बोलबाला होना मुहावरे का मतलब और वाक्य व निबंध

बोलबाला होना मुहावरे का अर्थ bolbala hona muhavare ka arth – धाक जमना या प्रभाव होना

दोस्तो जो व्यक्ति अन्यों से अलग होता है उसे हर कोई जानता है । साथ ही ऐसे व्यक्तियो की बात सभी बडी आसानी से मान लेते है । इसके अलावा इस तरह के व्यक्तियो की हर समय बात चलती ही रहती है इस तरह के व्यक्तियो की वहां धाक जमी होती है या कह सकते है की उनका प्रभाव वहां पर है । जब कभी इस तरह का व्यक्ति कही पर होता है तो कहा जाता है की उसका वहां पर बोलबाला है ।

बोलबाला होना मुहावरे का मतलब और वाक्य व निबंध

बोलबाला होना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग bolbala hona muhavare ka vakya me prayog

  • ‌‌‌ रवीना के दसवी कक्षा मे प्रथम आने के कारण से उसका गाव मे खुब बोलबाला रहा ।
  • महेशयादव के पास धन की क्या कमी है तब ही गाव के सभी लोग उनकी एक ‌‌‌भी बात नही टालते है सच है जिसके पास धन है ‌‌‌उसी का बोलबाला है ।
  • बोलीवुड मे आजकल अजय देवग का बोलबाला चल रहा है ।
  • बारिश के दिनो मे किसान बारिश को हर दम याद करते रहते है जैसे मानो बारिश का बोलबाला चल रहा हो ।
  • भारत मे हर ‌‌‌कोई नोकरी करना चाहता है सच है नोकरी का बोलबाला है।
  • कुलदिप ने बडे ही खुबसुरत वचन कह कर कुछ लोगो के दिलो मे अपना नाम रख लिया जिसके कारण से दो तिन दिनो तक कुलदिप का खुब बोलबाला रहा ।
  • राजा ने शेर को मार कर अपनी प्रजा को बचाया तो प्रजा के दिलो मे राजा का बोलबाला हो गया ।
  • किसनलाल बडा ही नेक‌‌‌ दिल आदमी है तभी उनका बोलबाला पुरे गाव मे ‌‌‌है ।
  • सेठधनराम जो कहते है गाव के लोग वही काम करते है सच है सेठ धनराम का बोलबाला चल रहा है ।
  • अगर आपको अपना कार्य करवाना है तो कुंदनसिंह से बात कर लो क्योकी यहां पर उनका बडा बोलबाला ‌‌‌है ।

बोलबाला होना मुहावरे पर कहानी bolbala hona muhavare par kahani

प्राचिन समय की बात है किसी नगर मे एक सेठ रहा करता था । सेठ के पास धन दोलत की कोई कमी नही थी मगर वह सेठ अपने धन पर लोभ कर लेता और किसी की ‌‌‌मदद नही करता था । इतना धन होने के बाद भी गाव का कोई ‌‌‌भी व्यक्ति उसे धनवान नही समझता था ।

साथ ही अगर सेठ किसी काम के लिए ‌‌‌गाव के लोगो को कहता तो गाव के लोग उसकी बात नही मानते थे । सेठ यह देख कर बहुत ही दुखी होता और सोचता की मेरे पास इतने पैसे होने के बाद भी गाव का कोई भी मेरी बात नही मानता है। मगर वह चाहता था की गाव मे हर कोई उसकी ही बात माने ।

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इस कारण से वह ऐसा करने का प्रयास करता रहता था । मगर उसे पता नही था की ‌‌‌गाव के लोगो के दिलो मे अपना स्थान कैसे बनाया जाता है । इसी तरह से उसका जीवन चल रहा था की एक दिन की बात है ‌‌‌उसके sपास के ‌‌‌दुसरे गाव का रामानन्द नाम का एक आदमी के पास आया था ।

