पर किस चीज का खब्त सवार है ।
  • गंगा नहाना – पाप खतम करना । ‌‌‌वाक्य – जीवन मे बहुत जगह पैर उंचे नीचे पडे थे कल चारो धाम की यात्रा खतम कर गंगा नहाया ।
  • गजब इलाही – ईश्वरीय कोप । ‌‌‌वाक्य – यह वर्षा नही गजब इलाही है, सारी फसल बह रही है ।
  • गज भर की छाती करना – बहुत साहस करना । ‌‌‌वाक्य – इस काम को करने के लिए गज भर की छाती करनी होगी ।
  • गज भर की जीभ होना – खाने का लालची होना । ‌‌‌वाक्य – बहुत ज्यादा घूमने से उसकी गज भर की जीभ हो गई है ।
  • गट करना – खा जाना । ‌‌‌वाक्य – देखते ही देखते वह सारा खाना गट कर गया ।
  • गडढा खोदना – हानि करना । ‌‌‌वाक्य – क्यो उसके लिए गड्ढा खोद रहे हो ।
  • गडे कोयले उखाडना – बीती ‌‌‌बातो को फिर से सामने लाना, पुरानी बातो की याद दिलाना । ‌‌‌वाक्य – गडे कोयले उखाडने से क्या लाभ, जो सामने है उसे देखो ।
  • गढ गढ कर बातें करना – नमक मिच्र लगा कर बातें करना या झूठ मूठ की बाते करना । ‌‌‌वाक्य – गढ गढ कर बातें करने मे आप बडे पटु है ।
  • गढ जीतना – बहुत ‌‌‌कठिन काम करना । ‌‌‌वाक्य – उसे मारना तुम्हारे लिए गढ जीतना है ।
  • गत्ताल खाते मे जाना – बेकार होना । ‌‌‌वाक्य – मेरा सब रुपया गत्ताल खाते मे चला गया ।
  • गटर गो करना – हडप लेना । ‌‌‌वाक्य – उसका भी धन आप गटर गो कर गए ।
  • गदहे पर किताबे लादना – मर्ख को पुस्तके देना । ‌‌‌वाक्य – अरे यह कुछ पढ नही सकता, महामूर्ख है क्यो गदहे पर किताबे लाद रहे हो ।
  • घर का आंगन हो जाना – घर खडहर हो जाना । ‌‌‌वाक्य – कितने प्राचीन घर आज आंगन हो गए है ।
  • घर का उजाला – परिवार की इज्जत बढाने वाला । ‌‌‌वाक्य – वह तो वास्तव मे अपने घर का उजाला है।
  • घर का काट खाने दौडना ‌‌‌- किसी के बिना घर का सूना लगना । ‌‌‌वाक्य – वह चली गई तभी से घर काट खाने दौडता है ।
  • घर का न घाट का – बेकार । ‌‌‌वाक्य – वह वहां ‌‌‌से हटा दिया गया अब तो न घर का है न घाट का ।
  • घर का बोझ उठाना – घर का सब काम काज करना । ‌‌‌वाक्य – मेरे लडके ने दो वर्ष से घर का पूरा बोझा उठा लिया है ।
  • घर का भेदिया – अपनी गुप्त बातो को जानने वाला । ‌‌‌वाक्य – घर का भेदिये से होशियार रहना चाहिए । घर का भेदिय लका दाह ।
  • घर की पूंजी – पास का रूपया । ‌‌‌वाक्य – घर की पूंजी है हानि भी होगी तो कोई बात नही ।
  • ‌‌‌घर को सिर पर उठाना – परिवार के सब आदमियों को परेशान कर देना । ‌‌‌वाक्य – मेरा छोटा लडका ऐसा शरारती है कि सारे घर को सिर पर उठा रक्खे है ।
  • घर घाट मालूम होना – घर की पूरी हालात का पता होना । ‌‌‌वाक्य – घर घाट मालूम ही है तो फिर पूछना क्या है ।
  • घर चढ कर लडने आना – झगडा करने को किसी के घर ‌‌‌जाना । ‌‌‌वाक्य – घर चढ कर लडने आए है और पास मे एक लाठी भी नही है ।
  • घर डुबोना – परिवार की बेइज्ज्ती करना । ‌‌‌वाक्य – ‌‌‌आपने ही अपना घर डुबो दिया ।
  • घर फूंक कर तमाशा देखना – अपना घर बरबाद करके खुशी मनाना । ‌‌‌वाक्य – हम तो यह ‌‌‌समझते है कि ऐसे घर फूंक कर तमाशा देखने वाले समाज मे बहुत कम व्यक्ति मिलते है ।
  • घर बंद होना – घर भर का मर जाना । ‌‌‌वाक्य – इस वर्ष ‌‌‌कोरोना की बीमारी से मेरे गाव मे बहुत से घर बंद हो गये ।
  • घर बरबाद होना – परिवार नष्ट होना । ‌‌‌वाक्य – आपकी वजह से मेरा घर बरबाद हो गया ।
  • घर बैठें की नोकरी होना – बिना मेहनत किये ‌‌‌रुपये मिलना । ‌‌‌वाक्य – घर बेठे की नौकरी है उसे कभी न छोडना ।
  • चंडूखाने की गप ‌‌‌हांकना – झूठी बाते कहना । ‌‌‌वाक्य – चहां चडूखाने की गप हांकने के लिय मत आया करो ।
  • चंदिया पर बाल न छोडना – मारते मारते सिर के बाल तक उडा देना । ‌‌‌वाक्य – अगर ज्यादा शरारत कारोगे तो चंदिया पर बाल तक न छोडूंगा ।
  • चंद्रमा बलवान होना – अच्छा समय होना । ‌‌‌वाक्य – आजकल उसका चद्रमा बलवान है, जहां भी जाता है, उसी ‌‌‌की जीत होती है ।
  • चकनाचूर करना – टुकडे टुकडे करना । ‌‌‌वाक्य – बच्चे ने शीशे को चकनाचूर कर दिया ।
  • चढ बढ कर होना – अधिक अच्छा होना । ‌‌‌वाक्य – वह हमसे हर एक बात मे चढ बढ कर है ।
  • चढावा बढावा देना – उत्तेजित करना । ‌‌‌वाक्य – चढावा बढावा देकर आपने ही उन दोनो का लडा ‌‌‌दिया ।
  • छक्के छुडाना – पैर उखाड देना । ‌‌‌वाक्य – सिक्खो ने काबुलियो के छक्के छुडा दिये ।
  • छठी का दूध निकलना – अधिक मेहनत पडना । ‌‌‌वाक्य – ऐसा काम था कि छठी का दूध निकल गया ।
  • छठी का ‌‌‌दूध निकालना – कठिन काम लेना । ‌‌‌वाक्य – मालिक ने ऐसा काम करवाया कि छठी का दूध निकाल लिया ।
  • छठी का दूध याद आना – कठिन परिश्रम पडना । ‌‌‌वाक्य – ऐसी काम मारुगा कि छठी का दूध याद आ जाएगा ।
  • छठी का राजा – पुराना अमीर । ‌‌‌वाक्य – वह छठी का राजा है, उसे कोई क्या पायेगा ।
  • छठी मे नही पडना – भाग्य मे न होना । ‌‌‌वाक्य – आराम तो तुम्हारी ‌‌‌छठी मे पडा ही नही ।
