तिलमिला उठना मुहावरे का मतलब व वाक्य मे प्रयोग व निबंध

तिलमिला उठना मुहावरे का अर्थ tilmila uthna muhavare ka arth – बहुत बुरा मानना

दोस्तो आज के जमाने मे हर किसी को क्रोध आता है और जब किसी के बारे मे कोई सच कह देता है तो वह उस बात का बुरा मान जाता है और क्रोधित हो जाता है । क्योकी सच बहुत ही कडवा होता है इस बात का तो आप ‌‌‌लोगो को पता ही है । इस कारण सच हर किसी से सुना नही जाता है और जो व्यक्ति उसके बारे मे सच कहता है तो वह उसकी बात का बुरा मान जाता है । इस तरह से बहुत बुरा मानने को ही तिलमिला उठना कहा जाता है ।

तिलमिला उठना मुहावरे का वाक्य मे प्रयोग Use in sentence

  • जब तुमने उसके बारे मे लोगो को बता दिया है तब से वह ‌‌‌तिलमिला उठा है ।
  • अगर किसी को तिलमिला उठना है तो वह उठे पर मे तो सच कहुगा ।
  • जब गाव के लोगो ने महेश को रिश्वत खोर कहा तो वह तिलमिला उठा ।
  • महेश के बारे मे जब मेने उसके पिता को बताया तो महेश तिलमिला उठा ।
  • अगर इसी तरह से तुम हर बात पर तिलमिला उठोगे तो काम कैसे चलेगा ।
  • अगर तुम मेरी बात ‌‌‌से तिलमिला उठे हो तो मुझे क्षमा कर देना ।
  • रामबाबू को गुप्ता ने बुरा भला कहा तो वे तिलमिला उठे और फिर गुप्ता को बहुत मारा ।

तिलमिला उठना मुहावरे पर कहानी Idiom story

प्राचिन समय की बात है किसी नगर मे मदनलाल नाम का एक आदमी रहता था । उसके घर मे उसकी माता के अलावा और कोई भी नही रहता था । मदनलाल गाव का बहुत ही होशियार आदमी था । वह जिस किसी को भी देख लेता तो वह उसके बारे मे जानने की कोशिश करता था ।

उसके घर मे और कोई तो नही था इस ‌‌‌कारण से वही कमाने के लिए जाता और अपना और अपनी माता का पेट भरता था । मदनलाल को गाव के लोग अच्छी तरह से जानते थे की वह कैसा है और क्या करता है । इस कारण से हर कोई उस पर विश्वास कर लेता था । जब भी उसे किसी चिज की कमी होती तो वह लोगो से मगता और लोग उसे दे देते थे ।

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उसी गाव मे एक सेठ रहता था ‌‌‌जो बहुत ही धनवान था और मदनलाल का वह अच्छा मित्र भी था । इसी कारण से मदनलाल उसके पास काम करने के लिए चला जाता था और उसे आसानी से काम मिल जाता था । वह सेठ बहुत ही लालची था इस कारण से वह लोगो से जितने पैसे होते हडप लेता था ।

उस समय लोगो को भी जब पैसो की जरुरत होती तो वे उस सेठ के पास जाकर पैसे ‌‌‌ले लेते थे । जब सेठ लोगो को पैसे देता तो वह लोगो से अगुठा लगवा लेता था । क्योकी लोग पढे लिखे थे नही इस कारण से उन्हे साईन नही आते थे और उन्हे पढना नही आने के कारण उनसे ज्यादा ब्याज वाले पैसो पर अगुठा टिकवाता था ।

इस तरह से उस सेठ की दुकान अच्छी चलती थी । पर फिर भी उसका पेट नही भरता था वह ‌‌‌तो उसका सब कुछ लूटना चाहता था । इस कारण से किसी तरह से उसे ‌‌‌कर्जे मे ‌‌‌ढूबो देता और फिर उसका घर खेत स्वयं ले लेता था । इस तरह से सेठ लोगो को हडपता रहता था ।

