‌‌‌आइए समझाते है, घी के दिए जलाना मुहावरे का मतलब व कहानी व वाक्य मे प्रयोग

‌‌‌घी के दिए जलाना मुहावरे का अर्थ ghee ke diye jalana muhavare ka arth – बहुत अधिक खुशी मनाना

दोस्तो आज के समय मे वैसे ही घी बहुत महगा हो गया है जिसके कारण से खाने को भी नही ले सकते है । और ऐसे मे घी के दिए जलाना बहुत ही कठिन है । ‌‌‌इस मुहावरे का अर्थ इस तरह से समझ सकते है की जब रामजी ने अपना वनसाव पूरा कर कर अयोध्या को आए थे तब अयोध्या के सभी लोग बहुत ही खुश थे और अपनी खुशी को व्यक्त करने के लिए उन्होने ‌‌‌घी के दिए जलाए । ‌‌‌तब से यह कहा जाने लगा की जब कोई बहुत अधिक खुश होता है तब घी के दिए जलाना कहा जाता है । इसी तरह से जब कोई बहुत अधिक खुश होता है । तब इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है ।

‌‌‌घी के दिए जलाना मुहावरे का वाक्य मे प्रयोग Use in sentence

  • ‌‌‌दिपावली पर हर हिंदू अपने घर मे घी के दिए जलाता है ।
  • घर मे लक्ष्मी का जन्म होने के कारण रघुवीर ‌‌‌के घर मे घी के दिए जले ।
  • बेटे की शादी हो जाने के कारण शकुंतला ‌‌‌के घर मे घी के दिए जले ।
  • ‌‌‌एक गरीब किसान का बेटा IAS बन जाने के कारण से उनके घर मे घी के दिए जलने लगे ।
  • ‌‌‌जब से इसके पति को काम मिलने लगा है तब से इसके घर मे तो घी के दिए जलते है ।

घी के दिए जलना मुहावरे पर कहानी Idiom story

एक समय की बात है रामलाल नाम का एक लडका अपने गाव मे अपने माता पिता के साथ रहा करता था । रामलाल नाम के अनुसार राम के जैसा ही था । वह बहुत ही शांत स्वभाव का था और उसमे ज्ञान की कोई ‌‌‌कमी नही थी । रामलाल के पिता बहुत ही गरीब घर के थे कहने का अर्थ है की वे इतने अधिक गरीब थे की ‌‌‌उनको समय पर खान नही मिल पाता था  ।

फिर भी उसके ‌‌‌पिता ने उसे पढने के लिए भेजा था । रामलाल के गाव मे विधालय था नही इस कारण से वह पास के गाव मे जाया करता था । रामलाल के पिता के पास खेत का एक छोटा सा टुकडा था यानि उसके पास खेत कम था । फिर भी वह उसमे खेती करता और अपने बेटे और पत्नी को पालता था ।

रंगा सियार होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

कंधे से कंधा मिलाना का अर्थ व वाक्य मे प्रयोग व कहानी

सावन हरे न भादों सूखे का मतलब और वाक्य मे प्रयोग

कलई खुलना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग व कहानी

सठिया जाना का अर्थ व वाक्य मे प्रयोग

जब रामलाल के पिता अपने खेत का काम कर लेते तो वह दुसरो के खेतो मे काम कराने के लिए चला जाता था । जिसके कारण उन्हे वे लोग कुछ अनाज दे दिया करते थे । इस तरह से अनाज इखट्ठा कर कर रामलाल के पिता उन्हे बेचते ‌‌‌और अपना घर चलाया करते थे ।

बडी कठिनाई के साथ रामलाल ने जब अपनी पढाई पूरी की तो उसके पिता उससे कहने लगे की बेटा अब आगे कुछ और होता है तो वह भी कर ले । क्योकी उसके पिता पढे लिखे थे नही इस कारण से उन्हे नही पता था की कितना पढना चाहिए और पढाई करने के बाद क्या करना चाहिए ।

उन्हे तो यही पता ‌‌‌था की पढ लिख कर नोकरी लग जाते है । अपने पिता के पूछने पर रामलाल ने कहा की पिताजी अब आगे मैं नोकरी की तैयारी करूगा । तब उसके पिता ने कहा की ठिक है तुम घर पर रह कर तैयारी कर लियाकरो । इतना कह कर उसके पिता काम करने के लिए चले गए थे ।

उसके बाद रामलाल अपने घर पर ही रहने लगा और पढाई करने ‌‌‌लगा था। इस तरह से वह काफी समय तक पढता रहा पर उसका पहली बार मे नोकरी मे नम्बर नही आया । तब उसकी मां ने उसे कहा की इस बार और काशिश कर ले पता नही नम्बर आ जाए ।

अपनी मां की बात सुन कर वह फिर से तैयारी करने लगा था । धिरे धिर समय के साथ रामलाल बडा हो गया तो उसके माता पिता उसकी सादी करने की सोचने ‌‌‌लगे थे । पर गरीब हाने के कारण हर कोई अपनी लडकी ‌‌‌का विवाह रामलाल के साथ नही करना चाहते थे ।

वे लोग सोचते थे की हमारी बेटी वहां पर जाकर ‌‌‌खुश नही रहेगी । जब रामलाल के विवाह के लिए कन्या नही मिल रही थी तो उसके माता पिता बहुत ही दुखी थे । पर इस बात से रामलाल को कोई लेना देना नही था ।

