बाग बाग होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य में प्रयोग ‌‌‌बिल्कुल नए रूप में

बाग बाग होना मुहावरे का अर्थ baag baag hona muhavare ka arth – बहुत खुश होना ।

दोस्तो आज के समय में बहुत से लोग ऐसे है जो की जीवन में खुश रहना चाहते है । मगर उनके लिए खुश रहना इतना आसान नही होता है । क्योकी सभी के जीवन में किसी न किसी तरह की परेशानी तो होती ही है । मगर फिर ‌‌‌भी एक समय ऐसा आता है जब मानव काफी खुश हो जाता है । तो जब मानव खुश होता है तो इसे बाग बाग होना भी कहा जाता है ।

इस कारण से दोस्तो जब भी मानव बहुत खुश होता है तो इसे बाग बाग होना कह सकते है ।

बाग बाग होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य में प्रयोग ‌‌‌बिल्कुल नए रूप में

बाग बाग होना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग  || baag baag hona use of idioms in sentences in Hindi

1.            बेटी की नोकरी की खबर सुन कर महेश बाग बाग हो गया ।

2.            सजनी के घर में एक नन्हे बच्चे का जन्म हो गया और इसी खबर ने सभी को बाग बाग कर दिया ।

3.            आपकी बाते सुन कर मैं तो बाग बाग हो गया ।

4.            महेश जब डॉक्टर के रूप में अधिकारी बना तो वही नही बल्की उसके घर के सभी ‌‌‌सदस्य बाग बाग हो गए ।

5.            अगर बेटा नोकरी लग जाता तो माता पिता भी बाग बाग हो जाते ।

6.            संजना का विवाह एक अच्छे घर में हो गया यही हमारे बाग बाग होने के लिए काफी है ।

7.            ‌‌‌जब राहुल ने अपने बचपन के दोस्त को अपनी ही कंपनी में काम करते हुए देखा तो वह बाग बाग हो गया ।

‌‌‌बाग बाग होना मुहावरे पर कहानी  || story on idiom baag baag hona in Hindi

बहुत समय पहले की बात है एक गाव हुआ करता था जहां पर धनमल नाम का एक बहुत ही अमीर सेठ रहता था । सेठ जो था वह पहले उस गाव में नही रहता था बल्की वह दूसरे गाव से रहने के लिए यहां पर आया था । तो सेठ जब इस गाव में रहने के लिए आया था तो वह गाव में किसी को नही जानता था ।

‌‌‌और आपको बता दे की सेठधनमल जो था वह इस गाव में आने के बाद ही धनवान बना था । इस कारण से सेठ ने फिर यह निश्चय कर लिया की वह अपनी पूरी उम्र इसी गाव में गुजारने वाला है ।

सेठ के धनवान होने के कारण से गाव के लोगो ने अपने आप उनसे रिश्ता बनाना शुरू कर दिया और गाव के सभी लोग सेठ धनमल से बोलने लगे ‌‌‌थे  ।सेठधनमत का कोई नही था बल्की उसकी पत्नी और दो लड़के ही थे । जिनके साथ सेठधनमत अपना जीवन गुजारता था । और इस तरह से  सेठ धनमल का जीवन चलता रहता था । सेठधनमल के दोनो बेटो का नाम रमेश और सुरेश था ।

सेठधनमल चाहता था की उनके दोनो बेटे कुछ बड़ा करे इसी कारण से उसने अपने बेटो को शहर में पढने के ‌‌‌लिए भेजा था । उस समय गाव में कोई सरकारी विद्यालय नही था तो सेठ धनमल ने दोनो को पराइवेट विद्यालय में ही अध्ययन करने के लिए भेजा था । जिसके कारण से सेठ धनमल के दोनो बेटे रमेश और सुरेश शहर में जाकर पढने लगे थे ।