  • छत्र छांह मे होना – शरण मे होना । ‌‌‌वाक्य – मैं आ‌‌‌पकी छत्र छांह मे हूं, आप जेा चाहे करे ।
  • छप्पर फाड कर देना – बिना प्रयास देना । ‌‌‌वाक्य – भगवान जिस पर खुश होता है, छप्पर फांड कर देता है ।
  • छल पिलाना – धोखेबाजी सिखाना । ‌‌‌वाक्य – अपने साथ रख कर‌‌‌ आपको भी उसने छल पिला दिया ।
  • छांह न छूने देना पास न फटकने देना । उस नीच आदमी को छांह न छूने दूगा नही तो ‌‌‌मेरा लडका भी खराब हो जायगा ।
  • छांह मे कमाना – आराम से रह कर धन कमाना । ‌‌‌वाक्य – भाग्य की बात है की बिना पढा लिखा होन पर भी वह छांह मे कमा रहा है ।
  • छांह मे होना – शरण मे होना । ‌‌‌वाक्य – जब मैं आपकी छांह मे हूं तो कोई मेरा क्या कर सकता है ।
  • छाती के किवाड खुलना – ज्ञान हो जाना । ‌‌‌वाक्य – कुछ दिन के सत्सग से ही उसकी छाती के किवाड खुल गए ।
  • छाती छालनी करना – दिल पर बहुत बडा आघात पहुंचाना । ‌‌‌वाक्य – इस खबर ने मेरी छाती छलनी कर दी है ।
  • जख्म ताजा होना – भूली हुई विपत्ति बात फिर से ‌‌‌याद आ जाना । वाक्य – अब भी उसका चित्र देखकर मेरा जख्म ताजा हो जाता है ।
  • जख्म पर नमक छिडकना – कष्ट मे और कष्ट देना । वाक्य – क्यो गरीबो के जख्म पर नमक छिडक रहे हो ।
  • ‌‌‌जड जमना – जड या बुनियाद का जमबूत होना । वाक्य – तुम्हारी जड जम गई अब कोई कुछ नही कर सकता ।
  • जन्म घंटी मे पडना – जन्म से ही आदत पडना । वाक्य – ‌‌‌झुठ बोलना तो इसकी जन्म घुंटी मे ‌‌‌पडा है ।
  • जन्म जन्मान्तर – सर्वदा, कई जन्म तक । वाक्य – भगवान करे आप जन्म जन्मान्तर इसी तरह फलते फूलते रहे ।
  • जन्म डुबोना – जीवन बरबाद करना । वाक्य – इन कामो मे फंस कर क्यो अपना जन्म डुबो रहे हो ।
  • जबाब का गोता खाना – शीघ्र बोलने से उल्टे ‌‌‌शब्द निकल जाना । वाक्य – माफ कीजिये जबान गोता खा गई ।
  • झंझट मोल लेना – जान कर झगडे मे पडना । वाक्य – क्यो झंझअ मोल लोगे उन्होने तुम्हारे लिये किया क्या है ।
  • झूठो का बादशाह – बहुत झूठा । वाक्य – तुम झूठो के बादशाह का विश्वास तो अनजान ही करेगा ।
  • झोक देना – अधिक डालना । वाक्य – इतना नमक क्यो झोक दिया ।
  • टट्टी की आड मे शिकार खेलना – आड से किसी के खिलाफ चालबाजी चलना । वाक्य – मै जानता हूं कि टट्टी की आड मे शिकार खेलने वाले बहुत है ।
  • टट्टी मे छेद करना – बेहया बनना । वाक्य – क्यो टट्टी  मे छेद ‌‌‌कर रहे हो इससे तुम्हारी ही बदनामी होगी ।
  • टप्पा उलटना – दीवाला निकलना । वाक्य – उस बेचारे का तो टप्पा उलट गया है अब भला कहां से लोगो का रुपया देगा ।
  • टस से मस न होना – कहने का कुछ भी असर न पडना । वाक्य – उसे पडने के लिए लोगो ने बहुत समझाया पर वह टस से मस न हुआ ।
  • ठढी सांस खीचना – दुख की सांस लेना या आह भरना । वाक्य – उसके वियोग मे कब तक ठंढी सांस खीचते रहोगे ।
  • ठंक रहना – सन्न हो जाना । वाक्य – मैं तो उसके साहस को सुनते ही ठंक रह गया ।
  • ठग लगना – ठगो का पीछे पडना । वाक्य – तुम्हारे पीछे कई दिनो से ठग लगे हैं, जरा रुपये होशियारी से रखना ।
  • ठट कर बाते करना – जमकर बातें करना । वाक्य – आज दिन भर खूब ठट कर बातें की गई ।
  • ठट्ठा उठाना – हॅंसी मजाकर करना । हॅंसी उडाना । वाक्य – हमेशा ठट्ठा न उडाओ जरा गभीरता से सुना करो ।
  • ठट्ठा मे उडाना – कुछ महत्व न देना । हॅंसी मे उडाना । वाक्य – हमारी बातो को तो आप लोग ठट्ठे मे उडा देते हो ।
  • ठठा कर हॅंसना – जोर से हॅंसना । वाक्य – ऐसी कौनसी बात थी कि ठठा कर हॅंस पडे ।
  • ठन ठन गोपाल – निर्धन । वाक्य – तुम तो सचमुच ठन ठन गोपाल हो ।
  • ठसाठस भरना – बहुत भीड होना । वाक्य – नेहरू जी को देखने के लिए पडाल ठसाठस भरा था ।
  • ठह ठह कर बोलना – गभीरता या बनाव से बोलना । वाक्य – बडे आदमियो की तरह ठह ठह कर बोलना तुम कब से सीख गये ।
  • ठाट खडा करना – ढांचा तैयार करना । वाक्य – बेकार के ठाट खडे करना तुम्हे खूब आता है ।
  • ठाट बांधना – आक्रमण करने के लिए तैयार होना । वाक्य – वह कई दिन से ठाट बांध रहा है समय आने पर गहरा घाव करेगा ।
  • ठाट ‌‌‌बाट से रहना – शान शौकत से रहना । वाक्य – चनद्रगुप्त मोर्य बडे ठाट बाट से रहता था ।
  • ठाट बिगड जाना – सब बना बनाया खराब हो जाना । वाक्य – पिताजी के न आने से शादी का सारा ठाट बिगड जाएगा ।
  • ठाट से कटना – सुख से जीवन बीतना । वाक्य – शायद भारत मे 4 फीसदी लोगो की ही ठाट से कटती है ।
  • ठार पडना – पाला या बहुत अधिकर सर्दी पडना । वाक्य – आजकल ठार पड रहा है, फसल को हानि पहुचेगी ।
  • ठिकाना लगना – रहने के लिये स्थान मिलना । वाक्य – अभी हमारा ठिकाना नही लेगा है ।
  • डंक मारना – बिच्छू का काटना । वाक्य – डक न मारो वह क्या कहेगा ।
  • डके की चोट पर – डका बजा कर । वाक्य – मैं डके की चोट पर कह रहा हूं कि तुम जैसे चार को एक साथ पछाड सकता हूं ।
  • डंक मारना – बिच्छू का काटना । वाक्य – डक न मारो वह क्या कहेगा ।
  • डंका पीटना – डुग्गी पीट कर कहना । वाक्य – उस कुश्ती का डका पीट दिया गया है ।
