काम चांदी होना मुहावरे का मतलब और वाक्य में प्रयोग व मुहावरे पर कहानी

काम चांदी होना मुहावरे का अर्थ kaam chandi hona muhavare ka arth  – बहुत अधिक लाभ होना

दोस्तो वर्तमान मे सोने का भाव बढता जा रहा है साथ साथ चांदी का भाव भी बढता है । मगर वह सोने के मुकाबले बहुत ही सस्ती है। जिसके कारण से चांदी को खरीदना आसान है । ‌‌‌मगर जब कोई व्यक्ति चांदी को इतना अधिक खरीद लेता है की वह धनवान बन जाता है तो ‌‌‌उसके लिए कहा जाता है की यह तो चांदी खरीद कर धनवान बन गया ।

 मगर जब कोई व्यक्ति अपना काम कर कर धनवान तो होता है तो उसके लिए कहा जाता है की यह तो काम कर कर धनवान बन गया । ‌‌‌इस तरह से काम करने के कारण से उस व्यक्ति को खुब लाभ हुआ तब जाकर वह धनवान बन सका था । इस कारण से जब भी कभी किसी व्यक्ति को ‌‌‌किसी भी कारण से बहुत अधिक लाभ होता है तब इस मुहावरे का प्रयोग करते हुए काम चांदी होना कहा जाता है ।

काम चांदी होना मुहावरे का मतलब और वाक्य में प्रयोग व मुहावरे पर कहानी

काम चांदी होना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग kaam chandi hona muhavare ka vakya me prayog

  • अगर एक बार पढ लिख कर नोकरी लग जाओगे तो बादमे काम चांदी होगी जिसके कारण से तुम्हे किसी चिज की जरूरत नही पडेगी ।
  • रविकांत ने ई मित्र खोल लिया जिसके कारण से आजकल उसके पास काम चांदी हो रही है ।
  • रामलाल जब से दरोगा की नोकरी ‌‌‌की नोकरी मे लगा है तब से रामलाल के घर मे काम चादी हो गई ।
  • महेश ने जब शहर मे पकडो बनाने की दुकान खोली है तब से उसे बहुत काम चादी मिल रही है ।
  • बेटा हम गरीब हुए तो क्या हुआ जब तुम नोकरी लग जाओगे तो हमारे पास भी काम चांदी होगी ।
  • काम चांदी होने के कारण से हजारी के सारे दुख दूर हो गए ।
  • पिताजी मैं बडा होकर ऐसा काम करूगा जिसके कारण से हमारी काम चांदी होते देर नही लगेगी ।
  • जब से‌‌‌ घीसेखां का बेटा विदेश कमाने के लिए गया है तब से घीसेखां की काम चांदी हो रही है ।

‌‌‌काम चांदी होना मुहावरे पर कहानी kaam chandi hona muhavare par kahani

प्राचिन समय की बात है किसी नगर मे एक साहुकार रहा करता था । साहुकार अपने राज्य से बाहर जाकर अपने राज्य की वस्तुओं को बचने का काम किया करता था । जिसके कारण से उसे अच्छा धन हासिल हो जाता था। मगर इस तरह से बाहर जाकर समान बचने से साहुकार के राज्य का राजा उससे ‌‌‌टेक्स के तोर पर कुछ रूपय वसुल लेता था ।

इस तरह से चाहे जो भी कारण हो राजा अपने राज्य से बाहर किसी ‌‌‌को भी वस्तुओ के बेचने के लिए जब भी भेजता तो उससे टेक्स लेता था । चाहे फिर किसी का समान बिका हो या ना बिका हो । इस तरह से साहुकार का जीवन अच्छा चल रहा था की एक बार उस राज्य पर किसी राजा ने ‌‌‌हमला कर दिया था ।

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जिसके कारण से साहुकार अपने राज्य से बाहर समान बचने के लिए नही जा पाया । जब युद्ध खत्म हुआ तब तक साहुकार का काम पूरी तरह से ठप पड गया था । अब साहुकार निराश होकर ही समान बचने के लिए राज्य से बहार जाता । मगर जितना समान नही बिकता ‌‌‌था उतना तो उसका टेक्स कट जाता‌‌‌ था ।