वह तो अपनी पढाई करता ‌‌‌रहता था । इस बात को छ महिने ही बिते थे की रामलाल का नोकरी मे नम्बर आ गया । नोकरी लग जाने के कारण रामलाल के घर मे बहुत अधिक खुशी छा गई थी । इस तरह की खुशी देखकर अन्य लोग रामलाल से पूछते की आज किस बात के लिए घी के दिए जल रहे है ।

तब रामलाल के पिता कहते की मेरे बेटे का नोकरी मे नम्बर आ गया ‌‌‌है। धिरे धिरे इस बात की खबर पुरे गाव के लोगो के  पास पहुंच गई की रामलाल का नोकरी मे नम्बर आ गया ।

नोकरी लग जाने के कारण से जिन जिन घरो मे रामलाल का पिता अपने बेटे के लिए लडकी का हाथ मागने के लिए गया था । वे लोग ‌‌‌रामलाल के घर आने लगे थे और वह भी अपनी बेटी के लिए रामलाल का हाथ मागने के लिए । ‌‌‌

रामलाल नोकरी लग जाने के कारण भी उसके पिता पहले की तरह ही सोच रखते थे इस कारण से उनके घर जो व्यक्ति पहले आया उसे ही कह दिया की आपकी बेटी हमे पंसद है इस कारण से ‌‌‌हम आपकी बेटी और रामलाल का विवाह करने के लिए तैयार है । और जो भी लोग बादमे आते उन्हे वह कहता की आपने आने मे देर कर दी हमने अपने बेटा का विवाह तय कर दिया है । ‌‌‌

इस तरह से समय के साथ रामलाल के पिता ने उसका विवाह कर दिया था । जिसके कारण से रामलाल के घर मे एक और खुशी की बात हो गई थी । क्योकी नोकरी लगने से पहले कोई भी रामलाल के साथ विवाह करने के लिए तैयार नही था पर अब नोकरी लग गई तो उसकी शादी घर बैठे हो गई है ।

शादी हो जाने के कारण से ‌‌‌रामलाल के पिता और रामलाल बहुत ही खुश रहने लगे थे । और धिरे धिरे समय के साथ उनके घर मे पैसे आने लगे थे इस कारण से वे लोग रोजाना भर पेट खाना खाने लगे थे ।

जिसके कारण से उनके चेहरे पर एक रोनक छाई रहती थी । जिसे देख कर गाव के लोग आपस मे बात करते की जब से रामलाल नोकरी लगा है इसके घर मे घी के दिए ‌‌‌जल रहे है । इस तरह से रामलाल का ‌‌‌परिवार बहुत ही खुश रहने लगा था । इस तरह से आप लोगो को समझ मे आ गया होगा की इस मुहावरे का अर्थ क्या है ।

‌‌‌घी के दिए जलाना मुहावरे पर निबंध || ghee ke diye jalana essay on idioms in Hindi

अभी कुछ ही समय बाद में दिपावली आने वाली है तो आप मुझे पहले यह बताओ की क्या आप दिपावली पर घी के दिए जलाते हो ।

अब क्योंकी मुहावरे के बारे में बात करे तो आपने इसके बारे में काफी कुछ पढ लिया है और यही आपको समझा चुका है की इसका अर्थ बहुत अधिक खुशी मनाना होता है । क्योकी खुशी मानने का कारण एक नही होता है बल्की अनेक कारण होते है । जैसे की कहानी की ही बात कर ले इसमें ​बताया गया है की किस तरह से लोग बहुत खुशी मनाने लग जाते है और फिर इस मुहावरे का प्रयोग हो रहा है ।

तो इसी तरह से जब किसी व्यक्ति  के जीवन में कुछ अच्छाहोता है तो वह अपने जीवन में हो रहे अच्छे की खुशी मनाता है और इसे भी फिर आप ghee ke diye jalana कह सकते है ।  

‌‌‌निचे बेस्ट हिंदी मुहावरे दिए गए है जो ज्यादातर प्रयोग मे आते है ।

गाल बजाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

गूलर का फूल होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

छक्के छुड़ाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

छठी का दूध याद आना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

कोल्हू का बैल मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

घोड़े बेचकर सोना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

काला अक्षर भैंस बराबर मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

कान खड़े होना मुहावरे का अर्थ और वाकय मे प्रयोग

कान काटना मुहावरे का अर्थ और वाक्य में प्रयोग

कान का कच्चा होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

कलम तोड़ना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

एक अनार सौ बीमार मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

एक आँख से देखना मुहावरे का अर्थ और वाक्य में प्रयोग

उँची दुकान फीका पकवान मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

आस्तीन का सांप होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

उँगली उठाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

आपे से बाहर होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

आग में घी डालना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

आँखों में धूल झोंकना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

आँखें बिछाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

आकाश पाताल एक करना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

अगर मगर करना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

पहाड़ टूट पड़ना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

आग लगने पर कुआँ खोदना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

श्री गणेश करना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

टस से मस न होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

छोटा मुँह बड़ी बात मुहावरे का अर्थ और वाक्य में प्रयोग

चोली दामन का साथ मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

गुदड़ी का लाल मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

गागर में सागर भरना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग