गिरगिट की तरह रंग बदलना का मतलब और वाक्य में प्रयोग

गिरगिट की तरह रंग बदलना मुहावरे का अर्थ girgit ki tarah rang badalna muhavare ka arth – स्वार्थ के अनुसार बात को बदलना या विचार बदलना

दोस्तो गिरगिट पेड पोधो पर रहने वाला एक जीव है जो ‌‌‌अपने आस पास के वातावरण के अनुसार अपना रंग परिवर्तन कर लेता है । इस तरह से रंग परिवर्तन का कारण गिरगिट मे पाया जाने वाला फोटोनिक क्रिस्टल होता ‌‌‌जो प्रकाश की उपस्थिती मे गिरगिट को रंग बदने का मोका प्रदान करता है । इस तरह से रंग बदते रहने के कारण से गिरगिट को दूसरा जीवन नुकसान नही पहुचा पाता है ।

इस तरह का गुण बहुत से जीवो मे पाया जाता है जो आस पास के वातावरण के अनुसार अपना रंग बदल लेते है जिसके कारण से उन्हे पहचाना नही जाता है । मगर ‌‌‌गिरगिट मे यह गुण बहुत अधिक होता है । ‌‌‌इस कारण से कह सकते है की गिरगिट अपने स्वार्थ के अनुसार रंग बदतला है । ‌‌‌

ऐसे ही मनुष्य अपने स्वार्थ के अनुसार रंग बदलता रहता है । क्योकी मनुष्य अपने स्वार्थ के अनुसार अपनी बात बदलता रहता है । इस तरह से बात बदते रहने को विचार बदलना कहा जाता है ‌‌‌इसी तरह से बात बात पर जो व्यक्ति अपने विचार बदतला रहता है वहां पर इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है ।

‌‌‌गिरगिट की तरह रंग बदलना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग girgit ki tarah rang badalna muhavare ka vakya me prayog

  • नटवरलाल बडा ही धोकेबाद आदमी है उसकी बात का भरोषा नही किया जा सकता क्योकी वह अपेन फायदे के लिए गिरगिट की तरह से रंग बदलते देर नही लगाता ।
  • मैं गिरगिट की तरह से रंग बदलने वाला नही जो ‌‌‌तुम मेरी बात नही मान रहे हो मैंने एक बार जुबान दे दी तो पिछे नही हटता ।
  • चंद पैसो के लिए रामवतार ने सेठ के सारे राज उसके दुशमन हजारी को बता दिय और जब रामवतार को इस बारे मे पता चला तो उसने कहा की मैंने तुम पर भरोषा किया और तुमने गिरगिट की तरह रंग बदल दिया ।
  • आज के समय मे किसी पर भरोषा नही किया जा सकता क्योकी क्या पता की कब कोई गिरगिट की तरह रंग बदल ‌‌‌दे ।
  • जब पुलिस ने लोकेश को चोरी करने के जुर्म मे पकड कर आदालत में ‌‌‌पेस किया तो लोकेश ने अपने मित्र रामू से सचाई बताने को कहा मगर रामू ने गिरगिट की तरह रंग बदल कर लोकेश को ही चोर बता दिया ।
  • भाई क्यो झुठ बोल रहे हो मैं कल रात तुम्हारे साथ ही था और अब तुम कह रहे हो की मैं तुम्हारे साथ नही ‌‌‌था । यह तो वही बात ओ गई गिरगिट की तरह रंग बदलना ।
  • मुसीबत मे अच्छे अच्छे ‌‌‌लोग गिरगिट की तरह रंग बदल देते है तो तुम हो ही क्या ।
  • मुसीबत मे देखकर जब राजवीर के घर के लोगो ने ही गिरगिट की तरह से रंग बदल दिए तो इसकी मदद करेगा ही कोन ।

‌‌‌गिरगिट की तरह रंग बदलना मुहावरे पर कहानी girgit ki tarah rang badalna muhavare par kahani