जिसके कारण से साहुकार को फायदा नही हो रहा था जिससे साहुकार धिरे धिरे अपना यह काम करना बंद कर दिया था । अब साहुकार के घर मे उसका एक छोटा बेटा भी था मगर वह अभी काफी छोटा था जिसके कारण से साहुकार अपना घर चलाने के लिए उसी राजा ‌‌‌में धोबी का काम करने लगा था ।

जिसके कारण से साहुकार का केवल घर ही चल जाया करता था । इसी तरह से साहुकार को काम करते हुए पूरे 15 वर्ष बित गए । मगर अभी तक साहुकार का घर इसी तरह से चल रहा था । मगर 15 वर्षो के बाद मे साहुकार का बेटा बडा हो गया । जिसके कारण से वह भी काम करने की शोचने लगा था ।

तब साहुकार की पत्नी ने अपने बेटे से कहा की तुम्हारा पिता पहले ‌‌‌राज्य से बाहर वस्तुओ को बेचने के लिए जाता था । जिसके कारण से उन्हे काफी अधिक धन मिल जाया करता था । साथ ही उसने अपने बेटे से कहा की बेटा अगर वह काम आज भी ‌‌‌वैसे ही चलता रहता तो हम काफी धनवान हो जाते ।

अपनी मां की ऐसी बात सुन कर बेटे को भी वही काम करने की इच्छा होने लगी । जिसके कारण से वह ‌‌‌साहुकार का काम करने के ‌‌‌लिए अपने पिता से बात करने लगा था । परन्तु पिता ने कहा की नही बेटा अब उसमे इतना फायदा नही है।

मगर बेटे ने साहुकार की एक नही सुनी और वह काम करने के लिए चला गया । मगर उसने अब सभी वस्तुओ को बडी ही अनोखी तरह से सजा धजा लिया और फिर अपने राज्य से बहार निकला । जब वह राज्य से ‌‌‌बाहर निकल कर वस्तु बेचने लगा तो पहले दिन उसे बहुत ही ‌‌‌नुकसान हुआ और उसकी वस्तु नही बिक पाई ।

जिसके कारण से रात बिताने के लिए साहुकार का बेटा उसी राज्य मे रह गया । अगले दिन भी ऐसा ही हुआ जिसके कारण से साहुकार का बेटा अगले दिन भी अपने घर नही गया था । मगर अब उसे पता चल गया था की वस्तुओ ‌‌‌को किस तरह से बेचनी है । इस कारण से अगले ही दिन उसने बाजर भाव से भी कम रूपयो मे अपनी वस्तु बेचनी शुरू कर दी ।

जिसे देख कर लोग सोचने लगे की इसे तिन दिन हो गए है यहां पर जिसके कारण से ही यह इतनी सस्ती वस्तु बेच रहा है । इस तरह से वस्तु बेच कर वह वहां से चला गया । मगर अब उसे ज्यादा फायदा ‌‌‌नही हुआ था । फिर भी टेक्स और वस्तुओ का खर्चा निकाल कर उसका घर चल जाए इतने रूपय ‌‌‌उसने कमा लिए थे ।

इस ‌‌‌तरह से तीन दिनो के बाद मे वह अपने घर चला गया । घर जाने के बाद मे जब साहुकार ने अपने बेटे से पुछा की इतने दिनो तक कहा थे । तब उसने अपने पिता को सारी बात बता दी । जिसके कारण से साहुकार ने कहा ‌‌‌की बेटा इसमे फायदा नही होगा मैं पहले ही कह रहा था ।

मगर साहुकार का बेटा अब भी नही माना बल्की अगले दिन फिर वह साहुकारी करने के लिए जाने लगा था । जिसे देख कर साहुकार फिर से उसे रोकने लगा । मगर वह अपने पिता की एक बात नही सुन रहा था बल्की कहने लगा की पिताजी ‌‌‌आप अब बेफिकर हो जाओ मैं वहां ‌‌‌दो तीन दिनो तक रहकर अपनी वस्तु बेचुगा जिसके कारण से हमारा काम चांदी हो जाएगा

इस तरह से कह कर वह चला गया । मगर अब साहुकार का बेटा बहुत अधिक वस्तु अपने साथ लेकर गया था । जिसे दो दिनो के अंदर अंदर बेच कर अपने घर आ गया । साथ ही टेक्स भरने के बाद भी उसे बहुत अधिक लाभ हासिल हुआ ।

