सफेद झूठ का अर्थ और वाक्य में प्रयोग

सफेद झूठ मुहावरे का अर्थ safed jhooth muhavare ka arth – बिल्कुल झूठ बोलना या ऐसा झूठ जिसका आसानी से पता चलता हो

दोस्तो संसार मे ऐसा व्यक्ति बडी ही मुश्किल से मिल सकता है जो सफेद रंग को न पहचानता हो । बल्की सभी लोग सफेद रंग को आसानी से पहचान कर बता देते है की यह रंग सफेद है । ‌‌‌ऐसा इस कारण से है क्योकी गांधी जी के खादी के वस्त्रो ‌‌‌को पहनने का अभियान चलाया था । ‌‌‌तब उस समय खादी सफेद रंग की ही होती थी ।

मगर आज कल खादी मे दूसरा रंग डाल कर उसका रंग बदल देते है । मगर पहले सफेद रंग की होने के कारण से हर कोई सफेद रंग को जानने लगा है । इसी तरह से जब कोई व्यक्ति ऐसा कुछ बोलता ‌‌‌जो झूठ हो और इस झूठ का आसानी से पता चल रहा हो की यह झूठ बोल रहा है तो इस तरह से आसानी से पता चलने वाले झूठ को बिल्कुल झूठ बोलना या सफेद झूठ कहा जाता है ।

सफेद झूठ मुहावरे का वाक्य में प्रयोग safed jhooth muhavare ka vakya me prayog

  • ‌‌‌ सरोज की बात सुन कर ‌‌‌उसके पिता ने उसे कहा की इस तरह से सफेद झूठ मेरे सामने नही चलेगे ।
  • महेश बडा ही चालाक है और ‌‌‌तुमने उसके सामने सफेद झूठ बोल दिया और आसा करते हो की उसे पता न चला होगा ।
  • कविता अध्यापक से डर कर सफेद झूठ बोलने लगी ।
  • रीता नोकरी‌‌‌ से छुट्टी  के लिए बहाने बनाने लगी जिसके कारण से अधिकारी समझ गया की यह सफेद झूठ बोल रही है ।
  • रामू ने सेठ के घर मे चोरी कर ली और जब पकडा गया ‌‌‌तब बहाने भी इस तरह के बनाए की सभी को पता चल गया की यह सफेद झूठ बोल रहा है ।
  • ‌‌‌तुम चाहते हो की मैं तुम्हारे सफेद झूठ पर भरोषा कर कर तुम्हे दो लाख रूप दे दूं यह कभी नही होगा ।
  • कंचन ने होमर्वक नही किया था मगर अध्यापक से कहने लगी मैंने होमर्वक कल ही कर लिया था तब अध्यापक समझ गया की यह सफेद झूठ बोल रही है ।
  • जब किशोर लडाई करते ‌‌‌हुए पकडा गया तो बहाने बनाने लगा जिसे सुन कर अध्यापक ने कहा की तुम सफेद झूठ बोल रहे हो लडाई तुमने ही की थी ।
  • रवीना बार बार सफेद झूठ बोल देती है उस पर यकिन कोन करेगा ।

‌‌‌सफेद झूठ बोलना मुहावरे पर कहानी safed jhooth bolna muhavare par kahani

कुछ समय पहले की बात है एक शहर मे कंचन नाम की एक औरत रहा करती थी । कंचन के घर मे उसका पति और उसकी दो बेटियां रहा करती थी । कंचन बहुत ही शिक्षित थी साथ ही उसका पति भी एक जोब करता था । इसके अलावा कंचन की दोनो बेटिया पढाई करने के लिए शहर के उच्च विधालय मे जाया ‌‌‌करती थी।

मगर कंचन की एक आदत बडी ही बुरी थी वह पैसे खर्च बहुत किया करती थी । कभी SHOPPING कर लेती तो कभी खाने के लिए कुछ ऑडर दे दिया करती थी । इसके अलावा अपनी सहेलियों को घर बुला कर पार्टी कर लिया करती थी । इस तरह की आदत को देखकर उसका पति भी बहुत परेशान था ।