  • डकार जाना ‌‌‌- रकम ले लेना । वाक्य – उस गरीब का रुपया जो डकार जायगा उसके नरक मे भी जगह न मिलेगी ।
  • डगडगा कर पानी पीना – एक बार मे बहुत सा पानी पी लेना । वाक्य – हाथी बहुत प्यासा था डगडगार कर पानी पी गया ।
  • डब मे आना – काबू मे आना । वाक्य – जब डब मे आयेगा तो सब काम ठीक हो जायगा ।
  • डाका डालना – चोरी करना । लूटना । वाक्य – मेरे घर मे चोरो ने डाका डाल कर सब सामान लूट लिया ।
  • डाढे मार मार कर रोना – खूब जोर से छाती पीट कर रोना । वाक्य – लडके की मृत्यु की खबर सुनते ही वह डाडे मार मार कर ‌‌‌रोने लगा ।
  • डावांडोल करना – परीशान करना । वाक्य – उसकी परिस्थिति डावांडोल मत करो ।
  • ‌‌‌डावांडोल होना – अव्यवस्थित होना । वाक्य – उसकी परिस्थिति ऐसी डावांडोल हो गई है कि कुछ कहते नही बनता ।
  • डिसमिस करना – बर्खास्त करना । वाक्य – साहब ने उसी अपील डिसमिस कर दी ।
  • डींग मारना – बढ बढ कर बातें करना । वाक्य – क्या डींग मार रहे हो आपका पूरा हाल मैं जानता ‌‌‌हूं ।
  • डुगढुगी पीटना – मुनादी करना । वाक्य – आज काग्रेस की सभा होगी कोई डुगडुगी पीट रहा था ।
  • डुबकी खाना – लापता हो जाना । वाक्य – तुम अक्सर डुबकी खाया करते हो, आखिर कहां जाते हेा ।
  • डूब जाना – मारा जाना । वाक्य – इस लेन ‌‌‌देन के व्यापार मे मेरे भी हजारो रुपये डूब गये ।
  • डूबती नैया पार लगाना – आफत या ‌‌‌कष्ट से बचाना । वाक्य – डूबती नैया पार लगाना सच्चे मित्रो का ही काम है ।
  • डुबते को तिनके का सहारा होना – कष्ट मे पडे ‌‌‌हुए को थोडी भी मदद होना । वाक्य – दुभिक्ष पीडित बगाल को यदि कुछ भी अन्न मिल गया होता तो डूबते को तिनके का सहारा हो जाता ।
  • डूबा आसामी – दिवालिया । वाक्य – वह तो डूबा आसामी है उसे भला कुछ कैसे ‌‌‌दिया जा सकता है ।
  • ढंग पर लाना – अपने स्वार्थ के अनुकूल ‌‌‌चढना – होना । वाक्य – इस वक्त वह ढग पर चढा है, जो कुछ करना हो कर लो ।
  • ढकोसला होना – उपरी बनावट होना । वाक्य – तुम भी किस चक्कर मे पडे हो यह सब ‌‌‌स्ति्रयों के ढकासले है ।
  • ढढ्ढू का पाडा होना – उम्र मे काफी बडा होना । वाक्य – ढढ्ढू का पाडा हो गया पर अकल ‌‌‌नही आई ।
  • ढब आना – किसी काम के करने का तरीका मालूम होना । वाक्य – अब इस काम का ढब आ गया ।
  • ढब डालना – अच्छी या बुरी आदत डालना । वाक्य – यह तुमने अपने लडके मे कैसे ढब डाला है किसी से कुछ बोलता ही नही ।
  • ढाई ईट की मस्जित अलग बनाना – जो सब कहे, उसके विरुद्ध कहना । वाक्य – ढाई ईंट की अपनी मस्जिद अलग न बनाओ सबके साथ चलो ।
  • ‌‌‌ढीला पड जाना – सुस्त हो जाना । वाक्य – क्यो ढीले पड गये हो नया बीमार हो ।
  • तंग होना – तग आना या छोटा होना । वाक्य – यह कुर्ता तग हो गया ।
  • तकदीर का खेल ‌‌‌होना – भाग्य का लिखा सच होना । वाक्य – तकदीर का खेल है, मैं किसको दोष दूं ।
  • तकदीर का मुंह फेर लेना – बुरा समय आना । वाक्य – तकदीर ने मुंह फेर लिया है, क्योकि तुम इतने अच्छे होकर भी फेल हो रहे हो ।
  • तकदीर जागना – भाग्य अच्छा होना । वाक्य – मेरी भी तकदीर जागने वाली है ।
  • तकदीर ठोंकना – किस्मत को ‌‌‌कोसना । वाक्य – अब अपनी तकदीर ठोको, जो होने वाला ‌‌‌है वह होगा ।
  • तकलीफ उठाना – दुख सहना । वाक्य – अगर इस समय तकलीफ उठा कर ‌‌‌पढ लोगे तो वाद मे आराम करोगे ।
  • तकिया कलाम होना – बात बात मे ‌‌‌किसीशब्द के कहने की आदत होना ।‌‌‌ वाक्य – राम जाने तो उसका तकिया कलाम है ।
  • तख्त उलटना – बना बनाया काम खराब होना । वाक्य – तुमने तो तख्ता ही उलट दिया ।
  • तडातडी करना – जल्दी करना । वाक्य – तडातडी न करो नही तो काम खराब हो जायगा ।
  • तत्ता तवा – ‌‌‌झगडालू, लडाका । वाक्य – तुम तो तत्ते तवे मालूम होते हो ।
  • तन मन से करना – बहुत मेहनत से करना । वाक्य – अगर काम को तन मन से करोगे तो अवश्य ही सफलता मिलेगी ।
  • तन मे फूले न समाना – बहुत प्रसन्न होना । वाक्य – जब वह सुनेगी कि मेरा पुत्र प्रथम श्रेणी से पास हुआ ‌‌‌है तो तन मे फूले न समायेगी ।
  • तबला खनकाना – नाच रग होना । वाक्य – आजकल उनके यहां रोजाना तबला खनका करता है।
  • तबीयत उलझना – जी घबराना । वाक्य – अब तो यहां तबीयत ‌‌‌उलझ रही है ।
  • तबीयत खराब होना – बीमार होना । वाक्य – बहुत दिनो से मेरी तबीयत खराब है ।
  • तबीयत लगाना – चित्त का किसी काम मे प्रवृत्त करना । दिल लगाना। वाक्य – ‌‌‌हर एक काम को तबीयत लगा कर करना चाहिये ।
  • तबीयत होना – इच्छा होना । वाक्य – अब किसी व्यापार मे लगने की तबीयत होती है ।
  • थक कर चूर होना – बहुत थक जाना । वाक्य – आज के काम से तो मैं थक कर चूर हो गया हूं ।
  • थपढी पीटना – मजाक उडाना । वाक्य – उनके खडा होते ही इतनी थपडी पीटी गई कि बिना बोले ही बैठ गए ।
  • थप्पड कसना – तमाचा मारना । वाक्य – छोटी सी बात के लिए तुमने क्यो थप्पड कस दिया ।
  • थर थर करना – कांपना । वाक्य – वह जाडे के मारे थर थर कर रहा ‌‌‌था ।
  • थान का टर्रा होना – अपने घर पर बल दिखाना । वाक्य – थान का टर्रा तो एक कुत्ता भी होता है ।
  • थान का सच्चा – सीधा जानवर जो घूम घाम कर ‌‌‌अपने घर आ जाय । वाक्य – तुम्हारी गाय तो थान की सच्ची है ।
  • थाना बिठाना या बैठाना – सपिहियो की चौकी बैठाना या ‌‌‌पुलिस का पहरा बैठाना । वाक्य – जब से उपद्रव होने लगा है, तब से हामारे गांव मे भी थाना बिठा दिया गया है ।
  • थाप मारना ‌‌‌- छापा मारना, अनजाने मे हमला करना । वाक्य – ‌‌‌सिकन्दर की सेना ने पोरस पर थाप मार कर जीत लिया ।
  • थाली फिरना – बहुत भीड होना । वाक्य – यहां के मेलो मे हर साल थाली ‌‌‌फिरती है ।
  • थाली लोटा तक बिकना – कगाल हो जाना । वाक्य – कल तो लखपति था आज उसका थाली लोटा तक बिक रहा है ।
  • थुथुना फुलाना – नाराज होना । वाक्य – मैंने तुम्हे क्या कह दिया जो थुथुना फुलाये हो ।
  • थूक देना – न पसद करना । वाक्य – उसने रोटी मुह मे लेकर थूक दी ।
  • थुक लगा कर छोडना – बहुत परीशान करना । वाक्य – थूक लगा कर न छोडा तो कहना ।
  • थूक लगा कर रखना – मक्खी चूसी से बटोरना । वाक्य – वह तो थूक लगा कर चीज रखता है जितनी पुरानी चाहो मांग लो ।
  • थू थू करना – पंसद न करना । वाक्य – आपके इस नीच काम पर सब लोग थू थू करेगे ।
  • थू थू होना – शिकायत होना । वाक्य – इस नीच काम की वजह से चारो ओर थू थू हो रही है ।
  • थोक करना – जमा करना । वाक्य – बरसात के लिए सूखी लकडी थोक कर लो ।
  • ‌‌‌दंग रह जाना – हैरत मे पडना । हैरान हो जाना । वाक्य – मै उसकी बात सुनकर दंग रह गया ।
  • दड डालना – जुर्माना लगाना । वाक्य – यदि जेल न होगा तो दड तो जरुर डाला जाएगा ।
  • दंड भुगतना – सजा सहना । वाक्य – खूब चोरी कर लो जब दंड भुगतना पडेगा तो मालूम होगा ।
  • दई का घाला होना – अभागा होना । बेचारा दई का घाला है उसे न सताओ ।
  • दखल देना – हस्तक्षेप करना । वाक्य – मेरी बात मे तुम दखल न दो नही तो ठीक ‌‌‌न होगा ।
  • दखल पाना – अधिकार पाना । वाक्य – उस मकान पर तो मैं दखल पा गया ।
  • दफा करना – बेइज्जती के साथ दूर हटाना । वाक्य – अगर ज्यादा बकबक करोगे तो दफा कर दूगा ।
  • दफा रफा करना – खत्म करना । वाक्य – झगडे को दफा रफा करो ।
  • दफा लगाना – कानून या नियम लगाना । वाक्य – उस पर डकैती की दफा लग ‌‌‌ग‌‌‌ई है अब उसका जीवन चौपट हुआ ।
  • दबकी मारना – गुप्त हो जाना । गायब होना । वाक्य – जब से उस पर चोरी का अपराध लगा है, वह दबकी मार गया ‌‌‌है ।
  • दबा दबा के रहना – चुपचाप रहना । वाक्य – दब दबा के रहो कोई कुछ सुना देगा तो क्या लाभ ।
  • दबा लेना – हडप लेना । वाक्य – उस नीच ने बहुत से गरीबो का धन दबा लिया ।
  • दबे पांव निकल जाना – धीरे से चले जाना । वाक्य – दबे पांव निकल गये नही तो आज बतला देता ।
  • दम अटकना – सांस रुकना । वाक्य – आज उसकी हालत बडी खराब है, दम ‌‌‌भी अटक रहा है, शायद अब न बचेगा ।
  • दम उलटना – जी घबराना । वाक्य – भाई  का पुत्र नही आया दम उलट रहा है ।
  • दम घोट कर मारना – गला दबा कर मारना । वाक्य – बेचारे को चोरो ने दम घोट कर मार डाला ।
  • दम छोडना या छोड देना – मर जाना । वाक्य – उसके इकलौते बेटे ने आज दम छोड दिया ।
  • दम टूटना – मरना । वाक्य – काम छेडा छूटता छोडे नही टूटता है दम रहे तो टूटता ।
  • दम तोडना – आखिरी सांस लेना । वाक्य – वह तो अब दम तोड रहा है ।
  • दमदार होना – मजबूत और दृढ होना । वाक्य – वह दमदार है ।
  • धक्कम धक्का करना – भीड मे बहुत धक्का देना । वाक्य – यहां धक्कम धक्का न करो ।
  • धक्का खाते फिरना – इधर उधर मारा मारा घूमना । वाक्य – तुम्हारे घर दूसरे मौज उडाते है और तुम धक्का खाते फिर रहे हो ।
  • धक्का देकर निकालना – बेइज्जती से बाहर करना । वाक्य – अगर सभा मे अधिक अड बड बकोगे तो धक्के देकर निकाले जाओगे ।
  • ध्ज्जियां उडाना – दुर्दशा होना । वाक्य – वह बेचारा जब से यहां आया है उसकी ध्ज्जियां उडाना ठीक नही है ।
  • धमकी देना – डर दिखाना । वाक्य – पुलिस और बदरो का धमकी देना प्रसिद्ध है ।
  • धरती पर पाव न पडना – खुशी से फुला न समाना । वाक्य – अब तो उसके पिता के धरतील पर पांव ही नही पडेगे ।
  • धरती पर पांव न रखना – अभिमान से ‌‌‌भरा रहना । वाक्य – वह तो जब से एम ए हो गया धरती पर पांव ही नही रखता ।
  • धरना देना – जम कर बैठना । कुछ मांगने के लिए जमना । वाक्य – क्या धरना दिये हो यहां कुछ न मिलेगा दूसरा दरवाजा देखो ।
  • धार गिरना – किसी हथियार की धार तेज न रहना । वाक्य – मेरी तलवार की धार गिर गई है ।
  • धावा ‌‌‌बोलना – आक्रमण की आज्ञा देना । वाक्य – डाकुओ ने कल रात मेरे मकान पर धावा बोल दिया ।
  • नंगा कर देना – बेइज्जत कर देना । वाक्य – उन लोगो ने भरी सभा मे बेचारे को नगा कर दिया ।
  • नकाब उलटना – घूंघट हटाना । वाक्य – मदो के सामने कुछ ओरते नकाब उलटने मे शर्माती है ।