‌‌‌किसी समय की बात है किसी नगर मे मुकलेश नाम का एक आदमी रहा करता था । उसके घर मे उसकी पत्नी और उसका एक बेटा व ‌‌‌तीन बेटिया रहा करती थी । इस तरह से मुकलेश के घर मे उसके अलावा कुल पांच सदस्य और थे । मुकलेश के पास धन की कोई कमी नही थी क्योकी वह ‌‌‌एक अखबार बनाने वाली कंपनी में काम करता था ।

जिसके कारण से उसे बहुत ही अधिक पैसे मिल जाते थे । क्योकी वह कंपनी उसकी स्वयं की थी । इस तरह से धनवान होने के कारण से हर कोई उसके पास आता और उसके साथ अपना समय बितता रहता था । उसके 5 मित्र थे जिन्हें वह अपने पक्के मित्र मानता था यानि उन्हे ‌‌‌वह मुसीबत मे पडने पर सायहता करने वाला मानता था ।

मुकेलेश इस कारण से उन 5 मित्रो की साहयता ही रहता था । जिसके कारण से मित्र उसके साथ खुश रहते थे । क्योकी इस दुनिया मे जो व्यक्ति दुसरो के काम आता है तो दुसरे तो खुश रहते ही है । मगर मुकलेश को यह पता नही था की जब वह स्वयं मुसीबत मे पडेगा ‌‌‌तो उसके मित्र ही उसकी मदद नही करेगे ।

भृकुटि तन जाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य में प्रयोग

पेट में चूहे दौड़ना मुहावरे का मतलब और वाक्य में प्रयोग

काम चांदी होना मुहावरे का मतलब और वाक्य में प्रयोग व मुहावरे पर कहानी

फलना फूलना मुहावरे का अर्थ और वाक्य में प्रयोग व निबंध

बोलबाला होना मुहावरे का मतलब और वाक्य व निबंध

मगर हुआ ऐसा ही था क्योकी एक बार मुकलेश अपनी फैक्ट्री मे से काम कर कर आ ही रहा था की पिछे से उसे पता चला की उसकी फैक्ट्री मे आग लग गई है । जिसके कारण से उसका करोडो का नुकसान हो गया । यह जानने मात्र मुकलेश को बडा धक्का लगा ।जिसके कारण से वह जिस स्थान ‌‌‌पर था वही का वही गिर गया । क्योकी वह अभी अपने गाव मे नही पहुंच ‌‌‌पाया था ।

जिसके कारण से वह वहा पर पडा रहा किसी ने देखा तक नही। मगर कुछ समय बाद मे कुछ आदमी वहां से विदेश जा रहे थे । तब उन्होने देखा की एक व्यक्ति रास्ते मे पडा है । यह देख कर उन लोगो ने मुकलेश को किसी तरह से होस मे लाया और ‌‌‌पूछा की तुम बेहोस कैसे हो गए ।

तब मुकलेश ने कहा की मेरा करोडो का नुकसान हो गया जिसके कारण से मैं बेहोस हो गया । इतना कहने के बाद मे मुकलेश अपनी फैक्ट्री की तरफ जाने लगा । जब फैक्ट्री मे पहुंचा तो उसने देखा की उसका तो सब कुछ तबाह हो गया है । क्योकी उसने अभी अभी बहुत अधिक समान फैक्ट्री मे लाकर ‌‌‌रखा था । जिसके लिए उसने किसी से पैसे भी उधार लिए थे ।

तब उसे बहुत दुख हुआ और वह रोने लगा । अब उसके पास गाव का कोई भी नही था । जिसके कारण से वह पूरी रात वही का वही रहा । जब सुबह हुई तो कुछ लोगो ने उसे अपने घर छोडा । घर जाने के बाद मे उसने अपनी पत्नी को सारी बात बता दी । तब पत्नी भी ‌‌‌दुखी हो गई ।

