जहर उगलना मुहावरे का अर्थ और मुहावरे का वाक्य में प्रयोग व कहानी

विष या जहर उगलना मुहावरे का अर्थ jahar ugalna muhavare ka arth – कडवी वाणी बोलना ।

दोस्तो विष या जहर एक ऐसा प्रदार्थ होता है‌‌‌ जो पीने पर कडवा लगता है और प्राणघात होता है। जिसके करण से इसे पीने वाला मर भी सकता है । यह जहर अनेक रूपो मे मिल सकता है इसके अलावा जहर बहुत ‌‌‌से जानवरो में भी पाया जाता है । ‌‌‌कयोकी इसके कारण से मनुष्य की जान भी जा सकती है ‌‌‌यानि शरीर को कष्ट उठाना पडत है ।

इसी तरह से मनुष्य अपने जीवन में कुछ ऐसे ‌‌‌शब्दो का उपयोग करता है जो सुनने वाले के लिए कष्ट दायक होते है यानि उसे अपना अपमान बहुत अधिक लगता है । जिसके कारण से वह मरने के समान समझता है । इसी कारण से जब भी कोई व्यक्ति इस तरह कें कडवे शब्दो का उपयोग करता है तो इसे जहर या विष उगना कहा जाता है ।

जहर उगलना मुहावरे का अर्थ और मुहावरे का वाक्य में प्रयोग व कहानी

‌‌‌जहर या विष उगलना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग jahar ugalna muhavare ka vakya me prayog

  • जब से रामू का विवाह हुआ है उसकी पत्नी घर में हर किसी के लिए जहर उगलती है ।
  • मां के पैसो को लेकर महेश अपने बडे भाई से इस तरह से लडने लगा की मानो जहर उगल रहा हो ।
  • भले ही किशोर कितना भी बुरा होगा मगर उसने आज तक मेरे लिए कभी विष नही उगला है ।
  • ‌‌‌जब रामलाल से पैसो की चोरी हो गई तो उसका मालिक उसके लिए जहर उगलने लगा ।
  • साहब इस तरह से जहर उगलते रहोगे तो मैं काम नही करूगा आप किसी और को देख लो ।
  • इतना सा छोटा होकर यह मेरे सामने जहर उगल रहा है यह अच्छा थोडे है ।
  • पार्वती अपने बेटे को समझा लो बेवजह मेरे लिए जहर उगल रहा है । ‌‌‌जब से राहुल ‌‌‌का प्रताब के साथ झगडा हुआ है तब से राहुल प्रताब के बारे मे जहर उगल रहा है ।
  • जब रामू ने लालू को चोर साबित कर दिया तो लालू हर समय रामू के बारे मे जहर उगलने लगा है ।
  • इतने भले आदमी के बारे में तुम जहर उगल रहे हो यह अच्छा थोडे है जब उन्हे पता चलेगा तो क्या होगा कभी सोचा है ।
  • सरीता ‌‌‌तो हर समय अपने पडोसी के लिए जहर उगलती हरती है ।‌‌‌

‌‌‌जहर उगलना मुहावरे पर कहानी jahar ugalna muhavare par kahani

प्राचीन समय की बात है किसी नगर में रामू और श्यामू नाम के दो व्यक्ति रहा करते थे । रामू और श्यामू बचपन से एक साथ रहने के कारण से उन दोनो मे बहुत ही ‌‌‌मजबुत दोस्ती हुआ करती थी । इस दोस्ती के बारे मे उनके गाव ‌‌‌के लोगो मे बहुत नाम हुआ करता था । और सभी कहा करते थे की ‌‌‌उनके जैसी दोस्ती हमारे आस पास कही पर होगी यह तक मुश्किल है ।

इस तरह से लोगो के दिलो मे उन दोनो की दोस्ती की बाते हुआ करती थी । दोनो एक दूसरे को जब भी किसी चिजी की जरूरत होती तो उसे बिना मतलब के मदद कर दिया करते थे । यानि सामने से कोई अन्य कार्य में मदद की उमिद तक नही करते थे ।‌‌‌ इसी तरह से वे कई वर्षा से करते हुए आ रहे थे । मगर किसी भी कारण से उन दोनो मे झगडा नही हुआ था ।

यह देख कर गाव के कुछ लोग उन दोनो मे फुट डालना चाहते थे । ऐसा जो करना चाहते थे वे और कोई नही बल्की उनके दुश्मन ही थे । और हो क्यो नही क्योकी आज कल कही पर भी चले जाओ तो कोई न कोई ऐसा होगा जो ‌‌‌हमे या हमारे साथ जो है उन्हे पसंद नही करते थे ।

