यहां समझे, साँप सूँघ जाना का अर्थ और वाक्य ‌‌‌में प्रयोग

साँप सूँघ जाना मुहावरे का अर्थ saanp soongh jana muhavare ka arth – एकदम चुप हो जाना।

दोस्तो आप लोगो ने देखा होगा जब भी किसी की सचाई समाने आ जाती है या फिर उससे बलवान उसके सामने आ जाता है तो वह चुप चाप खडा हो जाता है । और इस तरह से चुप हो जाना को ही साँप सूँघ जाना कहा जाता है । 

‌‌‌क्योकी जब किसी मनुष्य के पास कोई साँप आ जाता है तो वह डर के मारे आवाज नही निकाल सकता है । और विज्ञान के अनुसार आवाज निकालने के कारण वह साँप डस सकता है । जिसके कारण वह एकदम चुप हो जाता है जिससे उस मनुष्य को साँप के काटने की ‌‌‌संभावना कम हो जाती है और वह उसे सूँघ कर ही चला जाता है । ‌‌‌इस कारण से एक दम चुप हो जाने की स्थिती ‌‌‌में इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है ।

साँप सूँघ जाना मुहावरे का वाक्य ‌‌‌में प्रयोग Use in sentence

  • ‌‌‌तुम्हें क्या साँप सूँघ गया जो कुछ नही बोल रहे हो ।
  • पिताजी के आते ही महेश को साँप सूँघ जाता है ।
  • पुलिस को देखकर ‌‌‌जुर्म करने वालो को साँप सूँघ जाता है ।
  • अध्यापक ने बच्चो से जब पूछा की आज टेस्ट लेना है क्या तब सभी बच्चे चुप हो गए तब अध्यापक ने कहा की टेस्ट का नाम सुनते ही तुम्हे ‌‌‌क्या साँप सूँघ गया ।
  • ‌‌‌महेश के पास जैसे ही साहुकार पैसे लेने के लिए आया उसे साँप सूँघ गया ।
  • अध्यापक के कलाश ‌‌‌में आते ही सभी बच्चो को साँप सूँघ गया ।
  • भालू को सामने आते देख कर महेश को साँप सूँघ गया ।
  • पहले तो तुम किसी से नही ‌‌‌डरते थे और आजकल मुखिया को आते देख कर तुम्हे साँप सूँघ जाता है ।

‌‌‌साँप सूँघ जाना मुहावरे पर कहानी Idiom story

एक समय की बात है किसी नगर ‌‌‌में बलवीर नाम का एक आदमी रहा करता था । उसके पिता बहुत ही अमीर थे इस कारण से वह जब चाहता लोगो को कुछ भी कह देता था । पर इस बारे ‌‌‌में उसके पिताजी को कुछ भी पता नही था । बलवीर के पिता के पास इनते रुपय थे की वे ह‌‌‌मेशा ही लोगो ‌‌‌की मदद करते रहते थे ।

बलवीर के दादा पडदादा के जमाने ‌‌‌में उनके पास बहुत हिरे जेवरात थे और उन्होन कई मटको ‌‌‌में उन्हे भर कर जमीन ‌‌‌में ‌‌‌गाड़ दिया था । जिससे जब उन रुपयो की जरुरत हो तब ही उन्हे निकाला जाए ।

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आखिर ‌‌‌में उन्हे कभी भी रुपयो की जरूरत नही पडी और उन्होने रूपय नही निकाले थे और जब उनके मरने का समय आया तो वे अपने ‌‌‌बेटे को उन हिरे जेवरात के बारे ‌‌‌में बताते गए थे ।

इसी तरह से जब बलवीर के पिता को इस बारे ‌‌‌में पता चला तो उन्होने उस खजाने को निकाल लिया और उन्होने बहुत से काम शुरू कर लिए थे जिससे उनके पास और अधिक पैसे आने लगे । बलवीर के पिता गाव के बहुत ही अच्छे आदमी थे । उनके जैसा उस गाव ‌‌‌में कोई भी नही था ।

‌‌‌उनके पास इतने अधिक रूपय होने के कारण भी उन्हे अपने ‌‌‌आप पर कभी घमण्ड तक नही हुआ था । साथ ही जो भी लोग उनके पास से मदद मागने के लिए आते वे उनकी मदद कर दिया करते थे । बलवीर के पिता लडाई झगडा करने वाले लोगो से सक्त नफरत करते थे और ऐसे लोगो को वे अपने पास तक नही आने देते थे ।

साथ ही ‌‌‌बलवीर के पिता ही गाव की हर समस्या सुलझाते थे । बलवीर भी अपने पिता से ही डरता था और जब भी वे उनके सामने आ जाते तो वह चुप चाप रहता था । इसी तरह से एक बार की बात है । जब बलवीर अपने गाव ‌‌‌में किसी के साथ झगडा कर रहा था ।