मगर दुखी होने से कुछ नही होगा ऐसा सोच कर पत्नी ने मुकलेश को भी ‌‌‌शांत करा दिया । इसी तरह से ‌‌‌समय के साथ अब मुकलेश के पास धन की कमी आने लगी थी । जिसके कारण से उसके पास समय पर खाना तक नही आता था । इसी के चलते ‌‌‌तीन महिनो के बाद मे मुकलेश ‌‌‌के बेटा व बेटिंया बडी हो गई । जिसके कारण से उनका विवाह ‌‌‌करने का समय हुआ ।

तब मुकलेश अपने मित्रो के पास गया और विवाह के लिए पैसे मागने लगा । तब उसके पहले मित्र ने कहा की भाई कल ले लेना । जब अगले दिन फिर मुकलेश उसके पास गया तो उसने साफ मना कर दिया की मेरे पास पैसे नही है । तुम दुसरे मित्र से ले लेना ।

यह सुन कर फिर मुकलेश अपने दुसरे मित्र के ‌‌‌पास गया तो उसने कहा की ‌‌‌तीन दिन बाद पैसे ले लेना । उसकी यह बात सुन कर मुकलेश वहां से चला गया और ‌‌‌तीन दिन के बाद वापस उसके पास पैसे लेने के लिए गया तो उसने कहा की मेरे पास तो पैसे नही है । इस तरह से बाकी ‌‌‌तीनो मित्रो ने भी मुकलेश के साथ ऐसा ही किया था ।

‌‌‌साथ ही इसके बाद मे मुकलेश के पास उसके पांचो मित्रो आते भी नही थे । यह देख कर मुकलेश आसानी से समझ गया और अपनी पत्नी से कहने लगा की मुसीबत मे अच्छे अच्छे बदल जाते है और मैं जिन पर सबसे अधिक विश्वास करता था उन्होने भी आज गिरगिट की तरह रंग बदलना शुरू कर दिया है ।

यह सुन कर मुकलेश की पत्नी ‌‌‌ने कहा की वे सभी पैसो के लालची थे जब तक आपके पास पैसे थे तब तक आपके पास रहते थे और आज आपके पास आने से भी कतराते है । यह सुन कर मुकलेश ने कहा की उनके मदद न करने के कारण से मेरे बेटे व बेटियो का विवाह थोडे नही होगा ।

इस कारण से फिर एक दिन मुकलेश शहर जाकर अपने कुछ खास लोगो से पैसे मागने लगा तो ‌‌‌उन्होने भी पैसे देने के लिए मना कर दिए । तब मुकलेश ने उन लोगो से कहा की पहले कहते थे की हम आपकी हर मुसीबत मे साहयता करेगे और आज जब जरूरत है तो गिरगिट की तरह रंग बदल रहे हो । 

इस तरह से काफी फिरने के बाद मे मुकलेश को उसके एक नोकर ने ही साहयता प्रदान की । जो मुकलेश के ‌‌‌पास फैक्ट्री मे काम किया ‌‌‌करता था । इस तरह से फिर मुकलेश अपनी बेटियो का विवाह कर कर वापस पैसे कमाने मे लग गया । इस तर हसे आपको इस कहानी से समझ मे आ गया होगा की इस मुहावरे का अर्थ क्या है ।

गिरगिट की तरह रंग बदलना मुहावरे पर निबंध girgit ki tarah rang badalna muhavare par nibandh

साथिया जो लोग अपनी बात पर टिके नही रहते है उनकी कोई इज्जत नही होती है । क्योकी ‌‌‌संसार मे उसी को महत्व दिया जाता है जो जबान का पक्का हो । यानि ‌‌‌जो ‌‌‌एक बार जबान देने के बाद मे वापस बदलता नही है । मगर बहुत कम ऐसे व्यक्ति देखने को मिलते है ।