उन दोनो के साथ भी ऐसे लोग रहा करते थे जो उन दोनो को ही अलग करने में लगे हुए थे । जीसके कारण से एक बार उन दोनो मे झगडा हो गया था । उस दिन हुआ यह था की श्यामू शहर से काम कर कर दो वर्षो से अपने गाव में आया था और आते ही सबसे पहले रामू के सामने गया और ‌‌‌उससे बात चित करने लगा ।

क्योकी दो वर्षा तक लगातार काम करने के कारण से उसने बहुत से पैसे कमा लिए थे जिसे अपने साथ रामू के पास भी लेकर चला गया था । मगर वह जब पैसो के साथ अपने घर गया तो कुछ लोगो ने चुपके से इस बारे मे पता लगा लिया । मगर श्यामू को इस बारे मे पता नही चला । जब श्यामू ने अपने घर ‌‌‌में पैसे हिफाजत से रख दिए और वह आराम करने लगा तो जीन लोगो ने श्यामू को पैसे रखते हुए देखा था वे पैसो को चुराने के बारे मे सोचने लगे थे ।

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ये लोग और कोई नही थे बल्की श्याम और रामू के ही दो दोस्त थे जिनका नाम लखन और वीर था । लखन और वीर ने एक साथ ‌‌‌मिल कर श्यामू के पैसे चुराने की बहुत ही सरल योजना बनाई थी मगर यह सरल उन दोनो के लिए थी । मगर श्यामू के लिए इतनी कठिन साबित हुई की उसे पता तक नही चला की उसके घर मे चोरी हो गई ।

उसके घर मे चोरी इस तरह से हुई की जब वह अपने घर से शहर के लिए गया तो लखन और वीर ने पैसे चुरा लिए और वे भी उसके ‌‌‌पीछे पीछे शहर चले गए ताकी उन पर किसी को शक न हो । मगर जब श्यामू ने घर आकर देखा तो उसके होस उड गए उसके घर मे बहुत बडी चोरी हो गई जिसके कारण से किसी को कुछ पता नही था ।

 मगर उन दोनो ही दोस्त ने श्यामू के दिमाग मे बहम बैठा दिया की जरूर रामू ने ही चोरी की है । क्योकी अब पैसो के बारे मे रामू को ही पता था । साथ ही उस दिन रामू उसके घर मे भी आया था इस बारे मे श्यामू को उसकी पत्नी ने बताया । अब यह सब देख कर वह पैसो के चोरी हो जाने के गम में रामू के घर जाकर उसके खिलाफ जहर उगलने लगा ।

यह सुन कर रामू ने कहा की भाई श्यामू मैंने तुम्हारा क्या बिगाड दिया जो तुम इतने कडवे बोल ‌‌‌रहे हो । मगर वह नही समझा की इसने चोरी नही की है बल्की वह तो पैसो के चुरा जाने के कारण से इतना गम मे डूब गया की अपनी दोस्ती को भुल कर गाव के लोगो के सामने ही उनसे इतना सब कह दिया की हर कोई रामू को ही चोर समझने लगा था ।

मगर इसके खिलाफ रामू ने कुछ नही कहा क्योकी उसे पता था की मैंने तो पैसे ‌‌‌चुराए नही मगर इसके पैसे ‌‌‌चोरी हो गए जिसके कारण से इसे लगता है की मैने चुराए है । अब यह बिना सोचे समझे ऐसा कुछ कह रहा है । इस तरह से रामू सोच कर चुप रहा ।

अब बात इतनी अधिक बढने लगी थी की श्यामू रामू को ही चोर समझ कर उसके खिलाफ हर किसी को भला बुरा कहा था । जिसके कारण से रामू के पास बात पहुंचते ‌‌‌देर नही लगी मगर वह उसे कुछ नही कहता था । इस तरह से इस चोरी को कुल दो महिने बित गए मगर कहते है ना जुर्म करने वाला बचनता नही है इसी तरह से लखन और वीर भी नही बच पाए थे उनके बारे मे श्यामू को पता चल गया ।

जिसके कारण से अब वह लखन और वीर पर क्रोध तो करता था मगर उसे और ही गम सताने लगा की मैने अपने ही‌‌‌ दोस्त को पता नही क्या क्या कह दिया । इसके साथ ही वह सोचने लगा की मैने तो दूसरो के साथ भी रामू के बारे मे बहुत जहर उगला है यह सोचते ही वह बहुत दुखी हुआ और अपने आप के किए पर पछाताने लगा मगर अगले ही दिन गाव के लोगो के सामने अपने दोस्त रामू से माफी मागी तो उसने कहा की दोस्त ‌‌‌मैं तुम्हारे किए पर जरा भी क्रोधित नही हुं ।