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दोनो बेटे काफी होसियार थे जो भी कक्षा में उन्हे बताया जाता था उसे पल भर में याद ‌‌‌कर लेते थे । जिसके कारण से सेठधनमल ने दोनो से यह उमीद लगा की वे अपने जीवन में कुछ बड़ा कर सकते है । सेठधनमल ने अपने दोनो बेटो को अच्छा अधिकारी बनाने की ठान ली थी और वह दोनो को खुब मेहनत करने के लिए कहता था । इसी तरह से अध्ययन करते हुए सेठधमल के दोनो बेटे रमेश और सुरेश बड़े हो रहे थे ।

‌‌‌क्योकी आपको पता है की आज जो व्यक्ति पैसे पानी की तरह बहा देता है वही जीवन में सफल हो सकता है तो सेठधनमल ने फिर ऐसा ही किया था और अपने पास जो कुछ था वह रमेश और सुरेश के अध्ययन में लगाने लगा था ।

अब सुरेश जो था वह पढने में जरा कम रूची लेने लगा था मगर रमेश अधिक पढना चाहता था तो वह इसी तरह से ‌‌‌पढने में अपना समय बिताता था । मगर सुरेश के न पढने के कारण से धनमल काफी दुखी था । वह सुरेश को अपने सपने के बारे में बताता है तब सुरेश कहता है की पिताजी मैं कुछ ऐसा करना चाहता हूं जिससे न केवल मुझे इस शहर और गाव के लोग ही जाने बल्की विदेश में भी मेरा नाम हो । और यही सोच कर ‌‌‌मैं अध्ययन कम करता हूं इस बारे में सुरेश ने धनमल को बताया ।

धनमल ने सुरेश की बात सुनी और उससे कहा की ठिक है अगर तुम ऐसा करते हो तो भी मुझे किसी तरह का एतराज नही है बस जीवन में सफल होना है । अगर तुम जीवन में सफल हो जाते हो तब जाकर मैं बाग बाग हो सकूगा ।

तब सेठधनमल ने सुरेश को कुछ व्यापार करने ‌‌‌की सलाह दी और अपने पिता की सलाह मान कर सुरेश व्यापार करने लग जाता है । और वही पर रमेश था जो अध्ययन कर कर आगे बढने का ख्वाब देखना चाहता था । इस तरह से दोनो भाईयो की अगल अगल तरह की सोच थी । मगर दोनो का सपना एक ही था की जीवन में सफल होना है ।और सफलता इतनी हासिल करनी है की हर कोई पूछ की यह कोन ‌‌‌है तो इज्जत की जाए।

‌‌‌बाग बाग होना मुहावरे पर कहानी   story on idiom baag baag hona in Hindi

रमेश था वह अब पढ लिख चुका था तो उसने जॉब के लिए तैयारी करनी शुरू कर दि थी और वही पर सुरेश जो था वह एक अपना ही बिजनेश तैयार करने में लगा रहा था ।

इस तरह से दोनो भाईयो ने काफी समय तक मेहनत की और एक दिन धनमल को पता चलता है की रमेश जो है वह शहर कार कलेक्टर बन गया है । और ‌‌‌यह बात जैसे ही धनमल ने सुनी तो वह बाग बाग हो गया और वह अपने बेटे की सफलता के लिए खुशिया मनाने लगा था । उस दिन रमेश का पूरा परिवार ही खुशी मना रहा था। तब उस दिन धनमल ने अपने बेटे सुरेश से कहा की तुम्हारा भाई तो सफल हो चुका है मगर तुम्हे भी सफल होना है और उस दिन मैं बाग बाग होउगा ।

‌‌‌तब सुरेश ने कहा की पिताजी आप जरा कुछ समय का इंतजार कर ले आपको मैं जरूर खुश कर कर रहुगा । मै जब जीवन में सफलता प्राप्त करूगा तो आप काफी अधिक खुश होगे ।

अगले दिन की बात है की सुरेश को एक ऐसा काम मिलता है जिसमें काफी अच्छा मुनाफा होता है और उस काम को करने के कारण से वह सफलता की और कदम बढा ‌‌‌लेता है । इस कारण से सुरेश ने उस काम को करने का निर्णय लिया और आपको जान कर हैरानी होगी की उस एक काम के कारण से वह एक अच्छा व्यापारी बन गया था । अब उसके पास अच्छे अच्छे काम आने लगे थे । और यह सब देख कर उसने एक कार बनाने की कंपनी शुरू की और अपने ध्ययन का उपयोग कर कर दुनिया में ऐसी कोई कार ‌‌‌थी वह बना दी ।