पर लोगो को यह समझ मे नही आत था की सेठ उनके साथ बेईमानी कर रहा है । इस कारण से वे उसे अपना भगवान मानते थे क्योकी वह समय पर उन लोगो की मदद कर देता ‌‌‌था । मदनलाल को इस बारे मे पता था की सेठ लोगो को ठगता है । फिर भी वह लोगो ‌‌‌इल्जाम से कुछ नही कहता था क्योकी सेठ उसका मित्र था ।

एक बार की बात है मदनलाल और सेठ कही पर जा रहे थे । उस समय सेठ के पास बहुत रुपय थे । जब सेठ अपने घर पहुंचा तो उन रुपयो को वह अपनी किजोरी मे रखने लगा था । ‌‌‌तब उसकी जेब मे एक फुटी ‌‌‌कोडी नही थी । तब सेठ को लगा की मदनलाल ने उसके पैसे चुरा लिए है ।

‌‌‌तब सेठ मदनलाल के घर गया और उस पर ‌‌‌इल्जाम लगाया की उसने ही पैसे चुराए है । तब मदनलाल ने सेठ से कहा की नही मैने तो पैसे नही चुराए है । अपने दोस्त के ऐसा कहने पर भी सेठ को विश्वास नही हुआ की यह सही कह रहा है और ‌‌‌उसने मदनलाल को ही दोषी ‌‌‌ठहरा दिया था ।

सेठ कर तो कुछ भी नही सकता था क्योकी उसके पास सबूत नही थे की पैसे इसने ही चुराए है । इस कारण से वह मदनलाल से अपनी दोस्ती तोड कर अपने घर चला गया था । अगले ही दिन मदन लाल जब अपने घर से निकला तो लोगो ने उसे चोर मानने की नजरो से देखा ।

तब मदन को लगा की सेठ ने उसकी बेइज्जती कर दी है । ‌‌‌अब जब भी मदनलाल काम मागने के लिए जाता तो लोग उसे काम भी नही देत थे । इस कारण से मदनलाल को यकिन हो गया की सेठ की बातो के कारण ही आज लोग मुझे चोर समझ रहे है ।

तब मदनलाल ने सेठ का सच सब लोगो के सामने लाने की सोची और एक दिन सेठ गाव के लोगो से अपने रुपय माग रहा था । तब वहां पर मदनलाल आ गया और सेठ के ‌‌‌बारे मे लोगो को बता दिया था । मदनलाल ने कहा की सेठ आप लोगो से पैसे ठगता है आप लोगो को पढना नही आता है । इस कारण से यह आप लोगो से ज्यादा ब्याज बताकर पैसे ले लेता है । और इसी तरह से कई लोगो का खेत इसने हडप लिया है ।

सेठ ने ऐसा सुना तो वह ‌‌‌तिलमिला उठा । तब लोगो को मदनलाल की बातो पर यकिन नही हुआ और ‌‌‌लोग उसे ही गलत ठहराने लगे थे । क्योकी मदनलाल को पता था की सेठ कैसा है और अब वह चाहने लगा था की सेठ ‌‌‌का सच लोगो के सामने आ जाए । जिससे उसे पता ‌‌‌चलेगा की उसने मेरे पर ‌‌‌इल्जाम लगा कर बहुत बढी भुल की है ।

अगले ही दिन से मदनलाल ने सेठ के खिलाफ सबुत ‌‌‌ढूढने सुरु कर दिए थे । और एक दिन फिर मदनलाल ने ‌‌‌लोगो के सामने फिर से सेठ के बारे मे बात की थी । क्योकी सेठ को पता था की यह जो कह रहा है वह सही है । जब सेठ ने मदनलाल के मुख से अपने बारे मे सुना तो तो वह तिलमिला उठा था ।

पर इस बार लोगो को पता चल गया था की सेठ लोगो को ठगता है । इस कारण फिर सभी लोग एक हो गए और जिन जिन की जमीन पर सेठ ने ‌‌‌कब्जा किया था वह उसे वापस देनी पड गई थी । इस तरह से मदनलाल ने सेठ का सच लोगो के समाने लाया था जिसके कारण से सेठ को बहुत ही बुरा लगा था ।