क्योकी तुमने 2 वर्षो तक काम कर कर जो धन कमाया था वह सब चोरी हो गया तो तुम अपने दोस्त को भुल कर चोरो की ही बात मे आ गए और मुझे ही चोर समझ दिया । उस समय तुम यह नही सोच रहे थे की यह मेरा दोस्त है यह ऐसा नही करेगा । तुम तो उस समय अपने पैसो के गम मे ‌‌‌थे ‌‌‌जिसके कारण से ही यह सब हो गया है ।

‌‌‌जहर उगलना मुहावरे पर कहानी jahar ugalna muhavare par kahani


मगर मैं इस बात से जरा भी क्रोधित नही हूं । साथ ही तुमने कहा न की गलती के कारण से यह सब हुआ है और दोस्तो मे ऐसी बात होने से दोस्ती नही तोडते  । इस तरह से रामू ने श्यामू की बातो का जरा भी बुरा नही माना और उससे दोस्ती कायम रखी । इस घटना के बाद मे श्यामू ‌‌‌भी अपने दोस्त को गलत नही समझता था । इस तरह से उनकी दोस्ती फिर मरते दम तक चलती रही । इस तरह आपको इस काहनी से समझ मे आ गया होगा की इस मुहावरे का अर्थ क्या है ।

जहर उगलना मुहावरे पर निबंध jahar ugalna muhavare par nibandh

साथियो आपने शिव के बारे मे पढा होगा की जब उन्होने जहर पिया तो उनका कंठ निला पड गया क्योकी वह विष इतना अधिक कडवा था की साधारण मनुष्य को पल भर में नष्ट कर सकता था । इस तरह के बहुत से जहर ऐसे भी होते है जो मनुष्य को बहुत समय बाद नुकसान पहुचाते है । मगर जहर के ‌‌‌बारे मे साफ कह सकते है की वह जीस किसी भी मनुष्य के शरीर मे चला जाता है उसकी मृत्यु का खतरा बढ जाता है ।

अगर मृत्यु न भी हो तो उसे बहुत अधिक कष्टो का समाना जरूर करना पडता है । इसी तरह से मनुष्य आज बनता जा रहा है मगर उसमे जहर तो नही होता मगर वह अपनी वाणी का सही उपयोग न कर कर सामने वाले को कुछ ‌‌‌इस तरह से कहता है की वह वाणी सामने वाले को जहर जैसी लगती है ।

यानि जब कोई व्यक्ति किसी को कटु वचन या कडवे शब्द बोल देता है तो सुनने वाले को बडा बुरा लगता है । कभी कभी तो इन कडवे शब्दो के कारण से सुनने वाले को इतना अधिक बुरा लगता है की वह मर भी जात है । इस तरह से ये कडवे वचन एक जहर का ही ‌‌‌परिणाम दिखा देते है । मगर जो व्यक्ति मरते नही है उन पर भी कडवे शब्दो का बहुत अधिक असर करता है ।

इस कारण से जो भी कोई ऐसे शब्द कहता है फिर कोई भी उसके पास तक नही जाना चाहता है । मगर इस तरह के कडवे शब्द कहने को एक मुहावरे का रूप देते हुए जहर या विष उगलना कहा जाता है । इस तरह से इस मुहावरे ‌‌‌अर्थ कडवे शब्द कहना होता है ।

विष या जहर उगलना मुहावरे तात्पर्य क्या होता है || What is the meaning of in Hindi

दोस्तो अगर आप किसी को बुरा भला कहते है या फिर कुछ ऐसा कहते है जो की दुसरे को सुनने मात्र बुरा लगता हो तो ऐसा कुछ कहने का मतलब है की आपकी जो वाणी है वह कड़वी है जो की दुसरे को ठेस पहुंचाने काम करती है ।

इस तरह से कडवी वाणी बोलना कभी नही चाहिए । मगर जो लोग कडवी वाणी बोलते है उनके लिए इस मुहावरे का प्रयोग किया जा सकता है और उनके लिए कहा जा सकता है की यह विष या जहर उगलने का काम कर रहा है 

वैसे दोस्तो एक बात तो यह समझ में आती है की यह जो मुहावरा है उसके अर्थ को आपने पूरी तरह से समझ लिया है और यही कारण है की आप अब इस मुहावरे का वाक्य में प्रयोग कर सकते है साथ ही जीवन में उपयोग लेना चाहते है तो ले सकते है ।

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Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।