  • ‌‌‌नक्कारखाने मे तूती की आवाज होना – कोई महत्व न होना । वाक्य – मेरी आवज तो वहां नक्कारखाने मे तूती की आवाज थी ।
  • नक्कारा बजा कर – डके की चोट पर । वाक्य – वे लोग चोर नही है, वे तो नक्कारा बजा कर डांका डालते है ।
  • नग मे बाल पडना – नग का फूट जाना । वाक्य – इस अंगूठी के नग मे तो बाल पड गया है देख कर नही लाए क्या ।
  • न गांठना – परवा न करना । वाक्य – वह तो अपने सामने किसी की गांठता ही नहै ।
  • नगीना होना – बहुत सुन्दर होना । वाक्य – वह मेरे ‌‌‌कुल का नगीना है ।
  • नजर पडना – दृष्टि मे आना । वाक्य – रास्ते मे मेरी नजर एक सांप पर पड गई ।
  • नजर पर चढना – पसंद आना। वाक्य – उसका मकान नजर पर चढा है रुपया होते ही खरीद लूगा ।
  • नजरबंद करना- हवालात या जेल मे रखना । वाक्य – जवाहरलाल कई बार नजरबंद किये जा चुके थे ।
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  • नजरबंद रखना – हिरासत मे रखना । वाक्य – कही जाने न देना । कम्युनिस्टो के बहुत से नेता नजरबंद रखे गए है ।
  • नजर बांधना – चमत्कार या जादू से नजर बांध देना । वाक्य – जादूगर नजर बांध कर क्या क्या ‌‌‌नही दिखाते ।
  • नजर लगना – बुरी दृष्टि से प्रभावित होना । वाक्य – बच्चो को तो नजर लगते देर नही होती ।
  • नजर से गिराना – बेइज्जती करना । पंख तोलना – बल आजमाना । वाक्य – अभी से पंख तोल रहे हो वडे होकर तो कयामत करोगे ।
  • मंख न मारना – न ‌‌‌पहुंच पाना । वाक्य – वहां तुम पंख नही मार सकते वह जगह बडी अगम्य है ।
  • पचत्व को प्राप्त होना – मरना । वाक्य – वह बुढिया आज सुबह पचत्व को प्राप्त हो गई
  • सम्पूर्ण ‌‌‌ग्रामवासियो ने आकरण ही उसे नजर से गिरा दिया ।
  • पच परमेश्वर – पांच आदमी मिलकर जो काहे वह ईश्वर के कहने के ‌‌‌समान है । वाक्य – चाहे कुछ हो पंच परमेश्वर की बात तो सबको माननी पडेगी ।
  • पंजर पंजर ढीला होना – एकदम थक जाना । वाक्य – ‌‌‌कई दिनो से काम करते करते मेरा पंजर पंजर ढीला हो गया है ।
  • पंजे मे आना – अधिकरा मे आना । वाक्य – वह आपके पंजे मे कभी नही आ सकता ।
  • पंजे से छूटना – चगुल या वश मे से निकल जाना । वाक्य –  उसके पंजे से छूटना मुश्किल है ।
  • पथ दिखलाना  – शिक्षा देना । वाक्य – पथ दिखाना बडा सरल है पर अनुसरण करना उतना ही कठिन ।
  • पथ देखना – इन्तजार करना । वाक्य – आज चार दिनो से आपका पथ देख रहा हूं पर कही दिखाई तक न पडे ।
  • पथ सेना – रास्ता देखना । वाक्य – कब से पंथ से रहा हूं मगर वही नही आया ।
  • पकड धकड होना – गिरफ्तारी होना । वाक्य – उस रात के डाके के सिलसिले मे आज खूब पकड धकड हो रही है ।
  • पकवाई देकर कच्चा खाना – रुपये खर्च करने पर भी काम खराब होना । वाक्य – मूर्खो को पकवाई देखकर भी कच्चा खाना पडता है ।
  • पकौडी सी नाक – फूली हुई नाक । वाक्य – उनकी पकौडी सी नाक अच्छी नही लेगती ।
  • पक्की बात होना – किसी बात का निश्चय हो जाना । वाक्य – अब पक्की बात हो गई है ।
  • पक्ष ग्रहण करना – तरफदारी करना । वाक्य – वह हमेशा अपनी ही जाति का पक्ष ग्रहण करता है ।
  • फजीलत की पगडी – बहुत विद्वान होने का चिन्ह । वाक्य – उसकी फजीलत की पगडी देख कर बडे बडे डर जाते है ।
  • फजीलत की पगडी बांधना – बडप्पन या श्रेष्ठता का चिन्ह अपने साथ रखना । वाक्य – वह फजीलत की ‌‌‌बांधे फिरता है ।
  • फटकना – पछोरना – सूप से अनाज साफ करना । वाक्य – फटक पछोर कर चावल साफ कर दो ।
  • फटकार बरसना – गाली गलौज होना । वाक्य – दोनो भाईयो मे खूब फटकार बरसी ।
  • फटे में पांव देना – दूसरे के झगडे मे पडना । वाक्य – अगर ‌‌‌‌‌‌इनके फटे मे पांव दोगे तो तुम भी मार खा जाओगे ।
  • फतूर खडा होना – खुराफात या उपद्रव खडा करना । ‌‌‌वाक्य – क्यो हमेशा फतूर खडा करते रहते हो ।
  • फरना फूलना – दूध पूत से या धन धन्य और संतान से पूर्ण होना । वाक्य – भगवान करे तुम फरो फूलो ।
  • फरागत पाना – छुटकारा पाना । वाक्य – इस कलक से फरागत पाना बडा कठिन है ।
  • फरेब देना – धोखा देना । वाक्य – वह फरेब देकर मुझसे रुपये ऐंठना चाहता है ।
  • फर्माइश करना – कोई वस्तु मांगना । वाक्य –  एक अच्छी पलग की फर्माइश कर दो उसका गवना इसी महीने होगा ।
  • बंदर का आदी का स्वाद न जानना – मुर्ख व्यक्ति का महत्वपुर्ण वस्तु के महत्व को न पहचानना । वाक्य –  आरे ‌‌‌इसे जितना समझाना हो समझा दो पर बंदर का आदी का स्वाद नही जान सकता ।
  • बंदर की तरह आंख बदलना – बात बात मे गुस्सा होना । वाक्य –  बंदर की तरह आंख बदलना ठीक नही है अगर यही हाल रही तो दूसरे भी तुम्हारे साथ यही व्यवहार करेंगे ।
  • बंदर के हाथ मणि होना – अयोग्य के पास अच्छी वस्तु का होना । वाक्य –  इस निरक्षर के साथ बीए पास लडकी की शादी बंदर के हाथ मणि होने के समान है ।
  • बंदूक छतियाना – बदूक चलाने को तैयार होना । वाक्य –  बदूक छतिया कर खडे हो जाओ अब शेर जगल मे आ रहा है ।

