‌‌‌फलना फूलना मुहावरे का अर्थ और वाक्य में प्रयोग व निबंध

फलना फूलना मुहावरे का अर्थ phalana phulana muhavare ka arth  – उन्नति करना

दोसतो उन्नति करना उसे कहा जाता है जो अपने कार्य मे आगे बढता जाए । यानि अपने कार्य मे सफलत होते रहने को ही उन्नति करना कहा जाता है । साथ ही फलना फूलना का अर्थ निकालने के लिए हम एक तरबुज का ‌‌‌उदाहरण लेते है जो पहले एक छोटा सा दिखने वाला होता है । मगर समय समय के साथ वह अपने आकार को बढाता रहता है और ‌‌‌जीसके कारण अंदर होने वाला खाद्य प्रदार्थ भी बढने लगता है ।

इस तरह से वह अपने आकार मे बढ जाता है यानि वह उन्नति कर लेता है । इसी तरह से इंसान अपने जीवन मे अनेक तरह के कार्य करता है ‌‌‌जिनमे वह सफल होना चाहता है । इन कार्यो मे जो कोई व्यक्ति सफल हो जाता है उसे उन्नति करना कहा जाता है । इस कारण से उन्नति करना तरबुज और इंसान दोनो के लिए समान हो जाता है जिससे इसे भी फलना फूलना कहा जाने लगा ।

‌‌‌फलना फूलना मुहावरे का अर्थ और वाक्य में प्रयोग व निबंध

फलना फूलना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग phalana phulana muhavare ka vakya me prayog

  • ‌‌‌जब बेटा विदेश पढाई करने के लिए जा रहा था तो श्याम ने आर्शिवाद देते हुए कहा की वहा जाकर फलना फूलना और फिर हमारे पास आना ।
  • जब रमेश अध्यापक के पैर ‌‌‌छू कर पेपर देने के लिए बैठा तो अध्यापक ने कहा की बेटा फलना फूलना ।
  • लालूयादव हमेशा सभी को फलने फूलने का ही आर्शिवाद देता है ।
  • ‌‌‌जब मैंने एक बुडिया की ‌‌‌मदद की तो बुडिया ने उसे कहा की बेटा तुमने इस दुखियारी की मदद की है मेरा आर्शिवाद है की फलना फूलना ।
  • जब अपने फलने फूलने का आर्शिवाद दे ही दिया तो मैं इस काम मे सफल होकर ही घर आउगा ।
  • जब राम ने नया बिजनेस स्टाट किया तो वह गाव के लोगो में मिठाई ‌‌‌बाटने लगा जिसके कारण से गाव के लोगो ने कहा की‌‌‌ फलना फूलना ।
  • कुलकरणी पहले बहुत ही गरीब हुआ करता था परन्तु बेटे की नोकरी लगने के बाद मे उसके पास इतना अधिक धन आ गया जैसे मानो बेटा फलने फूलने लगा ।
  • बेटी ने अपनी शिक्षा मे ‌‌‌सफल होकर अपने माता पिता की खुब सेवा की जिसे देख कर लोग कहते की इसने तो अपने शिक्षा मे फलना फूलने वाला काम कर दिया ।

फलना फूलना मुहावरे पर कहानी  phalana phulana muhavare par kahani

‌‌‌कुछ समय पहले की बात है किसी नगर मे कुलकरणी नाम का एक आदमी रहा करता था । जिसके घर मे उसकी पत्नी और एक बेटा रहा करता था । कुलकरणी बहुत ही गरीब घर से था उनके घर मे समय पर खाना ‌‌‌मुश्किल से मिलता था । जिसके कारण से वह अपने बेटे को पढाने के बारे मे तो सोच भी कैसे सकता था ।