तब सेठ ने रामानन्द से कहा की भाई मेरे पास धन की कोई कमी नही है मगर फिर भी गाव का कोई भी मेरी बात नही मानता है । क्योकी सेठ को ‌‌‌पता था की अगर रामानन्द से इस बारे मे बात की जाएगी तो वह इसका जबबा जरूर देगा । इसका कारण यह था की उस गाव मे रामानन्द की आज्ञा के बगेर कुछ नही होता था ।

 जिसके कारण से ही सेठ ने ऐसा रामानन्द को कहा । सेठ की बात सुन कर रामानन्द ने कहा की तुम अगर लोगो ‌‌‌से अपनी बात मनवाना चाहते हो तो उनके लिए कुछ ‌‌‌कार्य करते रहो । यह सुन कर सेठ ने कहा की गाव का कोई व्यक्ति जब मेरे पास पास रहेगा तब ही मे उसकी ‌‌‌मदद करूगा मगर मेरे पास कोई रहता ही नही है ।

यह सुन कर फिर रामानन्द ने कहा की नही भाई ऐसा नही है । तुम्हे ‌‌‌क्रम करने है और ‌‌‌क्रम करने के लिए किसी ‌‌‌को अपने पास रहने की आवश्यकता नही है । तुम्हे जहां लगे ‌‌‌की यह व्यक्ति बहुत ही परेशानी मे है तो तुम उसकी ‌‌‌मदद कर देना ।

अब सेठ रामानन्द की बात समझने लगा था जिसके कारण से फिर सेठ ने रामानन्द से और कुछ जाना तो उसे समझ मे आग गया की गाव के लोगो के दिलो मे अपना नाम कैसे करना है । इस कारण से अगले दिन ही सेठ गाव की ‌‌‌सेर करने के लिए जा रहा था की उसे ‌‌‌दिखाई दिया की गाव के किसी व्यक्ति ‌‌‌का घर जला हुआ है ।

जब इस बारे मे सेठ ने आस पास के लोगो से पूछा तो लोगो ने बताया की कल आग लगने के कारण से इसका घर जल गया है। यह सुन कर सेठ ने सोचा की इससे दुखी और कोन होगा । इस कारण से सेठ ने उस व्यक्ति से कहा की तुम फिकर मत करो मैं तुम्हारी ‌‌‌मदद करूगा ।

मगर ‌‌‌यह सुन कर उस आदमी को जरा भी अच्छा नही लगा क्योकी उसे यकिन नही हो रहा था की सेठ उसकी ‌‌‌मदद सच मे करेगा । जब इस बात को दो दिन बिते तो सेठ ने उसके घर मे सामने कुछ मकान बनाने का समान गिरा दिया यह देख कर भी उस आदमी को पता नही चला था ।

मगर जब अगले दिन सेठ ने उसे मकान बनाकर देने लगा तब जाकर उस आदमी ‌‌‌को पता चला की सेठ उसकी सच मे ‌‌‌मदद कर रहा है । यह जान कर वह आदमी सेठ को धन्यवाद कहने लगा । यह सुन क रसेठ को लगा की वह सही कर रहा है । जिसके कारण से सेठ ने उसे एक पक्का मकान बनाकर दे दिया ।

इसी तरह से फिर कभी सेठ किसी व्यक्ति को परेशान देखता तो उसकी ‌‌‌मदद कर दिया करता था । धिरे धिरे ‌‌‌समय बितता गया मगर सेठ इसी तरह से गाव के लोगो की ‌‌‌मदद रकता रहा । जिसके कारण से गाव के लोगो मे उसका नाम ‌‌‌गुंजने लगा था ।

जब इस तरह से सेठ ने एक वर्ष तक गाव के लोगो की ‌‌‌मदद की तो गाव का हर कोई सेठ के पास ‌‌‌आ जाता और उससे ‌‌‌मदद मागता साथ ही कोई भी कार्य क्यो न हो सेठ से पूछना गाव के लोग जरूरी समझने लगे ‌‌‌थे । तभी रामानन्द फिर से सेठ के पास आ रहा था की उसे पता चला की गाव मे हर कोई सेठ के ही गुण गा रहा है हर कोई सेठ की ही बात कर रहा है ।

