ओ से शुरु होने वाले मुहावरे o se shuru hone vaale muhavare की लिस्ट हम यहां पर दे रहे हैं। यदि आपको कोई ओ से शुरू होने वाले मुहावरे के बारे मे जानकारी चाहिए तो नीचे देखें।
- ओक लगाना – अंजुरी लगाना । वाक्य – ओक लगा कर पानी पी लो ।
- ओखली मे सिर देकर मूसलो को क्या गिनना या डरना – काम प्रराम्भ कर के कष्टो या कठिनाईयो के लिए क्या डरना । वाक्य – मैने इस काम को शुर कर दिया है और मै ही इसे पुरा करुगा ओखली मे सिर देकर मूसलो को क्या गिनना ।
- ओखली मे सिर देना – विपत्ति मे जान जान कर पडना । वाक्य – तब भला वह मूसलो को क्या गिने जब किसी ने ओखली मे सिर दिया ।
- ओछा – कमीना, नीच । वाक्य – वह ओछा आदमी है, उसका विश्वास मै नही करुगा ।
- ओछा कोख होना – ऐसी कोख होना जिससे उत्पन्न लडके मर जाये । वाक्य – उस बेचारी की ओछी कोख है अब उसका वंश न चलेगा ।
- ओछा हाथ पडना – हलकी चोट पडना । वाक्य – चोट गहरी नही है, हाथ ओछा ही पडा है ।
- ओछे की प्रीति – नीच के साथ मित्रता । वाक्य – ओछे की प्रीति बालू की भीन कही गयी है ।
- ओझाई करना – रुठे आइमी को मनाना । वाक्य – ओझा ओझाई करने आए हो क्या।
- ओट मे – आड मे, बहाने । वाक्य – धर्म की ओट मे अनेक पाप होते है ।
- ओठ उखाडना – खेत को पहली बार जोतना । वाक्य – आज ओठ उखाउना है, जरा बैलो को अच्छी तरह से खिला देना ।
- ओठ कांपना – अधिक जाडे से ओठ कांपना । वाक्य – आज रात भर मेरा ओठ कांपता रहा ।
- ओठ काटना – गुस्से मे ओठ को दांतो तले दबाना । वाक्य – वह ओठ काटता ही रह गया, पर कुछ न कर सका ।
- ओठ चबाना – क्रोधित होना । वाक्य – तुम क्यो ओठ चबाते हो तुम्हे तो उसने कुछ भी नही कहा ।
- ओठ चाटना – स्वाद लेने की इच्छा होना । वाक्य – ओठ क्या चाट रहे हो कहो तो और खीर दे दूं।
- ओठ तक न हिलाना – मुख से शब्द न निकालना । वाक्य – ऐसा डर गया है कि ओठ तक नही हिला सकता, कोतवाली मे बयान देना तो दूर की चीज है ।
- ओठ फड़फकना – क्रोध से ओठो का कांपना । वाक्य – उस दिन उसके अत्याचार देखकर मेरे ओठ फडकने लगे ।
- ओठ मटकाना – कुछ कहने की इच्छा होना फिर कुछ सोच समझ कर न कहना । वाक्य – बेकार मे क्या ओठ मटका रहे हो, जो कहना चहाते हो कह डालो ।
- ओठ मलना – कड़ई बात कहने का दंड देना । वाक्य – चुप रहो नही तो तुम्हारे ओठ मल दूंगा ।
- ओठ सी देना – चुप कर देना । वाक्य – वह बात नही कर सकता उसके ओठ सी दिये गये है ।
- ओठ हिलाना – कुछ धीरे धीरे कहना । वाक्य – क्या ओठ हिला रहे हो, साफ कहो।
- ओठों पर आना – कहे जाने के समीप आना । वाक्य – उस दिन वह बात मेरे ओठो पर आकर रह गई। वाक्य – यदि जरा भी प्रसग आता तो मै जरुर कह दिए होता ।
- ओठों पर नाचना – कुछ कुछ याद आना । वाक्य – उसका नाम मेरे ओठों पर नाच रहा है, मैं अभी बतलाता हूं ।
- ओठो पर लाना – मन मे कहना । वाक्य – आपकी बुराई मैं ओठो पर भी नहीं ला सकता, आप विश्वास रक्खे ।