उसने बहुत ‌‌‌समझाने पर भी मगर कंचन समझने ‌‌‌को तैयार नही थी। ‌‌‌इस तरह के कार्य करने के लिए पैसो की जरूरत पडती है जिसके कारण से कंचन अपने पति के सामने बहाने बना कर पैसे ले लेती थी । साथ ही कभी कभी जो पैसे उसका पति किसी कार्य को करने के लिए देता तब वह उन्हे भी खर्च कर दिया करती थी । मगर इस बारे मे कंचन के पति को पता नही था ।

मगर कहते है ना चोरी कितने दिनो तक ‌‌‌छूपी रह ‌‌‌पाती है । यानि एक दिन कंचन के पति को पता चल गया की कंचन को जो वह पैसे किसी कार्य को करने के लिए देता है वह अपनी मोज मस्ती मे उन्हे उडा देती है । उस दिन यह हुआ की कंचन का पति अपने काम के लिए जा रहा था तभी उसके पास एक फोन आया ।

वह फोन कंचन की दोनो बेटियो के अध्यापक ने किया था । तब उस ‌‌‌अध्यापक ने कंचन के पति से कहा की आपकी दोनो बेटियो की स्कुल फिस जमा करवानी है । यह सुन कर कंचन के पति ने कहा की ठिक है मैं एक दो दिनो मे करवा देता हूं ।

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इस तरह से उस दिन तो कंचन का पति अपना काम करने के लिए चला गया । मगर अगले ही दिन कंचन को उसने पैसे दिए और कहा की तुम स्कुल फिस जमा ‌‌‌करा कर आ जाना । यह सुन कर कंचन ने कहा ठिक है ।

जिससे कंचन का पति अपना काम करने के लिए चला गया । मगर जब कंचन अपनी दोनो बेटियो को स्कुल मे छोडने के लिए गई तो पैसे ले जाना भूल गई जिसके कारण से उसने सोचा की अगले दिन करवा दूगी ।

‌‌‌इस कारण से फिर वह अपने घर वापस आ गई । अभी दोपहर ही ‌‌‌हुआ था की ‌‌‌कंचन के पास उसकी सहेली का फोन आया और उसने कहा की SHOPPING करने के लिए चलते है । तब कंचन ने कहा की ‌‌‌पैसे नही है । तभी उसे याद आया की स्कुल फिस के पैसे है । जिसके बारे मे कंचन ने अपनी सहेली को बताया ।

तब कंचन की सहेली ने कहा की तुम पैसे लेकर आ जाना SHOPPING करेगे और कल हम दोनो किसी तरह से पैसे कही ‌‌‌से लेकर स्कुल मे जमा करा देगे । इस तरह से कहने पर कंचन उन पैसो को लेकर SHOPPING करने के लिए चली गई ।

इस तरह से कंचन ने SHOPPING करते हुए 5 बजा दी । जब वह घर गई तो उसका पति घर मे ही था । तब उसके पति ने कहा की तुम SHOPPING कर कर आ रही हो आखिर पैसे कहा से आए । साथ ही कहा की स्कुल फिस जमा करवा दी ‌‌‌क्या । स्कुल फिस का नाम सुनते ही वह कुछ घबरा गई । मगर उसने झूठ बोल दिया की हां मैंने करवा दी ।

इस तरह से कहने पर कंचन के पति को लगा की फिस जमा हो गई होगी । इसी तरह से अगले दिन जब कंचन पैसे जमा करवाने के लिए स्कुल मे जाने लगी तो ‌‌‌उसे पैसे नही मिले । तब उसकी सहेली ने भी कह दिया की पैसे ‌‌‌मिलना ‌‌‌मुश्किल है।

जिसके कारण से उस दिन कंचन ने पैसे जमा नही करवाए । और अगले ही दिन फिर से कंचन के पति के पास अध्यापक का फोन आया और कहा की सर आपने पैसे नही भेजे ।यह सुन कर कंचन के पति ने कहा की मेरी पत्नी ने आपको दिए नही क्या, तब अध्यापक ने कहा की नही ।