जिसे ‌‌‌देख कर साहुकार भी ‌‌‌हेरान हो गया और कहने लगा की वाह बेटा आज तो तुम्हारे काम के कारण से हमारा सच मे काम चांदी हो गया । तब साहुकार को उसके बेटे ने बताया की वह किस तरह से समान बेच रहा है। इसी तरह से अगले दो दिनो मे हुआ । और इसी तरह से जब एक महिने तक चलता रहा तो साहुकार को भी लगा की वह भी अपना काम‌‌‌ फिर से चालू करे ‌‌‌तो अच्छा रहे ।

‌‌‌काम चांदी होना मुहावरे पर कहानी kaam chandi hona muhavare par kahani

ऐसा सोच कर वह भी अपने बेटे के साथ इसी तरह से और बहुत अधिक वस्तु लेकर जाने लगा । जिसके कारण से साहुकार और उसके बेटे ने खुब धन कामान शुरू कर दिया । जिसके कारण से उनका जीवन बहुत ही अच्छी तरह से चलने गला था ।

जिसे देख कर राजा भी सोचने लगा की साहुकार के बेटे ने तो काम चांदी ‌‌‌होने वाला काम कर दिया । इसी तरह से फिर साहुकार का जीवन चलता गया । इस तरह से आपको इस कहानी का अर्थ समझ मे आ गया होगा ।

काम चांदी होना मुहावरे पर निबंध  kaam chandi hona muhavare par nibandh

‌‌‌साथियो आपने उपर दी गई कहानी मे पढा होगा की किस तरह से साहुकार के बेटे के कारण से साहुकार के घर मे धन आने लगा था । जिसके कारण से साहुकार भी अपना पुराना काम करने लगा था । इस तरह से जब दोनो बाप बेटे ने साथ काम किया तो उन्हे बहुत अधिक लाभ प्राप्त हुआ ।

इस तरह से जब उन्हे लाभ प्राप्त हुआ तब ‌‌‌इसे काम चांदी होना कहा गया था । जिसके कारण से कहा जा सकता है की बहुत अधिक लाभ होने पर इसे काम चांदी होना ही कहते है । इस तरह से इस मुहावरे का प्रयोग ऐसी अनेक जगहो पर प्रयोग होता है जहा पर बहुत अधिक लाभ प्राप्त होता है ।

क्योकी आपको पता है की मनुष्य के जीवन मे ऐसे बहुत से कार्य है जिन्हे‌‌‌ करने पर बहुत अधिक लाभ प्राप्त होता है । यह लाभ धन मे भी हो कसता है । इस कारण से लाभ किसी भी कारण से प्राप्त हो रहा हो मगर जब बहुत अधिक लाभ होता है तब ही इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है । यानि संक्षिप्त मे कह सकते है की बहुत अधिक लाभ होना मुहावरे का सही अर्थ है ।

काम चांदी होना मुहावरे का तात्पर्य क्या होता है || What is the meaning of kaam chandi hona in Hindi

दोस्तो अगर आप अपने पिताजी से कहेगे की पिताजी आप काम क्यों करते है तो उनका एक ही उत्तर होगा की पैसे कमाने के लिए । और शायद आप भी इस बात को जानते है ।

तो अगर आप काम करते है तो उसके बदले में आपको पैसे के स्थान पर चांदी मिलने लग जाए तो आपके लिए यह अच्छा होगा या बुरा । मेरे अनुसार यह अच्छा होगा । क्योकी काम करने के ​पर अलग अलग किमत मिलती है जो की पैसे कम और अधिक होते है।

मगर चांदी अगर दी जाती है तो जो पैसे मिलते है उनसे अधिक ही किमत उसकी रहती है । और इसका मतलब है की काम करने से चांदी मिल रही है तो इससे बहुत ही अधिक लाभ होता है ।

और इसी बात से आप यह समझ ले की kaam chandi hona muhavare ka arth  – बहुत अधिक लाभ होना होता है । और जहां पर बहुत अधिक लाभ होने की बात होती है वही पर इस मुहावरे का वाक्य में प्रयोग किया जाता है ।

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Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।