- ओठों से खाना – ऐसी नरम चीज खाना जिसमे दांत लगाने की जरुरत ही नही हो । वाक्य – आज तुमको ऐसा खाना खिलाउगा कि तुम ओठो से खा जाओगे ।
- ओठो से टूटना – बहुत मुलायम होना । वाक्य – आज की पूडिया तो ओठो से टूट रही है ।
- ओठो से मुसकराना – वाक्य – आप ओठो से मुसकरा कर रह जाते है, जरा खुल कर हंसिये ।
- ओढ़ना उतारना – गुप्त बात खोलना । वाक्य – मेरा ओढ़ना उतार कर तुम क्या पाओगे ।
- ओढ़ना बिछौना बनाना – हर समय काम मे लाना । वाक्य – यह महंगी चीज है इसको ओढना बिछौना न बनाओ ।
- ऐ से शुरु होने वाले मुहावरे
- अ से शुरु होने वाले मुहावरे list-2
- ए से शुरु होने वाले मुहावरे list -2
- ए से शुरु होने वाले मुहावरे list -1
- ऋ से शुरु होने वाले मुहावरे
- ओढना बिछौना बांधना – चलने का उपक्रम करना । वाक्य – मालूम होता है कि तुम्हें भी अपना ओढना बिछौना बांधना पडेगा ।
- ओढनी डालना – विधवा की सगाई करना । वाक्य – आज चमेली को ओढनी डाली जायेगी ।
- ओढनी बदलना – सखी बनाना । वाक्य – तुम महलोमे रहने वाली मुझ गरीब से क्या ओढनी बदलोगी ।
- ओढ लेना – अपने पर लेना । वाक्य – मेरा सारा कर्ज उसने अपने पर ओढ लिया दूसरे की बदनामी ओढ लेने वाला संसार मे कोन होगा ।
- ओढे या छिावे – क्या करें । वाक्य – यह आपकी पुस्तक हम ओढे या बिछावें ।
- ओर आना – नाश का समय आना । वाक्य – हंसता ठाकुर खंसता चौर इन दोनो का आया ओर ।
- ओर निभाना – अंत तक फर्ज अदा करना । वाक्य – ओर निभाने वाले संसार मे बहुत ही कम है ।
- ओर लेना – पक्ष लेना । वाक्य – आप तो उनका ओर ले रहे हो । इस तरह फैसला नही हो सकता ।
- ओलहना उतारना – जी छुडाना, काम मन से न करना । वाक्य – ओलहना उतार रहे हो या काम कर रहे हो इसे करने से तो न करना अच्छा है ।
- ओस का मोती – सुन्दर पर जल्दी नाश होने वाला । वाक्य – भाई, यह संसार ही ओस का मोती है।
- ओस चाटना – दिल को भुलावा देना या आवश्यकता से बहुत कम पाना या मिलना । वाक्य – आज तो ओस चाट लो कल पक्का दे दुगा ।
- ओस पडना या पड जाना – शर्म करना । वाक्य – उस पर तो सभी को देख कर ओस पड जाती है ।
- ओसना – फटकारना । वह बहुत ओसता है ।
इस तरह से दोस्तो आपने उपर की और जो कुछ पढा है वह आपको याद होगा की वह ओ से शुरु होने वाले मुहावरे है और इस लिस्ट में कुछ ज्यादा मुहावरे नही है ।
इसका मतलब है की ओ से शुरु होने वाले मुहावरों की सख्या काफी कम है और आप इन्हे अभी और इसी समय याद कर सकते है और दोस्तो याद करने का तरीका जो होता है वह काफी सरल है । जैसे की अगर आप इस लिस्ट में से किसी ऐसे मुहावरे को याद नही कर पा रहे है जो की अटपटा है तो आप उस मुहावरे के बारे में अलग से पढे, और हमे कमेंट में बताए हम आपको कुछ नए तरीके से उसके बारे में समझाएगे । ताकी आप काफी आसानी से इस पूरी लस्टि को याद कर सके ।