तेते पाँव पसारिये जेती लंबी सौर का मतलब और वाक्य में प्रयोग

तेते पाँव पसारिये जेती लंबी सौर मुहावरे का अर्थ tete panv pasariye jeti lambi saur muhavare ka arth अपने सामर्थ्य के अनुसार व्यय करना

दोस्तो मनुष्य के जीवन मे रूपयों का बडा महत्व है । क्योकी मनुष्य की आय कम होती है और उसकी जरूरते अधिक होती है । जिसके कारण से जरूरते कभी पूरी ‌‌‌नही होती चाहे फिर जरूरते पूरी करने के लिए कितना भी पैसा खर्च क्यो न कर दिया जाए । क्योकी जैसे जैसे आय या रूपय आते है वैसे वैसे ही जरूरत अपने ‌‌‌आप बढ जाती है । इस कारण से कहा जाता है की जीतनी आय होती है उतने ही खर्चे करने चाहिए । यानि जीस स्थान पर अपने सामर्थ्य के अनुसार व्यय ‌‌‌करने की बात होती है वहां पर इस मुहावरे का प्रयोग होता है ।

तेते पाँव पसारिये जेती लंबी सौर का मतलब और वाक्य में प्रयोग

तेते पांव पसारीय जेती लंबी सौर मुहावरे का वाक्य में प्रयोग tete panv pasariye jeti lambi saur muhavare ka vakya me prayog

  • भाई तुमहारे पास पैसे आते नही है और तुम खर्च ‌‌‌बहुत कर रहे हो लगता है की तुम कर्जा कर कर अपना जीवन चला रहे हो तेते पांव पसारिय जेती लंबी सौर ।
  • पिताजी के मरते ही रामलाल के खर्च इस ‌‌‌तरह से बढने लगे जिसके कारण से रामलाल कर्जदार हो गया सच कहा है तेते पांव पसारिय जेती लंबी सौर
  • अगर तुम्हारा जीवन इसी तरह से चलता रहा तो एक दिन तुम कंगाल बन जाओगे अभी भी समय है समझ लो तेते पांव पसारिय जेती लंबी सौर ।
  • रघुवीर इतना गरीब है मगर आज तक उसके सिर पर कर्जा नही चडा क्योकी वह तेते ‌‌‌पांव पसारिय जेती लंबी सौर वाली बात जानता है ।
  • जनाब आपका कहना सही है अगर हम अब से हमारे खर्च सही तरह से नही करेगे तो एक दिन हमारे सिर पर भी कर्जा होगा क्योकी सब को पता है की तेते पांव पसारिय जेती लंबी सौर ।

तेते पांव पसारिय जेती लंबी सौर मुहावरे पर कहानी tete panv pasariye jeti lambi saur muhavare par kahani

‌‌‌प्राचीन काल मे एक बुडिया रहा करती थी । बुडिया ‌‌‌बहुत ही गरीब थी जिसके कारण से वह धन को इकट्ठा करना जानती थी क्योकी उसे पैसो का महत्व पता था । वह कभी भी अपनी जरूरत से ज्यादा पैसे खर्च तक नही करती थी । बुडिया के घर मे उसका एक बेटा रहा करता था जो बुडिया की तरह ही था । वह जो भी कमा कर लाता वह ‌‌‌अपनी पत्नी को न देकर अपने मां यानि बुडिया को देता था ।

क्योकी बुडिया की बहू के पास कुछ भी ज्यादा समय तक नही रहता था । यानि वह पैसो को अनुपयोगी तरह से खर्च करती थी । जिसके कारण से पैसो का इकट्ठा रहना ‌‌‌बहुत ही मुश्किल था । इस बारे में बुडिया का बेटा अच्छी तरह से जानता था । जिसके कारण से ‌‌‌बुडिया का बेटा अपनी मां को ही ‌‌‌सारा धन देता था । जब बुडिया के घर मे एक बेटे का जन्म हुआ यानि बुडिया दादी बनी तो सभी खुश थे ।

इसी खुशी को दुगना करने के लिए बुडिया की बहू ने ‌‌‌बहुत अधिक पैसे खर्च कर दिए । यह देख कर बुडिया को समझ मे आ गया की अगर यह अपने बेटे को भी इसी तरह की शिक्षा देगी तो इनके ‌‌‌पास जो आज है वह नही रहेगा । इस तरह से सोच कर बुडिया ने अपने बेटे से कहा की अपने बेटे को अपनी तरह ही बनाना । तब बुडिया का बेटा समझ गया ।

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मगर समय के साथ साथ वह काम मे व्यस्थ रहा जिसके कारण से बुडिया तो ‌‌‌मर गई और बेटा अपनी मां की इस बात को भूल गया था । अब जब ‌‌‌बुडिया के बेटे का बेटा बडा हो गया तो वह अपनी मां ‌‌‌की तरह ‌‌‌बहुत अधिक पैसे खर्च करता था । इधर उसका पिता दिन रात काम कर कर धन इकट्ठा करता रहता तो बेटा जरूरत से ज्यादा पैसे खर्च करता था ।

क्योकी अब बुडिया के बेटे की पत्नी के पास सारा पैसा होता था तो वह अपने बेटे को पैसे के लिए मना नही करती थी । इसी तरह से चलता जा रहा था की एक दिन बुडिया ‌‌‌का बेटा काम करने के लिए गया हुआ था की एक ‌‌‌बहुत भारी पत्थर उसके पैर पर आ गिरा जिसके कारण से उसका पैर पूरती तरह से नष्ट हो गया । उस दिन के बाद मे उससे काम होना ‌‌‌बहुत ही मुश्किल था ।