जान पर खेलना का अर्थ व वाक्य मे प्रयोग

हाथ पाँव मारना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

आसमान पर थूकना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

मिट्टी का माधो मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

  • बघ्या पुत्र होना – असभव होना । वाक्य –  तुमसे इस काम का होना बध्या पुत्र होना है ।
  • बकरे की मां का खैर मनाना – जो नुकसान होने ही वाला है उसे टाले का व्यर्थ प्रयास करना । वाक्य –  तुम तो कब से बकरे की मां का खैर मना रहे हो पर जैसा तुम चाहते हो वह होगा नही ।
  • बकुची बांधा – हाथ पैर बटोर कर गठरी के आकार का बन जाना । वाक्य –  वह बकुची बांध करनदी मे कूद पडा ।
  • ‌‌‌बखेडा खडा करना – झझट करना । वाक्य –  मेरा सत्यानाश करने के लिए ही उसने बखेडा खडा किया है ।
  • बगल गरम करना – प्रसग करना या रुपया लेना । वाक्य –  उन गरीबो से बगल गरम करते तुम्हे शर्म नही आती ।
  • बगल मे ईनाम दबाना – बेईमानो करना । वाक्य –  क्या दस रुपयो के लिए बगल मे ईना दबा रहे हो ।
  • बगल मे मुंह डालना – शर्मिन्दा होना । वाक्य –  अब हार कर बगल मे क्यों मुंह डालते हो ।
  • बगली डूबना – पूंजी बरबाद होना । वाक्य –  इस व्यापार ‌‌‌मे तो उसकी बगली डूब गई ।
  • बचन बंध करना – बात मे अच्छी ‌‌‌तरह जकड लेना । वाक्य –  पहले ही बचन बध कर लो तो शायद काम कर दे वर्ना कोई आशा नही है ।
  • भटा सा उडा देना – एक ही बार मे दो भाग कर देना । वाक्य –  उसने एक ही लाठी मे उसका सिर भटे सा उडा दिया ।
  • भंवर मे डालना – फेरे मे डालना  । वाक्य –  भंवर मे डालूंगा तो हुलिया गिड जाएगा ।
  • भट्ठी दहकना – किसी का कारबार जोरो पर होना । वाक्य –  आजकल उसकी भट्ठी खूब दहकी हुई है ।
  • भद्रा लगाना – अडच पैदा करना ‌‌‌। वाक्य –  शुभ कार्य मे भद्रा लगाना ठीक नही ।
  • भभूका लाल होना – बहुत क्रोधित होना । ‌‌‌वाक्य –  वह तो आज भभूका लाल है ।
  • भरम खुलना – गुप्त रहस्य खुलना । भेद खुलना । वाक्य –  जब तक भरम बना है ठीक है खुलने पर कौडी का तीन हो जायगा ।
  • भागते की लंगोटी – डूबते रुपये का कुछ हिस्सा । वाक्य –   भागते की लंगोटी मिल जाय तो वही बहुत है ।
  • भाडा देकर बह जाना – जिस काम पर पैसा लगाया जाय उसका खराब हो जाना । वाक्य –  भाडा देकर बह जाना किसे स्वीकार होगा ? मै ऐसे काम पर एक पेसा नही खर्च करुगा ।
  • मंगनी मांगना – उधार मागना । वाक्य – शादी आदि के अवसर पर बहुत सी चीजें मंगनी मांगी जाती है ।
  • मंजिल कटना – बहुत लंबा सफर तय होना । वाक्य – किसी तरह आज मंजिल कटी ।
  • मकदमर से बाहर पांव रखना – योग्यता से बढकर काम करने की कोशिश करना । वाक्य – मकदूर से बाहर पांव न रखना नही ‌‌‌तो बेवकूफ बनना पडेगा ।
  • मक्खल लगाना – चापलूसी करना । वाक्य – उसे मक्खल ‌‌‌लगाना खूब आता है ।
  • मक्खी की तरह निकाल फेंकना – एकदम अलग कर देना । वाक्य – उसने अपने दुष्ट लडके को घर से मक्खी की तरह निकाल दिया ।
  • मक्खी की मक्खी मरना – बेकार का काम करना । वाक्य – वह दिन भर मक्खी की मक्खी मारता है ।
  • मक्खी चूस ‌‌‌होना – कजूस होना । वाक्य – वह बडा मक्खीचूस है खर्च करने का तो नाम ही नही जानता ।
  • मक्खी छोडना और हाथी निगलना – छोटे पाप से बचना और बडे पाप करना । वाक्य – बिडला गरीबो का खून चूस कर लाखो इकट्ठा करता है और दूसरी और दो चार दस दान कर देता है या पर मक्खी छोड कर हाथी निगलता है ।
  • मक्खी जीती निगलना – जान कर हानि का ‌‌‌काम करना । वाक्य – मक्खी जीती निगलना बेवकूफी का काम है ।
  • मक्खी नाक पर न बैठने देना – किसी को एहसास करने का समय न देना । वाक्य – वह तुरन्त बदला चुका देता है मक्खी तक नाम पर नही बैठने देता ।
  • मगज के कीडे उडाना – बहुत बोलना । वाक्य – क्या मगज के कीडे उडा रहे हो ।
  • मजमून बांधना – कल्पना ‌‌‌करना । वाक्य – गालिब ऐसा मजमून बांधता था कि लोग सुन कर दग रह जाते थे ।
  • मजमून बांधना – दो लेखको के भाव मिला जाना । वाक्य – यह तो मजमन मिला है इसे नकल नही कह सकते ।
  • मजा किरकिरा होना या हो जाना – रग मे भग पडना । वाक्य – पिताजी के आ जाने से खेल का सारा मजा मिरकिरा हो गया ।
  • मझधार मे पडना – आफत मे फंसना । वाक्य – मझधार मे पडने पर भगवान के सिवा कोई मदद नही कर सकता ।
  • मटियामेट कर देना – तहस नहस ‌‌‌करना । वाक्य – अग्रेजो ने भारत को मटियामेट कर दिया ।
  • मणि फेंक कर कांच बटोरना – ‌‌‌मूल्यवान वस्तु का तिरस्कार कर व्यर्थ की वस्तु का सग्रह करने की मूर्खता करना । वाक्य – ‌‌‌इसे क्या पता किसी से क्या लेना चाहिए यह तो मणि फेंक कर कांच बटोरना जानता है ।
  • यम की यातना देना – बहुत कष्ट देना । वाक्य – इस रोग ने तो मुझे यम की यातना दी ।
  • यश कमाना – नाम हासिल करना। वाक्य – यश कमाना आसान है पर उसकी रक्षा करना कठिन है ।
  • युग बीतना – बहुत दिन बीतना । वाक्य – तब से युग बती गया पर वे नही आए ।
  • युग युग – बहुत दिनो तक । वाक्य – भगवान करे आप युग युग जीएं ।
  • युगांतर उपस्थित करना या कर देना – समय पलट देना । वाक्य – गांधी ने तो अन्तर्राष्ट्रीय राजनीति मे युगातर उपस्थित कर दिया ।
  • युधिष्ठिर होना – बहुत बडा सत्यवादी होना । वाक्य – आप युधिष्ठिर नही है कि आपकी बात ‌‌‌सही मान लें ।
  • रक का राय और राय का रक होना – समय मे बहुत बडा परिवर्तन होना । वाक्य – भाई यह दुनिया है रक का राय और और राय का रक होते देर नही लगती ।
  • रंग जमना – धाक जमना । वाक्य – उसका वहां खूब रंग जम गया ।
  • रंग फीका रहना – काफी असर या रोब न रहना । वाक्य – वह थानेदार है तो बडे रोब दाब का पर यहां उसका भी रंग फीका ‌‌‌ही रह गया ।
  • रंग बरसना – अत्यन्त सुन्दर लगना । वाक्य – शादी के अवसर पर तुम्हारे घर मे  रंग बरस रहा था।
  • रंग बिगढना – बुरा हाल होना । वाक्य – उसका यहां आते ही रंग बिगड गया ।
  • रंग मे भंग करना – मजा बिगडना। वाक्य – बत्ती बुझाकर तुमने महफिल मे रंग मे भंग कर दिया ।
  • रंग मे भंग पढना – आनन्द मे बाधा पडना । वाक्य – बीच पहफिल मे पिताजी के आ टपकने से रंग मे भग पड गया ।
  • रंगा सियार होना – बनावटी होना । वाक्य –  आजकल के माहत्मा लोग रंगे सियार होतेहै ।
  • रजक चाटना – बन्दुक की बारूद का जल जाना, पर उसका न छूटना । वाक्य – आपकी बन्दूक कैसी खबराब है कि सब रजक चाट गई ।
  • रकाब पर पैर रखना – चलने के ‌‌‌लिए पैर रखना । चलने के लिए बिल कुल तैयार होना । वाक्य – आप जब भी आते है रकाब पर पैर रखते आते है ।
  • लंकडे की लकडी होना – सहारा हेाना । वाक्य – तुम्ही तो मुझ लकडके की लकडी हो ।
  • लगर जारी करना – दान देना । सदावर्त देना । वाक्य – मेरे गाव मे मुखिया ने गांव मे एक लगर जारी किया है ।
  • लंगर डालना – जहाज या नाव रोकने के लिए लोहे के बहुत बडे कांटे को पानी मे फेंकना । वाक्य – लगर डाल ‌‌‌दो आगे नही चला जाएगा ।
  • लगर बांधना – ब्रह्चार्य धारण करना । वाक्य – लगर बांधना ‌‌‌बडा कठिन कार्य है सब लोग इसे नही कर सकते ।