और यह जो कार थी वह तेल से तो चलती ही थी मगर इसका फायदा यह था की काफी तेज गति से चल सकती थी और भी इस कार में काफी अच्छी खुबी थी जिसके कारण से एक महिने के अंदर अंदर वह कार विदेशो में भी बेची जाने लगी थी और यही कारण था की सुरेश अब सफलता प्राप्त कर चुका था ।

अब सुरेश को काफी ‌‌‌अधिक लोग जानने लगे थे और वह अच्छा मुनाफा हासिल करने लगा था । तब धनमल ने सुरेश से कहा की बेटा तुमने तो अच्छी सफलता हासिल की है जिसके कारण से मैं तो बाग बाग हो गया हूं । इस तरह से कहने पर सुरेश ने कहा की पिताजी यह तो आप सभी के साथ के कारण से संभव हो पाया था ।

उस दिन के बाद में सुरेश और ‌‌‌रमेश न केवल अपने गाव मे जाने जाने लगे बल्की विदेशो में भी पहचाने जाने लग गए थे । और यह सब काफी अच्छा और मेजदार था ।

उस दिन से गाव में रहने वाला हर कोई इसी तरह का कुछ करने के बारे में सपना देखने लगा था और वे भी चाहते थे की जीवन में कुछ ऐसा ही किया जाए जो की सफलता हासिल करने के लिए काफी हो ‌‌‌इस तरह से सुरेश और रमेश की सफलता की कहानी आपने सुनी है।

‌‌‌वैसे दोस्तो आपको बता दे की हमने इस कहानी को बाग बाग होना मुहावरे के अर्थ, baag baag hona muhavare ka arth के उपर आपको बताने का प्रयास किया है । ताकी आप यह समझ सके की मुहावरे का अर्थ क्या है ।

‌‌‌बाग बाग होना मुहावरे पर निबंध || baag baag hona essay on idioms in Hindi

साथियो आपको बता दे की जब मानव किसी कारण से खुश होता है तो इसे बाग बाग होना कहा जाता है । जैसे की हम बात कहानी से करते है तो हमने देखा है की जब धनमल खुश होता है तो वहां पर बाग बाग होना मुहावरे का प्रयोग किया गया था ।

ऐसा इस कारण से किया गया था ताकी आपको मुहावरा ‌‌‌जो है वह पूरी तरह से समझ में आ जाए ।

‌‌‌बाग बाग होना मुहावरे पर कहानी   story on idiom baag baag hona in Hindi

वैस जब रमेश नोकरी लगता है तो धनमल इससे काफी अधिक खुश होता है और जब सुरेश जो होता है वह व्यापार में सफल होता है तब भी धनमल काफी खुश होता है । तो इस बात से समझ में आता है की खुश धनमल हो रहा है ओर इसे ही हम बाग बाग होना कहते है ।

वैस जीवन में खुश सभी रहना ‌‌‌चाहते है मगर यह सभी के लिए संभव नही है । क्योकी जीवन में कई तरह की परेशानिया आती रहती है जो की मानव को दूखी कर देती है और मानव के दुख का कारण बनती है । तो इस बात का मतलब यह होता है की मानव के दूखी होने के पीछे किसी तरह की परेशानी का कारण होता है ।

तो जब मानव परेशान होता है तो हम इसे बाग बाग ‌‌‌होना कभी कह ही नही सकते है  और इस बारे में आपको पता होना जरूरी होता है ।

वैसे बाग बाग होना आपको लेख कैसा लगा कमेंट में बता देना ।

‌‌‌इस तरह से दोस्तो हमने इस लेख में बाग बाग होना मुहावरे के अर्थ, baag baag hona muhavare ka arth के बारे में जान लिया है । तो आशा करते है की आपको यह मुहावरा अच्छी तरह से समझ में आया होगा ।

Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।