चूड़ियां पहनना मुहावरे का अर्थ और वाक्य व निबंध

चूड़ियां पहनना मुहावरे का अर्थ chudiyan pehnana muhavare ka arth  – कायर बन जाना

दोस्तो कहा जाता है की आदमी ‌‌‌स्त्री ताक्तवर होता है । ‌‌‌जिससे आदमी किसी भी मुसीबत से नही डरता है । इसी कारण से वर्तमान मे आदमी घर के बहार जाकर काम करता है और इसी के विपरीत स्त्री घर मे रह कर काम करती है । ‌‌‌जिसके कारण से स्त्री को आदमी से कम ताक्तवर माना जाता है । मगर ऐसा नही होता ।

फिर भी क्योकी स्त्री चुडिया पहनती है और जब पुरूष भी चुडियां पहन लेता है तो इसे पुरूष की कायरता का पता चलता है । इस कारण से जब भी कोई व्यक्ति कायर या डरपोक बन जाता है तब इसे चुडिया पहनना कहा जाता है ।

चूड़ियां पहनना मुहावरे का अर्थ और वाक्य व निबंध

‌‌‌चुडिया पहनना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग chudiya pahanna muhavare ka vakya me prayog

  • जब से रघुवीर को बलवत ने कुस्ती के लिए ललकारा है तब से रघुवीर चुडियां पहनकर घर मे बैठा है ।
  • वह पहलवान हुआ तो क्या हुआ तुम उससे डर कर चुडियां पहनने की बात मत करना ।
  • कुलकरणी आज तक किसी से नही डरा है और तुम सोच रहे हो की वह तुमसे डर कर चुडियां पहन ‌‌‌कर घर बैठा है अरे वह तुम्हे तबाह करने की तैयारी कर रहा है ।
  • तुमने सामने वाले को कमजोर समझा जिसके कारण से आज तुम युद्ध मे हार गए और अब चुडियां पहनकर घर में बैठे हो ।
  • रोजाना तुम रामू से अपमानित होते रहते हो और उसे कुछ नही ‌‌‌कहते हो लगता है जैसे की तुमने तो चुडियां पहन ली हो ।
  • मैंने हाथो मे चुडियां ‌‌‌नही पहन रखी जो तुम मेरे सामने अनाप सनाप बक कर चले जाओगे ।
  • कुंदन चुडियां पहनने वालो मे से नही है वह जरूर तुम्हे मजा चखाने के लिए समय का इंतजार कर रहा है ।
  • गाव के लोग ‌‌‌पुरे शेर है शेर वे एक छोटे मोटे डाकु से डर कर चुडियां पहन लेगे यह कभी हुआ है जो आज होगा ।
  • ‌‌‌अगर तुम युद्ध के नाम से ही डर जाते हो तो चुडियां पहन कर घर मैं क्यो नही बैठ जाते ।
  • तुमने तो स्त्री का समान करना तक नही सिखा अरे तुम्हे तो चुडियां पहन कर घर मै बैठ जाना चाहिए ।

‌‌‌चुडिया पहनना मुहावरे पर कहानी chudiyan pehnana muhavare par kahani

प्राचिन समय की बात है किसी नगर मे एक राजा रहा करता था । राजा बहुत ही बलशाली था साथ ही राजा दयालु भी था । जिसके कारण से राजा का अपने राज्य मे खुब नाम हुआ करता था । साथ ही युद्ध मे भी उनका नाम अच्छा जगमगाता था । जिसके कारण से हर कोई उनसे युद्ध करने का खतरा मोल ‌‌‌तक लेना नही चाहता था ।

क्योकी जो भी युद्ध करता वह आराम से हार जाता और युद्ध मे मरने का भी खतरा बना रहता था । मगर युद्ध न कर कर उनके साथ खडे रहने पर उन राजाओ को भी सहयोग प्रदान होता था । इसके अलावा राजा दयालु होने के कारण से कई बार युद्ध मे लोगो को माफी भी दे देता था ।

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साथ ही अपनी प्रजा को हर तरह ‌‌‌की सुविधा प्रदान करता था । राजा के घर मे उसकी पत्नी थी और जब उनके घर में एक बेटे का जन्म हुआ तो राजा और उसकी प्रजा काफी खुश थी की उनका युवराज भी राजा की तरह बलशाली और दयलु होगा जो राज्य की सेवा करेगा, मगर ऐसा नही हुआ ।

यानि राजा का बेटा दयालु तो था मगर बलशाली नही था वह युद्ध के नाम से ही ‌‌‌घबराने लगता था । मगर युद्ध कला उसे आती अच्छी तरह से थी जिसका उसे ज्ञान नही था । जब भी कभी युद्ध होने की बात होती तो राजा अपने बेटे को भी युद्ध के लिए लेकर जाना चाहता था ।

मगर बेटा कोई न कोई बहाना बना कर घर मे रह जाता था । जिसके कारण से राजा को समझ मे आने लगा था की उसका बेटा डरपोक है । मगर यह ‌‌‌बात राजा महल से बाहर नही जाने देना चाहता था ।

जिसके कारण से राजा ने कई प्रयास किए की उसका बेटा युद्ध से डरे नही बल्की युद्ध के ‌‌‌होने पर ही खडा हो जाए । इसी तरह से चलते हुए सेनापति को इस बारे मे लगने लगा था की जब भी युद्ध होता है तो राजा का ‌‌‌बेटा किसी न किसी कारण से युद्ध लडने के लिए नही जाता ‌‌‌है ।