पर हो क्या सकता था तब सेठ को पता चल गया था की उस दिन मदनलाल ने मेरे पैसे नही चुराए थे और ‌‌‌मैने इस पर ‌‌‌इल्जाम लगाया था इस कारण से ही इसने ऐसा किया है । इस तरह ‌‌‌से इस कहानी से यह समझ मे आ गया होगा की तिलमिला उठना मुहावरे का अर्थ क्या होता है और इसका कहां पर प्रयोग किया जाता है ।

तिलमिला उठना मुहावरे पर निबंध || tilmila uthna essay on idioms in Hindi

दोस्तो जैसा की आपने इस लेख में पहले मुहावरे को समझा तो आपको मुहावरा समझ में आ गया होगा । मगर tilmila uthna की कहानी जो थी उसमें भी मुहावरे को समझाने का प्रयास किया गया था ।

जैसे की आपको पता है की मदनलाल पर जब चोरी का इल्जाम लगाया गया तो मदनलाल को इससे काफी बुरा लगा और इसी कारण से फिर मदनलाल ने सेठ के बारे में सब कुछ लोगो को बता दिया और सच जान कर लोगो ने सेठ से सारी जमीन वापस ले ली ।

क्योकी अगर मदनलाल अपने पर लगाए गए चोरी के इल्जाम को बुरा नही मानता था तो फिर ऐसा नही होता है । और इस तरह से जब कोई किसी बात के कारण से बहुत बुरा मान जाता है तो उसे ही कहानी में tilmila uthna के रूप में जाना गया है  और इस बात के आधार पर आप समझ सकते है की tilmila uthna muhavare ka arth – बहुत बुरा मानना होता है ।

‌‌‌निचे कुछ मुहावरों की लिंक दी जा रही है जो बहुत ही महत्वपूर्ण है ।

आँख भर आना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

अंगारे बरसना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

अंगारों पर पैर रखना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

उड़ती चिड़िया पहचानना मुहावरे का अर्थ व वाक्य मे प्रयोग

उल्टी गंगा बहाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग

आसमान से बातें करना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

आँखें दिखाना मुहावरे का अर्थ व वाक्य मे प्रयोग

खाक में मिलना मुहावरे का अर्थ व वाक्य मे प्रयोग

‌‌आँखों का तारा मुहावरे का अर्थ व वाक्य मे प्रयोग

कान भरना मुहावरे का अर्थ व वाक्य मे प्रयोग

अपना उल्लू सीधा करना मुहावरे का अर्थ व वाक्य मे प्रयोग

चिराग तले अंधेरा होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग

अक्ल पर पत्थर पड़ना मुहावरे का अर्थ व वाक्य मेप्रयोग

हृदय भर आना मुहावरे का अर्थ व वाक्य मे प्रयोग

‌‌‌ अपने मुँह मियाँ मिट्ठू बनना मुहावरे का अर्थ व वाक्य मे प्रयोग

पानी में आग लगाना मुहावरे का अर्थ व वाक्य मे प्रयोग

सौ सुनार की एक लुहार की मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग

अपना हाथ जगन्नाथ मुहावरे का अर्थ व वाक्य मे प्रयोग

अंत भला तो सब भला मुहावरे का अर्थ व वाक्य मे प्रयोग

अक्ल का दुश्मन मुहावरे का अर्थ व वाक्य मे प्रयोग

अन्धों में काना राजा मुहावरे का अर्थ व वाक्य मे प्रयोग

अपने पैरों पर खड़ा होना मुहावरे का अर्थ व वाक्य मे प्रयोग

आँखें खुलना मुहावरे का अर्थ व वाक्य मे प्रयोग

खाक छानना मुहावरे का अर्थ , वाक्य मे प्रयोग और निंबंध

खून पसीना एक करना मुहावरे का अर्थ और khoon pasina ek karna

खरी खोटी सुनाना मुहावरे का अर्थ khari khoti sunana muhavare

खून का प्यासा मुहावरे का अर्थ ,वाक्य मे प्रयोग और निंबंध

खेत रहना मुहावरे का अर्थ वाक्य मे प्रयोग और इस पर निंबंध

सिर धुनना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

उल्टा चोर कोतवाल को डांटे मुहावरे का अर्थ