‌‌‌बलवीर बहुत ही बलवान था और इसी कारण से हर कोई उससे ‌‌‌मार खता रहता था । तब भी वह दो लडको को मार रहा था । तभी बलवीर के पिता उसकी तरफ आ रहे थे । ‌‌‌इस बारे में बलवीर को पता चल गया इस कारण से वह चुप चाप उन लडको से दूर जाकर खडा हो गया था ।

यह देखकर उन लडको को जरा भी पता नही चला की यह अचानक ह‌‌‌में छोड कर दूर क्यो चला गया है । तब उन्होने देखा की उसका पिता उनकी तरफ आ ‌‌‌रहा है । यह देखकर उन लडको को पता चल गया की ‌‌‌इसे अपने पिताजी ‌‌‌दिखते ही साँप सूँघ जाता है ।

इस कारण से अपनी मार का बदला लेने के लिए एक बार वे लडके गाव के लोगो के सामने बलवीर को चिडा दिया था । जिसके कारण से बलवीर उन लडको को गालिया देने लगा था । तभी पिछे से उसके पिता आ रहे थे । इस बारे ‌‌‌में अब ‌‌‌बलवीर को कुछ भी पता नही था ।

जब उसके पिता उसके नजदीक आ गए तब जाकर उसे पता चला की ‌‌‌मेरे पिताजी ‌‌‌मेरे पा आ गए है । तब वह उन लडको के साथ बदतमीजी न कर कर एक तरफ चुप चाप खडा हो गया था ।

जब उसके पिता ने उन लडको से पूछा की तुम किस कारण से लड रहे हो तब उन लडको ने पहले की बात उन्हे बता दी थी और फिर कहा ‌‌‌की आज भी यह ह‌‌‌में गालिया दे रहा था तभी आप आ गए और इसे साँप सूँघ गया था ।

जब इस बारे ‌‌‌में उसके पिता ने बलवीर से पूछा तो वह कुछ भी नही बोल रहा था । तब उसके पिता को पता चल गया की ये लडके सच बोल रहे है । इस कारण से बलवीर के पिता ने उन लडको से कहा की आज के बाद यह ऐसी गलती नही करेगा । और इतना कह कर ‌‌‌ ‌‌‌उन्होने बलवीर को अपने साथ घर ले गए थे ।

जब बलवीर और उसके पिता घर पहुंच गए तो बलवीर को उसके पिता ने बहुत सुनाया और मारा भी तभी बलवीर की बहन उनके पास आ गई और बोलने लगी पिताजी यह घर पर ही सबके साथ ऐसे ही बहस करता रहता है और आपके आते ही ‌‌‌यह एकदम चुप हो जाता है ।

‌‌‌यह सुन कर बलवीर के पिता ने उससे कहा की आज के बाद अगर ‌‌‌किसी के साथ भी बहस बाजी की तो अच्छा नही होगा । ऐसा कहकर उसे वहां से जाने को कह दिया था । उस दिन के बार बलवीर किसी के साथ भी लडाई झगडा नही करता था ।

यह देखकर उसके मित्रो ने एक बार उससे पूछ लिया की आजकल तुम कुछ बोलते भी नही हों तुम्हे क्या साँप सूँघ गया है । ‌‌‌तब वह बोलने लगा की नही यार ‌‌‌मेरे पिताजी ने मना किया है । इतना सुनते ही उन्हे पता चल गया था की यह कि यह अपने पिता से बहुत डरता है इसी कारण से यह ऐसा वैसा नही बोल रहा है । इस तरह से आप इस कहानी से समझ गए होगे की मुहावरे का अर्थ क्या है ।

साँप सूँघ जाना मुहावरे पर निबंध || saanp soongh jana essay on idioms in Hindi

दोस्तो saanp soongh jana एक हिंदी में मुहावरा होता है जो की काफी समय से परिक्षाओ में पूछा जाता है । मगर इस मुहावरे को याद रखना और इसके अर्थ को समझना जरूरी होता है और यह आपको पता है ।

और इसी के अर्थ को समझाने के लिए आपने पूरे लेख मे काफी कुछ पढा है । आपने एक कहानी भी पढी थी जो की saanp soongh jana पर जुड़ी है । और इस कहानी में बताया जाता है की एकदम चुप हो जाना ही इस मुहावरे का अर्थ है । साथ ही पूरे लेख में ही यही बताया जाता है ।

तो इसका मतलब है की  saanp soongh jana muhavare ka arth – एकदम चुप हो जाना है । और जहां पर भी एकदम चुप हो जाने की बात होती है वही पर इस मुहावरे का हम वाकय में प्रयोग कर सकते है ।

जैसे की आपने कई बार देखा होगा की जब अध्यापक कक्षा में आते है तो सभी बच्चे एकदम चुप हो जाते है तो यही पर इस मुहावरे का प्रयोग कर सकते है । तो इस तरह से आप इस मुहावरे को समझ गए होगे ।

‌‌‌निचे बेस्ट हिंदी मुहावरे दिए गए है जो ज्यादातर प्रयोग मे आते है ।

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