इस बारे मे सेनापति ने जानकारी हासिल की तो उसे पता चला की राजा का बेटा तो कायर है वह युद्ध के नाम से ही डर जाता है । इस बात को सेनापति को पता चलने के बाद मे जरा भी देर नही लगी प्रजा के पास पहुंचने मे।

जिसके कारण से राजा जिस बात को दबाने मे लगा था उसे प्रजा जान गई । जिसके कारण से प्रजा ‌‌‌दुखी होने लगी की उनका युवराज जब भी युद्ध होता है तो चुडियां पहन कर घर मे ही बेठा रहता है ।

जब राजा के पास यह बात पहुंची की उनकी प्रजा उसके बेटे के बारे मे क्या सोचती है तो राजा को बहुत ही बुरा लगा । जिसके कारण से राजा अपने बेटे को युद्ध मे ले जाने के लिए योजना बनाने लगा ।

योजना के तरह अब ‌‌‌जब भी युद्ध की बात होती तो राजा का बेटा बहाने बना कर युद्ध मे न जाने के लिए कहता । मगर राजा फिर उसे कहता की तुम एक राजा के बेटे हो जिसके कारण से युद्ध तो करने जाना ही होगा तुम इस तरह से चुडिया पहन कर घर मै नही बैठ सकते हो ।

इस तरह से जब बार बार राजा अपने बेटे को कहने लगा तो उसे बहुत ही बुरा ‌‌‌लगने लगा । जिसके कारण से उसे क्रोध आने लगा था । इस तरह से धिरे धिरे फिर वह युद्ध करने के लिए जाने लगा था ।

जब राजा का बेटा पूरी तरह से युद्ध करने लगा तब जाकर उसे ज्ञात हुआ की वह घर पर डरपोको की तरह छुप कर बैठा था वरना उसे तो बहुत ही अच्छा युद्ध आता है । यह जानने के बाद मे राजा ‌‌‌का बेटा कभी ‌‌‌युद्ध लडने से पिछे नही रहता था ।

‌‌‌चुडिया पहनना मुहावरे पर कहानी chudiyan pehnana muhavare par kahani

जिसके कारण से राजा और राजा की प्रजा सभी खुश थे । और अब युवराज को कोई भी डरपोक नही कहता था । इस तरह से राजा के ‌‌‌देहांत के बाद मे युवराज ने ही अपने राज्य को संभावाला और वह भी अपने पिता की तरह ही । इस तरह से राज्य की प्रजा ‌‌‌खुसी से अपना जीवन गुजारती रही । इस तरह से ‌‌‌इस कहानी से आपको समझ मे आ गया होगा की इसका अर्थ क्या है।

चुडियां पहनना मुहावरे पर निबंध chudiyan pehnana muhavare par nibandh

साथियो आपने देखा की जब राजा का बेटा हर बार युद्ध के समय बहाने बना कर घर मे ही रहता तो सेनापति को इस बारे मे पता चल गया जिससे प्रजा को भी पता चल गया की राजा का बेटा डरपोक है ।

जब प्रजा को इस बारे मे ‌‌‌पता चला तो वे दुखी हो कर युवराज को चुडियां पहन कर घर मे बैठे रहने वाला कहने लगे थे । जिसके कारण से राजा ने भी ऐसा ही किया जिससे युवराज क्रोधित होने लगा और युद्ध लडना शुरू कर दिया ।

मगर जब कोई व्यक्ति युवराज की तरह घर पर छुप कर बैठ जाता है तो उसे चुडियां पहनना कहा जाता है यह इस कहानी ‌‌‌से पता चलता है । क्योकी चुडियां घर मे बैठने वाली औरते ही पहनती है ।

इस कारण से उसे भी औरत के समान कमजोर मान लिया जाता है । इससे जब भी कभी कोई व्यक्ति डरपोक बनता है या कायर बन जाता है तब इस मुहावरे का प्रयोग करते हुए चुडियां पहनना कहा जाता है । इस तरह से इस मुहावरे का अर्थ कायर बन जाना ‌‌‌होता है ।

चूड़ियां पहनना मुहावरे का तात्पर्य क्या होता है || What is the meaning of chudiyan pehnana in Hindi

दोस्तो chudiyan pehnana एक ऐसा प्रसिद्ध मुहावरा है जिसका उपयोग बहुत बार किया जाता है । अगर आप टीवी देखते है और फिल्म देखने को शौकिन है तो आपको पता होगा की वहां पर कई बार इसका प्रयोग किया जाता है ।

दरसल कहा जाता है की तुम सभी ने क्या चूड़िया पहन ली है ।

दरसल इस समाज में पहले के समय में समझा जाता था की जो कोई चूड़िया पहनती है वह असल में ताक्तवर नही होती हे बल्की कायर होती है । और आज यह धारणा बदलने लगी है ।

मगर क्योकी पहले ऐसा समझा जाता था और जो कोई व्यक्ति कायर होता था तो उसके लिए भी chudiyan pehnana का प्रयोग किया जाता था और इसी कारण से वर्तमान में इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है ।

खर जो भी हो आप इन बातो से यह जरूर समझ गए है की chudiyan pehnana muhavare ka arth  – कायर बन जाना होता है । ओर जहां पर कायर बन जाने की बात होती है वही पर इसका प्रयोग किया जाता है ।

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Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।