  • लंगोट का सच्चा – ब्रह्मचारी । वाक्य – वह लंगोट का सच्चा है उसका मुकाबिला तुम क्या करोगे ।
  • लकीर पर चलना – बिना समझे बूझे पुरानी प्रथा पर चलते चलना । वाक्य – पुराने पडित आज भी लकीर पर चलना सबसे बडा धर्म मानते है ।
  • लंबे हाथ मारना – मोटी रकम पर हाथ मारना । वाक्य – बहुत दिल दरया हो रहा है कही से लंबा हाथ मार कर आये हो क्या ।
  • लकीर का फकीर – आंखे बन्द कर पुराने ढग पर चलने वाला । वाक्य – अब इस नये युग मे लकीर के फकीर होना सरासर मूर्खता है ।
  • लगे हाथ – साथ ही साथ । वाक्य – लगे हाथ उनके यहां भी होते आना जा तो रहे ही हो ।
  • लच्छन से झड जाना – रौनक न रहना । वाक्य – चेहरा उतर गया नक्शे बिगढ गए है फिर इन दिनो तो मेरे लच्छन से झड गए है ।
  • लटा हाथी भी नौ लाख का होना – आर्थिक स्थिति गिड जाने पर भी बडे घरो मे बहुत कुछ होना । वाक्य – सारे गाव बाढ मे बह गया पर और लोगो के पास खाने को कुछ नही है पर राजेश के घर मे तो लटा हाथी भी नौ लाख का है ।
  • लट्ठ लिये फिरना – विपरीत काम करना । वाक्य – तुम तो अक्ल के पीछे लट्ठ लिये फिरते हो ।
  • लत्ती करना – भाग जाना । वाक्य – सिपाही को देखते ही चोर लत्ती कर गया ।
  • वक्त हाथ से दे देना – अवसर चूकना । वाक्य – वक्त हाथ से दे दिया तो बैठ कर पछताओ ।
  • वबा आना – हैजा आदि बीमारियो का आना । हजारो मर गए उस पर सिसकते है लाखो अजीब रोग है या रब यह क्या वबा आई ।
  • वादी पर आना – अपने हठ पर आना । वाक्य – अपनी वादी पर आउ तो अभी नाच नचा दूं ।
  • वार फरना – हमला करना । वाक्य – आज उस गाव पर एक भेडिये के ‌‌‌झुण्ड ने वार किया था ।
  • वारियां जाना – न्योछावर हो जाना । वाक्य – ऐसे भोले लडके पर वारिया जाउगा ।
  • वेद वाक्य मानना – पर्ण सत्य मानाना, भगवान की आज्ञा मानना । वाक्य – आपकी हर बात को मैं वेद वाक्य मानता हूं आप जैसा ही कहेगे वैसा ही करुगा ।
  • शगूफा खिलाना – कोई नया और विलक्षण घटना होना । वाक्य – आज मेरे मुहल्ले मे अच्छा शगूफा खिला उनके घर की दोनो लडकीया गायब हो गई ।
  • शगूफा खिलाना – नया रग खिलाना । वाक्य – तुमने तो यहां आकर अच्छा शगूफा खिलाया ।
  • शफक फूलना – आसमान मे लाली फैलना । वाक्य – आज सुबह का शफक फूलना बडा सुहावना लग रहा ‌‌‌है ।
  • शरम से पानी पानी होना – बहुत लज्जा जाना । वाक्य – आज हम लोगो ने उसे ऐसा बनाया की वह शरम से पानी पानी हो गया ।
  • शरमिंदगी उठाना – लज्जित होना । वाक्य – आपकी वजह से हमें भी शरमिंदगी उठानी पडी ।
  • शर्बत का सा घूंट पानी – कोई द्रव शर्बत की तरह मजा लेते हुए पीना । वाक्य – तुम्हारे लिए मै जहर भी शर्बत का सा घूंट पी सकता हूं ।
  • शहद की छुरी होना – उपर से मीठा एव भृदुल और भीतर से कटु तथा भयावह होना । वाक्य – आप शहद की छुरी है आपके मै सब जानता हूं ।
  • शहद लगा कर अलग होना – आग लगा कर दूर होना । वाक्य – आप तो शहद लगाकर दूर हो गये यहां ‌‌‌मेरी जान आफत मे पडी है ।
  • शहादत देना – गवाही देना । वाक्य – मेरे खिलाफ शहदत दी तो खैर नही ।
  • शामी लगाना – घोडे के पैर मे नाल लगाना । वाक्य – इक्के के घोडे मे शामी लगाना बहुत जरुरी है ।
  • शिकजे मे खीचना – बहुत कष्ट देना । वाक्य – शिकजे मे खीचने से तो अच्छा होगा कि जान से ही ‌‌‌मार दो ।
  • शिरोधार्य करना – आदर के साथ स्वीकार करना । वाक्य – आपकी आज्ञा शिरोधार्य करता हूं ।
  • शीर और शक्कर होना – बिल्कुल घुलमिल जाना । वाक्य – वे दोनो तो जैसे शीर और शक्कर हो गये है ।
  • सगत करना – साथ मे रहना । वाक्य – बुरो को छोड कर ‌‌‌भले लोगो की सगत करो ।
  • सगदिल होना – कठोर होना । वाक्य – वह तो बडा सगदिल है उससे क्या कहूं ।
  • संझा बती करना – शाम को दीपक जलाना । वाक्य – क्या बैठे हो जरा सझा बती तो कर दो अंधेरा हो गया ।
  • संसार की हवा खाना – सांसारिक व्यवहार मे अनुभव प्राप्त करना । वाक्य – चलो चलो 50 वर्ष से संसार की हवा खा रहा हूं तो अब ‌‌‌तुम सिखाने चले हो ।
  • संसार की हवा लगना – सांसारिक रंग चढ जाना । वाक्य – तुम्हे भी संसार की हवाल लग गई क्या ।
  • संसार से नाता तोडना – बैरागी होना या सन्यासी होना । वाक्य – वह तो संसार से नाता तोड कर जगलो मे रहता है ।
  • सट्टा बट्टा लगाना – काम के लिए साधन जुटाना । वाक्य – तुम तो बडी जल्दी सट्टा बट्टा लगा लेते हो काम होते देर ही नही लगती ।
  • सत्तू बांध के खोजना – अच्छी तरह कमर कस कर या तैयार करके किसी चीज ‌‌‌या व्यक्ति की तलाश करना । वाक्य –  अब की बार सत्तू बांध के खोजने निकलूंगा देखें ‌‌‌तो कैसे नही मिलती है ।
  • सत्तू बांध के ‌‌‌पीछे पडना – बुरी तरह पीछे पडना । वाक्य – वह तो तुम्हारे पीछे सत्तू बांध के पडा है ।
  • सत्तू सीधा बांध कर पीछे पडना – किसी कार्य के करने के लिए पूर्ण तैयार हो जाना । वाक्य – वह तो पुत्री की शादी ‌‌‌ के ‌‌‌पीछे सत्तू बांध कर पड गया है ।
  • सत्यानाश करना – बरबाद करना । वाक्य – ‌‌‌अजनबी ने सोमनाथ के मन्दिर का सत्यानाश कर दिया ।
  • सनक सवार होना – ‌‌‌धुन चढना । वाक्य – उसे तो व्यापार करने की सनक सवार हो गई ।
  • सनसना जाना – डर जाना । वाक्य – रात मे उस मुर्दे का ख्याल करके मै सनसना गया ।
  • सन हो जाना ‌‌‌- डर के मारे ठक रह जाना । वाक्य – मैं तो रात को पेड देख कर भूत के भ्रम मे सन हो गया ।
  • षोडश सस्कार समाप्त होना – सोलहो सस्कार समाप्त हो जाना, मर जाना । ससार से विदा हो जाना । ‌‌‌वाक्य – उसके आज षोडश सस्कार समाप्त हो गए ।
  • षड्यंत्र रचना – किसी के विरुद्ध कषटपूर्ण आयोजन करना । वाक्य – तुम षड्यंत्र रच रहे हो यह मुझे मालूम है ।
  • हंस कोए का साथ होना – परस्पर विरोधियो का साथ होना । वाक्य – उन दोनो का साथ ‌‌‌हंस और कोए का है ।
  • हंसते हंसते पेट मे बल पडना – बहुत जोर से हंसना । वाक्य – उसकी बात पर तो हंसते हंसते पेट में बल पड गया ।
  • हंसी मे खांसी होना – दिल्लगी मे झगडे की नोवत आना । वाक्य – तुम इसे समझते नही हो यह बडा दुष्ट है इसकी वजह से यहां ‌‌‌हंसी मे खासी होते देर हनी लगेगी ।
  • हक पर होना – उचित बात की या अधिकार की मांग करना । वाक्य – जो ‌‌‌हक पर होगा उसी की विजय होगी ।
  • हजामत होना – दड होना । वाक्य – सडके की वहां खूब हजामत हुई ।
  • हड्डी पसली दुरुस्त करना – सूब माना । वाक्य – अगर वह चोर पकडा गया होता तो उसकी हड्डी पसली दुरुस्त कर दी जाती ।
  • हथियार डाल देना – अपने को शत्रु के हवाले कर देना । वाक्य – पिछली लडाई मे जापानियो ने हथियार डाल दिये ।
  • हथेली का फफोला – बहुत सुकुमार वस्तु । वाक्य – हथेली के फफोले नही हो सीधे से काम करो नही तो  ‌‌‌खाना नही मिलेगा ।
  • हथेली खुजलाना – कुछ मिलने का शकुन होना । वाक्य – आज सुबह ही से मेरी हथेली खुजला रही है कुछ प्राप्ति अवय होगी ।
  • हथेली पर जान रखना – प्राण की कुछ परवाह न करना । वाक्य – मैं तो देश के लिए हथेली पर जान रखे फिरता रहा हूं ।