इसी के विपरीत बहुत अधिक ऐसे व्यक्ति है जो अपनी बात का कोई महत्व नही रखकर बात बात पर पलट जाते है । यानि एक बार जिससे कुछ वादा ‌‌‌किया हो तो अगली ही बार उस वादे से मुकर जाता है । इस तरह से वह बार बार अपने विचार बदलता रहता है । इस तरह से जब कोई व्यक्ति बार कार अपना विचार बदतला है तो उसकी गिरगिट के साथ तुलना की जाती है ।

क्योकी गिरगिट भी अपने आसपास के वातावरण के अनुसार रंग बदलता रहता है । इस कारण से गिरगिट की तरह ‌‌‌रंग बदलना कहा जाता हैं । ‌‌‌इस तरह से इस मुहावरे का अर्थ अपने स्वार्थ के अनुसार बात को बदलना या विचार बदलना होता है ।

गिरगिट की तरह रंग बदलना मुहावरे का तात्पर्य क्या होता है || What is the meaning of girgit ki tarah rang badalna in Hindi

गिरगिट के बारे में एक बात हमेशा से कही जाती है की यह गिरगिट जो होता है वह स्थिति को देख कर और अपने बचाव के लिए अपने शरीर का रंग बदल लेता है ओर यह बात पूरी तरह से सच है। क्योकी मैंने स्वयं ने यह देखा है की गिरगिट अपना रंग बदल सकता है।

मगर इसी तरह से अगर मानव भी अपना रंग बदलना चाहता है तो यह असंभव होता है। मगर जिस तरह से गिरगिट अपना रंग बदलता है उसी तरह से अगर मानव अपनी बात को बदल लेता है या विचार को बदल लेता है तो वहां पर दोनो बातो में कुछ तुलना हो जाती है और इसी से समझा जा सकताहै की girgit ki tarah rang badalna muhavare ka arth – स्वार्थ के अनुसार बात को बदलना या विचार बदलना होता है ।

अब अगर कही पर स्वार्थ के अनुसार बात बदलने की बात होती है तो वहां पर ही इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है और यह आप समझ सकते है।

very very most important hindi muhavare

कलेजा छलनी होना मुहावरे का मतलब और वाक्य व कहानी

एक आँख न भाना का मतलब और वाक्य मे प्रयोग

काम तमाम करना मुहावरे का मतलब क्या है और वाक्य मे प्रयोग

कीचड़ उछालना मतलब और वाक्य मे प्रयोग

ढाक के तीन पात मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रायोग व कहानी

ढिंढोरा पीटना का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग व कहानी

चार चाँद लगाना का मतलब व वाक्य मे प्रयोग

झक मारना का अर्थ व वाक्य व निबंध

जी चुराना का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

काठ का उल्लू मुहावरे का मतलब व कहानी और वाक्य मे प्रयोग

चौकड़ी भरना का मतलब और वाक्य व कहानी

छाती पर मूँग दलना का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

ठोकर खाना का मतलब और वाक्य मे प्रयोग

गांठ बांधना का मतलब और वाक्य व कहानी

जले पर नमक छिड़कना मुहावरे का अर्थ व वाक्य‌‌‌ मे प्रयोग

गोली मारना मुहावरा का मतलब और वाक्य मे प्रयोग

गंगा नहाना का अर्थ व वाक्य मे प्रयोग

गर्दन पर सवार होना का अर्थ और वाक्य व कहानी

घी के दिए जलाना मुहावरे का मतलब व कहानी व वाक्य मे प्रयोग

रंगा सियार होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

कंधे से कंधा मिलाना का अर्थ व वाक्य मे प्रयोग व कहानी

सावन हरे न भादों सूखे का मतलब और वाक्य मे प्रयोग

कलई खुलना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग व कहानी

सठिया जाना का अर्थ व वाक्य मे प्रयोग

हजामत बनाना का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

हाथ बटाना मुहावरे का मतलब और वाक्य व कहानी

हक्का-बक्का रह जाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

हाथ खींचना मुहावरे का अर्थ और वाक्य में प्रयोग

हाथ लगना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग व कहानी