 जिसके बाद मे उसने अपने बेटे को काम करने के लिए कहा । साथ ही उसने अपनी पत्नी से कहा की जरा कुछ रूपय दे दो ‌‌‌ताकी एक नया काम शुरू कर सकू। जिसके कारण से मैं आराम से बेठ कर काम कर सकु । इस तरह से सुन कर पत्नी ने कहा की ठिक है मैं पैसे लाकर देती हूं । इस तरह से कह कर पत्नी पैसे लाने के लिए चली गई ।

मगर जब पत्नी ‌‌‌ने देखा की उसके पास पैसे ‌‌‌बहुत ही कम है तब उसने बिना सोचे समझे सारे पैसे अपने पति को दे दिए ‌‌‌। जिसे देख कर बुडिया के बेटे ने कहा की इन पैसो से कोनसा काम शुरू होगा और लेकर आ जाओ। जिसे सुन कर उसकी पत्नी ने कहा की इतने ही पैसे है । यह सुन कर बुडिया का बेटा चोक गया और कहने लगा की इतने वर्षो तक कमाया था वह कहा चला गया ।

यह सुन कर उसकी पत्नी ने कहा की आपके बेटे ने खर्च कर दिया । ‌‌‌अपनी पत्नी की बात सुन कर बुडिया के बेटे ने कहा की इतने रूपय खर्च कर दिए । उसे जरा मेरे पास बुलाकर लेकर आओ । तब बेटा उसके पास आया तो उसने कहा की बेटा ये पैसे लो और पार्टी करने के लिए चले जाओ ।

यह सुन कर बेटा बडा ही खुश हुआ और पार्टी करने के लिए जाने लगा । जिसे देख कर उसके पिता यानि ‌‌‌बुडिया के बेटे को क्रोध आ गया और उसने कहा की मेरे इतने वर्षो की कमाई नष्ट कर दी । अरे मुर्ख तेते पांव पसारिय जेती लंबी सौर । इस तरह से कहकर उसके पिता ने कहा की अब तु ही काम करेगा और हम बैठ कर खाएगे ।

इस तरह से अपनी गलती के कारण से बेटे को अकेले ही काम करना पडा क्योकी पिता से हो नही सकता ‌‌‌था । जिसके बाद मे बेटे का जीवन कष्टो मे बितना शुरू हुआ जिसके कारण से बेटे को समझ मे आया की आखिर पैसो को कमाना कितना मुश्किल है । साथ ही उसे यह भी समझ मे आ गया की अगर उस दिन मैं सही तरह से चलता तो आज यह दिन नही आता ।

तेते पांव पसारिय जेती लंबी सौर मुहावरे पर कहानी tete panv pasariye jeti lambi saur muhavare par kahani

उस दिन के बाद मे वह अपने साथियो को हमेशा ही शिक्षा देता की तेते पांव पसारिए जेती लंबी सौर । मगर उसके साथी भी उसकी तरह ही थे जो समय पर न समझ पाए और जब उनकी हाल भी उसकी तरह हो गई तो वे भी इस बात को आसानी से समझ गए । इस तरह से कहा जाता है की जितनी लंबी चांदर यानि जितनी जरूरत उतने ही खर्च करने चाहिए । इस तरह से आप समझ गए होगे ।

तेते पांव पसारिए जेती लंबी सौर ‌‌‌मुहावरे पर निबंध tete panv pasariye jeti lambi saur muhavare par nibandh

साथियो आने देखा होगा की अकसर लोग इस तरह से दिखावा करते है की उनके पास इतना रूपया है की ‌‌‌उनकी आने वाली पिढियो तक का जीवन बडा ही सरल रूप मे गुजर सकता है । मगर असल मे उनकी घर की हालत इस तरह की होती है की वे अपना यह जीवन भी सही तरह से नही बिता पाते है ।

इस तरह के लोग खर्च ‌‌‌बहुत अधिक करते है मगर उनके पास ‌‌‌इतनी आय नही होती है । इस तरह के लोगो के लिए ही इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है । इस तरह से इस मुहावरे का अर्थ अपने सामर्थ्य के अनुसार व्यय करना होता है । इसी तरह से एक मुहावरा ‌‌‌ओर है यानि चादर के बाहर पैर होना ।

तेते पाँव पसारिये जेती लंबी सौर मुहावरे का तात्पर्य क्या होता है || What is the meaning of tete panv pasariye jeti lambi saur in Hindi

दोस्तो हमेशा से हमारे पीढी के लोग जो है वे एक ही बात कहते आ रहे है की मानव को अपनी सामथ्र्य के अनुसार ही व्यय करना चाहिए ।

जैसे की आपके पिताजी महिने के 10000 रूपय कमाते है । तो इसका मतलब है की आपके पूरे परिवार को 10000 रूपय में से अधिक धन खर्च नही करना चाहिए । क्योकी अगर अधिक धन खर्च किया गया तो इसका मतलब है की आपने उधार लेकर खर्च किया है जो की आपको भविष्य में नुकसान का सामना करवा देगा ।

साथ ही जो कुछ जरूरी होता है उसे ही खरीदना चाहिए और यह भी आपको पता है । और इसी बात से समझे की मुहावरा जो तेते पाँव पसारिये जेती लंबी सौर है तो वह असल में अपने सामर्थ्य के अनुसार व्यय करने के बारे में बता रहा है और असल में यही इस मुहावरे का अर्थ है और इस बात को आप समझ सकते है ।

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Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।