मगर फिर भी उन्होने जब आस पास के ‌‌‌लड़को को पढाई करने के लिए विधालय जाते हुए देखा तो वह भी सोचने लगा की उसका बेटा आखिर घर कैसे रह सकता है वह भी शिक्षा ग्रहण करेगा । ऐसा सोच कर कुलकरणी ने अपने  ‌‌‌बेटे को भी पढाई करने के लिए विधालय भेजने लगा ।

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मगर कुलकरणी के पास पैसे थे नही जिसके कारण से वह पैसे उधार लेता गया और अपने बेटे से कहने लगा की बेटा मैं तुम्हारे कि लए ही सब कुछ कर रहा हूं और तुम्हे ही ये अपने पढाई के पैसे कमा कर उतारने होगे । क्योकी कुलकरणी जिस व्यक्ति ‌‌‌से पैसे उधार लेता था वह बहुत ही अच्छा था जिसके कारण से उसने ज्यादा ब्याज नही लगाए और पैसे आराम से देने को कह दिया था ।

इस तरह से कुलकरणी के बेटे की पढाई शुरू हो गई थी । क्योकी बेटे को पता था की उसका पिता उसे कितनी मुश्किलों से पढा रहा है जिसके कारण से उसने बहुत ही अच्छी पढाई की और अपने ‌‌‌विधालय मे हर बार टॉपर बन जाता था । जिसके कारण से अध्यापक भी उसे होसियार मानने लगे थे ।

साथ ही कुलकरणी के बेटे ने जब दसवी कक्षा भी टॉप की तो उसका गाव मे खुब नाम हुआ था । क्योकी आगे पढना जरूरी था उसके बिना कुछ नही ‌‌‌हो सकता था मगर आगे पढाने के लिए कुलकरणी के पैसे पेसे नही थे और वह उस आदमी से पैसे और लेना नही चाहता था ।

क्योकी पैसे बहुत अधिक बढ रहे थे । जब उस आदमी को इस बारे मे पता चला तो वह कुलकरणी से कहने लगा की अगर तुमने अपने बेटे को आगे पढने के लिए शहर नही भेजा तो इतनी पढाई बेकार हो जाएगी क्योकी वह ‌‌‌नोकरी नही कर पाएगा । उस आदमी के समझाने पर भी कुलकरणी नही माना और कहने लगा की पैसे बहुत अधिक हो रहे है।

ऐसा कहने पर उस आदमी ने कहा की ठिक है तुम अपने बेटे को पढने के लिए भेज दो और ‌‌‌जितना भी खर्चा आएगा वह मैं दे दुगा । अगर वह अपने कार्य मे फलता फूलता है तो तुम मुझे दो गुने पैसे दोगे अगर वह अपने ‌‌‌कार्य मे सफल नही हो पता है तो तुम मुझे कुछ मत देना ।

ऐसा कहने पर कुलकरणी मान गया । जिसके कारण से वह अपने बेटे को शहर भेजने लगा था । जब बेटा शहर जा रहा था तो उससे पहले कुलकरणी ने उसे उस आदमी के पास ले गया । तब उस आदमी ने कहा की बेटा मैं तुम्हे पढाने के लिए पैसे लगा रहा हूं तुम शहर जाकर खुब पढना ‌‌‌और नोकर लग जाना ।

साथ ही उस आदमी की पत्नी ने कहा की बेटा खुश फलना फूलना । इस तरह से फिर उस आदमी ने कुलकरणी के बेटे को पढने के लिए शहर भेज दिया । शहर जाने के बाद मे बेटे ने बहुत ही अच्छी पढाई की और वहां भी प्रथम आने लगा । जिसे देख कर वह आदमी और कुलकरणी ‌‌दोनो खुश थे ।

इसी तरह से जब कुलकरणी के बेटे की पढाई ‌‌‌पूरी हो गई तो वह दो महिनो मे बहुत ही अच्छी नोकरी लग गया । जिसके बारे मे कुलकरणी को पता नही था बल्की जब बेटा शहर से अपने गाव आया तो सबसे पहले उसने अपने पिता को यह बात बताई और बादमे उस आदमी को यह बात बताई ।