यह सुन कर कंचन के पति ने कहा की ‌‌‌ठिक है मैं आपके पास अभी आता हूं । इस तरह से फोन कट जाने के बाद मे कंचन के पति ने अपनी पत्नी से कहा की तुमने अध्यापक को पैसे नही दिए । यह सुन कर कंचन झूठ बोलने लगी ।

जिसे सुन कर कंचन के पति को याद आ गया की उस दिन यह SHOPPING कर कर आई थी जरूर ‌‌‌उन्ही पैसो से की होगी । तब कंचन के पति ने कहा की इस तरह से ‌‌‌सफेद झूठ बोलना बंद करो मुझे पता चल गया है की तुमने पैसे स्कुल मे नही दिए बल्की उन पैसो की SHOPPING कर कर आ गई ।

यह सुन कर कंचन पकडी गई जिससे वह चुप हो गई । इसके बाद मे कंचन का पति स्वयं ही स्कुल फिस जमा करवाने के लिए चला गया । मगर अब उसे पता चल गया था की ‌‌‌उसकी पत्नी ने उसे मुझे कई बार सफेद झूठ ‌‌‌बोला होगा ।

जिससे उसने फिर कभी भी कंचन को किसी कार्य के लिए पैसे नही दिए । इस तरह से उनका जीवन चलता रहा । इस तरह से आपको इस कहानी से समझ मे आ गया होगा की इसका अर्थ क्या है ।

सफेद झूठ बोलना मुहावरे पर निबंध safed jhooth bolna muhavare par nibandh

साथियो दुनिया मे तरह तरह के लोग होते है मगर सभी अपने जीवन मे कभी कभार तो झूठ बोलते ही है ‌‌‌क्योकी उन्हे झूठ बोलना पडता है । मगर कुछ लोग तो इस तरह के होते है की वे झूठ बोलने मे माहिर होते है यानि उनका झूठ आसानी से पकडा नही जाता है ।

इसी के विपरीत कुछ ऐसे भी लोग होते है ‌‌‌जो झूठ नही बोल पाते और उनका झूठ पकडा जाता है । बिल्कुल ऐसे ही जब किसी व्यक्ति के साथ होता है यानि जो झूठ आसानी से ‌‌‌पकडा जाता है या कह सकते है की जिस झूठ का असानी से पता चल जाता है तो उसे सफेद झूठ बोलना कहा जाता है ।

और इस तरह का झूठ जब कोई व्यक्ति अपने जीवन मे बोलता है और वह पकडा जाता है तब इस मुहावरे का प्रयोग करते हुए कहा जाता है की तुम सफेद झूठ बोल रहे हो । इस तरह से इस मुहावरे का अर्थ आपको समझ में आ ‌‌‌गया होगा साथ ही इस मुहावरे के बारे मे आपको और बहुत कुछ जानने को मिला ‌‌‌है ।

सफेद झूठ मुहावरे का तात्पर्य क्या होता है || What is the meaning of safed jhooth in Hindi

दोस्तो अगर कोई व्यक्ति रंगो के बारे में नही जानता है और रंग को नही पहचानता है तो भी वह दो रंगो को काफी आसान तरीके से जानता है और वह सफेद और काला रंग होता है ।

क्योकी काली रात होती है तो काले रंग को पहचानना आसान होता है वही पर सफेद रंग की बात करे तो इसे भी काफी आसानी से पहचाना जा सकता है ।

अब अगर कोई व्यक्ति है जो की झूंठ बोल रहा है और वह ऐसा झूंठ बोल रहा है जो की बिल्कुल ही आसानी से पकड़ा जा सके । यानि कहने का मतलब है की ऐसा झूठ जिसका आसानी से पता चलता हो । तो इस तरह से जो झूंठ बोला जाता है तो उसे सफेंद झूंठ बोलना कहा जाता है और इस बात का मतलब यह हो सकता है की safed jhooth muhavare ka arth – बिल्कुल झूठ बोलना या ऐसा झूठ जिसका आसानी से पता चलता हो , होता है।

और इस बात को आप काफी सरल रूप में समझ चुके है क्योकी आपने उपर इस मुहावरे के बारे में इतना कुछ पढा है की आपको यह समझ में आ गया है की इसका अर्थ क्या है ।

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