जब रामानन्द सेठ के पास पहुंचा तो उसने देखा की लोग उसके घर मे बैठे उससे बात कर रहे है । यह सब देख कर रामानन्द समझ गया की गाव मे सेठ का बोलबाला बन गया है । ‌‌‌जब सेठ ने रामानन्द को देखा तो गाव के लोगो को भेज दिया और कहा की आज मैं अपने मित्र से बात करूगा कल हम गाव मे ही मिलेगे । इस तरह से फिर रामानन्द से सेठ बाते करने लगा था ।

बोलबाला होना मुहावरे पर कहानी bolbala hona muhavare par kahani

तब रामानन्द ने कहा की तुमने तो एक वर्ष मे गाव मे अपना बोलबाला बना लिया है । यह सुन कर सेठ ने कहा की हां भाई सच है ‌‌‌अब गाव का हर कोई मुझे जरूरी समझ कर हर कार्य मे ‌‌‌मेरी राय जरूर लेते है । साथ ही मै जो गाव के लोगो को कहता हू वह गाव के लोग जरूर करते है । इस तरह से फिर दोनो बात करने लगे थे ।

अंत मे रामानन्द ने जाते हुए कहा की अब तुम इसी तरह से गाव की ‌‌‌मदद करते रहना । इस तरह से कह कर रामानन्द वहां से चला गया और ‌‌‌पिछे से सेठ इसी तरह से अपना जीवन गुजारता रहा । इस तरह से आपको इस कहानी से समझ मे आ गया होगा की इस मुहावरे का अर्थ क्या है ।

बोलबाला होना मुहावरे पर निबंध bolbala hona muhavare par nibandh

साथिया उपर दी गई कहानी मे किस तरह से सेठ ने गाव के लोगो की ‌‌‌मदद कर कर अपना नाम गाव मे फैला दिया । जिसके कारण से हर कोई सेठ की बात करने ‌‌‌लगा था । साथ ही सभी सेठ की बात आसानी से मानने लगे थे । इस तरह से होने के कारण से कह सकते है की गाव मे सेठ की अच्छी धाक जमी हुई थी ।

और धाक जमने को ही बोलबाला होना कहा जाता है । इस तरह से जहां पर किसी का प्रभाव होता है वही इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है । ‌‌‌इस तरह से इस मुहावरे का अर्थ धाक जमना या प्रभाव होना होता है ।

बोलबाला होना मुहावरे का तात्पर्य क्या होता है || What is the meaning of bolbala hona in Hindi

दोस्तो आपने कई बार टीवी देखते समय देखा होगा की कुछ गांव होते है जहां पर एक ऐसा मुखिया होता है जिसकी हर कोई बात मानता है । और यह असल में टीवी में देखने को ही नही मिलता है बल्की असल जीवन में भी यह सब होता है । पहले के समय में क्या होता था की एक ऐसा मुखिया होता था जिसकी गांव में हर कोई बात मान लेता था और इस तरह का जो मुखिया होता था उसका प्रभाव पूरे गाव में होता था ।

तो जो भी कोई गाव में नया आता था तो वह सबसे पहले उसी मुखिया से मिलता था क्योकी उसे यह पता चलता था की गाव में सभी इस मुखिया की ही बात मानते है। और उन लोगो के द्वारा कहा जाता था की इस गाव में मुखिया जी का ही बोल बाला है ।

तो इस तरह से कहने का मतलब यह होता है की जिस किसी का प्रभाव होता है या धाक जमी होती है तो वहां पर बोल बाला होने का प्रयोग होता है ओर इसी बात से समझ ले की bolbala hona muhavare ka arth – धाक जमना या प्रभाव होना होता है ।

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Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।