जिसे जान कर दोनो ही बहुत खुश था । ‌‌‌इसी तरह से जब कुलकरणी का बेटा नोकरी करने के लिए जाने लगा तो वह फिर से उस आदमी के पास गया तो उस आदमी ने कहा की तुम्हारे पिता बहुत मेहन्त कर कर तुम्हे पढाया है । इस कारण से तुम अपने काम मे बहुत खुब फलना फूलना ।

यह सुन कर ‌‌‌कुलकरणी का बेटा कहने लगा की सेठ जी ‌‌‌आपकी मदत के कारण ही मैं इतना पढ सका था । साथ ही ‌‌‌अपने पिता को भी यही बात कहने लगा था । साथ ही दोनो से कहा की मैं अपने कार्य मे सबसे अच्छा बन जाउगा । इस तरह से फिर वह नोकरी करने के लिए चला गया ।

इस तरह से नोकरी लग जाने ‌‌‌के बाद मे कुलकरणी ने अपने बेटे की पहली तनख्वाह से उस आदमी का कर्जा उतारना शुरू कर दिया । ‌‌‌इस तरह से वादे के अनुसार कुलकरणी ने उस आदमी को दोगुने पैसे दिए साथ ही उसका यह आभार जीवन भर मानता रहा है ।

फलना फूलना मुहावरे पर कहानी  phalana phulana muhavare par kahani

साथ कुलकरणी का बेटा भी हमेशा उस आदमी के पास जाता और उसका आभार अपने जीवन मे कभी नही भुला था । इस तरह से फिर कुलकरणी के बेटे ने अपने जीवन मे बहुत उन्नति की । इस तरह से आपको इस मुहावरे का ‌‌‌अर्थ आप समझ गए होगे

फलना फूलना मुहावरे ‌‌‌पर निबंध  phalana phulana muhavare par nibandh

साथियो मनुष्य अपने जीवन मे जिन कार्यो मे सफल होता रहता है तो उन कार्यो मे उन्नति करना कहा जाता है । इसी कारण से सभी अपने कार्य मे उन्नति करने के लिए आज लगे हुए है । जिसके कारण से हर कोई दिन रात एक कर देता है । कुछ लोग नोकरी ‌‌‌लगने के बाद मे उसमे उन्नति करना चाहते है तो कुछ अपने स्वयं के बिजनेश मे ।

मगर छोटे से लेकर बडों तक सभी उन्नति करने के बारे मे सोचते रहते है। इस कारण से जो व्यक्ति उन्नति करने लग जाता है तो उसे फलना फूलना कहा जाता है । इस तरह से इस मुहावरे का अर्थ उन्नति करना होता है ।

फलना फूलना मुहावरे का तात्पर्य क्या होता है || What is the meaning of phalana phulana in Hindi

अगर आप कभी अपने दादा या फिर अपने से बडे के पैर को छूए है अगर हां तो आपको पता होगा की बहुत से बड़े लोग एक ही बात कहते है की बेटा या बेटी तुम जीवन मे खुब फलो फूलो ।

मगर इसके जब मतलब की बात आती है तो कुछ लोग ऐसा समझ लेते है की यह मोटा होने की बात की जा रही है। मगर फलने फूलने का मतलब जीवन में उन्नति करने से होता है ।

इसका मतलब है की दादाजी या फिर जो बड़ा होता है वह यह आर्शिवाद देता है की तुम अपने जीवन में खुब उन्नति करो और यह एक अच्छा आर्शिवाद होता है और यह आप भी जानते है ।

तो इसी छोटी सी बात के कारण से आप यह समझ सकते है की phalana phulana muhavare ka arth  – उन्नति करना होता है। ओर इस बात का मतलब है की जहां पर उन्नति करने की बात आती है वही पर इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है ।

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Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।