इस तरह से दोस्तो आपने 2000 से भी अधिक मुहावरो के बारे में जाना है जो की काफी परिक्षाओ में पूछे जाते है ।

दोस्तो आपको बता दे की इस लिस्ट में आपको जो जो मुहावरे दिखाई दे रहे है वे काफी महत्वपूर्ण है इस कारण से आपको इस पूरी की पूरी लिस्ट को याद कर लेना चाहिए ।

इस लिस्ट में हमने कुछ परिक्षाओ में पूछे जाने वाले मुहावरो को सामिल किया है जो की बार बार परिक्षाओ में आते है तो इन्हे याद करे ।

‌‌‌यहां मुहावरो की कुछ लिस्ट दी जा रही है जो बहुत ही महत्वपूर्ण है ।

फ‌‌‌ से शुरु होने वाले मुहावरे list-1

‌‌‌न से ‌‌‌शुरु होने वाले मुहावरे list -1

ध से मुहावरे list -1

‌‌‌‌‌‌ट से शुरु होने वाले मुहावरे list-1

इ से शुरु होने वाले मुहावरे list – 1

इ से शुरु होने वाले मुहावरे list – 2

उ से शुरु होने वाले मुहावरे list –1

उ से शुरु होने वाले मुहावरे list –2

‌‌‌‌‌‌ऊ से ‌‌‌शुरु होने वाले मुहावरे

‌‌‌‌‌‌क से शुरु होने वाले मुहावरे list -1

‌‌‌‌‌‌औ से शुरु होन वाले मुहावरे

‌‌‌‌‌‌ओ से शुरु होने वाले मुहावरे

‌‌‌‌‌‌ऐ से शुरु होने वाले मुहावरे

‌‌अ से शुरु होने वाले मुहावरे list-2

‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌ए‌‌‌ से शुरु होने वाले मुहावरे list -2

ए‌‌‌ से शुरु होने वाले मुहावरे list -1

‌‌‌‌‌‌ऋ से शुरु होने वाले मुहावरे

झ से शुरु होने वाले मुहावरे list -1‌‌‌

‌‌‌‌‌‌ज ‌‌‌से शुरु होने वाले मुहावरे list-1

‌‌‌‌‌‌छ से शुरु होने वाले मुहावारे list -1

‌‌‌‌‌‌च से शुरु होने वाले मुहावरे list -1

‌‌‌घ से शुरु होने वाले मुहावरे list -1

‌‌‌‌‌‌ग से शुरु होने वाले मुहावरे list -1

आ से शुरु होने वाले मुहावरे list -1

ख से शुरु होने वाले मुहावरे list -1

‌‌‌‌‌‌द से शुरु होने वाले मुहावरे

‌‌‌थ से शुरु होने वाले मुहावरे list -1

‌‌‌ढ से शुरु होने वाले मुहावरे

‌‌‌त से शुरु होने वाले मुहावरे list -1

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Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।